Comprehensionनिर्देशः इस पद्य को ध्यान से पढ़े और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर देंः Show छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए, मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए। दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है, मरता है जो, एक ही बार मरता है। तुम स्वयं मरण के मुख पर, चरण धरो रे, जीना है तो मरने से नहीं डरो रे। इस काव्यांश का शीर्षक लिखिए।
Answer (Detailed Solution Below)Option 1 : आत्मसम्मान Free MP Police Constable: Memory Based Paper: 8 Jan 2022 Shift 1 100 Questions 100 Marks 120 Mins दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 ‘आत्मसम्मान ’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Latest MP Police SI Updates Last updated on Sep 26, 2022 The Madhya Pradesh Professional Education Board is very soon going to release the notification for recruitment for the post of MP Police SI (Sub-Inspector). In the last recruitment cycle, a total of 611 vacancies were released. The expected vacancy this year is to be much higher than that of the previous cycle. The candidates must be at least 18 years old to be able to apply for the post. The candidates can go through the MP Police SI Syllabus and Exam Pattern to have a better understanding of the requirements of the exam. अपठित काव्यांश अपठित काव्यांश अपठित काव्यांश किसी कविता का वह अंश होता है, जो पाठ्यक्रम में शामिल पुस्तकों से नहीं लिया जाता है। इस अंश को छात्रों द्वारा पहले नहीं पढ़ा गया होता है। अपठित काव्यांश का उद्देश्य काव्य पंक्तियों का भाव और अर्थ समझना, कठिन शब्दों के अर्थ समझना, प्रतीकार्थ समझना, काव्य सौंदर्य समझना, भाषा-शैली समझना तथा काव्यांश में निहित संदेश। शिक्षा की समझ आदि से संबंधित
विद्यार्थियों की योग्यता की जाँच-परख करना है। अपठित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने से पहले काव्यांश को दो-तीन बार पढ़ना चाहिए तथा उसका भावार्थ और मूलभाव समझ में आ जाए। इसके लिए काव्यांश के शब्दार्थ एवं भावार्थ पर चिंतन-मनन करना चाहिए। छात्रों को व्याकरण एवं भाषा पर अच्छी पकड़ होने से यह काम आसान हो जाता है। यद्यपि गद्यांश की तुलना में काव्यांश की भाषा छात्रों को कठिन लगती है। इसमें प्रतीकों का प्रयोग इसका अर्थ कठिन बना देता है, फिर भी निरंतर अभ्यास से इन कठिनाइयों पर विजय पाई जा
सकती है। अपठित काव्यांश संबंधी प्रश्नों को हल करते समय निम्नलिखित प्रमुख बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए – काव्यांश को हल करने में आनेवाली कठिनाई से बचने के लिए छात्र यह उदाहरण देखें और समझें – प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः
5. उदाहरण (उत्तर सहित) 1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए – प्रश्नः
1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 2. चाहे जिस देश प्रांत पुर का हो प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 3. जब बहुत सुबह चिड़िया उठकर, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 4. क्षमा शोभती उस भुजंग को प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 5. सुरपति के हम ही हैं अनुचर जगतप्राण के भी सहचर, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 6. ओ नए साल, कर कुछ कमाल, जाने वाले को जाने दे. प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः
4. प्रश्नः 5. 7. स्वर में पावक यदि नहीं, वृथा वंदन है, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 8. साक्षी है इतिहास हमीं पहले जागे हैं, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 9. नहीं, ये मेरे देश की आँखें नहीं हैं प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 10. इन नील विषाद गगन में; प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 11. मलयज का झोंका बुला गया प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 12. छोड़ो मत अपनी आन, शीश कट जाए, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 13. सुरभित, सुंदर सुखद सुमन तुझ पर खिलते हैं, जो आवश्यक होते हमें, मिलते सभी पदार्थ हैं। दीख रही हैं कहीं दूर पर शैलश्रेणी, मृदु मलय वायु मानो तुझे चंदन चारु चढ़ा रही। क्षमामयी, तू दयामयी है, क्षेममयी है, हे शरणदायिनी देवि, तू करती सब का त्राण है। प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 14. मेले से लाया हूँ इसको प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 15. चंदा-तारों-सी सहज कांति, नदियों में है मुसकान भरी, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 16. नमन उन्हें मेरा शत बार! प्रश्नः 1. प्रश्नः
2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 17. मनमोहिनी प्रकृति की जो गोद में
बसा है। नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं, जिसमें सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे, मैदान-गिरि-वनों में हरियालियाँ लहकतीं, जिसके अनंत धन से धरती
भरी पड़ी है, पृथ्वी-निवासियों को जिसने प्रथम जगाया, प्रश्नः 1. प्रश्नः
2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 18.ऐ अमरों की जननी, तुझको शत-शत बार प्रणाम। प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 19. नवीन कंठ दो कि मैं नवीन गान गा सकूँ, नवीन दृष्टि का नया विधान आज हो रहा, युगांत की व्यथा लिए अतीत आज रो रहा, नए समाज के लिए नवीन नींव पड़ चुकी, भविष्य-द्वार मुक्त से स्वतंत्र भाव से चलो, प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. 20. अरे निर्जन वन के निर्मल-निर्झर! प्रश्नः 1. प्रश्नः 2. प्रश्नः 3. प्रश्नः 4. प्रश्नः 5. NCERT Solutions for Class 9 Hindiकाव्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या है?Explanation: शीर्षक काव्यांश की किसी पंक्ति विशेष पर आधारित न होकर पूरे काव्यांश के भाव पर आधारित होना चाहिए। शीर्षक संक्षिप्त आकर्षक एवं अर्थवान होना चाहिए। अति लघुत्तरीय और लघुउत्तरीय प्रश्नों के उत्तर में शब्द सीमा का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है?उत्तर: (क) गद्यांश का उचित शीर्षक ' धर्म और कानून। (ख) धार्मिक निषेधों का उल्लंघन नहीं होता था । ऐसा करने से लोग डरते थे । कानून को भी धर्म के समान ही ।
कहानी के शीर्षक को क्या कहते हैं?वह शब्द या शब्द समूह जो किसी विषय से परिचित होने के लिए सबसे ऊपर लिखा जाता है; (टाइटिल) 2. किसी ग्रंथ या लेख आदि के विषय का परिचायक शब्द; रचना नाम 3. टोपी; साफ़ा; पगड़ी; शिरस्त्राण 4. सिर; खोपड़ी 5.
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