प्रकृति का मानवीकरण कौन से वाद की प्रमुख विशेषताएं - prakrti ka maanaveekaran kaun se vaad kee pramukh visheshataen

Que : 459. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. आधुनिक युग की मीरा किसे कहा जाता है?

2. 'सरोज स्मृति' नामक रचना किस कवि ने की है?

3. प्रकृति का मानवीकरण किस वाद की प्रमुख विशेषता है।

4. खड़ी बोली का प्रतिष्ठित रूप किस युग में प्रकट हुआ।

5. खड़ी बोली का पहला महाकाव्य कौन-सा है?

6. सामान्य से सामान्य विषयों पर कविता लेखन किस युग की विशेषता है?

7. सांसों के दो तीर किसके प्रतीक है?

8. भाषा के साथ-साथ बात कैसी होती गई?

9. 'सब घर एक कर देने का क्या आशय है?

10. कैमरे में बंद अपाहिज कविता दूरदर्शन किस मनोवृत्ति को दर्शाती है?

11. कवितावली के उत्तरकांड में कौन-सा छंद है?

12. अपाहिज से दूरदर्शन कार्यक्रम-संचालक किस प्रकार के प्रश्न पूछता है?

13. उषा कविता में प्रातः कालीन नीला आकाश किसके जैसा बताया गया है?

14. कवि उमाशंकर जोशी ने अपने खेत में कौन-सा बीज बोया?

15. 'रुबाइयां' कविता में किसके लच्छे चमक रहे हैं?

Answer:

1. महादेवी वर्मा

2. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

3. छायावाद

4. द्विवेदी युग

5. प्रियप्रवास

6. प्रयोगवाद

7. जीवन

8. पेचीदा

9. भेदभाव नहीं रखना

10. संवेदनहीनता

11. कवित्त

12. अर्थहीन

13. शंख के जैसा

14. शब्द रूपी बीज

15. राखी के

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नमस्कार आशा है कि प्रकृति का मानवीकरण का वर्णन करें प्रकृति को जब हम मानव का रूप दे देते हैं तो मानवीकरण कहलाता है जैसे उदाहरण देखिए मेघमय आसमान से उतर रहे थे संध्या के सुंदर संध्या सुंदरी परिधि संध्या सुंदरी परिचय मेघमय आसमान से उतर रही थी संध्या सुंदरी पर इसी ध्रुवीकरण का अर्थ है मधुकर श्रेणी कहां देखी कहां देखी सीता मृगनैनी बातें करते हैं लेकिन जो बातें करते करते हे मधुकर श्रेणी तुम देखी सीता

namaskar asha hai ki prakriti ka manavikaran ka varnan kare prakriti ko jab hum manav ka roop de dete hain toh manavikaran kehlata hai jaise udaharan dekhiye meghmay aasman se utar rahe the sandhya ke sundar sandhya sundari paridhi sandhya sundari parichay meghmay aasman se utar rahi thi sandhya sundari par isi dhruvikaran ka arth hai madhukar shreni kahaan dekhi kahaan dekhi sita mrignaini batein karte hain lekin jo batein karte karte hai madhukar shreni tum dekhi sita

इसे सुनेंरोकेंमनुष्य प्रकृति के नियमों को बेहतर ढंग से जानने के बाद ही प्रौद्योगिकी का विकास कर पाया है। उदाहरणतया घर्षण और ऊष्मा की संकल्पना ने ‘आग के आविष्कार’ में हमारी सहायता की । सभी विज्ञानों का जन्म प्रकृति से हुआ है। सभी उपकरणों की कार्यविधि और तकनीकों को हमने प्रकृति से सीखा है।

मानव भूगोल का विषय क्षेत्र क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानव भूगोल की एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहु अनुमोदित परिभाषा है, मानव एवं उसका प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन। मानव भूगोल में पृथ्वी तल पर मानवीय तथ्यों के स्थानिक वितरणों का अर्थात् विभिन्न प्रदेशों के मानव-वर्गों द्वारा किये गये वातावरण समायोजनों और स्थानिक संगठनों का अध्ययन किया जाता है।

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प्राकृतिक अधिकारों का समर्थक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंजॉन लोके जॉन लोके (१६३२ – १७०४) एक अन्य प्रमुख पश्चिमी दार्शनिक थे जिन्होंने अधिकारों को प्राकृतिक और अविभाज्य के रूप में अवधारणाबद्ध किया। हॉब्स की तरह, लॉक जीवन , स्वतंत्रता और संपत्ति के प्राकृतिक अधिकार में विश्वास करते थे ।

प्रकृति समरूपता का नियम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंदो समरूप त्रिभुजों के संगत कोण समान होते हैं। दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल का अनुपात उनके संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग के बराबर होता है। दो समरूप त्रिभुजों की संगत ऊँचाइयों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के अनुपात के बराबर होता है।

प्रकृति से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंप्रकृति के अन्दर वायु, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियाँ, सरोवर, झरने, समुद्र, जंगल, पहाड़, खनिज आदि और न जाने कितने प्राकृतिक संसाधन आते हैं। इन सभी से हमें साँस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी, भोजन आदि जो जीवन के लिए नितान्त आवश्यक हैं उपलब्ध होते हैं। प्रकृति से हमें जीवन जीने की उमंग मिलती है।

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प्रकृति का मानवीकरण कौन से वार्ड की प्रमुख विशेषताएं?

प्रकृति के मानवीकरण को समझाइए

  • मानव को स्वतंत्र कारक बताया गया है।
  • प्रत्येक स्थान पर संभावनाएँ हैं और मानव इन संभावनाओं का स्वामी है।
  • सांस्कृतिक और तकनीकी ज्ञान प्रकृति का उपयोग करने में सक्षम है।
  • नार्वे के ट्रांडहीम में रहने वाली कैरी का उदाहरण ।

मानवीकरण क्या है?

इसे सुनेंरोकें(साहित्य) रचनाकार द्वारा अमूर्त एवं जड़ पदार्थों का मानवी रूप में चित्रण। किसी वस्तु को मानव अर्थात् मनुष्य का रूप देने की क्रिया या भाव। कला,धर्म आदि के क्षेत्र में यह मानकर कि पदार्थों में राग द्वेष आदि मानव गुण होते हैं, उन्हें मानव के रूप में कल्पित और प्रस्थापित करना।

विगत कुछ वर्षों से मानव भूगोल का महत्त्व दिन - प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वास्तव में फ्रांस के पॉल विडाल-डी-ला- ब्लाश तथा जीन ब्रून्श ने मानव भूगोल को अत्यधिक महत्त्व देकर उसे उच्च शिखर पर बिठाया है। प्राकृतिक दशाओं का अध्ययन केवल उनको जानने के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि किसी स्थान की प्राकृतिक दशाओं के आधार पर मानव भूगोल के तत्त्वों को आसानी से समझने के लिए भी किया जाता है। विभिन्न विद्वानों ने मानव भूगोल को अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया है। मानव भूगोल की कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं।

  1. विडाल-डी-ला- ब्लाश के अनुसार, ''मानव भूगोल को भौगोलिक विज्ञान की सम्माननीय शाखा का एक नवीन अंकुर माना है। '' उन्होंने आगे और स्पष्ट करते हुए बताया कि मानव भूगोल विकसित विचारों की अभिव्यंजना है जो खोज और भौगोलिक ज्ञान के फलस्वरूप विकसित हुई है।
  2. हंटिंग्टन के अनुसार, ''मानव भूगोल भौगोलिक वातावरण और मानव के कार्यकलापों एवं गुणों के संबंध के स्वरूप और वितरण का अध्ययन है। ''
  3. एलन सी. सेंपल के अनुसार, ''मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है। ''
  4. जीन ब्रून्श के अनुसार, ''मानव भूगोल उन सभी वस्तुओं का अध्ययन है जो मानव कार्यकलापों द्वारा प्रभावित है और जो हमारी पृथ्वी के धरातलीय पदार्थों की एक बिशेष श्रेणी में देखे जा सकते हैं।

''अत: मानव भूगोल एक दर्शनशास्त्र के समान है। मनुष्य की विचारधारा और जीवन दर्शन पर किसी स्थान की भौगोलिक परिस्थितियों का गहरा प्रभाव पड़ता है। मानव भूगोल मनुष्य तथा उस पर वातावरण के प्रभाव का ही अध्ययन है।

मानव भूगोल का विषय क्षेत्र - मानव भूगोल का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत तथा व्यापक है। इसमें मनुष्य की आर्थिक क्रियाओं के अतिरिक्त मनुष्य की और भी क्रियाएँ: जैसे जनसंख्या और उसका वितरण, नगर व उनका आकार तथा प्रकार, मनुष्य की संस्कृति आदि सम्मिलित हैं। वास्तव में आर्थिक भूगोल केवल विस्तृत मानव भूगोल का ही एक अंग है। मानव क्रियाएँ जो भौगोलिक वातावरण के परिणामस्वरूप उत्पन्न होती हैं, अनेक प्रकार की हैं। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-

  1. जनसंख्या: वितरण एवं घनत्व,
  2. मकान: उनके प्रकार तथा बनावट,
  3. मानव अधिवास: ग्रामीण बस्तियाँ, नगरीय बस्तियाँ,
  4. मानवीय अर्थव्यवस्था: आखेट, पशुपालन, कृषि, खनन, उद्योग-धंधे, आवागमन के साधन ।

मानव भूगोल के अंतर्गत व्यक्तिगत दृष्टिकोण को सामाजिक दृष्टिकोण का रूप दिया जा रहा है। विभिन्न प्रकार के लोगों की संस्कृति को समझने के लिए मानव भूगोल का ही सहारा लिया जाता है। तकनीकी विकास के साथ मनुष्य और पर्यावरण के संबंधों में बदलाव आ रहा है। इसलिए मानव भूगोल की विषय-वस्तु में भी समय के साथ-साथ व्यापक विस्तार हो रहा है। आज मानव भूगोल के अंतर्गत नई समस्याओं और चुनौतियों का अध्ययन भी किया जाने लगा है।

प्रकृति का मानवीकरण कौन से बात की प्रमुख विशेषताएं?

प्रकृति के मानवीकरण का वर्णन कीजिए ।.
मानव को स्वतंत्र कारक बताया गया है।.
प्रत्येक स्थान पर संभावनाएँ हैं और मानव इन संभावनाओं का स्वामी है।.
सांस्कृतिक और तकनीकी ज्ञान प्रकृति का उपयोग करने में सक्षम है।.
नार्वे के ट्रांडहीम में रहने वाली कैरी का उदाहरण ।.

प्रकृति का मानवीकरण क्या है कक्षा 12 भूगोल?

❇️ प्रकृति का मानवीकरण :- 🔹 प्रौद्योगिकी के विकास के साथ , मानव ने प्रकृति को संशोधित करना शुरू किया और सांस्कृतिक परिदृश्य बनाया । इसे भोगवाद या प्रकृति का मानवीकरण कहा जाता है ।

प्रकृति के मानवीकरण से आप क्या समझते हैं?

मनुष्य के प्राकृतिककरण का अर्थ है मनुष्य और प्रकृति के बीच पूर्ण सामंजस्य; मनुष्य अपने आप को प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल बनाते हैं और जीने के लिए प्राकृतिक नियम का पालन करते हैं। जब तकनीकी विकास का स्तर बहुत ही निम्न स्तर का था, तब प्राकृतिक मनुष्य थे, जो प्रकृति को सुनते थे, उसके कोप से डरते थे और उसकी पूजा करते थे।

मानव भूगोल क्या है इसकी विषय वस्तु की विवेचना कीजिए?

मानव भूगोल की एक अत्यन्त लोकप्रिय और बहु अनुमोदित परिभाषा है, मानव एवं उसका प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन। मानव भूगोल में पृथ्वी तल पर मानवीय तथ्यों के स्थानिक वितरणों का अर्थात् विभिन्न प्रदेशों के मानव-वर्गों द्वारा किये गये वातावरण समायोजनों और स्थानिक संगठनों का अध्ययन किया जाता है।