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एक रुपया का पहला सिक्का आज के 264 साल पूर्व 19 अगस्त 1757 को जारी किया गया था. जिस पर ब्रिटिश किंग विलियम IV की तस्वीर लगी रहती थी.(FILE PHOTO)पूरी दुनिया बहुत बड़-बड़े आविष्कार हो चुके हैं. जिनके बल पर आज दुनिया भर में कई बड़े काम भी हो रहे हैं. इनमें से ही एक है सिक्के का आविष्कार, जिसका अपना एक इतिहास है. इसके इतिहास के बारे में जानना बड़ा ही रोचक है. एक रुपया के पहला सिक्का आज ही के दिन 264 साल पहले जारी किया गया था. जिसकी शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी. बता दें, 1757 में प्लासी का युद्ध जीतने के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब के साथ एक संधि की थी. इस संधि के तहत उस कंपनी को सिक्के बनाने का अधिकार मिला था. इसके बाद 19 अगस्त 1757 में कंपनी ने कोलकाता में एक रुपए का पहला सिक्का बनाकर जारी किया गया. इस सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया. कंपनी ने इससे पहले सूरत, बॉम्बे और अहमदाबाद में भी टकसाल (सिक्के बनाने की फैक्ट्री) बनाई थी. लेकिन रुपए का पहला सिक्का सबसे पहले कोलकाता (कलकत्ता) में बनाया गया. जानिए- किस तरह से शुरू हुआ एक तरह के सिक्के जारी करने का चलन उस समय यह एक बड़ी विकट समस्या थी कि पूरे भारत में एक तरह के सिक्कों का प्रचलन नहीं था. बंगाल, मद्रास और बॉम्बे प्रेसिडेंसी में अलग-अलग तरह के सिक्के चलते थे. इन सिक्कों का आकार, वजन और मूल्य भी अलग-अलग थे. ऐसे में लोगों को व्यापाकर करने में समस्या होती ती. इसके बाद 1835 में एक ऐक्ट पारित किया गया. उसके बाद एक जैसे सिक्के जारी किए जाने लगे. ये एक्ट था यूनिफॉर्म कॉइनेज एक्ट. पहले इन सिक्कों पर एक तरफ ब्रिटिश किंग विलियम IV का हेड और दूसरी तरफ इंग्लिश और पर्शियन में सिक्के की कीमत छपी होती थी. हालांकि, 1857 में भारत का शासन ब्रिटिश क्राउन के पास गया तो सिक्कों पर ब्रिटिश मोनार्क की तस्वीर छपने लगी. जानिए- किस तरह से कागज के नोटों की हुई शुरुआत 1914 – 1918 के बीच यानी पहले विश्व युद्ध के दौरान जब चांदी की कमी हुई तो कागज के नोट जारी किए गए. भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ लेकिन 1950 तक यही सिक्के भारत में चलते रहे. भारत में पहला सिक्का 1950 में ढाला गया. शुरुआत में ‘आना’ का सिस्टम चलता था जिसमें एक आना, 2 आना या 1/2 आना के सिक्के चलते थे. ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकात्ता के रुपए का पहला सिक्का बनाया था. जानें सिक्कों के इतिहास के बारे में. कैसे हुआ भारत में सिक्कों का अविष्कार. ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए पहले सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया. बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1757 में टकसाल बनाई थी. ये टकसाल पुराने किले में ब्लैक होल के बराबर खड़ी इमारत में थी. जो वहां 1757 से 1791 तक रही. इस इंजीनियर ने छोड़ा लाखों का पैकेज, शुरू किया चाय बेचने का काम साल 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ही भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का साम्राज्य स्थापित हुआ. तब कंपनी को बिहार और बंगाल में कमाई करने के अधिकार दिए गए थे. भारत में जब आया सिक्का भारत में सिक्के का अविष्कार का देरी से हुआ. साल 1950 में पहला सिक्का ढाला गया था. भारत साल 1947 में आजाद हुआ लेकिन ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे, उसी समय भारत में सिक्कों का प्रचलन हुआ. आजादी के जश्न में शामिल नहीं थे महात्मा गांधी, देखें RARE PHOTOS 1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था और 1 आना मतलब 4 पैसा होता था. 1957 में भारत डेसिमल सिस्टम के तहत सिक्के ढलने लगे, लेकिन कुछ समय तक डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनो का ही देश में चलन था. कुछ समय तक भारत में 'आना' सिस्टम चला जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे. 'आना' सीरीज या प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से चर्चित इन सिक्कों में 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलन में थे. रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा को 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया. 1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे. 1 पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में थे और ढाले गए. इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया. वो थे आजाद हिंद के नेताजी, जिनकी मौत बनी रहस्य 1964-1972 के बीच 3 पैसे के सिक्के ढाले गए और साल 2011 में इन्हें बंद कर दिया गया. 1957-1994 के बीच 5 पैसे के सिक्के ढाले गए और2011 में इन्हें चलने से बैन कर दिया गया. साल 1962 से चलन 1रुपये का सिक्का चलन में आया जो आज भी चलता है. 2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपये का सिक्का आज भी लेने-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 2 रुपये का सिक्का 1982 से चलन में आया और 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था. इसके अलावा साल 2006 से सरकार ने 10 रुपये का सिक्का भी देश में जारी कर दिया. क्या है मुद्राओं का इतिहास, कब छपा पहला सिक्का, क्या हुए बदलाव
मनुष्य के बहुत से अविष्कारों में से एक है, रुपये या मुद्रा का अविष्कार. जिसके बाद रुपयों में काफी बदलाव देखने को मिला. आइए ऐसे में जानते हैं मुद्राओं के इतिहास के बारे में, साथ ही जानते हैं पहला सिक्का कब छापा गया था.
साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता के रुपए का पहला सिक्का बनाया था. ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए पहले सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया.
भारत में जब आया सिक्का भारत में सिक्के का अविष्कार देरी से हुआ. साल 1950 में पहला सिक्का ढाला गया था. भारत साल 1947 में आजाद हुआ लेकिन ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे, उसी समय भारत में सिक्कों का प्रचलन हुआ था.
1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था. 1 आना मतलब 4 पैसा होता था. 1957 में भारत डेसिमल सिस्टम के तहत सिक्के ढलने लगे, लेकिन कुछ समय तक डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनो का ही देश में चलन था.
कुछ समय तक भारत में 'आना' सिस्टम चला जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे. 'आना' सीरीज या प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से चर्चित इन सिक्कों में 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलन में थे.
रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा, इसे 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया. 1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे. जिसके बाद 1 पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में था. इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया था.
50 पैसा ये पैसा साल 1960 से प्रयोग में लाया जा रहा है. आधिकारिक तौर पर ये सिक्का चलन से बाहर नहीं किया गया है लेकिन आजकल कोई 50 पैसे का सिक्का लेने के लिए तैयार नहीं होता है.
1 रुपये का सिक्का 1962 से चलन में आया ये सिक्का आज भी चलता है. ये अभी भी चलन में है.
कब आए 2, 5 और 10 के सिक्के 2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपये का सिक्का आज भी चलन में है. 2 रुपये का सिक्का 1982 में आया , 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था.
10 का सिक्का हुआ जारी सबसे पहले 10 रुपये का सिक्का साल 2016 में जून में श्रीमद रामचंद्र की 150वीं जयंती के मौके पर जारी किया गया था.
20 का सिक्का साल 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐलान किया था कि जल्द ही 20 का सिक्का भी जारी किया जाएगा. 20 रुपये का सिक्का 10 रुपये के सिक्के से बिल्कुल अलग होगा. 10 रुपये के सिक्के में आउटर रिंग 75 फीसदी कॉपर, 20 फीसदी जिंक और 5 फीसदी रासायनिक तत्व 'निकल' होता है. जबकि अंदर की डिस्क में 65 फीसदी कॉपर, 15 फीसदी जिंक और 20
फीसदी रासायनिक तत्व 'निकल' होता है. वहीं दृष्टिबाधित लोगों के लिए 20 के सिक्कों को पहचानना मुमकिन होगा. हालांकि अभी 20 का सिक्का चलन में नहीं आया है.
कौन लेता है सिक्के जारी करने की जिम्मेदारी देश में करेंसी नोटों को छापने का काम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से किया जाता है, वहीं सिक्कों के निर्माण का काम वित्त मंत्रालय (Finance Minister) का होता है. दुनिया का सबसे पहला सिक्का कौन सा था?कुदाल के सिक्के सबसे पुरानी ज्ञात चीनी धातु मुद्रा हैं और संभवतः दुनिया में पहली बार इनके 750-500 के बीच ढाले जाने का अनुमान है। 221 ईसा पूर्व में चीन के पहले सम्राट ने इन्हें खत्म कर दिया था। इससे पहले झेंग और आसपास के क्षेत्रों में इनका इस्तेमाल किया जाता था।
भारत का पहला सिक्का कौन सा है?साल 1757 यानी आज से करीब 264 साल पहले 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहला सिक्का चलाया था. ये सिक्का कोलकाता की एक. की एक टकसाल में ढाला गया था. इस सिक्के को कंपनी द्वारा बंगाल और मुगल प्रांत में चलाया गया था.
सर्वप्रथम सिक्कों का चलन कब आरंभ हुआ?यह भी अच्छी तरह ज्ञात है कि भारत में मौर्य वंश (322–185 BCE) के बहुत पहले से ही धातु के सिक्कों का निर्माण शुरू हो चुका था। आधुनिक कार्बन तिथिकरण (carbon dating) के अनुसार ये धातु के सिक्के ५वीं शदी ईसापूर्व से भी पहले के हैं।
₹ 2 का सिक्का कब बना था?साल 2006 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक दो रुपये का सिक्का बनाया. भारत ने आजादी के बाद से सिक्कों (Indian Currency Coins) में काफी बदलाव देखा गया है.
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