लोकोक्ति किस भाषा का शब्द है - lokokti kis bhaasha ka shabd hai

लोकोक्ति क्या होती हैं हिंदी की प्रमुख लोकोक्तियों के उदाहरण सहित अर्थ | Lokoktiyan in Hindi with Meaning in Hindi

लोकोक्ति का अर्थ है लोक में प्रचलित वह कथन अथवा उक्ति जो व्यापक लोक-अनुभव पर आधारित हो और लोकोक्ति में लौकिक-सामाजिक जीवन का अंश सत्य विद्यमान रहता है. लोकोक्ति में गागर में सागर जैसा भाव रहता है. लोकोक्ति कहने के लिए उचित प्रसंग की पहचान आवश्यक है.

लोकोक्ति= लोक+ उक्ति

लोग समाज में प्रचलित उक्ति को लोकोक्ति अथवा कहावत कहते हैं.

केवल वही उक्ति लोकोक्ति के रूप में प्रयुक्त होती है. जिसमें जीवन का अनुभव को संक्षिप्त एवं लक्षण ढंग से अभिव्यक्त किया गया हो. लोकोक्ति में अनेक प्रकार के सत्य निहित होते हैं जो व्यावहारिक सत्य तथा जीवन यापन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. लोकोक्तियों का आधार कोई कहानी या चिरसत्य होता है. यह पूर्णवाक्य होते हैं. उनके प्रयोग से भाषा का सौंदर्य पूर्ण, स्पष्ट तथा प्रभावशाली हो जाती है. लोकोक्ति में प्रयोग अधिक स्पष्ट हो जाता है.

मुहावरे और लोकोक्तियाँ भाषा की शक्ति है इनके प्रयोग भाषा के सम्प्रेषण में सरलता और सौन्दर्य आ जाता है और वह प्रभावी बन जाती है।

लोकोक्तियों एवं मुहावरों के अन्य उदाहरण–

लोकोक्तियाँ– (i) अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
(ii)आम के आम गुठलियों के दाम।
(iii) ऊँची दुकान फीका पकवान।
(iv) खोदा पहाड़ निकली चुहिया, नाच न जाने आँगन टेड़ा।

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त रेखांकित वाक्यांश मुहावरों के उदाहरण हैं।
मुहावरे– (अ) पहली नजर में उसका हुलिया देखा और मन खट्टा हो गया था।
(आ) उस समय तो सचमुच मेरा खून जल जाता पर मैंने किसी को हवा नहीं लगने दी।
(इ) प्रेम करते समय इन लोगों की अक्ल क्या घास चरने चली जाती है।
(ई) हमें नज़र मत लगाओ।
(उ) बहू को लेकर मन में कितनी कोमल कल्पनाएँ थीं, सब राख हो गईं।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
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10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार

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किसी भी भाषा में कुछ ऐसे वाक्यांश या पूरा का पूरा वाक्य प्रयोग होते हैं जो न केवल उस कथन को धारदार और प्रभावशाली बना देते हैं उस बल्कि उस वाक्य को स्पष्ट और आकर्षक भी बना देते हैं। इनसे भाषा रुचिकर और गतिशील हो जाती है। ये वाक्यांश या वाक्य मुहावरे और लोकोक्तियाँ कहलाते हैं। हर भाषा का अपना लोकोक्तियों और मुहावरों का भंडार होता है। लोकोक्तियों और मुहावरों का उस भाषा को प्रयोग करने वाले लोगों के अनुभवों, क्षेत्र, परम्पराओं आदि का पूरा प्रभाव देखा जा सकता है। 


लोकोक्ति किसे कहते हैं 


किसी भी समृद्ध भाषा में कुछ ऐसे वाक्य प्रयोग किये जाते हैं जो न केवल भाषा के सौंदर्य को बढ़ा देते हैं बल्कि वाक्य के सामान्य अर्थ को पूर्ण, स्पष्ट और प्रभावशाली बना देते हैं। लोकोक्तियों या कहावतों का प्रयोग भी इसी सन्दर्भ में किया जाता है। लोकोक्तियाँ वास्तव में किसी विशेष स्थान पर मशहूर हो जाने वाले कथन होते हैं जिनका प्रयोग करके अपने वाक्य या अपनी बात पर विशेष जोर दिया जाता है। लोकोक्तियाँ बहुत ज्यादा प्रचलित और लोगों के मुंहलगे वाक्य होते हैं। ये आम जनमानस द्वारा स्थानीय बोलियों में हर दिन की परिस्थितियों से उपजने वाले वाक्य होते हैं जो किसी ख़ास समूह या वर्ग या क्षेत्र में प्रयोग में लाये जाते हैं। लोकोक्ति गागर में सागर भरने की क्षमता होती है। यह कथन के भाव को और भी ज्यादा चित्रित और स्पष्ट कर देता है।


लोकोक्ति किस भाषा का शब्द है - lokokti kis bhaasha ka shabd hai


लोकोक्ति की परिभाषा
लोकोक्ति अर्थात लोक और उक्ति यानि किसी विशेष स्थान पर आम जनमानस द्वारा प्रयुक्त उक्ति या कथन। ड़ॉ वसुदेव शरण अग्रवाल के अनुसार "लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते हुए सूत्र हैं।"" लोकोक्ति या कहावत में स्थान विशेष के भूगोल, संस्कृति और भाषाओँ के मिश्रण के दर्शन होते हैं। ये अपने आप में वाक्यांश न होकर स्वतंत्र वाक्य होते हैं। लोकोक्तियों में आम जन के अनुभव का निचोड़ या सार मिलता है। लोकोक्तियों या कहावतों के रचनाकार प्रायः अज्ञात होते हैं। लोकोक्ति को कहावत या सूक्ति भी कहा जाता है।



कुछ प्रसिद्ध और लोकप्रिय लोकोक्तियों
अंधों में काना राजा
अर्थ : अज्ञानियों के बीच थोड़ा ज्ञानी

प्रयोग : गांव में कोई पढ़ा लिखा नहीं था। जब पांचवी कक्षा पास मोहन शहर से आया तो गांव में उसकी खूब धाक हो गयी। सच में अंधों में काना राजा होता है।

अकेला चना भांड नहीं फोड़ता
अर्थ : किसी बड़े काम के लिए अकेला आदमी काफी नहीं होता।

प्रयोग : भ्रष्टाचार के विरुद्ध तुम अकेले लाख आवाजें उठा लो पर कुछ होने वाला नहीं है। तुमको मालुम है न अकेला चना भांड नहीं फोड़ता।

अधजल गगरी छलकत जाये
अल्प ज्ञानी अपने ज्ञान का ज्यादा दिखावा करता है।

प्रयोग : सभा में सलमा हर बोलने वाले को टोक टाक कर रही थी। बीच बीच में अपने ज्ञान का प्रदर्शन कर रही थी। किन्तु जब उसकी बारी आयी तो उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी । सच में अब सलमा को देख कर लगता है जैसे अधजल गगरी छलकत जाये।

जिसकी लाठी उसकी भैस
शक्तिशाली की गलत चीज़ों का भी कोई कोई विरोध नहीं नहीं करता

प्रयोग : जमींदार ने सबके सामने सार्वजनिक जमीन पर कब्ज़ा कर लिया और किसी की हिम्मत नहीं हुई विरोध करने की। सही कहा है जिसकी लाठी उसी की भैंस होती है।


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मुहावरे क्या होते हैं

मुहावरे किसी भाषा का श्रृंगार होते हैं ये भाषा को सुन्दर,कलात्मक, सुदृढ़, गतिशील और रोचक बनाते हैं। मुहावरे भाषा और वाक्य को स्पष्ट और चित्रमय बनाते हैं। मुहावरे किसी न किसी व्यक्ति के अनुभव पर आधारित होते हैं। मुहावरों के शब्दों की अपनी अहमियत होती है और ये ज्यों के त्यों वाक्य में प्रयुक्त होते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो मुहावरों में प्रयुक्त शब्दों को उन्हीं के पर्यायवाची शब्दों से बदल कर प्रयोग किया जाय तो न केवल उसकी खूबसूरती समाप्त हो जाती है बल्कि उनके अर्थ भी बदल जाते हैं। उदहारण के लिए पानी पानी होना की जगह जल जल होना प्रयोग करें तो वाक्य का सौंदर्य और भाव दोनों समाप्त हो जायेगा।

मुहावरें वास्तव में एक पूर्ण वाक्य न होकर वाक्यांश होते। हैं। ये किसी वाक्य में प्रयुक्त होकर ही वाक्य को रोचक और प्रभावशाली बनाते हैं।

मुहावरों के पर्यावाची 


मुहावरा मूल रूप से अरबी भाषा के शब्द है जिसका अर्थ होता है बातचीत करना या उत्तर देना। मुहावरा का समानार्थक शब्द के मामले में अलग अलग विद्वानों की अलग अलग राय है। संस्कृत भाषा में कुछ लोग इसके लिए प्रयुक्तता, वागृति, वाग्धारा या भाषा संप्रदाय प्रयोग करते हैं। वी एस आप्टे ने अपने इंग्लिश संस्कृत कोश में इसका अर्थ वाक पद्धति, वाक रीति, वाक् व्यवहार और विशिष्ट स्वरुप लिखा है। वहीँ पराड़कर ने वाक् संप्रदाय को मुहावरे के पर्यावाची के रूप में स्वीकार किया है। जबकि काका कालेलकर वाक् प्रचार को मुहावरे के लिए रूढ़ि शब्द के रूप में अपनी अनुशंसा की है। अंग्रेजी भाषा में इसके लिए इडियम शब्द का प्रयोग होता है।


लोकोक्ति किस भाषा का शब्द है - lokokti kis bhaasha ka shabd hai

  • लोकोक्तियों के अंत में कोई विशेष लक्षण या कोई सामान प्रत्यय नहीं होता किन्तु मुहावरों के अंत में प्रायः "ना " प्रत्यय लगा होता है।

  • लोकोक्तियाँ गद्य और पद्य दोनों रूप में प्रयोग हो सकते हैं किन्तु मुहावरे केवल गद्य रूप में प्रयुक्त होते हैं।


  • लोकोक्ति लोक में प्रचलित उक्ति होती हैं जो भूतकाल का लोक अनुभव होती हैं जबकि मुहावरा अपने रूढ़ अर्थ के लिए प्रसिद्ध होता हैं।

इस प्रकार हम देखते हैं लोकोक्तियाँ और मुहावरे दोनों एक दूसरे से अलग अलग होते हुए भी दोनों ही किसी भाषा की निधि होते हैं। लोकोक्ति और मुहावरे भाषाओँ को जीवंत, प्रभावशाली, तीक्ष्ण और स्पष्ट बनाने में अपना खूब योगदान देते हैं।

दोस्तों,उम्मीद है लोकोक्ति और मुहावरों में अब अंतर स्पष्ट हो गया होगा। आपको "लोकोक्ति और मुहावरों में क्या अंतर है" पोस्ट कैसा लगा, कृपया अपने कमेंट के माध्यम से बताएं, पसंद आये तो कृपया शेयर करें और ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें। धन्यवाद्।

लोकोक्ति कौन सी भाषा का शब्द है?

'लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है।

लोकोक्ति का शाब्दिक अर्थ क्या है?

डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार, “विभिन्न प्रकार के अनुभवों, पौराणिक तथा ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं कथाओं, प्राकृतिक नियमों एवं लोक विश्वास आदि पर आधारित चुटीला, सरगर्भित, सजीव, संक्षिप्त लोक प्रचलित ऐसी उक्तियों को लोकोक्ति कहते हैं जिनका प्रयोग बात की पुष्टि या विरोध, सीख तथा भविष्य कथन आदि के लिए किया जाता है।”

लोकोक्ति का दूसरा नाम क्या है?

लोकोक्ति को कहावतें भी कहते हैं। कहावतें कही हुई बातों के समर्थन में होती है। महापुरुषों, कवियों व संतों के कहे हुए ऐसे कथन जो स्वतंत्र और आम बोलचाल की भाषा में कहे गए हैं जिसमें उनका भाव निहित होता है तो ये लोकोक्तियाँ कहलाती है। प्रत्येक लोकोक्ति के पीछे कोई न कोई घटना व कहानी होती है

लोकोक्ति के जन्म का आधार क्या है?

'लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है। चूँकि लोकोक्ति का जन्म व्यक्ति द्वारा न होकर लोक द्वारा होता है अतः लोकोक्ति के रचनाकार का पता नहीं होता।