पिता के जूते कविता के कवि का नाम क्या हैं? - pita ke joote kavita ke kavi ka naam kya hain?

हमारे जीवन में हम हर चीज की एक परिभाषा पढ़ते हैं।  ये परिभाषाएं तथ्य पर आधारित होती हैं। लेकिन भारत ऐसा देश है जहाँ कुछ परिभाषाएं भावनाओं से बन जाती हैं। जैसे प्यार की परिभाषा, भावनाओं की परिभाषा आदि। ऐसी ही एक परिभाषा मैंने भी “ पिता क्या है ?” के रूप में पिता पर कविता लिखने की कोशिश की है। पिता जो हमारी जिंदगी में वो महान शख्स है जो हमारे सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सपनो की धरती बंजर ही छोड़ देता है। आइये पढ़ते हैं उसी पिता के बारे में :-

पिता पर कविता – पिता क्या है?

पिता के जूते कविता के कवि का नाम क्या हैं? - pita ke joote kavita ke kavi ka naam kya hain?

पिता एक उम्मीद है, एक आस है
परिवार की हिम्मत और विश्वास है,
बाहर से सख्त अंदर से नर्म है
उसके दिल में दफन कई मर्म हैं।

पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है,
बचपन में खुश करने वाला खिलौना है
नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।

पिता जिम्मेवारियों से लदी गाड़ी का सारथी है
सबको बराबर का हक़ दिलाता यही एक महारथी है,
सपनों को पूरा करने में लगने वाली जान है
इसी से तो माँ और बच्चों की पहचान है।

पिता ज़मीर है पिता जागीर है
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है,
कहने को सब ऊपर वाला देता है ए संदीप
पर खुदा का ही एक रूप पिता का शरीर है।


पिता पर कविता का विडियो देखें :-

Kavita Pita Par | पिता पर कविता | पिता के महत्व पर एक सुंदर कविता | Poem On Father In Hindi

पिता के जूते कविता के कवि का नाम क्या हैं? - pita ke joote kavita ke kavi ka naam kya hain?

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                            बचपन में अक्सर
मैं सोचा करता था
कि इतना बड़ा कब होऊंगा
जब पहनूंगा
अपने पिता के जूते
और आज
जब मैं इतना बड़ा हो गया हूँ
कि मेरे पांव
पिता के जूतों में
बिना लाग-लपेट के
आ जा रहे हैं
तो मैं महसूस कर पा रहा हूँ
उन जूतों का वजन
अपने नाजुक कंधों पर...

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पिता के जूते कविता के कवि कौन हैं?

कवि नील कमल ने अपनी कविताओं जैसे 'ककून', 'रोजनामचा', 'सांड, माचिस, 'पिता के जूते' जैसी कविताएं पढ़ीं।

पिता के जूते कविता किसकी स्मृति में लिखी गई है *?

पुस्तक : यह पेड़ों के कपड़े बदलने का समय है (पृष्ठ 48) रचनाकार : नील कमल