लाल रंग क्यों दिखाई देता है? - laal rang kyon dikhaee deta hai?

खून का रंग लाल होता है, फिर भी हमारे शरीर की नसें नीले या जामुनी रंग की दिखती है. आमतौर पर एक धारणा बनी हुई है कि ऑक्सीजन युक्त खून लाल होता है, जबकि बिना ऑक्सीजन वाला खून नीला होता है. लेकिन यह सच नहीं है. खून का रंग सिर्फ लाल होता है. लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन जिसमें ऑक्सीजन होती है, उसे हीमोग्लोबिन कहते हैं. इसके प्रत्येक अणु में आयरन के चार परमाणु होते हैं, जो लाल प्रकाश को दर्शाते हैं. हमारे खून को लाल रंग देते हैं. खून में ऑक्सीजन के स्तर पर लाल का शेड बदलता है.

लाल रंग क्यों दिखाई देता है? - laal rang kyon dikhaee deta hai?
ऑक्सीजन के स्तर खून को गहरा लाल या हल्का लाल बनाता है (Photo: Pixabay)

खून अलग-अलग लाल रंग का हो सकता है

जब हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेता है, तो खून का रंग चमकदार चेरी रेड होता है. इसके बाद यह खून धमनियों में और वहां से शरीर की टिश्यू तक जाता है. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के हीमैटोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. क्लेबर फेरट्रिन (Dr. Kleber Fertrin) के मुताबिक, शरीर की सभी टिश्यू तक ऑक्सीज़न पहुंचाने के बाद, जब यह खून फेफड़ों तक वापस आता है, तो नसों में बहने वाला बिना ऑक्सीज़न वाला खून गहरे लाल रंग का होता है. 

कहने का मतलब है कि खून अलग-अलग लाल रंग का हो सकता है लेकिन ऐसा कभी नहीं होता कि इंसान का खून नीला हो जाए. नीली दिख रही नसों से अगर खून निकाला जाए, तो वह लाल ही होगा. 

नीली या हरी नस दिखना इल्यूज़न है

डॉ. क्लेबर फेरट्रिन का कहना है कि नीली या हरी नस दिखना एक इल्यूज़न है, क्योंकि नसें त्वचा की पतली परत के नीचे होती हैं. हम जो रंग देखते हैं, वे उस वेवलेंथ पर आधारित होते हैं जिसे हमारा रेटिना समझता है. और त्वचा की अलग-अलग परतें वेवलेंथ को अलग-अलग तरीकों से बिखेरती हैं.

गहरे रंग की त्वचा के नीचे, नसें अक्सर हरी दिखाई देती हैं. जबकि हल्के रंग की त्वचा के नीचे नसें नीले या जामुनी दिखती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रकाश की हरी और नीली वेवलेंथ, लाल वेवलेंथ से छोटी होती हैं. नीली रोशनी की तुलना में, लाल रोशनी इंसान के टिश्यू को भेदने में बेहतर है. इसलिए हमारी त्वचा लाल वेवलेंथ को अवशोषित करती है और हरे या नीले रंग परावर्तित हो जाते हैं और हमारे पास वापस बिखर जाते हैं.

वैसे जानकारी के लिए बता दें कि खून का रंग नीला भी होता है. लेकिन इंसानों में नहीं, बल्कि केकड़ों, झींगा मछलियों, ऑक्टोपस और मकड़ियों में.

इसे सुनेंरोकेंब्लूमर कहते हैं, “जब क्षितिज पर सूर्य का ताप कम होता है, तो प्रकाश की नीले और हरे रंग की तरंगें बिखर जाती हैं, और ऐसे में हमें बची हुईं प्रकाश की नारंगी और लाल तरंगें ही दिखाई देती है.” जबकि संतरी और लाल रंग की किरणें लंबी दूरी तय करती हैं.

सूर्य का रंग पीला क्यों दिखाई देता है?

इसे सुनेंरोकेंसूर्य हमारे लिए पीला दिखने का कारण यह है कि पृथ्वी का वायुमंडल उच्च तरंगदैर्ध्य रंगों को लाल, नारंगी और पीले रंग की आसानी से कम करता है। इसलिए, ये तरंगदैर्ध्य हम देखते हैं, यही कारण है कि सूर्य पीला दिखाई देता है।

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सूर्य रात में क्यों नहीं दिखाई देता है?

इसे सुनेंरोकेंसूर्य कहीं नहीं जाता। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और आपनी धुरी पर भी घूमती है जिस वज़ह हम 24 घण्टे में से लगभग 12 घण्टे सूर्य के सामने होते हैं और शेष घण्टे सूर्य के पीछे जब हमें सूर्य नहीं दिखाई देता इसे रात कहते हैं। इस तरह आप यानी सूर्य अपनी जगह पर है केवल पृथ्वी के घूमने के कारण हमें वह दिखाई नहीं दे रहा।

सूरज का असली रंग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसूरज का रंग पीला है : सूर्य प्रकाश वातावरण की परतों से गुजरता हुआ प्रकिर्णन के प्रभाव से लाल, केसरिया और पीला दिखायी देता है। अंतरिक्ष मे वातावरण नही है इसलिये सूर्य सफेद दिखायी देता है।

सूर्योदय के समय प्रकृति में क्या परिवर्तन आते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक आने में आठ मिनट उन्नीस सेकेंड का समय लगता है। शाम के समय प्रकाश के हल्के और कमजोर होने से सूर्य हमें स्पष्ट और पूरा दिखाई देता है परंतु जब सूर्य दोपहर के समय ठीक पृथ्वी के ऊपर होता है,उस समय उसकी तेजस्वी किरणें पृथ्वी की ओर आती हैं। इसलिए सूर्योदय और उसके अस्त होते समय आकार बड़ा नजर आता है।

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सूर्यास्त के समय की लालिमा को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य के लाल अथवा नारंगी दिखाई देने का मुख्य कारण ‘प्रकाश का प्रकीर्णन’ है। प्रकाश का प्रकीर्णन : जब किरण बहुत छोटे कणों पर गिरता है, तब वह वे कण प्रकाश को सभी दिशाओं में फैला देते हैं इस प्राकृतिक घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।

सान्द्र HNO3 सूर्य के प्रकाश में पीला पड़ जाता है क्यों?

इसे सुनेंरोकेंसान्द्र HNO3 सूर्य के प्रकाश में आंशिक रूप से विघटित होकर NO2 देता है । ये NO2,HNO3 में घुलकर पीला रंग देता है ।

सूरज रात में कहाँ जाता है?

इसे सुनेंरोकेंसूर्य कहीं नहीं जाता। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है और आपनी धुरी पर भी घूमती है जिस वज़ह हम 24 घण्टे में से लगभग 12 घण्टे सूर्य के सामने होते हैं और शेष घण्टे सूर्य के पीछे जब हमें सूर्य नहीं दिखाई देता इसे रात कहते हैं। सूर्य कहीं नहीं जाता।

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क्यों सूरज दोपहर में सफेद दिखाई देता है?

इसे सुनेंरोकेंहम जानते है कि सूर्य का प्रकाश 7 रंगो से मिलकर बना होता है। इन 7 रंगो मे लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सर्वाधिक एवं नीले रंग के सबसे कम होती है। जबकि दोपहर मे सूर्य से आने वाली किरणे कम दूरी तय करती है, इसलिये सभी रंगो का प्रकीर्णन बहुत कम हो पातावहै अत: सूर्य सफेद या हल्का पीला दिखाई देता है।

सूर्य के कितने कलर होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंयानी कि सूर्य का प्रकाश रंगहीन नही बल्कि 7 रंगों का समूह है। इन रंगों को सामान्यतः VIBGYOR के नाम से जाना जाता है। इन रंगों को अलग – अलग बांटने पर सात रंग प्राप्त होते हैं। ये रंग बैंगनी (Violet), नीला (Indigo), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange), तथा लाल (Red) हैं।

लाल रंग का क्यों दिखाई देता है?

खून का रंग सिर्फ लाल होता है. लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन जिसमें ऑक्सीजन होती है, उसे हीमोग्लोबिन कहते हैं. इसके प्रत्येक अणु में आयरन के चार परमाणु होते हैं, जो लाल प्रकाश को दर्शाते हैं. हमारे खून को लाल रंग देते हैं.

सुबह और शाम को सूरज लाल क्यों दिखता है?

सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य की किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती हैं तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुंचता है, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है।