मकर संक्रांति कब और क्यों मनाई जाती है? - makar sankraanti kab aur kyon manaee jaatee hai?

मकर संक्रांति क्यूँ मनाया जाता है? सनातन मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं। वहीं एक दूसरी मान्यता के अनुसार, शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन ही भगवान विष्णु के अंगूठे से निकली देवी गंगाजी भागीरथ के पीछे.पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं और भगीरथ के पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान हुआ था।

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ये तो हम सभी जानते ही हैं की भारत एक धर्म प्रधान देश हैं. भारतीय कैलेण्डर त्यौहारों की लिस्ट से भरा हुआ होता हैं क्योंकि भारत में कई त्यौहार हर्ष उल्लाश से मनाए जाते हैं. उन्ही प्रसिद्ध भारतीय त्यौहारों में से एक ‘मकर संक्रांति‘ भी हैं. हम सभी लोग मकर संक्रांति को बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं की ‘मकर सक्रांति क्यों मनाई जाती हैं’? अगर नहीं, तो आज के इस पोस्ट में हम आपको मकर संक्रांति को मनाने का कारण विस्तृत रूप से बताएंगे.

भारत में अलग अलग धर्मों के साथ उनकी विभिन्न मान्यताएं भी मौजूद है. लेकिन सभी धर्मों के लोग सभी त्यौहारो को मिल-जुलकर और बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते हैं. यही तो हमारे देश की खूबसूरती हैं, जो की हमें औरों से अलग करता है. कहा भी गया हैं की ‘अनेकता में एकता, भारत की विशेषता‘.

जहाँ एक तरफ मकर संक्रांति के दिन छोटे गाँवो में बच्चे सड़को पर इधर से उधर अपनी पतंग को पकड़ने के लिए दौड़ते हैं तो वही शहरों में आसमान पतंगों की भीड़ से रंग बिरंगा दिखाई देता हैं. मकर संक्रांति की सबसे अधिक मान्यता गुजरात में हैं लेकिन लगभग सभी प्रदेशो में इस त्यौहार को हर्ष के साथ मनाया जाता हैं. तो फिर चलिए इस पावन पर्व मकर संक्रांति क्यों मनाते है के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करते हैं.

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मकर संक्रांति क्या है – What is Makar Sankranti in Hindi

मकर संक्रांति त्यौहार के अलग अलग नाम क्या हैं ?

मकर संक्रांति और कुम्भ मेला का क्या सम्बन्ध है?

मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति कब मनाई जाती हैं?

मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती हैं?

मकर संक्रांति किन देशों में मनाई जाती हैं?

मकर संक्रांति के दिन किन चीज़ों का सेवन किया जाता है ?

मकर संक्रांति के दिन दान करना क्यूँ शुभ माना जाता है ?

मकर संक्रांति में किनकी पूजा की जाती है ?

मकर संक्रांति क्या है – What is Makar Sankranti in Hindi

मकर संक्रांति एक ऐसा हिन्दू त्यौहार है जो की पूरी तरह से सूर्य देव को समर्पित है. भारत में शुरुआत से ही प्रकृति को देवों का स्थान दिया गया है और मकर संक्रांति का त्यौहार भी सूर्य देव को समर्पित माना जाता हैं. यह त्यौहार अलग अलग राज्यो में अलग अलग तरीके से मनाया जाता हैं.

मकर संक्रांति कब और क्यों मनाई जाती है? - makar sankraanti kab aur kyon manaee jaatee hai?
मकर संक्रांति कब और क्यों मनाई जाती है? - makar sankraanti kab aur kyon manaee jaatee hai?

कही पर घर के पुराने सामानों को बेचकर उनकी जगह नए सामान खरीदे जाते हैं तो कही पर बच्चे अपने माता पिता से इस दिन Pocket Money (हाथ खर्च) प्राप्त करते हैं. लेकिन है जगह इस त्यौहार के दिन खुशनुमा माहौल रहता हैं. यहाँ से आप धनतेरस क्यों मनाया जाता है पढ़ सकते है।

मकर संक्रांति त्यौहार के अलग अलग नाम क्या हैं ?

मकर संक्रांति एक शुद्ध हिंदी नाम हैं इसलिए हो सकता हैं की कुछ लोगो के लिए नया हो. गुजरात में मकर संक्रांति को लोग उत्तरायण के नाम से जानते हैं तो राजस्थान, बिहार और झारखंड में इसे सकरात कहा जाता हैं. लेकिन एक बात सब जगह समान हैं और वह हैं गुड़ और टिल के बने लड्डू. मकर संक्रांति को अलग अलग प्रदेशो में अलग अलग तरीके से मनाया जाता हैं लेकिन बात पतंगों उड़ाने की हो तो सभी प्रदेश इसमें आगे हैं.

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मकर संक्रांति के दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं. कुछ लोग अपने घरों में हो तुलसी के पौधे के माध्यम से सूर्यदेव की पूजा करते हैं तो कुछ तालाब, झील व नदियों को पूजा के लिए शुभ मानते हैं. मकर संक्रांति के दिन घरों में रंग बिरंगा डेकोरेशन किया जाता हैं.

मकर संक्रांति और कुम्भ मेला का क्या सम्बन्ध है?

मकर संक्रांति के समय में हर 12 साल में एक बार महान कुम्भ का मेला आयोजित होता है जिसमे 5 से 10 करोड़ लोग शामिल होते हैं. सभी लोग प्रयाग में गंगा और यमुना नदी के संगम पर सूर्य देव की पूजा करते हैं.

यह परम्परा आदि शंकराचार्य ने स्थापित की थी. 10 करोड़ तक लोगो के शामिल होने के कारण यह महाकुंभ का मेला पूरी दुनिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल इवेंट भी माना जाता हैं. इस कार्यक्रम में हिमालय पर घोर तपस्या करने वाले साधुओं से लेकर हजारो विदेशी यात्री तक शामिल होते हैं.

मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है

अलग अलग धर्मो की विभिन्नय मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति मनाने के कई कारण है. लेकिन मकर संक्रांति मुख्य रूप से सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में जाने के शुभ मौके मनाया जाता हैं.

भारतीय शास्त्रों में कहा गया हैं की जब सूर्य दक्षिणायन में रहता है तब देवताओं की रात्रि होती है अर्थात यह समय नकारात्मकता का प्रतीक होता है और वहीं दूसरी तरफ जब सूर्य उत्तरायण में रहता है तो यह देवताओं का दिन होता है और यह समय को बहुत ही शुभ माना जाता हैं.

दरअसल भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और मकर संक्रांति से पहले सूर्य भारत के हिसाब से दक्षिण गोलार्ध में रहता है और मकर सक्रांति के समय पर वह उत्तरी गोलार्ध में आना शुरू कर देता हैं. जिसका मतलब होता है की भारतीय सभ्यता के अनुसार इस दिन से उत्तरायण का समय शुरू हो जाता है.

यह भी माना जाता हैं की मकर संक्रांति के दिन से सर्दी समाप्त होना शुरू हो जाती हैं और दिन बड़े व रातें छोटी होना शुरू हो जाती हैं. यूँ कहे तो गर्मी की शुरुवात होने लगती है.

मकर संक्रांति का महत्व

शायद आपने गौर न किया हो लेकिन अधिकतर त्यौहारों में हम कुछ ऐसे काम करते हैं जैसे कि पर्यावरण को काफी हानि होती है लेकिन मकर संक्रांति की गिनती उन त्योहारों में होती है जिससे की पर्यावरण को काफी कम हानि पहुँचती हैं. वहीँ वैज्ञानिक दृष्टि से मकर सक्रांति (Makar Sankranti in Hindi) अपना एक अलग ही महत्व रखती है.

मकर सक्रांति के दिन से सर्दियां खत्म होना शुरु कर देती है और भारतीय नदियों में से वाष्पन क्रिया शुरू हो जाती है क्योंकि मकर संक्रांति से सूर्य भारत की तरफ बढ़ना शुरू करता है. वैज्ञानिकों के अनुसार नदियों से निकलने वाली वाष्प कई रोगों को दूर करती है अतः मकर सक्रांति के दिन नदियों में नहाना भारतीय सभ्यता के अनुसार शुभ और वैज्ञानिको के अनुसार शरीर के लिए लाभकारी माना जाता हैं.

वहीँ खान पान की बात करें तब मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी और तिल की मिठाईया खाई जाती हैं जो की वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर के लिए बहुत लाभकारी होती हैं.

शास्त्रों के अनुसार सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में जाना शुभ होता है और वही विज्ञान के अनुसार यह मानव शरीर के लाभकारी होती हैं. क्योंकि उत्तरायण में अर्थात गर्मी के दिनों में कार्य करने की क्षमता में वृधि होती हैं.

मकर संक्रांति कब मनाई जाती हैं?

मकर संक्रांति के त्यौहार को प्रतिवर्ष जनवरी के महीने में मनाया जाता है. वैसे तो मुख्यतः मकर सक्रांति को 14 जनवरी को ही मनाया जाता हैं लेकिन कुछ बार में इसे 15 जनवरी और 13 जनवरी को भी मनाया गया हैं. साल 2022 में भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी.

वही अगर भारतीय सभ्यता की बात की जाए तो जिस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की तरफ जाता हैं उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती हैं. कुछ राज्यो में इस त्यौहार को देवताओं के नींद से उठने के अवसर की खुशी मनाया जाता हैं.

मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती हैं?

मकर संक्रांति की गिनती उन त्योहारों में की जाती है जिन्हें पूरे देश में एक साथ मनाया जाता हैं. लेकिन इस बात को मनाने का तरीके हर जगह एक जैसे नहीं हैं. मकर संक्रांति की विभिन्न स्थानों में विभिन्न मान्यताओं के साथ अलग अलग तरह से मनाया जाता हैं. चलिए अब जानते हैं की मकर संक्रांति को कहाँ पर कैसे मनाई जाती है .

पंजाब और हरयाणा में मकर संक्रांति को लोहड़ी के रूप में मनाया जाता हैं और इस दिन वहा पर तिल, चावल और गुड़ के साथ भुने मक्के की अग्नि में आहुति देने की प्रथा हैं.

वहीँ उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को दान के पर्व के रूप में मनाया जाता हैं और लोग इस दिन अधिक से अधिक दान देने की कोशिश करते हैं.

बंगाल की बात करें तब मकर संक्रांति के दिन तिल दान करने की प्रथा प्रचलित हैं. इसके अलावा बंगाल में इस दिन बड़े मेले का आयोजन भी होता हैं.

बिहार में इस त्यौहार को खिचड़ी का त्यौहार माना जाता हैं. बिहार में इस दिन खिचड़ी बनाने की और वस्त्र दान करने की प्रथा हैं.

राजस्थान में यह त्यौहार साँस और बहु के रिश्ते को मजबूत करने के लिए जाना जाता हैं. इस दिन बहुएं अपनी सास को वस्त्र और चूड़ियां भेंट करती हैं और उनसे आशीर्वाद लेती हैं.

तमिलनाडु में इस त्यौहार को पोंगल के नाम से जाना जाता हैं और इसे चार दिन तक मनाया जाता हैं.

महाराष्ट्र में इस दिन हलवा मनाने और दान देने की प्रथा हैं. सबसे अधिक हर्षोल्लास से इसे गुजरात में मनाया जाता हैं. गुजरात में इस दिन आसमान पतंगों से भरा हुआ हैं. गुजरात में पतंग उड़ाने की प्रथा सबसे ज्यादा हैं. मकर संक्रांति के दिन गुजरात में विभिन्न तरह की छोटी-बड़ी पतंगे उड़ाई जाती हैं. गुजरात में इस दिन पतंग उड़ाने के अलावा दान देने और तिल की मिठाईया भी खाई जाती हैं.

मकर संक्रांति किन देशों में मनाई जाती हैं?

मकर संक्रांति एक भारतीय त्यौहार है और इसे मुख्य रूप से भारत में ही मनाया जाता हैं. लेकिन पुरे विश्व में इसे भारत के अलावा भी कुछ देशों में मनाया जाता हैं.

बांग्लादेश में मकर संक्रांति के दिन गंगा के घाटों पर मेलों का आयोजन किया था और वहां पर धूमधाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है.

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका और नेपाल में इस त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व है. श्रीलंका और नेपाल में इस त्योहार पर किसान भगवान को अपनी अच्छी फसलों के लिए धन्यवाद देते हैं और उनके भविष्य के लिये कामना करते हैं.

पाकिस्तान में मकर संक्रांति के त्योहार को तिरमुरी के नाम से जाना जाता हैं. वहा पर इस दिन सिंधी लोग अपने माता-पिता को कपड़े और मिठाईया भेजते हैं.

मकर संक्रांति के दिन किन चीज़ों का सेवन किया जाता है ?

मकर संक्रांति के दिन पूरे देश में तिल और गुड़ से बनी हुई मिठाईया खायी जाती हैं, चाहे वह तिल के लड्डू या या तिल के साथ मिलाकर बनी हुई दाल, चावल और घी की खिचड़ी.

मकर संक्रांति के दिन दान करना क्यूँ शुभ माना जाता है ?

इस त्यौहार के बारे में यह भी कहा जाता हैं की इस दिन दान करने से 100 गुना ज्यादा प्राप्त होता है. इस कारण लोग इन दिन गरीबो और जरूरतमन्दों को उपयोगी सामग्री और पैसों का दान करते हैं.

मकर संक्रांति में किनकी पूजा की जाती है ?

मकर संक्रांति में सूर्य देव की पूजा की जाती है.

आज आपने क्या सीखा ?

चूँकि हम एक धर्म प्रधान देश में रहते हैं. इसलिए भारत में आये दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है ऐसे में सभी त्यौहारों की पूरी जानकारी न होना एक सामान्य बात हैं. उम्मीद है की आपको आज का ये article मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती हैं पसंद आई हो.

काफी सारे लोग इस पोस्ट को पढ़ने से पहले यह नहीं जानते होंगे की ‘मकर संक्रांति क्या है और मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है‘. लेकिन अब आप इस बारे में जानते हैं. हमने इस पोस्ट में मकर संक्रांति विषयी माहिती के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने की कोशिश की हैं लेकिन अगर आपको अभी भी कोई सवाल हैं तो आप हमे Comment के माध्यम अपना सवाल बता सकते हैं.

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. यदि आपको यह post मकर संक्रांति का महत्व पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये.

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Prabhanjan Sahoo

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नमस्कार दोस्तों, मैं Prabhanjan, HindiMe(हिन्दीमे) का Technical Author & Co-Founder हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ. मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है. मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह हमारा सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे. :) #We HindiMe Team Support DIGITAL INDIA

मकर संक्रांति किसकी याद में मनाया जाता है?

हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति। आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्‍कर उत्‍तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है

मकर संक्रांति के दिन किसकी पूजा की जाती है?

मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है। शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि माघ मास में नित्य तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने वाला पाप मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। अगर पूरे महीने तिल से नारायण की पूजा नहीं कर पाते हैं तो मकर संक्रांति के दिन नारायण की तिल से पूजा करनी चाहिए।

मकर संक्रांति मनाने की वजह क्या है?

आचार्य डा. सुशांत राज के मुताबिक मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा फलदायी होती है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह दिन बड़ा पावन माना जाता है क्योंकि इस दिन से खरमास का अंत होता है, जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।

मकर संक्रांति का इतिहास क्या है?

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। चूँकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। । मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।