घर की देवी देवता को कैसे मनाये? - ghar kee devee devata ko kaise manaaye?

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घर की देवी देवता को कैसे मनाये? - ghar kee devee devata ko kaise manaaye?

Tag: घर के देवी देवता को कैसे मनाये

घर की देवी देवता को कैसे मनाये? - ghar kee devee devata ko kaise manaaye?

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घर की देवी देवता को कैसे मनाये? - ghar kee devee devata ko kaise manaaye?

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देवता को कैसे बुलाए :

शरीर में देवता कैसे बुलाए – हमने अपनी पहली पोस्ट में बताया था की “देवता कौन होते हैं” और देवता किसे कहते है

उस पोस्ट को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे – देवता कौन होते है | देवता बुलाने का मंत्र | क्या देवता एलियंस थे | Devta kon hai

सबसे पहले हम आपको पूछना चाहते हैं कि

“क्या आपने ऐसे किसी इंसान को देखा है जिसके शरीर में देवता वास करते हैं” ?

यदि आपका जवाब ” हां ” है तो आपको यह पूरी पोस्ट अवश्य पढ़नी चाहिए।

पिछली पोस्ट में हमने आपको भगवान के साथ-साथ 33 उच्च कोटि के देवताओं के बारे में बताया था

लेकिन आज हम आपसे उन देवताओं की बात करेंगे जो शरीर में बसने (रहने) आते है।

33 उच्च कोटि के देवता जो आपने अपने लोक में रहते हैं उनके अलावा भी पृथ्वी पर मौजूद हजारों देवी – देवता है,

और अनेकों ऐसी देवी देवता है जो स्वर्ग लोक के देवताओं के अंश होते हैं।

आपको आसान तरीके से ही समझाने के लिए हम यहां पर देवताओं को वर्गीकृत कर रहे हैं

उसके बाद हम देवता को प्रसन्न करके शरीर में कैसे बुलाएं यह बताएंगे और जब देवता शरीर में आते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है यह भी बताएंगे।

उन देवताओं के नाम जिनसे आप परिचित हैं और जिनकी पूजा आप ज्यादा करते हैं।

यह भी पढ़े – देवताओं का समय कैसे चलता है https://www.bhaktibandhan.com/?p=45

कुल देवता :

कुल देवता को परिवारिक देवता भी कहते हैं कुल देवता होते हैं जिन्हें केवल आपका परिवार पूजा करता है

इन देवताओं के साथ आपका या आपके परिवार का कोई रिश्ता होता है

बहुत सारे लोग इन्हें पूर्वज देवता के नाम से भी जानते हैं,

जो लोग अभी भी ग्रामीण इलाके से आते हैं  वह इनके बारे में अच्छे से जानते हैं।

कुल देवता कैसे बनते हैं ?

यह देवताओं के पूर्वज है जिनकी मृत्यु बचपन में अल्पकाल में हो जाती है और किसी कारणवश को दूसरा जन्म नहीं ले पाते हैं

इनमें से जो आत्मा पवित्र अच्छी होती है वह अपने परिवार से रहने के लिए एक स्थान मांग लेती है

जो उसे एक छोटे से घर या एक मंदिर के रूप में दे दिया जाता है और पूरे विधि विधान से पूजा करके उन्हें उस स्थान में बसाया जाता है।

कुल देवता को प्रसन्न करना सबसे आसान माना जाता है क्योंकि एक तो कुल देवता की पूजा केवल आप और आपका परिवार करता है जिससे उनके आपसे प्रसन्न होने की संभावना ज्यादा हो जाती है,

दूसरा कुल देवता अपने वंशजों के द्वारा सच्चे मन से पूजा और सेवा करने से अधिक प्रसन्न होते हैं।

ग्राम देवता :

बहुत सारे लोग ऐसे भी होंगे जिनके परिवार में कोई कुल देवता नहीं होते हैं

ऐसे लोगों के लिए फिर प्रथम पूजा के रूप में ग्राम देवता को प्रसन्न करना चाहिए

ग्राम देवता पूरे गांव के लिए पूजनीय होते हैं और ग्राम देवता भी जिस इंसान से प्रसन्न हो जाए

तो उसका शरीर में आकर उसके और बाकी लोगों के दुखों का समाधान बताते हैं।

देवी देवता :

कुल देवता और ग्राम देवता के बाद ईश्वरीय शक्ति समान स्वर्ग लोक के देवी देवताओं की भी पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं,

अगर आप से कोई देवी देवता प्रसन्न हो जाता है तो यह आपके जीवन की एक बड़ी सफलता होगी

यह भी पढ़ें – क्या हुआ जब सरस्वती जी पर ब्रह्मा ने बुरी नजर डाली

शरीर में देवता कैसे बुलाए :

यह सबसे जरूरी बात है कि देवताओं को कैसे प्रसन्न करें

अगर केवल पूजा करने से देवता और भगवान को प्रसन्न किया जा सकता था तो यह काम तो सभी लोग करते हैं।

शरीर में देवता बुलाने का मंत्र :

देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान करने वाली है –

1 . जो भी व्यक्ति उनकी पूजा करता है उसकी भावना कैसी है ?

2 . जब भी आप पूजा करें तो आपका पूरा ध्यान देवताओं पर ही होना चाहिए आपके मन में “मोह माया” जैसा कुछ भी नहीं होना चाहिए।

3 . अगर आप चाहते हैं कि देवता आपसे इतने प्रसन्न हो कि आपके शरीर में वास करने आ जाए

तो सबसे पहले आपको अपने शरीर को पवित्र करना होगा,

4 . देवता उसी शरीर में आते है जो एक पवित्र शरीर होता है शरीर को पवित्र करने के लिए आपको अपने शरीर में “सतोगुण” / सत्व गुण की मात्रा बढ़ानी होगी।

सत्व गुण की मात्रा को बढ़ाने के लिए आपको – सबसे पहले तो आप अपने मन में आने वाले नकारात्मक विचारों का त्याग कर दे

5 . किसी भी व्यक्ति की निंदा ना करें, झूठ नहीं बोले, बेईमानी न करें, हिंसा न करें, सत्य और भगवान में विश्वास बनाए रखें।

शरीर में देवता कैसे बुलाए :

6 . अपने खान-पान सही करें क्योंकि हमारा शरीर और मन जैसा हम खाते पीते हैं वैसा ही बन जाता है

पवित्र तन मन के लिए “तमो गुण” खाना बिल्कुल नहीं खाए “रजो गुण” कार्य और खाने से भी ज्यादा बेहतर है कि “सत्व गुण” खाना खाए।

7 . देव स्नान करें शास्त्रों के अनुसार 4:00 बजे देवता , 6 से 8 इंसान और 8:00 बजे के बाद राक्षसों का स्नान (नहाना) माना जाता है

यदि आप अपने शरीर में देवता बुलाना चाहते हैं तो देवता के समय वाला स्नान करें।

8 . इसके बाद सबसे अधिक महत्वपूर्ण है “धैर्य” किसी भी कार्य में जल्दबाजी अच्छी नहीं होती

इस कार्य में कई महीने भी लग सकते हैं और कई साल भी लग सकते हैं

यह सब कुछ देवी-देवताओं के मन पर निर्भर करता है कि वह आपसे आपकी पूजा से कितने प्रसन्न होते हैं।

9 . लेकिन एक बात हमेशा याद रखें मेहनत और सच्चे श्रद्धा भाव से किया गए पूजा-पाठ कभी व्यर्थ नहीं जाता।

शरीर में देवता आना :

बहुत ही भाग्यशाली लोग होते हैं जिनसे देवता प्रसन्न होते हैं इसलिए हमेशा देवता के घर आने पर खुश रहें,

भगवान की कृपा दृष्टि सही और आप से देवता प्रसन्न हो जाते हैं तो आपको कैसे पता चलेगा यह भी आप जान लीजिए,

देवता आपसे प्रसन्न होते हैं तो सबसे पहले आपको देवता सपनों में दिखने शुरू होंगे,

आपको देवताओं से जुड़े सपने आएंगे आप को देवता की प्रिय वस्तुएं भी सपने में देख सकती है,

अलग-अलग देवता की पूजा करने पर अलग अलग तरह के सपनों द्वारा वह आपको संकेत देते हैं।

उदाहरण – भगवान शिव के भक्तों को सांप, नंदी ,अघोरी जैसा कुछ देख सकता है, माता के भक्तों को शेर आदि, कुल देवता की पूजा करने पर किसी पूर्वज का दिखना आदि।

ऐसे किसी भी सपने को नजरअंदाज ना करें चीजों को एक दूसरे से जोड़कर देखें और उनका मतलब समझने का प्रयास करें।

शरीर में देवता आने पर क्या होगा ?

1 . जब भी कोई देवता आपके शरीर में आता है तो आपको शरीर में एक अलग ऊर्जा की अनुभूति होगी,

आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आपके मन पर किसी और ने कब्जा कर लिया है।

कुछ लोग देवता आने के लक्षण पहचान नहीं पाते हैं और देवता को कोई भूत प्रेत समझकर डरने लगते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए।

2 . अगर आप पूजा-पाठ करने वाले इंसान है तो बिलकुल डरने की कोई आवश्यकता नहीं है

3 . देवता हो या भूत प्रेत दोनो में एक बातें समान होती है कि वह ढोल बाजे पर बाहर आने लगते हैं

आपके मन से निकलकर दिमाग और जुबान पर आ जाते हैं ताकि वह सामने वाले से बात कर सके।

4 . जब भी देवी देवता किसी के शरीर में वास करते हैं और संगीत की धुन पर या प्रार्थना करने पर बात करने के लिए बाहर आते हैं

तो व्यक्ति के शरीर में एक अजीब सी हलचल होती है उसके पैरों में कंपन सी होती है

हाथों में खून का दौर तेजी से चलने लगता है आंखों में एक चमक से आ जाती है।

5 . देवता जिसके शरीर में वास करते हैं उससे अंतर्मन में ही बातें भी कर सकते हैं,

लेकिन किसी और व्यक्ति से बात करने के लिए वह उस व्यक्ति की जुबान पर आते हैं

6 . जब देवता से कुछ पूछा जाए और वह व्यक्ति के शरीर में पूरी तरह आ चुके हो,

तो वह व्यक्ति बिना देवता की इच्छा के चाह कर भी कुछ नहीं बोल पाता है

देवता जैसा चाहते हैं वैसा ही वह बोल पाता है

शरीर में देवता कैसे बुलाए :

जब देवता आपसे आपके परिवार के किस सदस्य से प्रसन्न होकर उस में वास करते हैं तो

यह मान लीजिए कि इससे ज्यादा शुभ आपके परिवार के लिए कुछ नहीं है।

जब भी देवता व्यक्ति के सर आकर आप लोगों से बातें करें तो उसकी प्रशंसा करें

देवता से प्रेम पूर्वक बात करके  उसके आने का कारण पूछे

और महीने में एक या दो दिन उसके आने के निश्चित कर ले

ऐसा वादा आपको देवता से पहली बार में ही ले लेना चाहिए

उसके बाद उस निश्चित दिन पूजा के समय पर उस देवता के आने का इंतजार करें और उसे समस्या बताएं।

जब देवता व्यक्ति के शरीर में आते हैं तो वह व्यक्ति को झूठ नहीं बोल पाता जो भी बोलता है

वह देवता के कहे शब्द होते हैं इसीलिए जब देवता आपको आपकी समस्या का समाधान बताएं

तो उसे झूठ नहीं समझे उनका पालन करें।

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अपने घर के DEVI देवता को कैसे मनाए?

घर में कुलदेवता और कुलदेवी की पूजा करने से शांति का माहौल रहता है. कुलदेवता की पूजा करते समय शुद्ध देसी घी का दीया, धूप, अगरबत्ती, चंदन और कपूर तो जलाना ही चाहिए साथ ही कुलदेवता को रोजाना स्नान भी करवाना चाहिए और प्रसाद स्वरूप भोग भी लगाना चाहिए.

घर की कुलदेवी को कैसे पहचाने?

मंगलवार को सुबह स्नान आदि से स्वच्छ पवित्र हो अपने देवी देवता की पूजा करें। इस अवधि में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें ,यहां तक कि बिस्तर और सोने का स्थान तक शुद्ध और पवित्र रखें। ब्रह्मचर्य का पालन करें और मांस-मदिरा से पूर्ण परहेज रखें। इस प्रयोग की अवधि के अन्दर आपको स्वप्न में आपके कुलदेवता/देवी की जानकारी मिल जाएगी।

देवताओं को कैसे मनाया जाए?

देवता अथवा देव इस तरह के पुरुषों के लिये प्रयुक्त होता है और देवी इस तरह की स्त्रियों के लिये। हिन्दू धर्म में देवताओं को या तो परमेश्वर (ब्रह्म) का लौकिक रूप माना जाता है, या तो उन्हें ईश्वर का सगुण रूप माना जाता हैं।

घर में कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?

कौन से देवी देवता रखने चाहिए वास्तुशास्त्र कहता है कि गुडलक पाने के लिए पूजाघर में विष्णु, लक्ष्मी, राम-सीता, कृष्ण, एवं बालाजी जैसे सात्विक एवं शांत देवी देवता का यंत्र, मूर्ति और तस्वीर रखना शुभ फलदायी होता है। इसके अलावा पूजा घर में मूर्तियां एक दूसरे की ओर मुख करके भी नहीं रखनी चाहिए