पर्यावरण का संतुलन कैसे बनाएं रखा जाता है? - paryaavaran ka santulan kaise banaen rakha jaata hai?

अपनी जरूरतों को पूरा करते-करते हमने प्रकृति-पर्यावरण को कब इतना बर्बाद कर दिया पता ही नहीं चला। इतना ही नहीं, इसका खामियाजा भी हमने भोगा है। कहीं शहर सूख रहे हैं तो कहीं बाढ़ जैसी आपदा है। कहीं कूड़ों का पहाड़ लगा है तो कहीं भूकंप से तबाही हो रही है। इन सबके बावजूद हमने प्रकृति का दोहन करना नहीं छोड़ा है। हो सकता है कई बार अपने अपने स्तर पर बिजली या पानी बचाने की कोशिश की हो लेकिन आपको लगा हो कि अकेले आपके ऐसा करने से क्या होगा?

आपको यह भी सोचना चाहिए कि इसी तरह संसाधनों की 'अकेले' बर्बादी करते-करते हम आज इस कगार पर पहुंच गए हैं। तो अब सोचना छोड़िए प्रकृति को प्रति थोड़ा संवेदनशील हो जाइए। आपको बताते हैं कि कैसे अपनी आदतों और अपने घर में ये छोटे-छोटे बदलाव करके पर्यावरण बचाने में आप बड़ा योगदान दे सकते हैं। पढ़िए पर्यावरण बचाने के 10 आसान उपाय

-RO की जगह UF या UA वॉटर प्यूरिफायर घर ले आएं। RO पानी से जरूरी मिनरल हटा देता है और एक तिहाई पानी बर्बाद होता है।

-प्लास्टिक की बोतलों या कंटेनरों में बिकने वाले प्रॉडक्ट्स को न खरीदें। इनकी जगह ग्लास या मेटल कंटेनर में मिलने वाले प्रॉडक्ट्स खरीदें।

-किचन के सामान के साथ बार-बार पेपर नैपकिन न खरीदें। इसके बदले कपड़े के रुमाल का प्रयोग करें।

-घर में सोलर वॉटर हीटर इन्सटॉल करवा लें। बर्तन धोने के लिए इसी गर्म पानी का इस्तेमाल करें।

-अगर आपको कोई सामान कुछ समय के लिए ही चाहिए तो उसे खरीदने की बजाय दोस्तों से मांग लें। किताब, मूवी और कपड़े भी अगर आपको एक ही बार पहनने के लिए चाहिए, तो उन्हें दोस्तों से मांगना ही ठीक रहेगा।

-घर के सामान और सब्जियां बल्क में खरीद लें जिससे बार-बार पैकेजिंग न करनी पड़े।

-अपनी गाड़ी में कपड़े का थैला हमेशा रखें और बाजार से सामान लेने पर हर बार सामान पॉलिथिन में लाने की बजाय इस थैले में ही लाएं।

-घर पर किसी सेलिब्रेशन के लिए डिस्पोजेबल प्लेट्स की जगह घर के बर्तन का या फिर पत्तलों का इस्तेमाल करें।

-बोतल के पानी का कम से कम इस्तेमाल करें। होटलों में अगर पानी साफ और फिल्टर्ड है तो वही इस्तेमाल करें। वह उस बोतल के पानी जैसा ही होगा जिसे हम शुद्ध समझकर पैसा खर्च करके खरीदते हैं।

-अगर आप तरह-तरह के रूम फ्रेशनर्स और एयर प्यूरिफायर पर पैसा खर्च करते हैं तो रुकिए, आपके पास इसका रिप्लेसमेंट है जो बिल्कुल मुफ्त है। बार-बार रूम फ्रेशनर डालने से अच्छा है कि कुछ देर कमरे के दरवाजे और खिड़कियां खोल दें।

समीपवर्तीवरमाण गांव के आशापुरा मंदिर परिसर में गुरुवार को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली तथा पर्यावरण के संतुलन के लिए पौधरोपण को जरुरी बताया। इस मौके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेवदर विधायक जगसीराम कोली ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए पौधरोपण जरुरी है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ वातारण के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए। पौधरोपण ही स्वच्छ वातावरण का आधार है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य बिना किसी भागीदारी के सफल नहीं हो सकता है, हम सभी को जनहित के कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करना होगा। उन्होंने पौधरोपण में आमजन से आगे बढ़कर सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने उनकी देखभाल तथा समुचित संरक्षण की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों, ग्रामीणों एवं कर्मचारियों को एक-एक पौधा लगाने उसकी देखभाल करने को कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर लक्ष्मी नारायण मीणा ने कहा कि केवल पौधे लगाकर ही जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती है। पौधे लगाने के बाद इलकी देखभाल सुरक्षा कर उन्हें बढ़ा करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति कर जीवन में एक पौधा अवश्य लगा कर पर्यावरण को शुद्ध बनाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पौधों की देखरेख करना अत्यधिक कठिन है, बच्चों का लालन-पालन करना आसान है। उन्होंने अधिकाधिक पौधरोपण करने का आह्वान किया।

इस मौके सिरोही प्रधान प्रज्ञा कंवर ने कहा कि आबादी विस्तार से कई समस्याएं भी बढ़ रही है। जंगल कटते जा रहें है और इससे कम वर्षा हो रही है, पानी का स्तर भी नीचे जा रहा है। इसलिए इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए सभी को अधिक से अधिक पौधरोपण करना होगा, ताकि जंगल बच सके और वर्षा हो। इस मौके लुंबाराम चौधरी ने कहा कि पेड़ ही धरती का श्रृंगार है, पेड़ों की कमी के कारण पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने लोगो को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की बात कही।

1001 पौधे लगाने का लक्ष्य

वनमहोत्सव के तहत अतिथियों ने मंदिर परिसर में पौधरोपण किया। एसडीएम रामचंद्र गरवा ने बताया कि महोत्सव के तहत 1001 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियो ने भी पौधे लगाए। सरपंच वगताराम चौधरी ने बताया कि वन विभाग की ओर से एक हजार पौधे उपलब्ध कराने के साथ वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से पोधे को लगाने का काम दिनभर जारी रहा।

कार्यक्रम में एसडीएम रामचंद्र गरवा, मंडल वन अधिकारी शशि शंकर पाठक, वरमान सरपंच वगताराम चौधरी, मंडल अध्यक्ष कालुराम चौधरी, अमरा राम चौधरी, नगाराम, हेमलता पुरोहित, पूनम पटेल, सुमन कुमारी, ममता मीणा, हीर सिंह वन विभाग पादर के कालुराम चौधरी, कैलाश जोशी समेत ग्रामीण अधिकारी मौजूद थे।

बनास. समीपवर्ती कोदरला में वन महोत्सव के तहत ग्राम पंचायत आदर्श तथा वन विभाग की ओर से पौधरोपण किया गया। सरपंच देवाराम मीणा, सचिव कंचन मीणा, वन विभाग के वनपाल, वन रक्षक समेत स्कूल के छात्र शिक्षकों के सहयोग से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन के तहत बनी नाड़ी के पास पौधारोपण किया गया।

इस मौके सरपंच देवाराम मीणा ने कहा कि इन पौधों के संभाल की जिम्मेदारी स्कूल के छात्रों को दी गई। इस मौके लक्ष्मी गुर्जर तथा वन विभाग के अधिकारी ग्रामीण मौजूद थे।

सिरोही. जिला मुख्यालय पर एसपी संदीप सिंह चौहान के नेतृत्व में वन महोत्सव के तहत पुलिस कंट्रोल रूम, डीएसपी कार्यालय परिसर पुलिस लाइन में पौधरोपण किया गया। इस मौके एएसपी डॉ. प्रेरणा शेखावत, डीएसपी तेजसिंह राठौड़, एससी एसटी सेल डीएसपी देवाराम, एएसआई बीएल शर्मा समेत पुलिसकर्मी मौजूद थे।

कलेक्टर ने अधिकारियों एवं ग्रामीणों को इस अभियान से जुड़ते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाने के साथ उनकी हार हाल में सुरक्षा करने एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक होने तथा खेतों घरों में पेड़ लगाने की शपथ दिलाई।

पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए क्या करना?

पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचा सकते है ।.
इधर-उधर न थूकें।.
खुले सड़क किनारे पेशाब न करें, शौचालय का उपयोग करें।.
खुद को और अपने आसपास को साफ रखने की कोशिश करें।.
सड़क पर कचरा न फेंके, डस्ट बिन का इस्तेमाल करें।.
स्वस्थ भोजन खाएं।.
खाली पेट पानी पीएं।.
सार्वजनिक रूप से धूम्रपान छोड़ें।.

पर्यावरण का संतुलन कैसे होता है?

जागरण संवाददाता, कैथल : पर्यावरण संतुलन को कायम रखने में पेड़-पौधों की अहम भूमिका है। आज ग्लोबल वार्मिग के युग में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम करने तथा भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने जरूरी है। पेड़-पौधों के बिना मानव जीवन का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा।

पर्यावरण संतुलन रखने के लिए कौन सी क्रिया करती है?

हरे पौधे सूर्य की ऊर्जा को ग्रहण कर लेते हैं। प्रकाश संश्लेषण की इस प्रक्रिया के द्वारा हरे पौधे भोजन बनाते हैं। मानव और सभी जीव-जंतु प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भोजन के लिए पौधों पर निर्भर करते हैं। हरे पौधे प्रकृति में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड में संतुलन बनाए रखने में भी सहायता करते हैं।

पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना क्यों आवश्यक है?

लगातार बिगड़ते जा रहे पर्यावरण संतुलन पर पर्यावरणविदों ने चिंता व्यक्त की है। इनका कहना है कि यदि पृथ्वी पर जीवन के आस्तित्व को बनाए रखना है तो प्रकृति का संतुलन बना रहना आवश्यक है। इसके लिए सभी को इस ओर गम्भीर होना होगा और अपने देश की पुरानी संस्कृति वन और जीव को बचाए रखना होगा।