निश्छल मन होने से स्वाभिमानी व्यक्ति को क्या लाभ होता है? - nishchhal man hone se svaabhimaanee vyakti ko kya laabh hota hai?

Board Paper of Class 10 2009 Hindi (SET 2) - Solutions

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(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।

  • Question 1

    निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    स्वतंत्र देश की नवीन आरती सजा सकूँ!
    नवीन दृष्टि का नया विधान आज हो रहा,
    नवीन आसमान में विहान आज हो रहा,
    खुली दसों दिशा खूले कपाट ज्योति–द्वार के–
    विमुक्त राष्ट्र-सूर्य भासमान आज हो रहा।
    युगांत की व्यथा लिए अतीत आज रो रहा,
    दिगंत में वसंत का भविष्य बीज बो रहा,
    सुदीर्घ क्रांति झेल, खेल की ज्वलंत आग से–
    स्वदेश बल सँजो रहा, कड़ी थकान खो रहा।
    प्रबुद्ध राष्ट्र की नवीन वंदना सुना सकूँ,
    नवीन बीन दो कि मैं अगीत गान गा सकूँ!
    नए समाज के लिए नवीन नींव पड़ चुकी,
    नए मकान के लिए नवीन ईंट गढ़ चुकी,
    सभी कुटुंब एक, कौन पास, कौन दूर है-
    नए समाज का हरेक व्यक्ति एक नूर है।
    कुलीन जो उसे नहीं गुमान या गरूर है।
    समर्थ शक्तिपूर्ण जो किसान या मजूर है।
    भविष्य-द्वार मुक्त से स्वतंत्र भाव से चलो,
    मनुष्य बन मनुष्य से गले मिले चले चलो,
    समान भाव के प्रकाशवान सूर्य के तले–
    समान रूप-गंध फूल-फूल-से खिले चलो।
    पुराण पंथ में खड़े विरोध वैर भाव के
    त्रिशुल को दले चलो, बबूल को मले चलो।
    प्रवेश-पर्व है स्वदेश का नवीन वेश में
    मनुष्य बन मनुष्य से गले मिलो चले चलो।
    नवीन भाव दो कि मैं नवीन गान गा सकूँ,
    नवीन देश की नवीन अर्चना सुना सकूँ!

    (i) कविता का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)

    (ii) प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने किन नवीनताओं की चर्चा की है? (1)

    (iii) राष्ट्र को प्रबुद्ध क्यों कहा गया है। (1)

    (iv) मनुष्य के लिए कवि की क्या सलाह है? (2)

    (v) 'नए समाज का हरेक व्यक्ति एक नूर है' का भाव स्पष्ट कीजिए। (1)

    (vi) किसान मजदूर और कुलीन व्यक्तियों की विशेषता किन पंक्तियों में बताई गई है? (1)

    (vii) कवि कैसी नवीनता की कामना कर रहा है? (1)

    अथवा

    जिसमें स्वदेश का मान भरा
    आज़ादी का अभिमान भरा
    जो निर्भय पथ पर बढ़ आए
    जो महाप्रलय में मुस्काए
    जो अंतिम दम तक रहे डटे
    दे दिए प्राण, पर नहीं हटे
    जो देश-राष्ट्र की वेदी पर
    देकर मस्तक हो गए अमर
    ये रक्त-तिलक-भारत-ललाट!
    उनको मेरा पहला प्रणाम!
    फिर वे जो आँधी बन भीषण
    कर रहे आज दुश्मन से रण
    बाणों के पवि-संधान बने
    जो ज्वालामुख-हिमवान बने
    हैं टूट रहे रिपु के गढ़ पर
    बाधाओं के पर्वत चढ़कर
    जो न्याय-नीति को अर्पित हैं
    भारत के लिए समर्पित हैं
    कीर्तित जिससे यह धरा धाम
    उन वीरों को मेरा प्रणाम।
    श्रद्धानत कवि का नमस्कार
    दुर्लभ है छंद-प्रसून हार
    इसको बस वे ही पाते हैं
    जो चढ़े काल पर आते हैं
    हुंकृति से विश्व कँपाते हैं
    पर्वत का दिल दहलाते हैं
    रण में त्रिपुरांतक बने शर्व
    कर ले जो रिपु का गर्व खर्व
    जो अग्नि-पुत्र, त्यागी, अकाम
    उनको अर्पित मेरा प्रणाम!

    (i) कविता का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)

    (ii) कवि ने भारत के माथे का लाल चंदन किन्हें कहा है? (1)

    (iii) प्रणाम के योग्य वीरों की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं? (2)

    (iv) कवि की श्रद्धा किन वीरों के प्रति है? (1)

    (v) कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए। (2)

    (vi) 'अग्निपुत्र, त्यागी, अकाम' कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। (1)

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  • Question 2

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 

    मानव जीवन में आत्मसम्मान का अत्यधिक महत्त्व है। आत्मसम्मान में अपने व्यक्तित्व को अधिकाधिक सशक्त एवं प्रतिष्ठित बनाने की भावना निहित होती है। इससे शक्ति साहस उत्साह आदि गुणों का जन्म होता है जो जीवन की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। आत्मसम्मान की भावना से पूर्ण व्यक्ति संघर्षों की परवाह नहीं करता है और हर विषम परिस्थिति से टक्कर लेता है। ऐसे व्यक्ति जीवन में पराजय का मुँह नहीं देखते तथा निरंतर यश की प्राप्ति करते हैं। आत्मसम्मानी व्यक्ति धर्म, सत्य, न्याय और नीति के पथ का अनुगमन करता है। उसके जीवन में ही सच्चे सुख और शांति का निवास होता है। परोपकार, जनसेवा जैसे कार्यों में उसकी रूचि होती है। लोकप्रियता और सामाजिक प्रतिष्ठा उसे सहज ही प्राप्त होती है। ऐसे व्यक्ति में अपने राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा होती है तथा मातृभूमि की उन्नति के लिए वह अपने प्राणों को उत्सर्ग करने में भी सुख की अनुभूति करता है। चूँकि आत्मसम्मानी व्यक्ति अपनी अथवा दूसरों की आत्मा का हनन करना पसंद नहीं करता है, इसलिए वह ईर्ष्या-द्वेष जैसी भावनाओं से मुक्त होकर मानव मात्र को अपने परिवार का अंग मानता है। उसके हृदय में स्वार्थ, लोभ और अहंकार का भाव नहीं होता। निश्छल हृदय होने के कारण वह आसुरी प्रवृत्तियों से सर्वथा मुक्त होता है। उसमें ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति एवं विश्वास होता है, जिससे उसकी आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है। जीवन को सरस और मधुर बनाने के लिए आत्मसम्मान रसायन-तुल्य है। आत्मसम्मान प्रत्येक जाति तथा राष्ट्र की प्रेरणा का दैवी स्रोत है मानव मात्र के मौलिक गुणों की यह विभूति है। प्रत्येक व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ कर्त्तव्य है कि आत्मसम्मान की सुरक्षा के लिए सतत प्रस्तुत रहे। इसे खोकर हम सर्वस्व खो देंगे। हमारी संस्कृति, हमारा धर्म, यहाँ तक कि हमारा अस्तित्व ही इसके अपमान में लुप्त हो जाएगा। परतंत्रता के युग में हमारे सार्वजनिक जीवन में आत्मसम्मान को निरंतर ठेस लगती रही है। चूँकि विदेशी प्रभुसत्ता ने उसका दमन करने में कोई कसर उठा नहीं रखी, इसलिए भारतीयों ने राष्ट्रपिता के नेतृत्व में आत्मसम्मान की प्रतिष्ठा के लिए स्वतंत्रता का संग्राम किया तथा उसमें सफलता प्राप्त की। आज प्रत्येक भारतीय को उच्च नैतिक मूल्यों, राष्ट्रीय एकता तथा आत्मसम्मान की रक्षा करनी है।

    (i) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)

    (ii) आत्मसम्मान से किन गुणों का जन्म होता है? (2)

    (iii) आत्मसम्मानी व्यक्ति मानव मात्र को अपने परिवार का अंग क्यों मानता है? (1)

    (iv) निश्छल हृदय होने से स्वाभिमानी व्यक्ति को क्या लाभ होता है? (1)

    (v) कोई व्यक्ति आत्मसम्मान के अभाव में सर्वस्व कैसे खो सकता है? (2)

    (vi) लेखक ने स्वतंत्रता संग्राम का क्या कारण बताया है? (1)

    (vii) 'लोकप्रियता' और 'आध्यात्मिक' शब्दों के प्रत्यय अलग करके लिखिए। (1)

    (viii) 'एकता' और 'विदेशी' का विपरीतार्थक शब्द लिखिए। (1)

    (ix) 'पथ' और 'ईश्वर' शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए। (2)

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  • Question 3

    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिदुंओ के आधार पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए –

    (क) जब हम दो गोलों से पिछड़ रहे थे

          (i) खिलाड़यों का जोश

          (ii) दर्शकों की दशा

         (iii) प्रयास और परिणाम

    (ख) हिमालय : भारत का मुकुट

         (i) मुकुट क्यों

         (ii) सौंदर्य

         (iii) उपयोगिता

    (ग) कामकाजी नारी का एक दिन

         (i) तनाव और तैयारी

        (ii) कार्यालय

        (iii) घर में

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  • Question 4

    राशन कार्ड खो जाने पर आपूर्ति अधिकारी को दूसरा कार्ड बनाने का अनुरोध करते हुए पत्र लिखिए।

    अथवा

    अनियमित डाक वितरण में सुधार करने के लिए अपने क्षेत्र के डाकपाल को पत्र लिखिए।

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  • Question 5

    (क) शब्द पद कैसे बनता है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। (1)

    (ख) नीचे लिखे वाक्य में रेखांकित पदबंध का नाम बताइए – (1)

          वह लपाती की समुद्री चट्टान पर पहुँच गया।

    (ग) नीचे दिए गए वाक्य में रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए – (2)

         हामिद बड़ी पतंग उड़ा रहा है।

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  • Question 6

    (क) रचना के अनुसार वाक्य भेद बताइए –  (2)

    (i) शीला बीमार थी परन्तु वह विद्यालय गई।

    (ii) आपने जो कुछ कहा, वह सच है।

    (ख) निर्देशानुसार वाक्य बनाइए – (2)

    (i) पंक्ति में पीछे खड़े लोग टिकट नहीं खरीद सके। (मिश्र वाक्य)

    (ii) मैं कोशिश करके भी उससे बात नहीं कर सका। (संयुक्त वाक्य)

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  • Question 7

    निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –                                          

    (क) परमेश्वर, छात्रावास (सन्धिविच्छेद कीजिए) (1)

    (ख) गिर + ईश, इति + आदि (सन्धि कीजिए) (1)

    (ग) नीलकंठ, लाभ-हानि (समस्त पदों का विग्रह कीजिए) (1)

    (घ) वे प्रतिदिन व्यायामशाला जाकर व्यायाम करते हैं। (रेखांकित पदों के समास का नाम लिखए) (1)

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  • Question 8

    (क) दिए गए मुहावरे और लोकोक्तियों में से एक मुहावरे और लोकोक्ति का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि अर्थ स्पष्ट हो जाए – (2)

    (i) नाच न जाने आँगन टेढ़ा

    (ii) आँच न आने देना

    (iii) साँप मरे और लाठी भी न टूटे

    (iv) लोहे के चने चबाना

    (ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरा और लोकोक्ति द्वारा कीजिए: (2)

    (i) उसने अपने बच्चों को ज़्यादा प्यार करके उन्हें सिर ..............................।

    (ii) एक पद के लिए हज़ारों आवेदन पत्र आते हैं, तभी तो कहते हैं—एक .........................।

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  • Question 9

    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए –

    (क) उस जंगल में एक पागल हाथी हो गया है।

    (ख) हमने यह काम करना है।

    (ग) आप हमारे पूज्यनीय है।

    (घ) आप हमारे घर कब आ रहे हो।

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  • Question 10

    निम्नलिखित काव्याशों मे से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    उड़ गया, अचानक लो, भूधर
    फड़का अपार पारद के पर!
    रव – शेष रह गए हैं निर्झर!
    है टूट पड़ा भू पर अंबर।
    धँस गए धरा में समय शाल!
    उठ रहा धुआँ, जल गया ताल!
    यों जलद यान में विचर-विचर
    था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

    (क) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)

    (ख) शाल वृक्षों के डरने का कारण स्पष्ट कीजिए। (1)

    (ग) कवि ने "रव-शेष रह गए हैं निर्झर" क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए। (2)

    (घ) इंद्र जादूगरी का खेल कैसे खेल रहा है? (2)

    अथवा

    राह कुर्बानियों की न वीरान हो
    तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
    फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
    ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
    बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों
    अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।

    (क) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)

    (ख) ज़िंदगी के मौत से गले मिलने का क्या तात्पर्य है? (1)

    (ग) 'बाँध लो अपने सर कफ़न' कहकर कवि क्या संकेत देना चाहता है? (2)

    (घ) आशय स्पष्ट कीजिए – (2)

          राह कुर्बानियों की न वीरान हो।  

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  • Question 11

    किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)

    (क) कबीर के विचार से निदंक को निकट रखने के क्या-क्या लाभ हैं?

    (ख) मीराबाई ने कृष्ण की चाकरी की अभिलाषा क्यों व्यक्त की है?

    (ग) कपंनी बाग में रखी तोप की क्या विशेषता है? वह कब और क्यों चमकाई जाती है?

    (घ) 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में दीपक से क्या-क्या आग्रह किए गए हैं?

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  • Question 12

    (क) मनुष्यता कविता का मूल संदेश स्पष्ट कीजिए? (3)

    (ख) 'आत्मत्राण' कविता में कवि ने करूणामय से क्या-क्या प्रार्थना की है? (2)

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  • Question 13

    निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

    मगर टाइम टेबिल बना लेना एक बात है, उसपर अमल करना दूसरी बात। पहले ही दिन उसकी अवहेलना शुरू हो जाती है। मैदान की वह सुखद हरियाली, हवा के हल्के-हल्के झोंके, फुटबॉल की वह उछल-कूद, कबड्डी के वे दाँव-घात, वालीबॉल की वह तेज़ी और फुरती, मुझे अज्ञात और अनिवार्य रूप से खींच ले जाती और वहाँ जाते ही मैं सब कुछ भूल जाता। वह जानलेवा टाइम-टेबिल, वह आँख फोड़ पुस्तकें किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फ़जीहत का अवसर मिल जाता। मैं उनके साये से भागता, उनकी आँखों से दूर रहने की चेष्टा करता, कमरे में इस तरह दबे पाँव आता कि उन्हें खबर न हो। उनकी नज़र मेरी और उठी और मेरे प्राण निकले। हमेशा सिर पर एक नंगी तलवार-सी लटकती मालूम होती। फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुड़कियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।

    (क) टाइम-टेबिल पर अमल नहीं होने के क्या कारण थे? (1)

    (ख) लेखक भाई साहब की आँखों से दूर रहने का प्रयास क्यों करता था? (2)

    (ग) मौत और विपत्ति के बीच क्या तात्पर्य है? ऐसी स्थिति में भी लेखक क्या करना पंसद करता था? (2)

    (घ) भाई साहब को नसीहत का अवसर कब मिल जाता था? (1)

    अथवा

    सदियों पूर्व, जब लिटिल अंडमान और कार-निकोबार आपस में जुड़े हुए थे तब वहाँ एक सुंदर-सा गँव था। पास में एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। उसका नाम था तताँरा। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँव वालों को ही नहीं, अपितु समूचे द्वीप वासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किन्तु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।

    (क) सभी लोग तताँरा का आदर क्यों करते थे? (2)

    (ख) तताँरा की पोशाक की क्या विशेषता थी? (1)

    (ग) तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी। इसका कारण स्पष्ट कीजिए। (2)

    (घ) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए। (1)

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  • Question 14

    निम्नलिखित में से किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)

    (क) बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

    (ख) कलकत्ता वासियों के लिए 26 जनवरी, 1931 का दिन क्यों महत्वपूर्ण था?

    (ग) तताँरा और वामीरों के गाँव की क्या रीति थी?

    (घ) फिल्म निर्माता के रूप में शैलेन्द्र की क्या विशेषताएँ थी?

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  • Question 15

    (क) 'गिरगिट' कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों की ओर संकेत किया गया है? (3)

    (ख) प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ? 'अब कहाँ दूसरे के दुख में दुखी होने वाले' पाठ के आधार पर लिखिए। (2)

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  • Question 16

    निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर पाठ्य पुस्तक संचयन के आधार पर लिखिए – 4

    (क) ठाकुरबाड़ी में हरिहर काका की सेवा के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई?

    (ख) इफ़्फ़न की दादी को अपना घर क्यों याद आया?

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  • Question 17

    किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)

    (क) हरिहर काका के प्रति लेखक की आसकित के क्या कारण थे?

    (ख) भाइयों की किन बातों से हरिहर काका का दिल पसीज गया और व ठाकुरबाड़ी से घर लौट आए?

    (ग) तालाब में तैरने का आनंद लेखक कैसे लेता था? 'सपनों के-से दिन' के आधार पर लिखिए।

    (घ) टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?

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