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नकली नोट छापने के लिए दिल्ली से खरीदा था प्रिंटर कागजखेड़ीजट्ट के अपने मामूली मकान में पिछले डेढ़ साल में चार लाख रुपए के नकली नोट महज एक स्कैन प्रिंटर मशीन से छापकर बाजार में चलाने वाला सुनील उर्फ सोनू पकड़े जाने के बाद न्यायिक हिरासत में है। पुलिस ने जब उसे घर से उठाया तब भी उसके कब्जे से 30 हजार रुपए के नकली नोट मिले। इस पूरे फर्जीवाड़े का पुलिस ने खुलासा किया और आरोपी से पूछताछ हुई तब पता चला कि सोनू ने ही ये सब अपना सूझबूझ से किया था। उसने रिमांड के दौरान पुलिस को बताया कि डेढ़ साल पूर्व नोट छापने की मशीन कागज वो दिल्ली से खरीदकर लाया था। खत्म होने पर कागज वो कई बार लाया। इसके लिए वो रॉयल एक्सक्लूसिव बांड पेपर का इस्तेमाल करता था,जो असली नोट के कागज की तरह लगता था। सोनू ने कई महीनों खुद ही अपने द्वारा छापे हुए नकली नोट छोटे दुकानदारों को ज्यादातर रात के समय दिए। इसी प्रकार शराब के ठेकों पर खपाए। पिछले एक महीने से ही उसने इसके लिए अपने दो शराबी मित्रों संदीप मंजीत को एजेंट बनाया था। ये दोनों जब पकड़े गए तब झज्झर में चल रहे इस गोरखधंधे का खुलासा सीआईए झज्जर ने किया। पुलिस ने दावा किया कि नकली नोट छापने के मुख्य आरोपी सोनू ने पूछताछ में जानकारी दी है कि वह करीब डेढ़ साल से जाली नोट छाप रहा था। उसको यह आइडिया बाजार में रंगीन फोटो कॉपी कराने से आया। हूबहू कॉपी होने पर उसे लगा कि इस तरह तो नकली नोट भी छापे जा सकते हैं। आरोपी ने बताया कि संदीप और मंजीत को ये नोट दिए। मुख्य आरोपी का कहना कि दोनों को शुरू-शुरू में 50 प्रतिशत में, फिर उनकी तरफ से डिमांड आई तो 30 प्रतिशत डिस्काउंट में देता था। घरवालों को नहीं पता था घर में नोट छपते हैं सोनूनकली नोट छापने की कार्यवाही इस गुपचुप तरीके से करता था कि उसके साइकिल मरम्मत करने वाले पिता को भी घर में चल रहे इस फर्जीवाड़े की खबर नहीं थी। हालांकि पिछले डेढ़ से उसका पुत्र घर में ही नोट छापने का कारखाना चला रहा है। पहले पहल तो सोनू को नकली नोट छापने के लिए एक असली नोट की जरूरत पड़ी,लेकिन अब तो वो नकली नोट से ही नकली नोट छापने में माहिर हो चुका था। मुख्य आरोपी मेहनत-मजदूरी भी करत था, ताकि शक हो खेड़ीजट्ट का सोनू अपने इस फर्जीवाड़े के प्रति इस कदर भरोसेमंद था कि वो कुछ-कुछ दिन घर से बाहर जाकर मेहनत -मजदूरी भी करने जाता था। कभी किसी ट्रक पर कंडेक्टरी करने तो कभी अन्य मजदूरी के काम करता था,ताकि आसपास के लोगों के अलावा परिजनों को लगे कि वो काम धंधा करता है। ऐसे कर सकते हैं असली नकली नोट की पहचान 5001000 के नोट में नीले रंग की लाइन दिखाई देती है। इसे रोशनी में देखने और नोट हिलाने पर ये हरे नीले रंग में बदलती है। नकली नोट में ऐसा नहीं होता। नोट पर एक तरफ प्रकाशित महात्मा गांधी दिखते हैं। नोट के दूसरी तरफ के हिस्से को जब रोशनी में लाएंगे तब गांधी दिखेंगे। नकली नोट में ऐसा नहीं होगा। नकली नोट का कागज हमेशा मोटा रहेगा,रंग में भी कुछ भिन्नता नजर आएगी -प्रदीप, कैशियर ओबीसी बैंक, झज्जर पुलिस को आशंका थी तार पाक से जुड़ने का नकलीनोट मामले में जब शहर निवासी दो युवक पकड़े गए और जब उन्होंने इसका मुख्य सरगना खेड़ी जट्ट के सोनू को बताया तब झज्जर पुलिस को लगा कि गांव का युवक अकेले दम पर इतना बड़ा फ्राड नहीं कर सकता। चूंकि पहले भिवानी फतेहाबाद में भी नकली नोट मिले तब इनके तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात उठी। झज्जर पुलिस को भी लगा कि सोनू को भी तो कहीं तस्करी के नोट नहीं मिल रहे। हालांकि उससे हुई पूछताछ पर पुलिस को भरोसा हुआ कि सोनू ही इस मेंं लिप्त था। दिखाता है कि अंदर क्या है. पैकेजिंग कम करने के लिए आइटम अक्सर निर्माता कंटेनर में शिप होता है. अगर यह कोई गिफ़्ट है, तो इसे किसी अलग पते पर शिप करने का विचार करें. [{"displayPrice":"₹6,299.00","priceAmount":6299.00,"currencySymbol":"₹","integerValue":"6,299","decimalSeparator":".","fractionalValue":"00","symbolPosition":"left","hasSpace":false,"showFractionalPartIfEmpty":false,"offerListingId":"qJcjnKUB5y7568gZW6tLhV9bZhDKReloR0tSzdnMU3HydUzq5oQl0tm32Dp2DhuwZyyKl1EyCsgNYa437IfZvgncRyL04r%2FTV6hW9LdWZB2E023BuJLPGzR0gb9xksHXsVKDYro59RCqwYy1UwtnaiUYDlalAZ%2BdqUk5m4%2BKWrgkUUwz%2B7ZD8etPYOWNNgup","locale":"hi-IN","buyingOptionType":"NEW"}] ₹₹6,299.00 () चुने हुए विकल्प शामिल हैं. प्रारंभिक मासिक भुगतान और चुने हुए विकल्प शामिल हैं. विवरण चेकआउट पर दिखाई गई शिपिंग लागत, डिलीवरी की तारीख और ऑर्डर की कुल राशि (टैक्स सहित).
आपके द्वारा चुने गए एन्हांसमेंट्स इस विक्रेता के लिए उपलब्ध नहीं हैं. विवरण अपनी खरीद में निम्नलिखित एन्हांसमेंट्स जोड़ने के लिए, एक अलग विक्रेता चुनें. %cardName% ${cardName} आपके द्वारा चुने गए विक्रेता के लिए उपलब्ध नहीं है ${cardName} ${maxQuantity} से ज़्यादा मात्राओं के लिए उपलब्ध नहीं है. आपकी ट्रान्ज़ेक्शन सुरक्षित है हम आपकी सुरक्षा और गोपनीयता की सुरक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हमारी भुगतान सुरक्षा प्रणाली संचरण के दौरान आपकी जानकारी को एन्क्रिप्ट करती है। हम आपके क्रेडिट कार्ड का विवरण तृतीय-पक्ष विक्रेताओं के साथ साझा नहीं करते हैं, और हम आपकी जानकारी दूसरों को नहीं बेचते हैं और अधिक जानें नोट छापने की मशीन कौन से राज्य में है?भारत में चार जगहों पर नासिक, देवास, मैसूर व सालबोनी (प. बंगाल) में नोट छपाई का काम किया जाता है। देवास की बैंक नोट प्रेस और नासिक की करेंसी नोट प्रेस वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में काम करते हैं।
नोट छापने की मशीन का नाम क्या है?Stok ST-MC05-1 करेंसी काउटिंग मशीन और नकली नोट डिटेक्टर (काला) : Amazon.in: कार्यालय का सामान
पैसा बनाने वाली मशीन का क्या नाम है?ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) क्या है ? उत्तर: ऑटोमेटेड टेलर मशीन एक कंप्यूटरीकृत मशीन है जो कि बैंक के ग्राहकों को बैंक शाखा जाने की जरूरत के बिना ही नकदी निकालने एवं अन्य वित्तीय और गैर वित्तीय लेनदेन के लिए अपने खाते तक पहुँचने (accessing) की सुविधा प्रदान करती है।
नोट बनाने के लिए क्या करना चाहिए?भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नोट तैयार करने के लिए कॉटन से बने कागज और विशिष्ट तरह की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय करंसी नोट तैयार करने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल होता है, उसमें कुछ का प्रोडक्शन महाराष्ट्र स्थित करंसी नोट प्रेस (सीएनपी) और अधिकांश का प्रोडक्शन मध्य प्रदेश के होशंगाबाद पेपर मिल में ही होता है।
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