चेक गुम हो जाने पर क्या करें? - chek gum ho jaane par kya karen?

नम्रता डडवाल
अगर आपका चेक बैंक से गुम जाए या फिर डाक विभाग से खो जाए तो आप क्या करेंगे? यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं जिसके जरिए आप अपने नुकसान को कम कर सकते हैं या चेक को डिजॉनर होने से बचा सकते हैं।

बैंक में चेक जमा करने के बाद हमेशा इस बात की गारंटी नहीं होती है कि वह अपनी सही जगह पर ही पहुंचेगा। बैंकों की जटिल प्रक्रिया की वजह से भी कई बार ऐसी समस्या आ जाती है। कभी-कभार यह भी होता है कि चेक सही जगह पर न पहुंच कर अटक जाता है बाद में डिजॉनर हो जाता है। अगर आपने बैंक से एसएमएस सुविधा नहीं ली है तो बगैर बैंक एकाउंट जांचे आप यह जान भी नहीं पाएंगे कि रकम आपके बैंक एकाउंट में केडिट हुआ या नहीं।

क्या आपको मालूम है कि अगर किसी कारणवश आपका चेक अस्वीकृत होता है तो बैंक आपको पूरे ब्यौरे के साथ इसकी जानकारी देता है? रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार, डिजॉनर होने पर बैंक को हर हाल में 24 घंटे के भीतर खाताधारक को सही विवरण के साथ चेक लौटाना होगा। हालांकि, ज्यादातर बैंक इस प्रक्रिया को झंझट मानकर इसका पालन नहीं करते हैं। इस मामले में कस्टमर केयर एग्जेक्यूटिव भी ज्यादा मदद नहीं करते हैं। वे आपको तुरंत इस मसले पर बैंक से संपर्क करने की सलाह देंगे, जहां आपका एकाउंट है। चेक गुम होने की जिम्मेदारी बैंकर की होती है, खाताधारक की नहीं। अक्सर देखा गया है कि इस पर दोनों पक्षों में तकरार की नौबत तक आ जाती है। अगर चेक की रकम एक तय समय पर खाते में क्रेडिट नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में बैंक को 'स्टॉप पेमेंट' के आदेश आपको देने पड़ेंगे। ज्यादातर बैंक इस पर 50-200 रुपए का शुल्क वसूलते हैं, जबकि नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने पर कुछ बैकों की सेवाएं मुफ्त होती हैं। स्टॉप पेमेंट के बाद आपको फिर से नया चेक जारी करना होगा या व्यक्ति से नए चेक का अनुरोध कर सकते हैं। कुछ मामलों में संभव है कि व्यक्ति आपको दोबारा चेक देने से मना करे, तो उस स्थिति में आपको ब्रांच मैनेजर या बैंक के नोडल ऑफिसर से संपर्क करना होगा। हो सकता है कि समस्या के समाधान के लिए बैंक एक माह का समय मांगे, लेकिन अगर उसके बाद भी कोई हल नहीं निकलता है तो बैंक के शिकायत जांच अधिकारी से संपर्क करना चाहिए।

अपने क्षेत्र के शिकायत जांच अधिकारी का पता लगाने के लिए आप www.rbiorg.in/scripts/bs_viewcon-tent.aspx?Id=164 पर लॉग ऑन कर सकते हैं। www.rbiorg.in/scripts/bankingombudsman.aspx दायर कर सकते हैं।

चेक के साथ एक दूसरी समस्या यह भी है कि लोकल चेक दो दिन में और बाहरी चेक के क्रेडिट होने में 7-15 दिनों का समय लगता है। अगर आप गुम होने वाले चेक की जगह एक दूसरा चेक जारी करते हैं तो वह बाउंस हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको जुर्माने के रूप में 75-300 रुपए प्रति चेक देना पड़ सकता है। अगर एक तिमाही में दो से ज्यादा चेक बाउंस होता है तो तब जुर्माने के रूप में बैंक आपसे प्रति चेक 800 रुपए तक वसूल सकते हैं। इसके अलावा यह भी याद रखिए कि अगर एक कारोबारी साल में अपर्याप्त फंड की वजह से किसी एकाउंट के नाम का चेक चार बार अस्वीकृत होता है तो बैंक आपको दोबारा चेक बुक देने से इनकार कर सकता है। यह अपराध की श्रेणी में भी आता है। इसके लिए आपको जुर्माने के साथ एक एक साल की सजा भी हो सकती है। इसके अलावा आपको चेक की दोगुनी राशि जुर्माने के रूप में देनी पड़ सकती है। अगर आपके पास इस बात के सुबूत हैं कि आपने जो चेक जमा कराया वह बैंक की गलती से गुम हो गया तो उस स्थिति में आप बैंक से चेक की राशि की मांग कर सकते हैं। आरबीआई के आदेश के मुताबिक, खाताधारक को डुप्लीकेट चेक पाने में लगे खर्च बैंक को देेने होंगे।

कुछ मामूली उपायों पर गौर करके आप चेक को डिजॉनर होने से बचा सकते हैं। चेक पर ओवर-राइटिंग नहीं करनी चाहिए। चेक जमा करने से पहले यह अच्छी तरह से देख लेना चाहिए कि भुगतान पाने वाले व्यक्ति का नाम और तारीख सही है या नहीं। कई बार संभव है कि बैंक आपको ड्रॉप बॉक्स में चेक डालने को कहे, लेकिन अगर चेक की रकम ज्यादा हो तो काउंटर पर जमा करके मोहर लगी अधकटी (स्लिप) सुबूत के तौर अवश्य लेनी चाहिए। चेक गुम होने के एक मामले में 2009 में पुणे की एक कंज्यूमर कोर्ट ने एक्सिस बैंक को 5.61 लाख रुपए बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉन्ट्रैक्टर निलेश पोकर को देने का निर्देर्श दिया। जांच की शुरुआत में बैंक ने कहा कि पोकर के पास जाली अधकटी (स्लिप) है, लेकिन बाद में बैंक स्टेटमेंट से यह बात साबित नहीं हुई। निलेश पोकर ने 2008 के मई में 4.94 लाख का चेक जमाया कराया था, जिसे उसे लेने में एक साल लग गए। कोर्ट ने उस राशि पर 12 फीसदी की ब्याज के साथ मुआवजे के रूप में अतिरिक्त 10,000 रुपए के भुगतान का आदेश दिया। अगर बैंक ट्रंकेशन की सुविधा दे रहे हैं तो उसे लेना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि मशीन में चेक जमा करने के दौरा आपको उसकी फोटोकॉपी मिलेगी। हालांकि इस तरह की सुविधा कुछ ही बैंक में है। सबसे आसान उपाय यह है कि चेक क्लेक्शन सेंटर पर चेक संग्रह करने वाले वाले बैंक के कर्मचारी से एक पचीर् पर दस्तखत ले लें या उनसे एक अनौपचारिक नोट भी ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको शुल्क चुकाने पड़ सकते हैं। स्थानीय चेक पर 50-150 रुपए और बाहरी चेक पर यह शुल्क 25-250 रुपए तक है।

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अगर आपका खाता किसी बैंक में है तो आप बैंक से लेनदेन जरुर करते होंगे | बैंक से लेनदेन का सबसे पुराना और विश्वसनीय तरीका चेक द्वारा होता है | आप में से बहुत सारे लोगों के पास बैंक की चेक बुक भी होगी | लेकिन कई बार हमसे चेक बुक या चेक बुक में से कोई एक चेक कहीं खो जाता है | ऐसे में उस चेक का गलत उपयोग होने की सम्भावना रहती है | कई लोगों को नहीं पता कि चेक खो जाने पर क्या करें.   इसीलिए आपको जानकारी होनी चाहिए कि उस चेक बुक को या उस चेक को कैंसिल करवाना होता है | और उसके लिए बैंक में एक पत्र लिखना होता है | आज हम आपको बताने जा रहे हैं की आप चेक खो जाने पर पत्र कैसे लिखें (Application for Lost Cheque Book) या चेक बुक खो जाने पर पत्र कैसे लिखें |

सेवा में ,

श्रीमान शाखा प्रबंधक

स्टैट बैंक ऑफ़ इण्डिया,

बाजपुर, उत्तराखंड

दिनांक : 09-12-2021

विषय –  ब्लेंक चेक खो जाने के सम्बन्ध में ।

महाशय,

सविनय निवेदन है कि मैं राम कुमार, पुत्र श्री शिव कुमार, निवासी प्रकाश सिटी, बाजपुर रोड, काशीपुर, जिला-उधम सिंह नगर, उत्तराखंड, आपके बैंक का एक खाताधारी हूँ| जिसमें मेरे बैंक की खाता संख्या 9715777xxx है। मेरे बैंक खाते का एक ब्लेंक चेक (हस्ताक्षर किया हुआ) गिर गया है | इस ब्लेंक चेक का नंबर 715xxx था |

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मेरे इस नंबर के चेक को निष्क्रिय करने कि कृपा करें । जिससे इस चेक का कोई दुरपयोग ना कर सके |  जिसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूँगा।

भवदीय

नाम : राम कुमार, पुत्र श्री शिव कुमार

खाता संख्या : 9715777xxx

मोबाईल : 9837715xx

हस्ताक्षर : ____________

Application Letter for Lost Cheque Book Word File | Application Letter for Lost Cheque Book PDF file

अगर आप अपने लिए चेक खो जाने या बैंक चेक बुक खो जाने के सम्बन्ध में बैंक को लैटर लिखना (checkbook kho jane par application) चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए वर्ड या पीडीऍफ़ फोर्मेट को डाउनलोड कर लीजये और इसमें अपना नाम, बैंक का नाम आदि जानकारी बदल लीजिये | इससे आपका लैटर आसानी से बिना समय ख़राब किये तैयार हो जायगा |


चेक बुक गुम होने पर क्या करना चाहिए?

अगर आपके पास इस बात के सुबूत हैं कि आपने जो चेक जमा कराया वह बैंक की गलती से गुम हो गया तो उस स्थिति में आप बैंक से चेक की राशि की मांग कर सकते हैं। आरबीआई के आदेश के मुताबिक, खाताधारक को डुप्लीकेट चेक पाने में लगे खर्च बैंक को देेने होंगे। कुछ मामूली उपायों पर गौर करके आप चेक को डिजॉनर होने से बचा सकते हैं।

चेक की वैधता कितने दिन की होती है?

पोस्ट डेटेड चेक, सामान्य चेक की तरह, जारी होने की तारीख से 3 महीने की वैधता रखते हैं। भारतीय राष्ट्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) ने 1 अप्रैल 2012 से सभी चेकों की वैधता अवधि पिछले 6 महीनों से घटाकर 3 महीने कर दी है।

किसी को चेक देना हो तो कैसे भरे?

बैंक चेक (Bank Cheque) कैसे भरे.
स्टेप 1: Pay की जगह पे नाम लीखे.
स्टेप 2: अब पैसे भरे कितना देना है.
स्टेप 3 : अब Sign और Date डाले चेक में.

चेक निकालने से क्या होता है?

इसके पश्चात बैंक कर्मचारी द्वारा चेक बॉक्स में आपके डाले हुए चेक को निकाला जाएगा। और जिस बैंक का चेक होगा| उस बैंक में भेजा जाएगा। जिसके पश्चात चेक उस बैंक द्वारा प्रमाणित करके पास कर दिया जाएगा। और चेक पास होते ही आपके खाते में धनराशि जमा कर दी जाएगी।