Q.23456: क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा वन मण्डल कौनसा है ? Show
More quiz in Hindiक्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा वन मण्डल कौनसा है ? - Which is the largest forest division of the state in terms of area? - shetrafal Ki Drishti Se Rajya Ka Sabse Bada Van Mandal Kaunsa Hai ? Rajasthan GK in hindi, वन एवं वन्य जीव Jodhpur question answers in hindi pdf Jhalawad questions in hindi, Know About Udaipur Rajasthan GK online test Rajasthan GK MCQS Online Coaching in hindi quiz book Jaipur
राजस्थान में वन मंडल कितने हैं राजस्थान में वन मंडल 12 हैं.वन विभाग राजस्थान राज्य में वन और वन्य जीवन प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। विभाग द्वारा वन संरक्षण, वन विकास, वन्य जीवन प्रबंधन, मृदा संरक्षण, वन योजना, पारिस्थितिकी पर्यटन गतिविधियों, अनुसंधान और प्रशिक्षण जैसी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई है.
राजस्थान के वन एवं वन्य जीव के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तरराजस्थान की नौकरियों की भर्ती में हर बार राजस्थान के वन एवं वन्य जीव के बारे में अवश्य पूछा जाता है और राजस्थान का वन एवं वन्य जीव काफी बड़ा है इसीलिए इस से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रशन परीक्षा में अक्सर आते हैं तो अगर आप भी राजस्थान की नौकरियों के लिए तैयारी कर रहे हैं तो आपको भी राजस्थान के वन एवं वन्य जीव के बारे में पता होना बहुत ही जरुरी है तो नीचे आपको राजस्थान के वन एवं वन्य जीव से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं जो की अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो उसे दूसरों के साथ शेयर जरुर करें. 1.चौसिंघा की सर्वाधिक संख्या वाला अभ्यारण कहां है. 11. राजस्थान में वन मंडल कितने हैं. 21. राजस्थान राज्य में सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला जिला कौन सा है. इस पोस्ट में आपको Rajasthan Me Kitne Pradeshik Van Mandal Hai राजस्थान वन रिपोर्ट 2017 वन मंडल 2018 राजस्थान के मंडल राजस्थान में वन क्षेत्र राजस्थान वनस्पति राजस्थान वन विभाग भर्ती 2018 राजस्थान में वन्य जीव अभ्यारण राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य राजस्थान वन्य जीव अभ्यारण राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यान कितने है राजस्थान सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर राजस्थान में कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं भारत के वन्य जीव अभ्यारण्य मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान से संबधित प्रश्न उत्तर दिए है .अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो दूसरो को शेयर जरुर करे .अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके बताएं. वन सम्पदा (प्राकृतिक वनास्पति)
क्या आप जानते है।
प्रशासनिक दृष्टि से वनों को 3 भागों में बांटा जाता है
राजस्थान में वनों की स्थिति
वनों के उत्पाद
रेगिस्तान वनरोपण एवं भू-संरक्षण केन्द्र जोधपुर स्थित है। ‘प्रत्येक बच्चा-एक पेड़’ का लक्ष्य स्कूली कार्यक्रम में छठी पंचवर्षीय योजना में चलाया गया। खेजड़ी ( शमी वृक्ष ) रेगिस्तान का कल्पवृक्षराज्य में जीवों की रक्षार्थ पहला बलिदान 1604 में जोधपुर रियासत के ही रामसड़ी गांव में करमा व गौरा नामक व्यक्तियों द्वारा दिया गया। खेजड़ी (शमी वृक्ष) – इसे ‘रेगिस्तान का कल्पवृक्ष’ कहते हैं इसकी फली को सांगरी कहते हैं जो सुखाकर सब्जी के रूप में प्रयुक्त होती है तथा इसकी पत्तियाँ ‘लूम’ चारे के रूप में प्रयुक्त होती है। वैज्ञानिक भाषा में – प्रोसोपिस सिनेरेरिया अन्य उपनाम – कल्पवृक्ष, रेगिस्तान का गौरव, थार का कल्पवृक्ष दशहरे के दिन खेजड़ी का पूजन। गोगाजी व झुंझार बाबा के मन्दिर/थान खेजड़ी वृक्ष के नीचे बने होते हैं। खेजड़ी वृक्ष को पंजाबी व हरियाणवी भाषा में – जांटी, तामिल भाषा में – पेयमेय, कन्नड भाषा में-बन्ना-बन्नी, सिन्धी भाषा में-छोकड़ा, बिश्नोई सम्प्रदाय के द्वारा-शमी, स्थानीय भाषा में-सीमलों कहा जाता है। 1983 में राज्य वृक्ष घोषित। 12 सितम्बर को प्रतिवर्ष “खेजड़ली दिवस”मनाया जाता है। प्रथम खेजड़ली दिवस 12 सितम्बर, 1978 को बनाया गया। वन्य जीव संरक्षण के लिए दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार, “अमृता देवी वन्य जीव” पुरस्कार है। इस पुरस्कार की शुरूआत 1994 में की गयी। प्रथम अमृता देवी वन्य जीव पुरस्कार पाली के गंगाराम बिश्नोई को दिया गया। विश्व का एक मात्र वृक्ष मेला खेजड़ली में भरता है। खेजड़ली में सन् 1730 ई. में (जोधपुर के राजा अभय सिंह के समय) अमृता देवी विश्नोई ने 363 नर-नारियों सहित खेजड़ी वृक्षों को बचाने हेतु अपनी आहुति दे दी थी। इस उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला दशमी को विश्व का एकमात्रा वृक्ष मेला भरता है। पर्यावरण संरक्षण हेतु 1994 ई. अमृता देवी स्मृति पर्यावरण पुरस्कार प्रारम्भ किया गया है। इमलीराजस्थान की क्षारीय लवणीय भूमि पर इमली का वृक्ष अधिक वृद्धि रखते हुए अच्छी उपज दे सकता है। ओरण धार्मिक स्थलों से जुड़ा पारम्परिक आखेट एवं वन कटाई निषिद्ध हलाता है। वराहमिहिर के अनुसार जब कैर एवं शमी (खेजड़ी) के वृक्षों पर फूलों में असामान्य वृद्धि होती है, तो उस वर्ष दुर्भिक्ष होता है। राज्य में अर्जुन वृक्ष लगाने का उद्देश्य टसर रेशम तैयार करनाहै। मरू प्रदेश में सड़कों के किनारे वृक्षारोपण में इजराइली बबूल वृक्ष प्रजाति का सर्वाधिक रोपण किया गया है। देश का प्रथम राष्ट्रीय मरू वानस्पतिक उद्यान माचिया सफारी पार्क (जोधपुर) में स्थापित किया जायेगा। घास के मैदान या चरागाह को स्थानीय भाषा में बीड़ कहते हैं। ये बीड़ बीकानेर, जोधपुर, चुरू, सीकर व झुंझनुँ आदि में मिलते हैं। राजस्थान पर्यावरण नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य है। पर्यावरण नीति 22 अप्रेल, 2010 पृथ्वी दिवस को लागू की गई। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 2010 में राजस्थान का सर्वाधिक प्रदूषित शहर जोधपुर। देश में 91 शहरों में 18वें स्थान पर। नई वन नीति 17 फरवरी, 2010 को लागू की गई। राजस्थान में वन मंडल कितने हैंराजस्थान में 13 वन मण्डल है। जोधपुर – क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा वन मण्डल है। उदयपुर सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला वन मण्डल है। वनस्पतिराजस्थान में वनस्पति के निम्न प्रकार पाये जाते हैं :- शुष्क मरूस्थलीय (उष्ण कांटेदार वन)– 30-50 cm वर्षा वाला क्षेत्र। ये वन 6.26% प्रतिशत क्षेत्र में विस्तृत है। इस क्षेत्र में Xerophyte Plants पाये जाते हैं। पत्तियां – छोटी, काँटेनुमा। तना – मांसल, कांटेदार, जड़े – गहरी पाई जाती है।
अर्द्धशुष्क पर्णपाती वन– 50-80 सेमी. वर्षा वाला क्षेत्र। ये कुल वनों का लगभग 58.11 प्रतिशत है। यहां पर धोकड़ा, रोहिड़ा, नीम के वृक्ष पाये जाते हैं। यह जयपुर, दौसा, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर और बूंदी में पाये जाते हैं। मिश्रित पतझड़ (उष्ण कटिबन्धीय शुष्क पर्णपाती)(Mixed Decidious Forests)– 60-85 सेमी. वर्षा वाला क्षेत्र। यह 28.38% क्षेत्र पर पाये गये हैं। मार्च-अप्रेल में झड़ते हैं। वृक्ष- धोकड़ा, खैर, पलाश (ढाक), सालर, साल, शीशम, बांस, आम, जामुन, अर्जुन वृक्ष, तेंदू तथा आंवला आदि प्रकार के वृक्ष पाये जाते हैं। मिश्रित पतझड़ वन उदयपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, राजसमन्द, चितौड़, भीलवाड़ा, स. माधोपुर, बारां, कोटा, बूँदी में विस्तृत है। शुष्क सागवान वन (Dry Teak Forests)– 75-110 सेमी. वर्षा वाला क्षेत्र। यह 7.05% क्षेत्र पर पाये गये हैं। सागवान, अर्जुन, तेंदू, महुआ आदि वृक्ष पाये जाते हैं। ये कुल वन क्षेत्र के लगभग 6.9 प्रतिशत भाग पर है। बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, आबू पर्वत मे विस्तृत। तेंदू से बीड़ी बनती है। प्रतापगढ़ में सर्वाधिक, इसे राजस्थानी भाषा में टिमरू कहते हैं। तेंदू वृक्ष को 1974 से राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। उपोष्ण सदाबहार वन (Sub Tropical Ever Green Forest)– यह केवल माऊण्ट आबू में, यह 150 सेमी. वर्षा वाले क्षेत्र में .39% क्षेत्र पर पाये गये हैं। सिरस, बांस, बील, करौंदा, इंद्रोक, चमेली, वन गुलाब आदि वृक्ष पाये जाते हैं। वानस्पतिक विविधता सर्वाधिक सम्पन्न। राजस्थान में कितने प्रकार के वन पाए जाते हैं
राजस्थान में वनधोकड़ा वन – वानस्पतिक नाम -: एनोजिस पंडूला (राज्य के 60%) सर्वाधिक करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर पलास वन (ढाक वन) – वानस्पतिक नाम -: ब्यटिना मोनोस्पर्मा। उपनाम -: जंगल की ज्वाला। राजसमन्द व आसपास सालर वन – उदयपुर, राजसमन्द, अलवर, अजमेर सागवान वन – बाँसवाड़ा वनों के सरंक्षण के लिए केन्द्र/राज्य सरकार के कार्यक्रमसामाजिक वानिकी(Social Forestory) – यह 1975-76 में प्रारम्भ हुआ। ग्रामीण समुदाय के सहयोग से ग्राम पंचायत या नगरपालिका की भूमि पर वृक्षारोपण का कार्य किया जाता है जिसे वे स्वयं की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम में ले सकते हैं। अरावली वृक्षारोपण कार्यक्रम (1992)– 10 जिलों में (5 उत्तर, 5 दक्षिण)। पहले 5 वर्ष के लिए चलाया गया फिर 5 वर्ष और बढ़ाया गया।
वानिकी विकास परियोजना (1995)– उद्देश्य-Development of biodiversity। 15 गैर मरूस्थलीय जिलों में चलाई गई।
बनास भू-जल संरक्षण कार्यक्रम (1999-2000) – राज्य सरकार द्वारा यह 4 जिलों में चलाया गया – टोंक, जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर। राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना – जापानी संस्था JICA ( Japan Agency of International Corporation ) वर्ष-2003-04 से राजस्थान के 18 जिलों में प्रारम्भ। राष्ट्रीय बाँस मिशन कार्यक्रम ( National Bamboo Mission Programme ) शत प्रतिशत भारत सरकार की योजना। राज्य के 11 जिलों में प्रारम्भ। वर्तमान में 8 जिलों में सचांलित। 2006-07 में शुरूआत। पवित्र पेड़
पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन-: 24 अप्रैल 2018 को अनुमोदित।
सबसे बड़ा वन मंडल कौन सा है?छत्तीसगढ़ में बस्तर वन मंडल सबसे बड़ा है। छत्तीसगढ़ में दर्ज वन क्षेत्र 59,772 किमी2 है जो राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 44.21 प्रतिशत है। वनावरण की दृष्टि से यह देश में तीसरे स्थान पर है।
राजस्थान का सबसे बड़ा वन मंडल कौन सा है?जोधपुर – क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा वन मण्डल है। उदयपुर सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला वन मण्डल है।
राजस्थान का सबसे छोटा वन मंडल कौन सा है?देश में वन सर्वेक्षण का कार्य केंद्रीय वन अनुसंधान संगठन देहरादून के द्वारा प्रति 2 वर्षों में किया जाता है। राजस्थान में कुल प्रादेशिक वन मण्डल 38 है। प्रशासनिक नियंत्रण के आधार पर वनों को 13 मंडलों में विभाजित किया गया है। सबसे बड़ा वन मंडल जोधपुर व सबसे छोटा वन मंडल सिरोही है।
राजस्थान में कुल कितने मंडल है?जयपुर। शिक्षा विभाग ने राजस्थान की माध्यमिक शिक्षा का नए सिरे से बंटवारा किया है। विभाग में माध्यमिक शिक्षा में मंडलों का पुनर्गठन कर 7 से बढ़ाकर 9 कर दी है।
|