रक्तदान को जीवनदान कहा जाता है क्यों अपने शब्दों में लिखिए? - raktadaan ko jeevanadaan kaha jaata hai kyon apane shabdon mein likhie?

RBSE Solutions for Class 7 Hindi Chapter 14 रक्त और हमारा शरीर are part of RBSE Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 14 रक्त और हमारा शरीर.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 7
Subject Hindi
Chapter Chapter 14
Chapter Name रक्त और हमारा शरीर
Number of Questions Solved 51
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 14 रक्त और हमारा शरीर (निबंध)

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ से।
सोचें और बताएँ

प्रश्न 1.
दिव्या को कौन-सी बीमारी थी?
उत्तर:
दिव्या को एनीमिया नामक बीमारी थी।

प्रश्न 2.
एक मिलीलीटर खून में कितने कण होते हैं?
उत्तर:
एक मिलीलीटर खून में चालीस से पचपन लाख तक कण होते हैं।

रक्तदान को जीवनदान कहा जाता है क्यों अपने शब्दों में लिखिए? - raktadaan ko jeevanadaan kaha jaata hai kyon apane shabdon mein likhie?

प्रश्न 3.
रक्तदान करने के लिए कम से कम कितनी उम्र होनी चाहिए?
उत्तर:
रक्तदान करने के लिए कम से कम अट्ठारह वर्ष की उम्र होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
रक्त के सफेद कणों को वीर सिपाही क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
रक्त के सफेद कण हमारी रोगाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं, उनका डटकर मुकाबला करते हैं। संक्षेप में कहा जाए तो ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसीलिए इन्हें वीर सिपाही कहा जाता है।

लिखें
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रक्त की जाँच रिपोर्ट लेने कौन गया था?
उत्तर:
रक्त की जाँच रिपोर्ट लेने दिव्या को भाई अनिल गया था।

प्रश्न 2.
डॉक्टर दीदी ने खून के कितने भाग बताए थे?
उत्तर:
डॉक्टर दीदी ने खून के दो भाग बताए थे।

प्रश्न 3.
रक्तकण कहाँ बनते हैं?
उत्तर:
हड्डयों के बीच के भाग मज्जा में रक्त कण बनते हैं।

प्रश्न 4.
एक स्वस्थ व्यक्ति में कितना खून होता है?
उत्तर:
एक स्वस्थ व्यक्ति में लगभग पाँच लीटर खून होता

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लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बिंबाणु क्या काम करते हैं?
उत्तर:
बिंबाणु चोट लगने पर या कट जाने पर रक्त को जमाने में मदद करते हैं। रक्त के तरल भाग में एक खास तरह की प्रोटीन होती है जो रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है। बिंबाणु इस जाले से चिपककर दीवार के दरार को भर देते हैं। जिससे रक्त का प्रवाह बाहर की ओर होना रुक जाता है।

प्रश्न 2.
हमें रक्त का रंग लाल क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:
लाल रक्त-कणों की संख्या खून में सबसे ज्यादा होती है। इसी कारण हमें रक्त का कण लाल दिखाई देता है।

प्रश्न 3.
एनीमिया किसे कहते हैं?
उत्तर:
खून में लाल रक्त कणों की कमी से होने वाली बीमारी को एनीमिया कहते हैं। संतुलित आहार नहीं लेने से यह बीमारी होती है।

प्रश्न 4.
रक्त के बहाव को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
रक्त के बहाव को रोकने के लिए चोट के स्थान पर कसकर एक साफ कपड़ा बाँध देना चाहिए जिसके दबाव से रक्त का बहना कम हो जाता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एनीमिया रोग के क्या-क्या कारण हैं?  इससे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर:
शरीर में लाल रक्त कणों की कमी से होने वाले रोग को एनीमिया कहते हैं। आमतौर पर इसे खून की कमी से होने वाला रोग कहा जाता है। मुख्य रूप से यह संतुलित आहार की कमी से होता है। इससे बचने के लिए भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। जिससे हमें प्रोटीन, आयरन तथा अन्य विटामिन मिल सकें और उनके सहयोग से लाल रक्त कण निर्बाध गति से बनते रहें। इसके अलावा पेट के कीड़ों के कारण भी शरीर में खून की कमी हो जाती है। इससे बचने के लिए हमें खाद्य पदार्थों और पीने के पानी में स्वच्छता का पूरा-पूरा ध्यान रखना होगा। इसी के साथ-साथ हमें एनीमिया तथा अन्य रोगों से बचने के लिए घर तथा अपने आस-पास के परिवेश की सफाई तथा स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

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प्रश्न 2.
पेट में कीड़े कैसे प्रवेश करते हैं? इनसे बचने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए लिखिए?
उत्तर:
प्रदूषित पीने के पानी और खाद्य-पदार्थों के माध्यम से कीड़े पेट में प्रवेश कर जाते हैं। इनके अलावा एक तरह के कीड़े और भी होते हैं जिनके अंडे अस्वच्छ जमीन की सतह पर पाए जाते हैं। इन अंडों से पैदा हुए लार्वे त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और आँतों में घर बना लेते हैं। इनसे बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। जैसे; हम साफ-सुथरे शौचालय का प्रयोग करें, शौचालय से आने के बाद तथा खाने से पहले अपने हाथ-पैर अच्छी तरह धो लें, नंगे पैर न चलें आदि।

प्रश्न 3.
ब्लड-बैंक में रक्तदान करने से क्या लाभ है?
उत्तर:
ब्लड-बैंक में रक्तदान करने से रक्त को काफी लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। मुसीबत के समय यदि किसी रोगी को अपेक्षित रक्त-समूह का खून नहीं मिल पाता है तो ब्लड-बैंक से उसके लिए खून दिलवाया जा सकता है ताकि उस रोगी की जान बच सके। इसलिए ब्लड-बैंक में रक्तदान करके किसी मुसीबत में पड़े रोगी की जान बचाई जा सकती है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
“चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं। इस वाक्य में होते-होते’ का अर्थ बताया है कि चार महीने से पूर्व ही नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच-पाँच वाक्य आप भी बनाएँ जिनमें निम्नांकित शब्दों का प्रयोग हो।
उत्तर:
शब्द-बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, खाते-खाते, पढ़ते-पढ़ते
(क) आज मेरा काम बनते-बनते रह गया।
(ख) मुझे घर से खाकर आना था लेकिन मैं खाना बनते-बनते ही निकल आया।
(ग) प्लेटफार्म पर पहुँचते-पहुँचते ट्रेन टूट गई।
(घ) मेरे खाते-खाते ही वसीम पहुँच गया था।
(ङ) मोहन बहुत भाग्यशाली था कि पढ़ते-पढ़ते ही उसकी नौकरी भी लग गई।

प्रश्न 2.
अगले दिन अस्पताल पहुँचकर अनिल ने डॉक्टर दीदी के कमरे के दरवाजे पर दस्तक दी।” इस वाक्य में ‘दस्तक देना’ मुहावरे का प्रयोग हुआ है, जिसका अर्थ है। दरवाजा खटखटाना। पाठ में आए अन्य मुहावरों व लोकोक्तियों को छाँटकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
भानुमति का पिटारा- खूब सारी अनोखी चीजों से भरा छोटा-सा संदूक। वाक्य प्रयोग-लोरी का स्कूल बैग ऐसी-ऐसी चीजों से भरा होता है कि वह भानुमति के पिटारे से कम नहीं लगता।

आश्चर्य से उछल पड़ना- बहुत ज्यादा हैरान हो जाना। वाक्य प्रयोग-चिड़ियाघर में इतने निकट से हाथी को देखकर हामिद आश्चर्य से उछल पड़ा।

घर बना लेना- स्थायी रूप से जम जाना। वाक्य प्रयोग-रोज ब्रश नहीं करने के कारण कीड़ों ने लिपि के दाँतों में ही घर बना लिया है।

डटकर मुकाबला करना- लड़ाई में कड़ी टक्कर देना। वाक्य प्रयोग-आतंकवादियों के हमले का भारतीय सेना ने डटकर मुकाबला किया।

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पाठसे आगे

प्रश्न 1.
एक व्यक्ति कितने समय पश्चात् पुनः रक्तदान कर सकता है? पता करें और लिखें।
उत्तर:
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति सामान्य तौर पर आठ सप्ताह अथवा दो महीने बाद दुबारा रक्तदान कर सकता है।

प्रश्न 2.
चिकित्सकीय भाषा में खून के वर्ग (ग्रुप) बने हैं। जानकारी करें कि रक्त कितने वर्ग में बाँटा गया है? नाम लिखिए।
उत्तर:
रक्त को चार वर्गों में बाँटा गया है-ए, बी, एबी और ओ. इसके अलावा इन्हें धनात्मक (पॉजीटिव) और ऋणात्मक (निगेटिव) में भी विभाजित किया गया है।

कल्पना करें

प्रश्न 1.
यदि हमारे शरीर में रक्त ही नहीं हो तो क्या होगा?
उत्तर:
इस कल्पना के लिए पहले हमें यह जानना होगा कि इस मानव शरीर में रक्त के कार्य कौन-कौन से हैं। रक्त का प्रमुख कार्य ऑक्सीजन को फेफड़े से लेकर कोशिकाओं तक तथा कोशिकाओं से कार्बन डाई ऑक्साइड को लेकर फेफड़ों तक पहुँचाना होता है। इसके अलावा रक्त शरीर के तापक्रम को संतुलित बनाये रखता है तथा शरीर में उत्पन्न अपशिष्ट व हानिकारक पदार्थों को एकत्रित करके मूत्र तथा पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। स्वाभाविक है कि रक्त के न होने पर ये कार्य रुक जाएँगे। और कुछ ही समय में हमारी मृत्यु हो जाएगी।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
दिव्या के रक्त की जाँच से किस बीमारी का पता चला था
(क) डायरिया।
(ख) निमोनिया
(ग) एनीमिया
(घ) पीलिया।

प्रश्न 2.
सामान्य तौर पर देखने में रक्त कैसा लगता है?
(क) लाल द्रव के समान
(ख) धूल कणों के समान
(ग) लाल महीन कण के समान
(घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 3.
डॉक्टर दीदी ने भानुमति का पिटारा कहा था
(क) लाल रक्त कण को
(ख) सफेद रक्त कण को
(ग) बिंबाणु को
(घ) रक्त को।

प्रश्न 4.
रक्त को किस उपकरण से देखते हैं?
(क) सूक्ष्मदर्शी से
(ख) दूरबीन से
(ग) लेंस से
(घ) तेज रोशनी जलाकर।

प्रश्न 5.
एक मिलीलीटर रक्त में लाल रक्त कण मिलते हैं
(क) चालीस से पचपन हजार
(ख) चालीस से पचपन लाख
(ग) पच्चीस से तीस लाख
(घ) साठ से सत्तर हजार

उत्तर:
1. (ग)
2. (क)
3. (घ)
4. (क)
5. (ख)

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रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
हड्डियों के बीच के भाग को………………कहते हैं। (बिंबाणु, मज्जा)

प्रश्न 2.
एनीमिया से बचने के लिए…………….सबसे ज्यादा जरूरी (पौष्टिक आहार, कसरत)

प्रश्न 3.
एनीमिया बीमारी में……………..रक्त कण कम हो जाते हैं। (लाल, सफेद)

प्रश्न 4.
बिंबाणु को…………….भी कहते हैं। (प्लेटलेट कण, प्लाज्मा)

उत्तर:
1. मज्जा
2. पौष्टिक आहार
3. लाल
4. प्लेटलेट कण

अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इस पाठ में डॉक्टर के साथ कौन संवाद कर रहा
उत्तर:
इस पाठ में डॉक्टर के साथ मरीज का भाई अनिल संवाद कर रहा है।

प्रश्न 2.
रक्तदान के बाद रक्त का क्या होता है?
उत्तर:
रक्तदान के बाद रक्त को ब्लड बैंक में सुरक्षित रख दिया जाता है ताकि किसी जरूरतमंद को दिया जा सके।

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प्रश्न 3.
अनिल को खुन की रिपोर्ट अस्पताल से कितने दिनों बाद मिल पाई?
उत्तर:
अनिल को अगले दिन ही खून की जाँच रिपोर्ट मिल गई थी।

प्रश्न 4.
रक्त को कितने वर्गों में बाँटा गया है?
उत्तर:
रक्त को चार वर्गों में बाँटा गया है।

लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अनिल सूक्ष्मदर्शी में देखकर आश्चर्य से क्यों उछल पड़ा?
उत्तर:
अनिल ने जब सूक्ष्मदर्शी में देखा तो वह देखकर आश्चर्य से उछल पड़ा कि जो रक्त लाल द्रव के रूप में दिखाई देता है वह सूक्ष्मदर्शी में द्रव के अलावा असंख्य कणों के रूप में दिख रहा था। यह देखना उसके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।

प्रश्न 2.
सूक्ष्मदर्शी से देखने से रक्त में क्या-क्या दिखाई पंड़ता है?
उत्तर:
सूक्ष्मदर्शी से देखने पर रक्त के दो भाग जान पड़ते हैं-द्रव और उसमें तैरने वाले कण। इसके अलावा कण भी तीन तरह के होते हैं-लाल, सफेद और रंगहीन कण अथवा बिंबाणु।

प्रश्न 3.
प्लाज्मा किसे कहते हैं?
उत्तर:
रक्त के तरल भाग को प्लाज्मा कहते हैं। इसी में रक्त कण तैरते रहते हैं।

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प्रश्न 4.
हमारी साँस द्वारा ली गई ऑक्सीजन का शरीर में क्या होता है?
उत्तर:
हम साँस में जो ऑक्सीजन लेते हैं वह लाल रक्त कणों के माध्यम से शरीर के हरेक हिस्से में पहुँच जाती है। और हमें जीवन प्रदान करती है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रक्त कणों की उम्र कितने समय की होती है ? उसके बाद रक्त कण कैसे बनते हैं? स्पष्ट रूप से बताएँ।
उत्तर:
सामान्य रूप से रक्त कणों की उम्र लगभग चार महीने की होती है। चार महीने होते-होते ये रक्त कण एक-एक कर समाप्त हो जाते हैं लेकिन इसी बीच नये रक्त कण लगातार बनते भी रहते हैं किंतु इन रक्त कणों को बनाने के लिए हमें कुछ तत्वों की जरूरत होती है, जैसे कि प्रोटीन, लौह तत्व और अनेक प्रकार के विटामिन। ये तत्व हम संतुलित तथा पौष्टिक आहार के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपने भोजन में सब्जी, दाल, फल, दूध आदि को अवश्य सम्मिलित करना चाहिए।

प्रश्न 2.
रक्तदान को महादान क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
यह तो हम जानते हैं कि सभी मनुष्यों के शरीर को रक्त एक समान दिखते हुए भी एक ही नहीं होता है। चिकित्सा शास्त्र में रक्त को चार वर्गों में बाँटा गया है-A, B, AB और O किसी व्यक्ति के शरीर से अगर किसी दुर्घटना के कारण बहुत अधिक रक्त निकल जाता है तो उसके शरीर में किसी दूसरे व्यक्ति का रक्त चढ़ाया जाता है। किंतु उसके लिए दोनों व्यक्तियों के रक्त समूहों का मिलना अनिवार्य है। अगर उस व्यक्ति के रक्त समूह से उस समय किसी भी व्यक्ति का रक्त समूह नहीं मिलता है तो उसे रक्त नहीं दिया जा सकता और ऐसी स्थिति में उसकी मृत्यु हो सकती है। इसीलिए रक्तदान करने पर हमारा रक्त ब्लड बैंक में सुरक्षित रखा जाता है और ऐसी मुसीबत में किसी को उपयुक्त समूह का रक्त उपलब्ध करवाया जाता है। इस प्रकार हम रक्तदान करके अनेक लोगों की जान बचा सकते हैं। इसीलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है।

कठिन शब्दार्थ-
रक्त = खून, रुधिर, लहू। रिपोर्ट = किसी घटना की सूचना, विवरण। दस्तक = दरवाजा खटखटाना, आने की पूर्व सूचना। सूक्ष्मदर्शी = माइक्रोस्कोप, अत्यंत सूक्ष्म चीजों को देखने की दूरबीन। एनीमिया = शरीर में खून की कमी से होने वाली बीमारी। जिज्ञासा = जानने की इच्छा। प्लाज्मा = जीवद्रव्य। द्रव = तरल पदार्थ। पौष्टिक = पुष्टिकारक, बलबर्धक। आहार = भोजन। खाद्य = खाने योग्य। धावा = हमला, आक्रमण।

गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्याएँ एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

(1) ”तो क्या संतुलित आहार लेने मात्र से हम एनीमिया से बचे रह सकते हैं?” अनिल ने सवाल किया। दीदी बोलीं, “हाँ यह कहना काफी हद तक सही होगा। यों तो एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है, किंतु हमारे देश में इसका। सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार की कमी है। इसके अलावा इस रोग का एक और बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। ये कीड़े प्रायः दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। अत: इनसे बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम पूरी सफाई से बनाए गए खाद्य पदार्थ ही ग्रहण करें। भोजन करने से पूर्व अच्छी तरह से हाथ धो लें और साफ पानी ही पिएँ। और हाँ, अनिल एक किस्म के कीड़े वे भी हैं जिनके अंडे जमीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न हुए लार्वे त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आँतों में अपना घर बना लेते हैं। इनसे बचने का सहज उपाय है कि शौच के लिए हम शौचालय का ही प्रयोग करें और इधर-उधर नंगे पैर न घूमें।”

संदर्भ तथा प्रसंग-
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘रक्त और हमारा शरीर’ शीर्षक पाठ से लिया गया है।

व्याख्या-
उपर्युक्त गद्यांश में डॉक्टर के माध्यम से बताया गया है कि ज्यादातर एनीमिया संतुलित अथवा पौष्टिक आहार की कमी से ही होती है। किंतु इसके अलावा भी एनीमिया के कुछ अन्य कारण हैं जिसके प्रति सावधान रहने की जरूरत है। एनीमिया होने का दूसरा बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का होना। ये कीड़े प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के जरिए पेट में पहुँचते हैं। इसी के साथ-साथ शौचालय से आने के बाद तथा खाने से पहले अच्छी तरह हाथ धोना और पैरों में चप्पल पहने रहना भी आवश्यक है। क्योंकि कुछ कीड़ों के अंडे जमीन की ऊपरी सतह पर पाये जाते हैं जिनसे पैदा हुए लार्वे त्वचा के रास्ते शरीर में पहुँचकर आँतों में अपना घर बना लेते हैं।

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प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
संतुलित आहार किसे कह सकते हैं?
उत्तर:
जिस भोजन में सभी पोषक तत्वों का समावेश हो। उसे संतुलित आहार कह सकते हैं।

प्रश्न 2.
एनीमिया से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
एनीमिया से बचने के लिए हमें संतुलित आहार लेना चाहिए, भोजन, पोषक तत्वों तथा स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, पेय जल की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। शौचालय से आकर तथा खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। नंगे पैर नहीं घूमना चाहिए आदि।

प्रश्न 3.
त्वचा के रास्ते कीडे पेट में कैसे पहुँचते हैं?
उत्तर:
एक किस्म के कीड़े होते हैं जिनके अंडे जमीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न हुए लार्वे जमीन पर हमारी त्वचा का संपर्क होते ही शरीर में पहुँच | जाते हैं और आँतों में प्रवेश कर जाते हैं।

प्रश्न 4.
पेट के कीड़ों से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
पेट के कीड़ों से बचने के लिए हमें अपने घर के फर्श तथा आस-पास के परिवेश को साफ तथा स्वच्छ रखना चाहिए। जमीन पर गिरी चीजों को नहीं खाना चाहिए, नंगे पाँव नहीं घूमना चाहिए। फलों तथा सब्जियों को उपयोग से पहले अच्छी तरह धो लेना चाहिए। पेय जल की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए आदि।

रक्तदान को जीवनदान कहा जाता है क्यों अपने शब्दों में लिखिए? - raktadaan ko jeevanadaan kaha jaata hai kyon apane shabdon mein likhie?

(2) दीदी बोली “सफेद कण वास्तव में हमारे शरीर के वीर। सिपाही हैं। जब रोगाणु शरीर पर धावा बोलने की कोशिश करते हैं तो सफेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं। जहाँ तक संभव हो पाता है रोगाणुओं को भीतर घर नहीं करने देते। संक्षेप में यों मान लो कि वे बहुत से रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। बिंबाणुओं का काम है चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करना। रक्त के तरल भाग में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है और रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है। बिंबाणु इस जाले से चिपक जाते हैं और इस तरह दीवार में आई दरार भर जाती है, जिससे रक्त बाहर निकलना बंद हो जाता है।”

संदर्भ तथा प्रसंग-
उपर्युक्त गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘रक्त और हमारा शरीर’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस पाठ में डॉक्टर दीदी और अनिल के परस्पर संवाद के माध्यम से एनीमिया बीमारी के होने की वजह और रक्त के कार्यों के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-
प्रस्तुत गद्यांश में रक्त में पाये जाने वाले सफेद रक्त कण और बिंबाणुओं के बारे में बताया गया है। सफेद रक्त कण हमें शरीर पर होने वाले रोगाणुओं के हमले से बचाते हैं इसलिए उन्हें वीर सिपाही कहा गया है। सफेद रक्त कण ही हमें रोगों से बचाते हैं और हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इसी तरह बिंबाणु हमारे रक्त को शरीर से बाहर बहने से रोकते हैं। जब शरीर के किसी भाग में चोट लगती है और रक्त बाहर बहने लगता है तो बिंबाणु रक्त को जमा कर इस बहाव को रोकने में मदद करते हैं। रक्त के द्रव में एक खास तरह की प्रोटीन होती है जो रक्तवाहिका की क्षतिग्रस्त हिस्से को भर देती है जिससे खून निकलना बंद हो जाता है। इस प्रकार रक्त में पाये जाने वाले अलग-अलग तत्वों के कार्य भी भिन्न-भिन्न हैं और सब साथ मिलकर हमारे शरीर को जीवित तथा स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शरीर का वीर सिपाही किसे कहा गया है?
उत्तर:
सफेद रक्तकण को शरीर का वीर सिपाही कहते

प्रश्न 2.
रक्त के द्रव में पाया जाने वाला खास किस्म का प्रोटीन क्या काम करता है?
उत्तर:
रक्त के द्रव में पाया जाने वाला खास किस्म का प्रोटीन चोट लगने पर रक्त-वाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान जाला बुन देने का काम करता है।

प्रश्न 3.
बिंबाणु का क्या काम है?
उत्तर:
शरीर के किसी हिस्से में चोट लग जाने के बाद रक्तवाहिका के क्षतिग्रस्त हिस्से पर प्रोटीन के जाला बुनने के बाद बिंबाणु उससे चिपक जाते हैं और क्षतिग्रस्त भाग को भर देते हैं जिससे शरीर से बाहर की ओर रक्त का बहाव रुक जाता है।

प्रश्न 4.
मनुष्य के जीवन के लिए सफेद रक्त कण, रक्त के दव में पाया जाने वाला प्रोटीन और बिंबाणु-इन तीनों में से सबसे ज्यादा जरूरी कौन है?
उत्तर:
रक्त में पाए जाने वाले सभी अवयव समान रूप से उपयोगी हैं। सफेद रक्त कण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, तो द्रवे में पाए जाने वाले प्रोटीन और बिंबाणु मिलकर रक्त को शरीर से बाहर बहने से रोकते हैं। इस प्रकार ये सभी हमारे जीवन के लिए तथा रक्त के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। इन तीनों के महत्व को अलग करके नहीं देखा जा सकता है।

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(3) “ऐसी आपातस्थिति के लिए ही ब्लड बैंक बनाए गए हैं। प्रायः हर बड़े अस्पताल में इस तरह के बैंक होते हैं, जहाँ इसी प्रकार के रक्त समूहों का रक्त सुरक्षित रखा जाता है। किंतु इन ब्लड बैंकों में रक्त का भंडार सुरक्षित रहे, इसके लिए यह आवश्यक है कि समय-समय पर रक्तदान करते रहें।” दीदी ने कहा। “क्या मैं भी रक्तदान कर सकता हूँ ?’ अनिल ने पूछा। ”नहीं, अभी तुम छोटे हो। अट्ठारह वर्ष से अधिक उम्र के स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में उनसे लगभग 300 मिलीमीटर रक्त ही लिया जाता है। प्रायः यह समझा जाता है कि रक्तदान करने से कमजोरी हो जाएगी, किंतु यह विचार बिलकुल निराधार है। हमारा शरीर इतना रक्त तो कुछ ही दिनों में बना लेता है। वैसे भी शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है। इसमें से यदि कुछ रक्त किसी जरूरतमंद व्यक्ति के लिए जीवनदान बन जाए तो इससे बड़ी बात क्या होगी।” दीदी समझाते हुए बोली।

संदर्भ तथा प्रसंग-
उपर्युक्त गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘रक्त और हमारा शरीर’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इस पाठ में अनिल और डाक्टर दीदी के बीच हुए वार्तालाप के माध्यम से रक्त की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया तथा रक्त के बारे में विस्तार से बताया गया है।

व्याख्या-
प्रस्तुत गद्यांश में ब्लड-बैंक और रक्तदान की प्रक्रिया तथा उसकी अनिवार्यता के बारे में विस्तार से बताया गया है। अनिल के प्रश्न के जवाब में डॉक्टर दीदी बताती हैं। कि अगर किसी मरीज को सही समूह का रक्त नहीं मिल पाता है तो ऐसी आपात स्थिति में उसकी जान बचाने के लिए ब्लड बैंक बनाए गए हैं। ब्लड बैंक में सभी समूहों के रक्त सुरक्षित रखे जाते हैं ताकि मुसीबत में वह किसी के काम आ सकें। रक्तदान करने के लिए व्यक्ति का अट्ठारह वर्ष या उससे अधिक उम्र का होना आवश्यक है। इससे कम उम्र में रक्तदान नहीं किया जा सकता है।

इसके अलावा रक्तदान के लिए स्वस्थ होना आवश्यक है। एक बार में 300 मिलीलीटर रक्त ही लिया जाता है ताकि रक्तदान करने वाले को कोई परेशानी न हो और इतना खून कुछ ही दिनों में उसके शरीर में बन सकता है। हालांकि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है इसलिए थोड़ा खून किसी जरूरतमंद व्यक्ति के लिए देने में कोई परेशानी नहीं हो सकती। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी भी नहीं आती है। इस प्रकार इस गद्यांश में रक्तदान को प्रोत्साहित किया गया है।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
रक्तदान करने के लिए कम से कम कितनी उम्र का होना जरूरी है?
उत्तर:
रक्तदान करने के लिए कम-से-कम अट्ठारह वर्ष का होना आवश्यक है।

प्रश्न 2.
जहाँ रक्त संरक्षित रखा जाता है उस जगह को क्या कहते हैं?
उत्तर:
रक्त संरक्षित रखे जाने की जगह को ब्लड बैंक कहते हैं।

रक्तदान को जीवनदान कहा जाता है क्यों अपने शब्दों में लिखिए? - raktadaan ko jeevanadaan kaha jaata hai kyon apane shabdon mein likhie?

प्रश्न 3.
किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कितना खून होता है?
उत्तर:
किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है।

प्रश्न 4.
रक्तदान में एक बार में शरीर से कितना रक्त निकाला जाता है?
उत्तर:
रक्तदान में एक बार में शरीर से 300 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है।

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रक्तदान को जीवनदान क्यों कहते हैं?

रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं

हमें रक्तदान क्यों देना चाहिए?

रक्तदान करने के बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में जुट जाता है। जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं ज़्यादा बनती हैं, और आपकी सेहत में सुधार आता है। अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते रहते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन की अधिकता नहीं होती। जिससे आपका शरीर कुछ खास तरह के कैंसर के जोखिम से बच सकता है।

रक्तदान का क्या मतलब होता है?

रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं।

रक्तदान क्या है और इसके लाभ?

रक्तदान का मतलब होता है कि किसी को कहीं न कहीं बहुत जरूरी सहायता मिलेगी, और आप किसी आपात स्थिति में किसी की जान बचा रहे होंगे. इस मदद से आपको जो खुशी मिलती है वह आपके मेंटल हेल्थ को काफी इंप्रूव करती है. मानसिक तौर पर आप काफी मजबूत बनते हैं.