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Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 14 रक्त और हमारा शरीर (निबंध)पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर पाठ से। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. लिखें प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा की बात प्रश्न 1. प्रश्न 2. आश्चर्य से उछल पड़ना- बहुत ज्यादा हैरान हो जाना। वाक्य प्रयोग-चिड़ियाघर में इतने निकट से हाथी को देखकर हामिद आश्चर्य से उछल पड़ा। घर बना लेना- स्थायी रूप से जम जाना। वाक्य प्रयोग-रोज ब्रश नहीं करने के कारण कीड़ों ने लिपि के दाँतों में ही घर बना लिया है। डटकर मुकाबला करना- लड़ाई में कड़ी टक्कर देना। वाक्य प्रयोग-आतंकवादियों के हमले का भारतीय सेना ने डटकर मुकाबला किया। पाठसे आगे प्रश्न 1. प्रश्न 2. कल्पना करें प्रश्न 1. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. उत्तर: रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. उत्तर: अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. कठिन शब्दार्थ- गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्याएँ एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर (1) ”तो क्या संतुलित आहार लेने मात्र से हम एनीमिया से बचे रह सकते हैं?” अनिल ने सवाल किया। दीदी बोलीं, “हाँ यह कहना काफी हद तक सही होगा। यों तो एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है, किंतु हमारे देश में इसका। सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार की कमी है। इसके अलावा इस रोग का एक और बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। ये कीड़े प्रायः दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। अत: इनसे बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम पूरी सफाई से बनाए गए खाद्य पदार्थ ही ग्रहण करें। भोजन करने से पूर्व अच्छी तरह से हाथ धो लें और साफ पानी ही पिएँ। और हाँ, अनिल एक किस्म के कीड़े वे भी हैं जिनके अंडे जमीन की ऊपरी सतह में पाए जाते हैं। इन अंडों से उत्पन्न हुए लार्वे त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आँतों में अपना घर बना लेते हैं। इनसे बचने का सहज उपाय है कि शौच के लिए हम शौचालय का ही प्रयोग करें और इधर-उधर नंगे पैर न घूमें।” संदर्भ तथा प्रसंग- व्याख्या- प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. (2) दीदी बोली “सफेद कण वास्तव में हमारे शरीर के वीर। सिपाही हैं। जब रोगाणु शरीर पर धावा बोलने की कोशिश करते हैं तो सफेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं। जहाँ तक संभव हो पाता है रोगाणुओं को भीतर घर नहीं करने देते। संक्षेप में यों मान लो कि वे बहुत से रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। बिंबाणुओं का काम है चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करना। रक्त के तरल भाग में एक विशेष किस्म की प्रोटीन होती है और रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है। बिंबाणु इस जाले से चिपक जाते हैं और इस तरह दीवार में आई दरार भर जाती है, जिससे रक्त बाहर निकलना बंद हो जाता है।” संदर्भ तथा प्रसंग- व्याख्या- प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न
3. प्रश्न 4. (3) “ऐसी आपातस्थिति के लिए ही ब्लड बैंक बनाए गए हैं। प्रायः हर बड़े अस्पताल में इस तरह के बैंक होते हैं, जहाँ इसी प्रकार के रक्त समूहों का रक्त सुरक्षित रखा जाता है। किंतु इन ब्लड बैंकों में रक्त का भंडार सुरक्षित रहे, इसके लिए यह आवश्यक है कि समय-समय पर रक्तदान करते रहें।” दीदी ने कहा। “क्या मैं भी रक्तदान कर सकता हूँ ?’ अनिल ने पूछा। ”नहीं, अभी तुम छोटे हो। अट्ठारह वर्ष से अधिक उम्र के स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं। एक समय में उनसे लगभग 300 मिलीमीटर रक्त ही लिया जाता है। प्रायः यह समझा जाता है कि रक्तदान करने से कमजोरी हो जाएगी, किंतु यह विचार बिलकुल निराधार है। हमारा शरीर इतना रक्त तो कुछ ही दिनों में बना लेता है। वैसे भी शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है। इसमें से यदि कुछ रक्त किसी जरूरतमंद व्यक्ति के लिए जीवनदान बन जाए तो इससे बड़ी बात क्या होगी।” दीदी समझाते हुए बोली। संदर्भ तथा प्रसंग- व्याख्या- इसके अलावा रक्तदान के लिए स्वस्थ होना आवश्यक है। एक बार में 300 मिलीलीटर रक्त ही लिया जाता है ताकि रक्तदान करने वाले को कोई परेशानी न हो और इतना खून कुछ ही दिनों में उसके शरीर में बन सकता है। हालांकि किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लगभग पाँच लीटर खून होता है इसलिए थोड़ा खून किसी जरूरतमंद व्यक्ति के लिए देने में कोई परेशानी नहीं हो सकती। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी भी नहीं आती है। इस प्रकार इस गद्यांश में रक्तदान को प्रोत्साहित किया गया है। प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. We hope the RBSE Solutions for Class 7 Hindi Chapter 14 रक्त और हमारा शरीर will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 14 रक्त और हमारा शरीर, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. रक्तदान को जीवनदान क्यों कहते हैं?रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
हमें रक्तदान क्यों देना चाहिए?रक्तदान करने के बाद शरीर खून की कमी को पूरा करने में जुट जाता है। जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं ज़्यादा बनती हैं, और आपकी सेहत में सुधार आता है। अगर आप नियमित रूप से रक्तदान करते रहते हैं, तो इससे आपके शरीर में आयरन की अधिकता नहीं होती। जिससे आपका शरीर कुछ खास तरह के कैंसर के जोखिम से बच सकता है।
रक्तदान का क्या मतलब होता है?रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं।
रक्तदान क्या है और इसके लाभ?रक्तदान का मतलब होता है कि किसी को कहीं न कहीं बहुत जरूरी सहायता मिलेगी, और आप किसी आपात स्थिति में किसी की जान बचा रहे होंगे. इस मदद से आपको जो खुशी मिलती है वह आपके मेंटल हेल्थ को काफी इंप्रूव करती है. मानसिक तौर पर आप काफी मजबूत बनते हैं.
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