मुंह में फंगल इन्फेक्शन होना कष्टकारी हो सकता है, क्योंकि मुंह के जरिए हम किसी भी चीज का सेवन करते हैं। ऐसे में जब मुंह में इंफेक्शन हो जाए तो खाने पीने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इसे बढ़ने से पहले इससे बचाव करना आवश्यक है। तभी तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ओरल थ्रश क्या है व ओरल थ्रश के कारण से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी लेकर आए हैं। इसके साथ ही यहां हम ओरल थ्रश ट्रीटमेंट के बारे में भी जानेंगे। Show
पढ़ना शुरू करें ओरल थ्रश इन हिंदी में सबसे पहले जानेंगे मुंह में फंगल इन्फेक्शन क्या है। विषय सूची
मुंह में फंगल इन्फेक्शन क्या होता है?ओरल थ्रश मुंह में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है, जिसे ओरल कैंडिडिआसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसके कारण मुंह के अंदर घाव व खाना निगलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। यह संक्रमण कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है। आमतौर पर यह फंगस बहुत कम मात्रा में मुंह, पाचन तंत्र और त्वचा पर मौजूद रहता है, जिसे अन्य जीवाणु नियंत्रित करते हैं। कई दफा किसी बीमारी या दवाओं के चलते इनका संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे यह संक्रमण बढ़ सकता है और मुंह में फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकता है (1)। आगे पढ़ें लेख के इस भाग में मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कारण पर एक नजर डाल लेते हैं। मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कारण – Causes of Oral Thrush In Hindiजैसा कि लेख में पहले ही बताया गया है कि मुंह में फंगल इंफेक्शन कैंडिडा फंगस के कारण हो सकता है। सामान्यतौर पर यह फंगस थोड़ी मात्रा में हमारे मुंह में हमेशा ही रहता है, लेकिन इसकी मात्रा में बढ़ोत्तरी ओरल थ्रश यानी मुंह के इंफेक्शन का कारण बन सकती है। कैंडिडा फंगस के बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे जानकारी दे रहे हैं (2):
पढ़ना जारी रखें ओरल थ्रश के कारण जानने के बाद अब बात करते हैं मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण की। मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण – Symptoms of Oral Thrush in Hindiमुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण कई हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1) (2) :
बने रहें हमारे साथ चलिए अब मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जान लेते हैं। यहां हम मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं, जिनकी मदद से इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। चलिए, जानते हैं कि घरेलू नुस्खों की मदद से ओरल थ्रश का इलाज कैसे किया जा सकता है। 1. सेब का सिरकासामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : मुह में फंगल इन्फेक्शन को कम करने के टिप्स में सेब के सिरके का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है। दरअसल, इससे संबंधित एक अध्ययन में सेब के सिरके को कैंडिडा फंगस के खिलाफ एंटीफंगल प्रभाव दिखाने में सक्षम पाया गया (3)। वहीं, बता दें कि मुंह में होने वाला इंफेक्शन कैंडिडा नामक फंगस के कारण होने वाला संक्रमण है (1)। यही वजह है कि मुह में फंगल इन्फेक्शन को कम करने के घरेलू उपाय में सेब के सिरके का इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है। 2. नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करनासामग्री :
उपयोग का तरीका :
नोट- तेल के गरारे करते समय तेल को निगलने की गलती न करें, क्योंकि तेल में बैक्टीरिया और हानिकारक विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं, जो शरीर में प्रवेश कर सेहत पर बुरा प्रभाव छोड़ सकते हैं। कैसे है फायदेमंद : ऑयल पुलिंग एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है, जिसका उपयोग मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए किया जाता है। इसमें विभिन्न खाद्य तेलों से गरारे किए जाते हैं, जिनमें नारियल तेल के इस्तेमाल का भी जिक्र मिलता है (4)। वहीं, यीस्ट फंगस को नष्ट करने के लिए नारियल तेल का एंटीफंगल गुण प्रभावकारी हो सकता है (5)। मुंह में होने वाले इंफेक्शन यानी ओरल थ्रश का कारण कैंडिडा फंगस को माना जाता है (1)। ऐसे में ओरल थ्रश से राहत पाने के लिए नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करना लाभकारी हो सकता है। 3. दहीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : मुंह में फंगल इंफेक्शन के लिए दही का उपयोग भी प्रभावी हो सकता है। एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र किया गया है कि दही में लैक्टोबैसिलस नामक गुड बैक्टीरिया पाये जाते हैं, जिसका एंटी फंगल प्रभाव कैंडिडा संक्रमण से राहत दिलवाने का काम कर सकता है (6)। बताते चलें कि ओरल थ्रश भी कैंडिडा नामक फंगस के कारण होने वाला एक फंगल इंफेक्शन ही है (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि दही का सेवन ओरल थ्रश के इलाज में मदद कर सकता है। 4. बेकिंग सोडासामग्री :
उपयोग का तरीका :
नोट- इस उपाय को करते समय इस बात का ध्यान रहे कि बेकिंग सोडा और पानी से तैयार मिश्रण को निगलना नहीं है। यह सेहत पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है। कैसे है फायदेमंद : बेकिंग सोडा, जिसे वैज्ञानिक भाषा में सोडियम बाइकार्बोनेट भी कहा जाता है। यह एंटी फंगल गुणों से समृद्ध होता है। ऐसे में यह मुंह में संक्रमण पैदा करने वाले फंगस को खत्म कर सकता है (7)। इस आधार पर माना जा सकता है कि बेकिंग सोडा का उपयोग ओरल थ्रश के इलाज में भी मदद कर सकता है। हालांकि, इस संबंध में अधिक शोध की आवश्यकता है। 5. एसेंशियल ऑयलसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद: ओरल थ्रश का कारण बनने वाले कैंडिडा फंगस को खत्म करने में कुछ तरह के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल प्रभावकारी हो सकता है। एक शोध में इसका जिक्र मिलता है कि एसेंशियल ऑयल में एंटी फंगल गुण होते हैं, जो कैंडिडा फंगस को नष्ट कर ओरल थ्रश से राहत दिला सकते हैं (8)। ध्यान रखें कि इस उपाय का इस्तेमाल सिर्फ बाहरी तौर पर ही करें। साथ ही इसके लिए हमेशा सुरक्षित माउथ जेल या क्रीम का ही इस्तेमाल करें। 6. लहसुनसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में लहसुन का यह नुस्खा भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, लहसुन में एलिसिन होता है, जो एंटी-फंगल और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है। ये दोनों प्रभाव मुंह में होने वाले फंगस से लड़कर संक्रमण से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं (9)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि लहसुन का सेवन ओरल थ्रश के घरेलू उपाय में शामिल किया जा सकता है। 7. नमक युक्त पानीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : लेख में ऊपर बताया जा चुका है कि कैंडिडा संक्रमण मुंह में फंगल इन्फेक्शन का मुख्य कारण है। वहीं, नमक पर हुए शोध में पता चला कि इसमें एंटीफंगल गुण मौजूद होता है । नमक का यह गुण कैंडिडा वायरस से निजात दिलाने के साथ ओरल थ्रश की परेशानी को कम करने में सहायक हो सकता है (10)। ऐसे में नमक का इस्तेमाल मुंह के फंगल इन्फेक्शन से छुटकारा दिलाने में घरेलू उपाय के तौर पर किया जा सकता है । 8. करौंदे का रस (क्रेनबेरी जूस)सामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, क्रैनबेरी जूस में एंटी-फंगल गुण पाया जाता है, जो मुंह में संक्रमण फैलाने वाले फंगस को दूर कर ओरल थ्रश की परेशानी से काफी हद तक राहत प्रदान कर सकता है (11)। इस आधार पर माना जा सकता है कि क्रैनबेरी जूस का सेवन ओरल थ्रश में भी सहायक हो सकता है। 9. नींबू का जूससामग्री :
उपयोग का तरीका : एक गिलास पानी में आधा चम्मच नींबू निचोड़ें। कैसे है फायदेमंद : ओरल थ्रश के घरेलू उपचार के तौर पर नींबू का रस भी गुणकारी हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में होती है। शोध में एचआईवी ग्रसित लोगों में ओरल कैंडिडिआसिस के इलाज के दौरान नींबू के रस का सेवन करने वाले लोगों में सुधार पाया गया (12)। इस आधार पर कह सकते हैं कि नींबू का रस ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में कारगर हो सकता है। 10. अंगूर के बीज का अर्कसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : मुंह में फंगल इन्फेकशन के इलाज के लिए अंगूर के बीज का अर्क लाभकारी हो सकता है। शोध की मानें, तो अंगूर के बीज का अर्क कैंडिडा के विकास को रोकने में प्रभाकारी हो सकता है। इस संबंध में जारी एक पशु अध्ययन में यह पाया गया है कि अंगूर के बीज का अर्क कैंडिडिआसिस की स्थिति में काफी सुधार कर सकता है (13)। ऐसे में मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय में अंगूर के बीज के अर्क का सेवन सहायक हो सकता है। 11. अनानाससामग्री :
उपयोग का तरीका :
नोट- अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से मुंह में खुजली, जीभ में सूजन, खांसी जैसी अन्य समस्याएं हो सकती है (14)। कैसे है फायदेमंद : पारंपरिक चिकित्सा के रूप में अनानास का उपयोग वर्षों से किया जाता आ रहा है। अनानास में मौजूद ब्रोमेलैन एंटी-फंगल एजेंट के रूप में कार्य करता है, जो फंगस को समाप्त करने में मदद कर सकता है (15)। इस आधार पर ओरल थ्रश के दौरान अनानास का सेवन भी लाभकारी हो सकता है। 12. संतरे का जूससामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : संतरे में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है (16)। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो विटामिन सी कैंडिडा नामक कवक के नियंत्रण में मददगार हो सकता है (17)। वहीं, ओरल थ्रश होने का कारण भी कैंडिडा कवक ही है (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय के तौर पर संतरे के जूस का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है। 13. एलोवेरा जूससामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : मुंह में इन्फेक्शन को दूर करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, एलोवेरा में एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का इलाज करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं (18)। जैसा कि हमने पहले भी बताया मुंह में फंगल इंफेक्शन कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है (1)। इस आधार पर मान सकते हैं कि यह ओरल थ्रश की समस्या से राहत दिला सकता है। 14. माउथ वॉशसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है फायदेमंद : ग्रीन टी का सेवन मुंह के इंफेक्शन में लाभकारी हो सकता है। दरअसल ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन में एंटी-फंगल गुण पाया जाता है, जो कैंडिडा फंगस से होने वाले मुंह में इन्फेक्शन के इलाज में मदद कर सकता है (19)। ऐसे में घर पर बने ग्रीन टी माउथ वॉश का इस्तेमाल ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में उपयोगी साबित हो सकता है। स्क्रॉल करें मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय के बाद ये भी जान लें कि डॉक्टर से कब मिलना चाहिए। डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?ओरल थ्रश की समस्या गंभीर हो, तो घरेलू उपायों पर निर्भर रहने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। नीचे हम उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें सुधार न हो तो डॉक्टर से सलाह लेने में देरी नहीं करनी चाहिए (2)।
आगे अभी और है लेख में आगे मुंह में फंगल इन्फेक्शन के इलाज से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे। मुंह में फंगल इन्फेक्शन का इलाज – Treatment of Oral Thrush in Hindiमुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए घरेलू उपाय करने के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर इसका चिकित्सकीय इलाज करवाना भी आवश्यक है। नीचे जानें डॉक्टर मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लिए क्या सुझाव दे सकते हैं (2) (1) (20)। ओरल थ्रश ट्रीटमेंट में डॉक्टर एंटीफंगल दवा के सेवन की सलाह दे सकते हैं। अगर लक्षण सामान्य हैं, तो
आमतौर पर 7 से 14 दिनों के लिए एंटीफंगल दवा लेने का सुझाव दे सकते हैं। अब पढ़े बचाव मुंह में फंगल इन्फेक्शन का इलाज जानने के बाद अब जानते हैं मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय। मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचने के उपाय – Prevention Tips for Oral Thrush in Hindiनीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखकर, मुंह में फंगल इन्फेक्शन से बचा जा सकता है (2) (1)।
अब आप ओरल थ्रश के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। मुंह में फंगल इन्फेक्शन को अनदेखा न करें, क्योंकि जरा-सी लापरवाही गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। लेख में दिए गए ओरल थ्रश के घरेलू उपाय इसके लक्षण को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, अगर लक्षणों में किसी तरह का सुधार न हो, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। अक्सर पूछे जाने वाले सवालओरल थ्रश आमतौर पर कितने समय तक रहता है? मुंह में फंगल संक्रमण के लक्षण सामान्य हो, तो यह एंटीफंगल दवा के सेवन से 7 से 14 दिनों के अंदर खत्म हो सकता है (1)। ओरल थ्रश के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं? सही समय पर ओरल थ्रश ट्रीटमेंट नहीं किया जाए, तो यह महीनों या वर्षों तक रह सकता है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो यह फंगस मुंह के जरिए हृदय प्रणाली तक पहुंच जानलेवा साबित हो सकता है (21)। ओरल थ्रश से तुरंत राहत कैसे पाई जा सकती है? मुंह में फंगल इन्फेक्शन से तुरंत राहत नहीं पाई जा सकती है। नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करने से ओरल थ्रश के लक्षण में कुछ हद तक सुधार हो सकता है (4)। ओरल थ्रश का सबसे अच्छा इलाज क्या है? ओरल थ्रश का सबसे अच्छा इलाज एंटीफंगल थेरेपी है। यह इस समस्या से जल्दी निजात दिला सकती है (1)। मुंह में फंगल संक्रमण उपचार के बिना कितने समय तक रहता है? मुंह में फंगल संक्रमण को नजरअंदाज न करें। उपचार के बिना यह संक्रमण महीनों या वर्षों तक रहने के साथ गंभीर रूप ले सकता है (21)। संदर्भ (Sources)Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
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सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more मुंह में इंफेक्शन होने पर क्या करना चाहिए?इस रोग के उपचार के लिए रसोई के कुछ उपायों में शामिल है: साल्ट-वाटर से मुँह को गार्गल करना और बिना मीठा दही खाना, जो ओरल कैविटी में अच्छे माइक्रो-ऑर्गनिज़्म्स की संख्या को बढ़ाता है। ओरल थ्रश से पीड़ित रोगियों को सलाह दी जाती है कि इस रोग से प्रभावित होने पर माउथवॉश और स्प्रे का उपयोग न करें।
मुंह में इन्फेक्शन होने से क्या होता है?इस रोग में मुंह के अंदर फंगस बनने लगता है और ये उस हिस्से को सड़ाने लगता है। अगर ओरल हाईजीन यानी मुंह की स्वच्छता न रखी जाए तो इस रोग के बढ़ने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। क्योंकि ओरल कैविटी होने से यह समस्या एक्टिव होने लगती है। अगर समय रहते कैविटी साफ नहीं की जाए तो यह पूरे मुंह में फैल जाता है।
गाल में इन्फेक्शन कैसे होता है?गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस से होती है। पहले से संक्रमित (Infected) व्यक्ति के संपर्क में आने से भी ये तकलीफ हो सकती है। संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो वायरस और बैक्टीरिया हवा के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह बैक्टीरिया अपना असर दिखाते हैं और हमें भी संक्रमित कर देते हैं।
मुंह में इन्फेक्शन होने पर कौन सी गोली लेनी चाहिए?मुंह द्वारा ली जाने वाली एंटिफंगल दवाइयां. टेर्बिनाफ़िन का उपयोग आमतौर पर नाखून के संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है जो आमतौर पर टिनिया प्रकार के कवक के कारण उत्पन्न होता हैं।. फ्लुकोनाज़ोल का उपयोग आमतौर पर योनि थ्रश का उपचार करने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग एंटीफंगल क्रीम के विकल्प के रूप में किया जाता है।. |