Contents आज के समय में हर कोई उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने की कला प्राप्त करना चाहता हैं| इस कला को नीति कहते हैं| यदि आपके पास यह कला हैं तो आपको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता| इसके कारण ही आप अपने जीवन की किसी भी कठनाई का डटकर सामना कर सकते हैं| आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए niti sloka, आदि की जानकारी लाए हैं जिसे पढ़कर आपको बनाये गये सिद्धान्तों पर चले में आसानी होगी| दयाहीनं निष्फलं स्यान्नास्ति धर्मस्तु तत्र हि । एते वेदा अवेदाः स्यु र्दया यत्र न विद्यते ॥ विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् । पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥ नीति श्लोक अर्थ सहितसंस्कृत श्लोक
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विदुर नीति श्लोकसंस्कृत श्लोक
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Niti slokas in Hindi Languageसंस्कृत श्लोक
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Niti Sloka With Hindi Meaningसंस्कृत श्लोक
हिंदी अर्थ संसार में चन्दन को शीतल माना जाता है लेकिन चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होता है | अच्छे मित्रों का साथ चन्द्र और चन्दन दोनों की तुलना में अधिक शीतलता देने वाला होता है | संस्कृत श्लोक
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You may also likeनीति श्लोक के रचयिता कौन है?नीतिशतकम् भर्तृहरि के तीन प्रसिद्ध शतकों जिन्हें कि 'शतकत्रय' कहा जाता है, में से एक है। इसमें नीति सम्बन्धी सौ श्लोक हैं। नीतिशतक में भर्तृहरि ने अपने अनुभवों के आधार पर तथा लोक व्यवहार पर आश्रित नीति सम्बन्धी श्लोकों की रचना की है।
नीति श्लोका पाठ के आधार पर सुख देने वाली क्या है?उत्तर- विदुर-नीति ग्रंथ से नीतिश्लोकाः पाठ उद्धृत है। इसमें महात्मा विदुर मन को शांत करने के लिए कुछ श्लोक लिखे हैं । इन श्लोकों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सांसारिक सुख क्षणिक और आध्यात्मिक सुख स्थायी है। सुंदर आचरण से हम बुरे आचरण को समाप्त कर सकते हैं।
नीति श्लोक का पाठ के कितने श्लोक हैं?पाठ परिचय- इस पाठ (Niti Sloka) में व्यास रचित महाभारत के उद्योग पर्व के अन्तर्गत आठ अध्यायों की प्रसिद्ध विदुरनीति से संकलित दस श्लोक हैं।
श्लोक का शाब्दिक अर्थ क्या है?श्लोक का शाब्दिक अर्थ
१. आवाज, ध्वनि, शब्द। २. पुकारने का शब्द, आह्वान, पुकार।
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