ओलम्पिक खेल प्रतियोगिताओं में अग्रणी खेल प्रतियोगिता है जिसमे हजारों एथलीट कई प्रकार के खेलों में भाग लेते हैं। ओलम्पिक की शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन प्रतियोगिताओं में 200 से ज्यादा देश प्रतिभाग के रूपमें शामिल होते हैं।[1] ओलम्पिक खेल प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल में खेला जाता है।. Bandar tuan rumah Sukan Olimpik
इतिहास[संपादित करें]ओलम्पिक खेलों (१८९६-२०२१) (1896-2021) का इतिहास बहुत ही पुराना है। प्राचीन ओलम्पिक खेलों का आयोजन १२०० (1200) साल पूर्व योद्धा-खिलाड़ियों के बीच हुआ था।[2] पुराने समय में शांतिपूर्ण समय अंतराल के दौरान योद्धाओं के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ खेलों का विकास हुआ। शुरुआती दौर में दौड़, मुक्केबाजी, कुश्ती और रथों की दौड़ सैनिक प्रशिक्षण का हिस्सा हुआ करते थे। इनमें से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले योद्धा प्रतिस्पर्धी को खेलों में अपना दमखम दिखाने का मौका मिलता था । प्राचीन काल में यह ग्रीस यानी यूनान की राजधानी एथेंस में १८९६ (1896) में आयोजित किया गया था। ओलंपिया पर्वत पर खेले जाने के कारण इसका नाम ओलम्पिक पड़ा।[2] ओलम्पिक में राज्यों और शहरों के खिलाड़ी भाग लेते थे। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओलम्पिक खेलों के दौरान शहरों और राज्यों के बीच लड़ाई तक स्थगित कर दिए जाते थे। इस खेलों में लड़ाई और घुड़सवारी काफी लोकप्रिय खेल थे। लेकिन उसके बाद भी सालों तक ओलम्पिक आंदोलन का स्वरूप नहीं ले पाया। तमाम सुविधाओं की कमी, आयोजन की मेजबानी की समस्या और खिलाड़ियों की कम भागीदारी-इन सभी समस्याओं के बावजूद धीरे-धीरे ओलम्पिक अपने मक़सद में क़ामयाब होता गया। प्राचीन ओलम्पिक की शुरुआत ७७६ बीसी में हुई मानी जाती है। प्राचीन ओलम्पिक में बाक्सिंग, कुश्ती, घुड़सवारी के खेल खेले जाते थे। खेल के विजेता को कविता और मूर्तियों के जरिए प्रशंसित किया जाता था। हर चार साल पर होने वाले ओलम्पिक खेल के वर्ष को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता था। ओलम्पिक खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है। इन खेलोमे भारत गोल्ड मेड्ल प्राप्त कर चूका है। एक अन्य दंतकथा के अनुसार हरक्यूलिस ने ज्यूस के सम्मान में ओलम्पिक स्टेडियम बनवाया गया। और पांचवीं छठवीं शताब्दी में ओलम्पिक खेलों की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई थी। लेकिन बाद में रोमन साम्राज्य की बढ़ती शक्ति से ग्रीस खास प्रभावित हुआ और धीरे-धीरे ओलम्पिक खेलों का महत्व गिरने लगा। ३९३ (393) ईस्वी के आसपास ओलम्पिक खेल ग्रीस यानी यूनान में बंद हो गया।[2] 1896 के बाद वर्ष 1900 में पेरिस को ओलम्पिक की मेजबानी का इंतज़ार नहीं करना पड़ा और संस्करण लोकप्रिय नहीं हो सके क्योंकि इस दौरान भव्य आयोजनों की कमी रही। 2008 में चीन की राजधानी बीजिंग ओलम्पिक में अब तक का सबसे अच्छा आयजन माना गया है। पंद्रह दिन तक चले ओलम्पिक खेलों के दौरान चीन ने ना सिर्फ़ अपनी शानदार मेज़बानी से लोगों का दिल जीता बल्कि सबसे ज़्यादा स्वर्ण पदक जीत कर भी इतिहास रचा। भारत ने भी ओलम्पिक के इतिहास में पहली बार १९२८ में स्वर्ण पदक जीता और उसे पहली बार एक साथ तीन पदक भी मिले। विश्व के प्राचीनतम अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह ओलम्पिक का आयोजन 2016 का ब्राजील के शहर रिओ डी जेनेरियो में 5 अगस्त से 21 तक चला ! । इस बार के रिओ डी जेनेरियो ओलम्पिक में 26 खेलों में 204 देशों के लगभग 10500 खिलाड़ीयों ने भाग लीया था। इस बार भारत ने ओलम्पिक में रजत, कांस्य पदक जीता था। ओलम्पिक के आदर्श- 1.ओलम्पिक ध्वज- बेरोंन पियरे डी कोबर्टीन के सुझाव पर 1913 में ओलम्पिक ध्वज का सृजन हुआ जून 1914 को इसका विधिवत उद्घाटन पेरिस में हुआ इस ध्वज को सर्वप्रथम 1920 के एंटवर्प ओलम्पिक में फहराया गया। ध्वज की पृष्टभूमि सफेद है सिल्क के बने ध्वज के मध्य में ओलम्पिक प्रतीक के रूप में पांच रंगीन एक दूसरे से मिले हुए दर्शाये गए है जो विश्व के 5 महाद्वीपो के प्रतिनिधित्व करने के सांथ ही निष्पक्ष एवं मुक्त स्पर्धा का प्रतीक है नीला चक्र - यूरोप पीला चक्र - एशिया काला चक्र- अफ्रीका हरा चक्र- ऑस्ट्रेलिया लाल चक्र - उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका ओलम्पिक का उद्देश्य- सन 1897 में फादर डिडोन द्वारा रचित सिटियस , अल्टीयस,फोर्टियस लेटिन में ओलम्पिक के उद्देश्य है जिनका अर्थ है तेज़,ऊंचा,बलवान । इसको पहली बार 1920 में ओलम्पिक के उद्देश्य के रूप में एंटवर्प (बेल्जियम) ओलम्पिक खेलो में प्रस्तुत किया गया। ओलम्पिक मशाल- इसे जलाने की शुरुआत 1928 से एम्स्टर्डम ओलम्पिक से हुई। 1936 में बर्लिन ओलम्पिक में मशाल के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया। इसी समय से मशाल को आयोजित स्थल तक लाने का प्रचलन शुरू हुआ।इस मशाल को खेल शुरू होने के कुछ दिन पूर्व यूनान के ओलम्पिया में हेरा मन्दिर के सामने सूर्य की किरणों से प्रज्वलित किया जाता है विभिन्न खिलाड़ियों द्वारा वहाँ से आयोजन स्थल तक लाया जाता है इसी मशाल से खेल समारोह विशेष की मशाल प्रज्वलित की जाती है। ओलम्पिक पदक- ओलम्पिक खेलो में तीन प्रकार के पदक दिए जाते है 1.स्वर्ण पदक 2.रजत पदक 3.कांस्य पदक। सन्दर्भ New[संपादित करें]
ओलम्पिक खेलों की शुरुआत कहाँ से हुई?पहले आधुनिक ओलंपिक खेल यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में आयोजित किए गए. लेकिन उसके बाद भी सालों तक ओलंपिक आंदोलन का स्वरूप नहीं ले पाया.
ओलम्पिक खेलों का नाम ओलम्पिक क्यों पड़ा?प्राचीन काल में यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में ओलंपिक पर्वत पर खेले जाने के कारण इस खेल का नाम ओलंपिक पड़ा। ओलंपिक खेल पूरी दुनिया में मुख्यत: चार प्रकार के होते हैं। जिसमें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, शीतकालीन ओलंपिक, पैरालंपिक और यूथ ओलंपिक खेल शामिल है। इसे खेलों का महाकुंभ भी कहते हैं।
ओलम्पिक में कितने खेल है?वर्तमान के समय में 36 खेलों को ओलंपिक प्रतियोगिता में शामिल किया गया है।
प्रथम ओलम्पिक खेल कब और कहाँ हुए था?पहला ओलम्पिक वर्ष 1896 में एथेंस(ग्रीस) में हुआ था। आधुनिक ओलम्पिक खेलों की शुरुआत किस सदी के अन्त में हुई? पहले आधुनिक ओलम्पिक खेलों की शुरुआत यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में आयोजित हुए ।
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