Show
Benefits Of Drinking Peepal Leaf Water: पीपल का पेड़ बहुत गुणकारी होता है। पीपल का फल, इसके पत्ते और पीपल के पेड़ की छाल सभी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपचार के लिए प्रयोग की जाने वाली औषधियों में पीपल के फल, पत्ते और छाल का प्रयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें विभिन्न औषधीय गुण पाए जाते हैं। आपने अक्सर लोगों को सुबह खाली पेट इनका सेवन करते देखा होगा। यहां तक कि त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने के लिए इनका पेस्ट बनाकर भी लगाया जाता है। बहुत से लोग पीपल की पत्ते का सीधे तौर पर सेवन करते हैं, वहीं कुछ लोग इसके रस या अर्क का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी पीपल के पत्तों को उबालकर, इसके पानी का सेवन किया है? हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानत हैं, कि पीपल के पत्ते उबालकर पीने से न सिर्फ कई गंभीर रोगों के उपचार में मदद मिलती है, बल्कि उनके जोखिम को कम करने और बचाव में भी मदद मिलती है। पीपल के पत्ते उबालकर पीने से सेहत को क्या फायदे मिलते हैं, इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. भुवनेश्वरी (BAMS, Ayurveda) से बात की। इस लेख में हम आपको पीपल के पत्ते उबालकर पीने के 6 फायदे (peepal ke patte ubal kar peene ke fayde) बता रहे हैं। पीपल के पत्ते सेहत के लिए कैसे लाभकारी हैं- Peepal Leaf Benefits In Hindiडॉ. भुवनेश्वरी के अनुसार पीपल के पत्तों में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज, कॉपर जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही एंटीडायबिटिक, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट्स, दर्द निवारक, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-एम्नेसिक गुणों से भी भरपूर होते हैं। जब आप पीपल के पत्तों को पानी में उबालते हैं, तो इनमें मौजूद सभी गुणों को पानी अवशोषित कर लेता है और यह एक बेहतरीन हेल्थ ड्रिंक बन जाता है। पीपल के पत्ते उबालकर पीने के फायदे- Benefits Of Drinking Peepal Leaf Water
पीपल के पत्ते उबालकर पानी कैसे बनाएं- How To Make Boiled Peepal Leaf Waterएक पतीले में 250ml पानी लें और इसमें 2-3 पीपल के पत्ते डालकर तब तक उबालें, जब तक कि पानी आधा न हो जाए। इसे किसी बर्तन में छान लें और थोड़ा ठंडा होने दें। इसमें शहद मिलाकर सेवन करें। सुबह खाली पेट सेवन करने से सबसे अधिक लाभ मिलते हैं। इसे भी पढें: अश्वगंधा Vs सफेद मूसली, सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद? यह भी ध्यान रखें:पीपल के पत्तों का पानी का सेवन से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। खासकर गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, छोटे बच्चों और बूढ़े या बुर्जग लोगों को। क्योंकि कुछ मामलों में इससे उनकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। All Image Source: Freepik पीपल का पेड़ अपने विशाल आकार और घनी छाया के लिए जाना जाता है। हवा चलने पर इसकी पत्तियों से तालियों के बजने जैसी आवाज आती है, लेकिन इन्हीं पीपल की पत्तियों के स्वास्थ्य संबंधी कई ऐसे फायदे हैं, जो आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं। पीपल का वैज्ञानिक नाम फिकस रेलिगिओसा (ficus religiosa) होता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए आपको पीपल के पत्ते के उपयोग से लेकर पीपल के पत्ते के फायदे और पीपल के पत्ते के नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है। चलिए जानते हैं कि पीपल के पत्ते के फायदे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कैसे काम आ सकते हैं। विषय सूचीपीपल के पत्ते के फायदे – Benefits of Peepal Leaves in Hindiपीपल के पत्ते के फायदे कुछ इस प्रकार स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकते हैं। 1. अस्थमा मेंयह सांस की समस्या से जुड़ी परेशानी होती है, जिसमें फेफड़ों के रास्ते में सूजन और कसाव उत्पन्न हो जाता है। इससे गले में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी होती है (1)। अस्थमा की समस्या में पीपल के पत्ते के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल के पत्ते के अर्क में ऐसे विशेष गुण पाए जाते हैं, जो ब्रोंकोस्पास्म (bronchospasm – अस्थमा की एक स्थिति) पर प्रभावी असर दिखा सकता है (2)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया है कि पीपल के पत्ते और फल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अस्थमा को ठीक करने में मददगार साबित हो सकते हैं। अस्थमा के इलाज के लिए पीपल के पत्ते का जूस और इसके फल का चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है (3)। 2. पेट दर्द मेंआपने अपने पेट में दर्द का अनुभव कभी न कभी जरूर किया होगा, लेकिन अगर आपके आसपास पीपल का पेड़ है, तो अगली बार आप इस समस्या से नहीं जूझेंगे। एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह देखा गया है कि पीपल के पत्ते में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक (analgesic – दर्द निवारक गुण) गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के दर्द और सूजन की समस्या को ठीक कर सकते हैं (4)। एक अन्य वैज्ञानिक में यह देखा गया है कि पीपल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में पेट दर्द की दवा बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है (5)। 3. फटी हुई एड़ियों के लिएआपने कभी न कभी अपने किसी करीबी या परिवार के सदस्यों में फटी हुई एड़ियों की समस्या जरूर देखी होगी। इस समस्या में पीपल का फायदा देखा जा सकता है। फटी एड़ियों के लिए आप पीपल की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं (6)। दरअसल, पीपल की छाल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जिस कारण इसे फूट क्रीम (पैरों के लिए) को तैयार करने में भी इस्तेमाल किया जाता है (7)। 4. डायरिया की समस्या मेंडायरिया की स्थिति में इंसान बहुत थका हुआ महसूस करने लगता है, क्योंकि डायरिया में पतले दस्त होने लगते हैं। दिनभर में तीन या अधिक बार दस्त होना डायरिया के लक्षण माने जाते हैं (8)। इस समस्या से उबरने के लिए आप पीपल की छाल का उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि पीपल की छाल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अगर इसकी छाल से निकलने वाले अर्क का सेवन किया जाए, तो यह डायरिया की समस्या को प्रभावी रूप से ठीक कर सकता है (3)। 5. दांतों के लिएपीपल के लाभ दांतों के लिए भी उपयोग में लाए जा सकते हैं। पीपल के पत्तों से बने हुए तेल में स्टेरॉयड, फ्लेवोनोइड्स, और एल्कलॉइड्स (Steroids, flavonoids, alkaloids) बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि बायोएक्टिव यौगिक न केवल दांतों को सफेद करने का गुण रखते हैं, बल्कि यह मुंह की दुर्गंध व मसूड़ों की एलर्जी को भी सुधारने का काम कर सकते हैं (9)। 6. हृदय स्वास्थ्य के लिएहृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए भी पीपल के लाभ प्रयोग किए जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, अगर पीपल का पत्ता रात भर भिगोकर रखा जाए और अगले दिन अर्क का सेवन तीन बार किया जाए, तो हृदय से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है (9)। इसके अतिरिक्त पीपल ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सूजन को भी कम करता है साथ ही इसमें कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण (हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करने का गुण) भी पाया जाता है (10)। 7. लीवर के लिएकुछ दवाओं के सेवन से कभी-कभी लीवर को हानि पहुंच सकती है। ऐसे में लीवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पीपल पर भरोसा किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल में हेपोप्रोटेक्टिव क्रिया (लीवर को डैमेज होने से बचाने वाली एक क्रिया) पाई जाती है (11)। एक अन्य वैज्ञानिक रिपोर्ट में भी बताया गया है कि अर्क का उपयोग करने से लीवर को खराब होने से बचाया जा सकता है (12)। 8. रक्त को शुद्ध करने मेंरक्त शुद्धीकरण करने के लिए पीपल के लाभ आपकी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद में पीपल की पत्तियों को रक्त की अशुद्धता को दूर करके, त्वचा रोग को ठीक करने के लिए लिए इस्तेमाल किया जाता है। पीपल की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं और एक वैज्ञानिक शोध के आधार पर यह भी बताया गया कि पीपल की पत्तियों के अर्क को पीने से रक्त शुद्ध हो सकता है (13)। 9. इनफर्टिलिटी और इम्पोटेंस (Infertility and Impotence)इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है, जब कोई महिला कई प्रयासों के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाती है (14)। वहीं, पीपल में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी (immunomodulatory) गुण होता है (3)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर यह बताया गया है कि इम्यूनोथेरिपी (immunotherapy) के जरिए प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है (15)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि पीपल से निकलने वाले लेटेक्स (वानस्पतिक दूध) में नेफ्रोपेक्टिव (nephroprotective) और उपचारात्मक (curative ) गुण पाए जाते हैं, जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं (16)। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी इम्पोटेंस में पुरुष की यौन क्षमता प्रभावित होती है। 10. पीलियाआंखों और त्वचा पर पीलेपन को पीलिया का लक्षण माना जाता है (17)। पीपल का औषधीय गुण पीलिया जैसी बीमारी को भी खत्म कर सकता है। विशेषज्ञों के द्वारा जारी किए गए एक शोध के अनुसार, पीपल की पत्तियों में फ्लेवोनॉइड (Flavonoid), स्टेरोल्स (sterols) जैसे बायोएक्टिव यौगिक पाए जाते हैं। अगर पीपल की दो से तीन पत्तियों को दिन में दो बार पानी और चीनी के साथ सेवन किया जाए, तो पीलिया की समस्या में लाभ हो सकता है (8)। 11. कफ की समस्या से छुटकारा दिलाने मेंअगर आप कफ की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इस स्थिति से उबरने के लिए पीपल का पत्ता प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है। दरअसल, पीपल की पत्ती में थेरेपेटिक (therapeutic) गुण पाए जाते हैं, जिसका उपयोग करने से कफ में आराम मिल सकता है (18)। एक अन्य वैज्ञानिक रिसर्च में बताया गया है कि पीपल के पत्ते को जूस के रूप में इस्तेमाल करने से कफ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है (3)। 12. घाव भरने में सहायकघाव भरने के लिए भी पीपल के पत्ते के औषधीय गुण देखे जा सकते हैं। जी हां, वैज्ञानिक शोध के आधार पर यह कहा गया है कि टैनिन पोस्सेस में (tannins possess – पीपल के पत्ते का एक विशेष गुण) कोलेजन की मात्रा बढ़ाने का गुण पाया जाता है, जो घाव भरने के लिए जरूरी क्रिया में से एक है। अध्ययन के दौरान यह देखा गया कि पीपल की पत्ती के रस इसमें प्रभावी असर दिखा सकते हैं (3)। 13. डायबिटीज की समस्या मेंअगर आप डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं, तो पीपल के पत्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। विशेषज्ञों के द्वारा जारी किए गए एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि पीपल में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड ग्लूकोज के स्तर को काफी हद तक कम कर सकते हैं और सीरम इंसुलिन की मात्रा भी बढ़ा सकते हैं। इस कारण से डायबिटीज के जोखिमों को कम किया जा सकता है (3)। 14. त्वचा को स्वस्थ रखने मेंपीपल के पत्ते के औषधीय गुण आपको त्वचा संबंधी कई समस्याओं से राहत पहुंचा सकते हैं। पीपल के पत्ते में ऐसे विशेष गुण होते हैं, जिसका प्रयोग करके त्वचा संबंधी कई समस्याओं से बचा सकता है (3)। इसके अलावा पीपल के पत्ते में प्रोटीन भी पाया जाता है (8), जो हमारी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, क्योंकि प्रोटीन हमारे शरीर के द्वारा नहीं बनाया जाता है और इसकी पूर्ति हमें खाद्य पदार्थ के जरिए ही करनी पड़ती है (19) । पीपल के पत्ते के फायदे जानने के बाद आइए लेख के इस भाग में जानते हैं कि पीपल के पत्ते में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं। पीपल के पत्ते के पौष्टिक तत्व – Peepal Nutritional Value in Hindiपीपल के पत्ते के पौष्टिक तत्वों की सूची को नीचे तालिका के माध्यम से दर्शाया जा रहा है (8)।
लेख के अगले भाग में आपको पीपल के पत्ते के उपयोग के बारे में बताया जा रहा है। पीपल के पत्ते का उपयोग – How to Use Peepal in Hindi
Shutterstock पीपल के पत्ते को निम्न प्रकार से इस्तेमाल किया जा सकता है।
कब करें इस्तेमाल : पीपल की पत्तियों को ज्यादातर सुबह इस्तेमाल में लिया जा सकता है। इसके सेवन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। कितना करें इस्तेमाल : कच्चा चबाने के लिए पीपल की केवल 2-3 पत्तियां ही लें और जूस के रूप में इसे केवल एक छोटे गिलास की मात्रा में ही पिएं। एक हफ्ते में इसके सेवन को दोहराने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। लेख के इस भाग में आपको पीपल के पत्ते के नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है। पीपल के पत्ते के नुकसान निम्न प्रकार से हो सकते हैं।
अभी आपने पढ़ा कि पीपल की पत्तियों में चमत्कारिक औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसका सेवन आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, पीपल के विभिन्न भागों जैसे छाल, अर्क व जड़ के फायदे भी आपको बताए गए हैं। इसलिए, ऊपर बताई गई किसी भी स्वास्थ्य समस्या से आप जूझ रहे हैं,
तो पीपल के पत्ते आपको लाभ पहुंचा सकते हैं। आशा करते हैं कि पीपल के पत्ते की संपूर्ण जानकारी देने वाला यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करके, उन्हें भी पीपल के पत्तों के इन फायदों के बारे में बताएं। SourcesWas this article helpful? The following two tabs change content below.
पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more Neha Srivastava - Nutritionist M.Sc -Life Science PG Diploma in Dietetics & Hospital Food Services. I am a focused health... more पीपल के पत्तों का काढ़ा पीने से क्या होता है?दाद, खाज, खुजली में पीपल के पत्तों को खाने से या इसका काढ़ा बनाकर पीने से फायदा होगा। पीपल के पत्तों का इस्तेमाल कब्ज और गैस की समस्या का उपचार करने में किया जाता है। इसे पित्त नाशक भी माना जाता है, इसलिए पेट की समस्याओं में इसका इस्तेमाल बेहद फायदेमंद है।
पीपल के पत्ते कौन कौन सी बीमारी में काम आते हैं?पीपल के पत्ते के फायदे – Benefits of Peepal Leaves in Hindi. अस्थमा में यह सांस की समस्या से जुड़ी परेशानी होती है, जिसमें फेफड़ों के रास्ते में सूजन और कसाव उत्पन्न हो जाता है। ... . पेट दर्द में ... . फटी हुई एड़ियों के लिए ... . डायरिया की समस्या में ... . दांतों के लिए ... . हृदय स्वास्थ्य के लिए ... . लीवर के लिए ... . रक्त को शुद्ध करने में. पीपल के पत्ते का पानी पीने से क्या फायदा?पीपल के पत्ते उबालकर पीने के फायदे- Benefits Of Drinking Peepal Leaf Water. डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है।. हृदय रोगों के जोखिम को कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।. खराब कोलेस्ट्रॉल कम करने और हाई बीपी को कंट्रोल रखने में मददगार है।. यह शरीर को डिटॉक्स करने में मददगार है।. पीपल के पत्तों का काढ़ा कैसे बनाएं?पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार। इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें।
|