मुगल काल में महिलाओं का कृषि कार्य में क्या योगदान था? - mugal kaal mein mahilaon ka krshi kaary mein kya yogadaan tha?

HomeIndian history G.Kमुगल कृषि समाज और अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान की विवेचना कीजिए। (Discuss the contribution of women in the Mughal agricultural society and economy. In Hindi)

मुगल काल में महिलाओं का कृषि कार्य में क्या योगदान था? - mugal kaal mein mahilaon ka krshi kaary mein kya yogadaan tha?

 

(i) मुगलकालीन भारत में कृषि उत्पादन में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। मर्द खेत जोतते थे और हल चलाते थे और महिलाएँ बुआई, निराई और कटाई के साथ-साथ पकी हुई फसल का दाना निकालने का काम करती थीं। __(ii) जब छोटी-छोटी ग्रामीण इकाइयों का और किसान की व्यक्तिगत खेती का विकास हुआ तब घर-परिवार के संसाधन और श्रम उत्पादन की बुनियाद बनी। अत: कृषि कार्य में भी महिलाएँ हाथ बँटाने लगीं।

(iii) लेकिन महिलाओं के विशेष प्राकृतिक गुणों के कारण लोगों के मन में उनके प्रति पूर्वाग्रह बने रहे। उदाहरण के लिए पश्चिमी भारत में, रजस्वला से ग्रसित महिलाओं को हल या कुम्हार का चाक छूने की आज्ञा नहीं थी, इसी प्रकार बंगाल में अपने मासिक धर्म के समय महिलाएँ पान के बागान में नहीं घुस सकती थीं।

(iv) सूत कातने, बरतन बनाने के लिए मिट्टी को साफ करने और गूंथने और कपड़ों पर कढ़ाई जैसे दस्तकारी के काम उत्पादन के ऐसे पहलू थे, जो महिलाओं के श्रम पर निर्भर थे।

(v) किसी वस्तु का जितना वाणिज्यीकरण होता था, उसके उत्पादन के लिए महिलाओं के श्रम की उतनी ही माँग होती थी। वस्तुतः किसान और दस्तकारी महिलाएँ जरूरत पड़ने पर न सिर्फ खेतों में काम करती थीं बल्कि नियोक्ताओं के घरों पर भी जाती थीं और बाजार में भी।