काव्य की विभिन्न परिभाषाओं का अध्ययन करने पर काव्य के चार प्रमुख तत्त्व सामने आते हैं – भाव तत्त्व, कल्पना तत्त्व, बुद्धि तत्त्व और शैली तत्त्व | कविता के लिए यह सभी तत्त्व आवश्यक हैं परंतु अधिकांश विद्वान भाव तत्त्व और शैली तत्त्व को प्रमुख मानते हैं | क्योंकि अनुभूति के बिना कविता निस्सार और अभिव्यक्ति के बिना आकर्षणहीन होती है | मैथ्यू आर्नोल्ड बुद्धि तत्त्व को
महत्व देते हैं जबकि पंत जी कल्पना तत्त्व को | काव्य के तत्वों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है : – (1) भाव तत्त्व – भाव तत्त्व कविता का प्रधान तत्त्व है | इसे राग तत्त्व भी कहा जाता है | इसका संबंध अनुभूति से होता है | यह कवि की कल्पना का स्रोत और छंद के स्वरूप का विधायक होता है | भाव की परिपक्व अवस्था को रस कहा जाता है | (2) कल्पना तत्त्व – कल्पना भाव को पुष्ट करती है | कल्पना से कविता में आकर्षण आता है |
अमूर्त और निराकार भावों को आकार देना, पात्रों व चरित्रों को साक्षात करना और घटनाओं के यथार्थ चित्र अंकित करना कल्पना के द्वारा ही संभव होता है | परंतु विद्वानों का मानना है कि यह कल्पना निराधार और अनियंत्रित नहीं होनी चाहिए | (3) बुद्धि तत्त्व – बुद्धि तत्त्व भी काव्य-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | बुद्धि तत्त्व काव्य के अन्य तीनों तत्त्वों में सामंजस्य स्थापित करता है | यह कल्पना तत्व को नियंत्रित करता है तथा भावों को भी मर्यादा के भीतर रखता है | बुद्धि तत्त्व
कविता को विश्वसनीय और प्रभावशाली बनाता है | (4) शैली तत्त्व – शैली तत्त्व का संबंध अभिव्यक्ति से है | भावों की अभिव्यक्ति शैली के माध्यम से ही होती है | इस तत्त्व में शब्द-शक्ति, अलंकार, छंद, गुण, रस आदि का समावेश होता है | इसका कार्य अभिव्यक्ति को सरल, उत्कृष्ट और आकर्षक बनाना है | विषयसूची काव्य के कितने तत्त्व है?इसे सुनेंरोकेंAnswer: काव्यप्रकाश में काव्य तीन प्रकार के कहे गए हैं, ध्वनि, गुणीभूत व्यंग्य और चित्र। काव्य संग्रह क्या है?इसे सुनेंरोकेंकविता अथवा पद्य रचनाओं के संग्रह को कविता संग्रह कहा जाता है। काव्य कितने प्रकार का होता है?इसे सुनेंरोकेंकाव्य दो प्रकार का माना गया है, दृश्य और श्रव्य। दृश्य काव्य वह है जो अभिनय द्वारा दिखलाया जाय, जैसे, नाटक, प्रहसन, आदि जो पढ़ने और सुनेन योग्य हो, वह श्रव्य है। श्रव्य काव्य दो प्रकार का होता है, गद्य और पद्य। श्रव्य काव्य क्या है? इसे सुनेंरोकेंश्रव्य काव्य वह है जो कानों से सुना अथवा मुख से पढ़ा जाता है। दृश्य काव्य वह है जो अभिनय के माध्यम से देखा सुना जाता है जैसे नाटक एकांकी आदि। श्रव्य काव्य के दो भेद होते हैं प्रबंध और मुक्तक। प्रबंध काव्य में कोई धारावाहिक कथा होती है। काव्य के प्रमुख तत्व कौन कौन से हैं? कविता के प्रमुख तत्व हैंः
नाटक के प्रमुख तत्व कौन कौन से हैं?नाटक के तत्व – Natak ke tatva
काव्य संग्रह किसकी रचना है?
मौसम से कह दो किसका काव्य संग्रह?इसे सुनेंरोकेंकाव्य संग्रह / सौरभ / श्रीप्रकाश संस्कृत में काव्य कितने प्रकार के होते हैं? काव्य के भेद / प्रकार ( Kavya Ke Bhed / Prakar )
महाकाव्य क्या है परिभाषा? इसे सुनेंरोकेंजिसमें सर्गों का निबंधन हो वह महाकाव्य कहलाता है। महाकाव्य में देवता या सदृश क्षत्रिय, जिसमें धीरोदात्तत्वादि गुण हों, नायक होता है। कहीं एक वंश के अनेक सत्कुलीन भूप भी नायक होते हैं। शृंगार, वीर और शांत में से कोई एक रस अंगी होता है तथा अन्य सभी रस अंग रूप होते हैं। काव्य भाषा क्या है?इसे सुनेंरोकेंकाव्य, कविता या पद्य, साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी कहानी या मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो अर्थात् वहजिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है। महाकाव्य से आप क्या समझते हैं? |