These NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant & Bal Ram Katha Class 6 Questions and Answers Summary Chapter 9 राम और सुग्रीव are prepared by our highly skilled subject experts. Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter
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प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न
11. Bal Ram Katha Class 6 Chapter 9 Summary राम और लक्ष्मण सुग्रीव से मिलने ऋष्यमूक पर्वत की ओर चल पड़े। सुग्रीव ऋष्यमूक में निर्वासित होकर दिन बिता रहा था। सुग्रीव किष्किंधा के वानरराज के छोटे पुत्र थे। पिता के न रहने पर बाली राजा बना। पहले बाली और सुग्रीव में बहुत प्यार था, परन्तु बाद में किसी बात को लेकर मन-मुटाव हो गया। बाली के डर के कारण ही सुग्रीव यहाँ रहने लगा था। एक दिन सुग्रीव ने राम-लक्ष्मण को ऋष्यमूक पर्वत की ओर आते देखा तो उसको लगा कि ये बाली के दूत हैं। हमें इस स्थान को छोड़ देना चाहिए। सुग्रीव के प्रमुख साथी हनुमान ने कहा कि मैं पता लगाता हूँ कि ये कौन हैं? हनुमान वेश बदलकर गए और उन्होंने पाया कि ये राम हैं जो सुग्रीव से मित्रता करना चाहते हैं। सुग्रीव से मिलवाने के लिए हनुमान राम और लक्ष्मण को कंधे पर बैठाकर ऋष्यमूक पर्वत पहुँच गए। अग्नि को साक्षी मानकर दोनों ने मित्रता निभाने की कसम खाई। राम ने सुग्रीव से कहा कि तुम बाली को युद्ध के लिए ललकारो। मैं तुम्हारी सहायता करूँगा। सुग्रीव के ललकारने पर दोनों भाइयों का युद्ध हुआ, परन्तु दोनों भाइयों को दूर से पहचानना मुश्किल था। सुग्रीव बाली से बुरी तरह पिटकर आए और राम पर कुपित होने लगे। राम ने कहा-“मित्र! आप पुनः बाली को युद्ध के लिए ललकारो। अबकी बार मुझसे भूल नहीं होगी। सुग्रीव ने बाली को एक बार फिर ललकारा। दोनों भाइयों का युद्ध हुआ। जैसे ही बाली ने सुग्रीव की ओर घूसा उठाया, राम ने उस पर बाण चला दिया। बाली की मृत्यु के बाद सुग्रीव का राज्याभिषेक किया गया तथा अंगद को युवराज बनाया गया। राम किष्किंधा से लौट आए। वर्षा के कारण आगे जाना कठिन था। सुग्रीव राजभवन में जाकर रंग-रलियों में लीन हो गए। लगता था कि सुग्रीव अपना वचन भूल गए हैं। राम सुग्रीव के इस व्यवहार से क्षुब्ध थे। राम के कहने से लक्ष्मण सुग्रीव को समझाने किष्किंधा की ओर चले। लक्ष्मण ने वहाँ पहुँचकर धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और डोरी को खींचा। धनुष की टँकार से सुग्रीव काँप गया और उसको अपना वचन याद आ गया। राम के पास जाने से पूर्व सुग्रीव ने हनुमान को वानर सेना एकत्र करने का निर्देश दिया। राम और सुग्रीव बात कर ही रहे थे कि वानर सेना भी वहाँ पहुँच गई। सीता की खोज के लिए चार दल बनाए गए। अंगद को दक्षिण दिशा की ओर जाने वाले दल का नेता बनाया गया। उस दल में हुनमान, नल और नील भी थे। राम और सुग्रीव की जय-जयकार करते हुए वानर निर्धारित दिशाओं की ओर चल पड़े। राम ने हनुमान को अपने पास बुलाकर एक अंगूठी देते हुए कहा कि जब तुम्हारी भेंट सीता से हो तो तुम यह अँगूठी उसे दे देना। सीता पहचान जाएगी कि तुम मेरे दूत हो। दक्षिण दिशा की ओर जाने वाली टोली समुद्र के किनारे पहुँच गई। समुद्र को देखकर सभी चिंता में पड़ गए कि अब आगे कैसे जाया जाए। तभी उनको संपाति मिला जिसने बताया कि सीता लंका में है। समुद्र पार करना कोई आसान काम न था। तभी उनमें सबसे बुद्धिमान जामवंत ने सुझाव दिया कि हनुमान यह कार्य कर सकते हैं। जामवंत ने हनुमान की सोई हुई शक्ति को जगा दिया। हनुमान लंका जाने को तैयार हो गए। राम और लक्ष्मण का अगला पड़ाव कौन सा पर्वत था?सीधा ऋष्यमूक पर्वत आकर रुका। राम, लक्ष्मण और हनुमान भी लौट आए ।
वानरों की सेना कहाँ से चली?सुग्रीव ने बाली को मारा, वानरों की सेना लंका की ओर चली,रसूलिया में कैकई ने राजा दशरथ से मांगा भरत का राज्य अभिषेक
राम लक्ष्मण को देखकर सुग्रीव को क्यों भय हुआ *?उत्तर: सुग्रीव की राजगद्दी उसके बड़े भाई, बाली, ने छीन ली थी।
राम और लक्ष्मण ऋषि मुख पर्वत के शिखर पर कैसे पहुंचे?राम और लक्ष्मण ऋष्यमूक पर्वत पर हनुमान जी की सहायता से पहुंचे थे। हनुमान जी उन्हें अपने कंधों पर बिठाकर ऋष्यमूक पर्वत के शिखर पर ले कर गए। ऋष्यमूरक पर्वत पर वानर राज सुग्रीव रहते थे, जिन्हें उनके भाई बाली ने राज्य से निकाल दिया था। वह अपने भाई बाली जान की रक्षा के लिए ऋष्यमूक पर्वत पर रहते थे।
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