लोमड़ी सुरक्षा से शेर के मुंह में क्यों चली जा रही थी? - lomri suraksha se sher ke munh mein kyon chalee ja rahee thee?

लोमड़ी बेरोज़गार थी, उसने सुना था कि शेर के मुँह में रोज़गार का दफ़्तर है| वहाँ नौकरी मिलती है| उसने शेर द्वारा कराए गए इस मिथ्या प्रचार पर विश्वास कर लिया था| वह शेर के बहकावे में आ चुकी थी| वह नौकरी के लिए आवेदन करने जा रही थी| यही कारण था कि वह अपनी इच्छा से शेर के मुँह में चली जा रही थी|

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुंह में इसलिए चली जाती हैं, क्योंकि लोमड़ी को बेरोजगारी का प्रतीक माना जाता है, तथा शेर को रोजगार कार्यालय के प्रतीक माना जाता है।

शेर कहानी में शेर किसका प्रतीक है?

इसे सुनेंरोकेंकहानी में लेखक ने शेर को सत्ता का प्रतीक बताया है। यह सत्ता आम जनता को धोखा देकर तथा विभिन्न प्रकार के लालच देकर अपनी अँगुलियों में नचाने का प्रयास करती है।

साझा कथा में हाथी किसका प्रतीक है?

इसे सुनेंरोकेंANSWER: हाथी ने खेती की रखवाली के लिए जंगल में यह घोषणा की कि किसान की खेती में उसका भी साझा है। किसी भी जानवर ने उसकी इस घोषणा की अनदेखी कि तो उसके लिए यह उचित नहीं होगा।

शेर के मुंह रोजगार के दफ्तर के बीच क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंशेर का मुँह में गए जानवर कभी लौटकर नहीं आते हैं। वह मुँह में समाकर मर जाते हैं या उनका अस्तित्व नष्ट हो जाता है। रोज़गार के दफ़्तर में ऐसी स्थिति नहीं होती है। यहाँ पर लोग नौकरी पाने की आशा में जाते हैं।

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पर नजर के कहानी में अंतररक्ष यान ककसने कय थय और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: इस कहानी में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक संस्था नासा–जिसका पूरा नाम “नेशनल एअरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA)” है ने भेजा था। इस यान का नाम वाइकिंग था। पृथ्वी के वैज्ञानिक मंगल ग्रह की मिट्टी का अध्ययन करने के लिए बड़े उत्सुक थे।

असगर वजाहत का जन्म कब और कहां हुआ?

इसे सुनेंरोकेंअसग़र वजाहत जन्म 5 जुलाई, 1946 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुआ. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हिन्दी में स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च किया. दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अध्यापन किया.

मालवा में जब सब जगह बरसात की झड़ी लगी रहती है तब मालवा के जनजीवन पर इसका क्या असर पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंमालवा में व्याप्त बाबड़ी, तालाब, कुएँ तथा तलैया सब पानी से लबालब भर जाते हैं। इससे मालवा में लगता है कि भगवान की खूब कृपा हुई है। वहाँ की बरसात की झड़ी मालवा को समृद्धशाली बनाती है।

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लेखक ने मां की तुलना बतख से क्यों की है?

इसे सुनेंरोकेंलेखक कहता है कि उनकी मां अपनी पूरी ममता और स्नेह अपने बच्चों पर उड़ेल देती थी। इस तरह लेखक की माँ के गुण बत्तख के गुणों के समान है, इसलिए उसने बतख के मातृत्व संबधी गुणों के आधार पर अपनी माँ की तुलना बत्तख से की है।

लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में इसलिए जा रही थी क्योंकि लोमड़ी को रोजगार की तलाश थी। उसे उसे किसी से पता चला था कि शेर के मुंह में रोजगार का दफ्तर है। इसी कारण लोमड़ी शेर के मुँह में प्रार्थना-पत्र देकर रोजगार पाना चाहती थी। इसी कारण शेर के द्वारा किए गए प्रचार के कारण वह भ्रमित होकर स्वेच्छा से शेर के मुँह में चली जा रही थी।

पाठ के बारे में…

इस पाठ में असगर वजाहत द्वारा लिखी गईं लघु कथाएं शेर, पहचान, चार हाथ और साझा प्रस्तुत गई है।
चारों लघु कथाओं में पहली लघुकथा शेर एक प्रतीकात्मक और व्यंगात्मक लघुकथा है। यहाँ पर शेर को व्यवस्था का प्रतीक बनाया गया है, जिसके पेट में जंगल के सभी जानवर किसी न किसी लालच के चलते समाते जा रहे हैं। ऊपर से शेर अहिंसवादी और न्यायप्रिय दिखाई देता है, लेकिन वो अंदर से कुछ और होता है। यहाँ पर लेखक ने शरीर को सत्ता का प्रतीक बताया है। लेखक के कहने का अभिप्राय है कि सत्ता तभी तक खामोश रहती है, जब तक सब उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, जैसे ही कोई सत्ता पर उंगली उठाता है, सत्ता विरोध करने वाले को कुचलने का प्रयास करती है।

‘पहचान’ कहानी के माध्यम से लेखक ने यह बताया है कि राजा को बहरी, अंधी और गूंगी प्रजा बेहद पसंद आती है, जो बिना कुछ बोले, बिना कुछ सुने और बिना कुछ देखे उसकी आज्ञा का पालन करती रहे।

‘चार हाथ’ कहानी के माध्यम से लेखक ने पूंजीवादी व्यवस्था में मजदूरों के शोषण का मुद्दा उठाया है।
‘साझा’ कहानी के माध्यम से लेखक ने उद्योगों पर कब्जा करने वाले पूँजीपतियों की नजर किसानों की जमीन पर पड़ जाती है, इस बात को रेखांकित किया है।

असगर वजाहत हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कहानीकार रही हैं, जिन्होंने सामाजिक सरोकारों से परिपूर्ण कहानियां लिखी हैं। उनका जन्म सन 1946 में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर नामक शहर में हुआ था। उन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेखन कार्य किया है और हिंदी की कई जानी-मानी पत्र-पत्रिकाओं में उनके कहानी, उपन्यास, नाटक, लघुकथाएं आदि प्रकाशित होते रहे हैं। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में दिल्ली पहुंचना है, स्विमिंग पूल और सब कहाँ कुछ, मैं हिंदू हूँ (कहानी संग्रह), फिरंगी लौट आए, इन्ना की आवाज, वीरगति, जिस लाहौर नहीं देख्या आदि के नाम प्रमुख हैं। ‘सबसे सस्ता गोश्त’ नाम का एक नुक्कड़ नाटक बेहद प्रसिद्ध था।

लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुंह में क्यों चली जा रही थी?

उसे पता चला था कि शेर के मुँह में रोज़गार कार्यालय है, जहाँ उसे नौकरी मिल सकती है। अतः वह नौकरी की अर्जी जमा कराने के लिए स्वेच्छा से शेर के मुँह में चली जा रही थी

शेर के मुंह और रोजगार के दफ्तर के बीच क्या अंतर है?

शेर कs मुँह में गए जानवर कभी लौटकर नहीं आते हैं। वह मुँह में समाकर मर जाते हैं या उनका अस्तित्व नष्ट हो जाता है। रोज़गार के दफ़्तर में ऐसी स्थिति नहीं होती है। यहाँ पर लोग नौकरी पाने की आशा में जाते हैं।

प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण क्या है?

'प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास' कहानी के आधार पर टिप्पणी कीजिए। ANSWER: यदि लोगों को किसी बात पर विश्वास है, तो वह प्रमाण को देखते नहीं है। बस विश्वास के सहारे ही खाई में गिरने को तैयार हो जाते हैं।