मानव और पशु में क्या अंतर है? - maanav aur pashu mein kya antar hai?

पशु और मनुष्य के बीच अनेक भिन्नताएं हैं

पशु और मनुष्य के बीच अनेक भिन्नताएं हैं। इन भिन्नताओं में एक भिन्नता महत्वपूर्ण है कि मनुष्य को अपने पुण्यकर्मो और स्व-श्रम से विद्या, धन व शक्ति जिस रूप में प्राप्त हो जाती है वैसी प्राप्ति पशुओं को कभी नहीं होती।

पशु और मनुष्य के बीच अनेक भिन्नताएं हैं। इन भिन्नताओं में एक भिन्नता महत्वपूर्ण है कि मनुष्य को अपने पुण्यकर्मो और स्व-श्रम से विद्या, धन व शक्ति जिस रूप में प्राप्त हो जाती है वैसी प्राप्ति पशुओं को कभी नहीं होती। मनुष्य सामान्यत: इन प्राप्तियों से लोक जीवन में सुख पाने के लिए इनका प्रयोग एक विशेष साधन के रूप में करता है और यह भूल जाता है कि इन प्राप्तियों में यदि उसका श्रम इसके मूल में है तो ईश्वर कृपा भी इसके आधार में है, अन्यथा सभी अपनी-अपनी इच्छानुसार विद्या, धन व शक्ति पा लेते, किंतु ऐसा होता नहीं है। इसलिए यह कहा जाता है कि जिस पर भी ईश्वर कृपा होती है वही विद्या, धन व शक्ति सहज में ही पा लेने का अधिकारी बन जाता है। बुरे कर्मो से हमें नर्क और सुकर्मो से स्वर्ग, भक्ति व ज्ञान की प्राप्ति के साथ ही ईश्वर की प्राप्ति भी होती है। तब हम शाश्वत आनंद की प्राप्ति के अधिकारी बन जाते हैं। यही मनुष्य जीवन का परम लाभ व लक्ष्य भी है।

इसलिए हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि संसार में प्राप्त होने वाली जिन उपलब्धियों पर हम इतराते हैं उनका यदि हमने अपने पारलौकिक जीवन को संवारने के लिए साधन के रूप में प्रयोग नहीं किया तो उनसे विकृति का ही जीवन मिलेगा। जो लोग विद्या, धन और शक्ति से संपन्न होकर विकृति का जीवन जीते हैं वे विद्या से अहंकारी बन जाते हैं और अपने से वरिष्ठ लोगों और विद्वानों का अपमान करने लगते हैं। धन के घमंड में चूर होकर भोगों में लिप्त हो जाते हैं और प्रभु कृपा से इन्हें जो शक्ति मिली हुई है उससे ऐसे लोग दूसरों का उत्पीड़न करने लगते हैं। जीवन में प्राप्त श्रेष्ठ साधनों का ऐसा प्रयोग विकृति का प्रयोग है, जो हमारे पतन का कारण बनता है। सज्जन व्यक्ति अपनी विद्या से ज्ञान प्राप्ति की ओर बढ़ते हैं। वे यह निश्चय कर लेते हैं कि परम ज्ञान का आधार हमारी विद्या ही है। इसलिए न तो वे विद्या प्राप्ति के संदर्भ में अहंकार करते हैं और न ही किसी का अपमान करते हैं।

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विषयसूची

  • 1 मनुष्य और जानवरों के बीच क्या अंतर है?
  • 2 प्रश्न 01 जानवर है फर्क करना नहीं जानते कहकर जानवर और मनुष्य में क्या अन्तर बताया गया है अंक 04?
  • 3 पक्षी और मानव में क्या अंतर है?
  • 4 मनुष्य और पुस्तक में क्या अंतर है?
  • 5 4 पशु प्रवृत्ति क्या है क्या यह मनुष्य द्वारा अपनाने योग्य है?
  • 6 जानवर है फर्क करना नहीं जानते कह कर जानवर और मनुष्य में क्या अंतर बताया गया है?

मनुष्य और जानवरों के बीच क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंपशु कई प्रजातियों को कवर कर सकते हैं जबकि मनुष्य होमो सेपियंस से संबंधित हैं। अधिकांश जानवर क्रॉल पर सभी चार पैरों पर चलते हैं जबकि मनुष्य बिप्ड होते हैं। पशु या तो हर्बीवायरस या मांसाहारी होते हैं और अपने आहार में चिपके रहते हैं जबकि मनुष्य सर्वव्यापी होते हैं। मनुष्य मनुष्य की तरह संवाद करने में असमर्थ हैं।

मनुष्य और पशु में क्या अंतर है Class 10?

इसे सुनेंरोकेंमनुष्य भोजन करते हैं और पशु भी घास आदि चारा खाकर अपना पेट भरते हैं। इसी प्रकार पशु भी श्रम करते और निद्रा लेते है। मनुष्य गृहस्थी बन कर सन्तानों को जन्म देते हैं और पशु व पक्षी आदि मनुष्येतर योनियों में भी सन्तानोत्पत्ति की प्रक्रिया होती है। इन सब बातों में मनुष्य और पशु लगभग समान हैं।

प्रश्न 01 जानवर है फर्क करना नहीं जानते कहकर जानवर और मनुष्य में क्या अन्तर बताया गया है अंक 04?

इसे सुनेंरोकेंमनुष्य कृतघ्न हो जाते हैं, जानवर कभी कृतघ्न नहीं होता है । मनुष्य मनुष्य की तरह संवाद करने में असमर्थ हैं। पशु अपने पर्यावरण पर मानव प्रभाव के कारण लुप्तप्राय हैं। जबकि पशु अपने पर्यावरण में बस जीवित रहते हैं, मनुष्यों ने अपने पर्यावरण को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी और विज्ञान विकसित किया है।

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इसे सुनेंरोकेंपशु कई प्रजातियों को कवर कर सकते हैं जबकि मनुष्य होमो सेपियंस से संबंधित हैं। अधिकांश जानवर क्रॉल पर सभी चार पैरों पर चलते हैं जबकि मनुष्य बिप्ड होते हैं। पशु या तो हर्बीवायरस या मांसाहारी होते हैं और अपने आहार में चिपके रहते हैं जबकि मनुष्य सर्वव्यापी होते हैं।

जानवर है फर्क करना नहीं जानते कहकर जानवर और मनुष्य में क्या अन्तर बताया गया है?

इसे सुनेंरोकेंमनुष्य और जानवर में सबसे पहले अंतर यह है कि मनुष्य के पास जो बुद्धि है जो दिमाग है तो सोचने की शक्ति है और जानवरों की जानवरों के पास नहीं होती है और यही कारण है कि मनुष्य कोई ना कोई अनुचित प्रकार करते रहता है मनुष्य की सोचने की शक्ति अगर सही तरीके में काम करें तो वह अच्छा काम करता है लेकिन वही शक्ति अगर बिट्टू तरीके .

पक्षी और मानव में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंपक्षी सुबह होने पर चहचहाने लगते हैं और खुले आसमान में उड़ते हैं जबकि मनुष्य सुबह उठ जल्दी-जल्दी अपने विद्यालय ऑफिस भागने की तैयारी करते हैं। पक्षी अपने लिए दाना ढूंढते समय बाकी लोगों का चहचहाकर कर मनोरंजन करते हैं जबकि मनुष्य अपने काम के समय किसी दूसरे पर ध्यान ही नहीं देते।

मनुष्य में पशुओं से भिन्नता दर्शाने वाली कौन सी बाते है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. पशु और मनुष्य के बीच अनेक भिन्नताएं हैं। इन भिन्नताओं में एक भिन्नता महत्वपूर्ण है कि मनुष्य को अपने पुण्यकर्मो और स्व-श्रम से विद्या, धन व शक्ति जिस रूप में प्राप्त हो जाती है वैसी प्राप्ति पशुओं को कभी नहीं होती।

मनुष्य और पुस्तक में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर 1. मनुष्य को मनुष्य पुस्तक बनाया है। उत्तर 2. संसार के सम्पूर्ण ज्ञान का भण्डार पुस्तक में विद्यमान है।

पशु पक्षी और मानव गुणों में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंपशु – पक्षियों को मानव की तुलना में कुछ विशिष्ट प्राकृतिक गुण प्राप्त हुए हैं। पक्षी मुक्त आकाश में उड़ सकते हैं। मानव तथा पशु उड़ नहीं सकते। मानव बोल सकते हैं लेकिन पशु – पक्षी बोल नहीं सकते।

4 पशु प्रवृत्ति क्या है क्या यह मनुष्य द्वारा अपनाने योग्य है?

इसे सुनेंरोकेंपशु-प्रवृत्ति से कवि का तात्पर्य है कि वह मनुष्य पशु के समान है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए सोचता है। केवल अपने लिए जीने वाले मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं है। ऐसे व्यक्ति को मरने के बाद भी कोई याद नहीं करता है इसलिए मनुष्य के अंदर पशु प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए उसे परोपकारी होना चाहिए।

मनुष्य और पशु में क्या अंतर है Class 10 Manushyata?

इसे सुनेंरोकेंAnswer:कवि के अनुसार ऐसे मनुष्यों एवं पशुओं में कोई अंतर नहीं होता है, क्योंकि पशु भी दूसरों के बारे में सोचे बिना केवल अपने हित के बारे में सोचते हैं और वैसे ही जीवन-यापन करते हैं। उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती। तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती। वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।

जानवर है फर्क करना नहीं जानते कह कर जानवर और मनुष्य में क्या अंतर बताया गया है?

पशु और मानव में क्या अंतर है?

पशु बोल नहीं सकता पर किसी न किसी माध्यम से अपनी सांकेतिक भाषा मानव तक अवश्य पहुँचाता है। वहीं उसके पास विचार अनुभव करने की क्षमता व प्रजनन क्रिया व परिवार को चलाने की क्षमता मनुष्य जैसी होती है। मानव बोलकर स्वयं को सुरक्षित करने हेतु कुछ कर सकता है। पशु नहीं।

मनुष्य और पशु में क्या अंतर है Class 10?

Answer: कवि के अनुसार ऐसे मनुष्यों एवं पशुओं में कोई अंतर नहीं होता है, क्योंकि पशु भी दूसरों के बारे में सोचे बिना केवल अपने हित के बारे में सोचते हैं और वैसे ही जीवन-यापन करते हैं। उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती। तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।

मानव और मनुष्य में क्या अंतर है?

✎... मनुष्य और मानव में यह अंतर है कि मनुष्य मनुष्य शब्द ऐसी प्रजाति को प्रकट करता है, जो दो पैरों पर चलती है, जिसमें बुद्धि है और जो संसार की अन्य जैविक प्रजातियों जैसे, पशु-पक्षी, जलचर, कीट, सरीसृप आदि से अलग है, जबकि मानव होना मनुष्य का एक विशिष्ट गुण है।

समाज क्या है मानव तथा पशु समाज में अंतर बताइए?

इसका तात्पर्य है कि मानव समाज में प्रतीकात्मक संचार की विशेषता पायी जाती है जबकि पशुओं को पूरी तरह अपने निजी और प्रत्यक्ष अनुभवों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। (3) सामाजिक सीख में अन्तर-मनुष्य के व्यवहारों को यदि सामाजिक सीख के आधार पर देखा जाय, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि ये पशुओं से कितने भिन्न हैं।