पालरपानी पातालपानी तथा रेजाणीपानी से आप क्या समझते हैं? - paalarapaanee paataalapaanee tatha rejaaneepaanee se aap kya samajhate hain?

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Question

कुंई निर्माण से संबंधित निम्न शब्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करें- पालरपानी, पातालपानी, रेजाणीपानी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

Solution

राजस्थान में पानी के तीन रूप माने जाते हैं। पालरपानी, पातालपानी तथा रेजाणीपानी। इनके विषय में जानकारी इस प्रकार हैं-पालरपानी - यह पानी बरसात द्वारा प्राप्त होता है। इसे नदी, तालाब तथा धरती पर देखा जा सकता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); पातालपानी - यह पानी भूजल से मिलता है। इसके स्रोत कुएँ होते हैं। यह पीने में खारा होता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); रेजाणीपानी - यह ऐसा पानी होता है, जो वर्षा के माध्यम से धरती से नीचे चला जाता है लेकिन किन्हीं कारणों से भूजल में मिल नहीं पाता है। इसी को रेजापानी कहते हैं। यह नाम इसे वर्षा मापने की विधि से मिला है। इस विधि को 'रेजा' कहा जाता है। इससे धरती में समाए पानी को मापा जाता है।

पालरपानी पातालपानी और रेजाणीपानी में क्या अंतर है?

रेजाणीपानी- यह ऐसा पानी होता है, जो वर्षा के माध्यम से धरती से नीचे चला जाता है लेकिन किन्हीं कारणों से भूजल में मिल नहीं पाता है। इसी को रेजापानी कहते हैं। यह नाम इसे वर्षा मापने की विधि से मिला है। इस विधि को रेजा कहा जाता है।

पालर पानी और पातालपानी के बीच तीसरा रूप कौन सा है?

झरना लगभग 300 फीट ऊंचा है। पातालपानी के आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पिकनिक और ट्रेकिंग स्थल है। पानी का प्रवाह वर्षा के मौसम के तुरंत बाद (आमतौर पर जुलाई के बाद) सबसे अधिक होता है। गर्मी के मौसम में यह लगभग सूख जाता है, और धारा कम हो जाती है।

पालर पानी और पातालपानी के बीच का दूसरा रूप कौन सा है?

दूसरा रूप पातालपानी है जो कुंओं में से निकाला जाता है तीसरा रूप है-रेजाणीपानी। यह धरातल से नीचे उतरा, परंतु पाताल में न मिलने वाला पानी रेजाणी है। वर्षा की मात्रा 'रेजा' शब्द से मापी जाती है जो धरातल में समाई वर्षा को नापता है।

कोई मैं कौन सा पानी प्राप्त होता है?

पूरे देश में 80-85 प्रतिशत पेयजल की आपूर्ति भूमिगत जल से होती है. जबकि सिंचाई में 60-65 प्रतिशत भूमिगत जल का प्रयोग किया जाता है.