( तोड़ो- कविता- व्याख्या ) Show
[ Summary ]
तोड़ो तोड़ो तोड़ो व्याख्या- 1
तोड़ो तोड़ो तोड़ो व्याख्या- 2
[ विशेष ]
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रघुवीर सहाय का जीवन परिचय – Raghuveer Sahay ka Jeevan Parichayकवि रघुवीर सहाय का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनकी पूरी शिक्षा लखनऊ में ही पूर्ण हुई। लखनऊ से ही इन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. किया, यह पेशे से पत्रकार थे। अपने पत्रकारिता के जीवन के शुरुआती दौर में इन्होंने प्रतीक में सहायक संपादक के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात वे आकाशवाणी के समाचार विभाग में कार्यरत रहे। रघुवीर सहाय हिंदी साहित्य के इतिहास के नई कविता के कवि के रूप में जाने जाते हैं। अग्गेय द्वारा संपादित दूसरे तार सप्तक में रघुवीर सहाय की कुछ रचनाएं संकलित हुई थी। प्रमुख रचनाएं- रघुवीर सहाय की प्रमुख रचनाएं कुछ इस प्रकार है–
इनको इनकी सुप्रसिद्ध काव्य संग्रह लोग भूल गए हैं, के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। रघुवीर सहाय जी को समकालीन हिंदी कविता के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक माना जाता है। इनकी कविताएं में मानवीय रिश्तो को एक सूत्र में बांधने का चित्रण मिलता है और साथ ही इनकी कविता में अन्याय एवं गुलामी के खिलाफ आवाज उठाने का भी दृश्य दिखाई देता है। तोड़ो कविता कवि रघुवीर सहाय द्वारा रचित है। इस कविता के माध्यम से कवि बंजर, ऊसर एवं चट्टानों को तोड़ने का आह्वाहन करते हैं। ताकि एक अच्छी भूमि का निर्माण हो सके। इस कविता के माध्यम से कवि ने यह बताने का प्रयास किया है कि किस तरह से एक बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि बनाया जा सकता है। विनाश के लिए तोड़ो शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। कुछ नया सृजन करने के लिए तोड़ो शब्द का प्रयोग किया गया है। कवि प्रकृति के माध्यम से मानव ह्रदय में व्याप्त बंजर भूमि को समाप्त कर उसमें कुछ नहीं विचारधारा उत्पन्न करना चाहते हैं। यह कविता भले ही छोटी हो लेकिन इसके अंदर की बात बहुत बड़ी है और वही बात कवि इस कविता के माध्यम से बताना चाहते हैं। तोड़ो कविता– Todo Poemतोड़ो तोड़ो तोड़ो तोड़ो तोड़ो तोड़ो तोड़ो कविता भावार्थ- Todo Poem Explanationsतोड़ो तोड़ो तोड़ो भावार्थ- प्रस्तुत काव्य पंक्तियां कवि रघुवीर सहाय द्वारा रचित तोड़ो काव्य से ली गई हैं। इस कविता के माध्यम से कवि मनुष्य के मन में व्याप्त बंजरपन को जड़ से समाप्त कर उनमें कुछ नया सृजन करना चाहते हैं। उन्हें सृजनशील बनाना चाहते हैं। कवि कहते हैं कि जिस प्रकार से एक बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए प्रयोग में लाने के लिए उस भूमि में मौजूद चट्टानों, पत्थर इत्यादि को तोड़ना पड़ता है और उसे समतल बनाना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य को सृजनशील बनाने के लिए उनके अंतर्मन में व्याप्त बंजरपन को खत्म करना होगा। ताकि वह कुछ नया सृजन कर सके, खुद को पहचान सके। कवि के अनुसार मनुष्य अपनी क्षमता शक्ति से अनजान है। मनुष्य अनजान इसलिए है क्योंकि उसका अंतर्मन बंजरभूमि के समान है और जब तक उनके मन से बंजरपन समाप्त नहीं होगा। तब तक वह स्वयं को पहचानने में असमर्थ है। यहाँ मनुष्य को खुद से परिचय करवाने की बात कही गई है। मनुष्य तब तक उस गाना को पूर्ण नहीं कर सकता जो वह गाना चाहता है, जब तक वह अपने हृदय में व्याप्त खींझ एवं ऊब को बाहर उठाकर नहीं फेंक देता। जब मनुष्य का मन प्रसन्न होता है। उल्लास से भरा होता है, तभी वह गाना गा सकता है। जब मन ही उदास होगा, तो मनुष्य गाना कैसे गाएगा। कठिन शब्द : दूब- हरी घास, ऊब- खींझ, व्यापी- व्याप्त या फैला हुआ। तोड़ो तोड़ो तोड़ो भावार्थ- यह कविता कवि रघुवीर सहाय द्वारा रचित है। कविता में कवि ने तोड़ो शब्द का प्रयोग किया है। तोड़ो शब्द से तात्पर्य किसी विनाश से नहीं है बल्कि यहां कुछ नया गढ़ने की बात कही गई है। एक भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए जितनी मेहनत की आवश्यकता होती है। उतनी मेहनत करने की जरूरत उन मनुष्यों को भी है, जिनके हृदय में पत्थर भरा है। जब तक मनुष्य अपने हृदय से चट्टानों, पत्थरों को बाहर नहीं फेंकेंगे तब तक वह अपने आप से परिचित नहीं हो पाएंगे। खेती के लिए समतल भूमि की आवश्यकता होती है। मिट्टी में रस तभी उत्पन्न होता है जब वह उपजाऊ होता है। फिर वह पोषण पाता है। पोषण के कारण वह बीज को पौधों में परिवर्तित करता है। मनुष्य के मन में व्यापत खीझ को बाहर निकालकर कुछ अच्छे विचार देने होंगे ताकि वह कुछ नया कर सकें। कठिन शब्द: पोसेगी- पोषण, गोड़ो- गढ़ों Tags: कवि ने तोड़ो कविता में क्या आह्वान किया है 1 Point?इस कविता में कवि सृजन हेतु भूमि को तैयार करने के लिए चट्टानों, ऊसर और बंजर को तोड़ने का आह्वान करता है ! इसमें कवि ने प्रकृति से मन की तुलना की है ! इसमें कवि ने मन में व्याप्त रूढ़ियों को भी समाप्त करने की बात कही है !
तोड़ो कविता का आरंभ तोड़ो तोड़ो तोड़ो से कर कवि मनुष्य को क्या तोडने की प्रेरणा दे रहा है?उत्तर: कवि नई कविता का आरंभ 'तोड़ो तोड़ो तोड़ो' से करके मनुष्य को विघ्न, खीज तथा बाधाएं इत्यादि को तोडने की प्रेरणा देकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। इन सभी को तोड़ने के बाद ही मनुष्य के अंदर सृजन शक्ति का विकास होगा।
कविता तोड़ो में तोड़ो से क्या अभिप्राय है?उत्तर 'तोड़ो' कविता के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि हमें अपनी विघ्न बाधाएँ इत्यादि को चकनाचूर करने के लिए प्रेरित करते हैं। ताकि मनुष्य अपनी सोचने समझने की शक्ति का विकास कर सके । उत्तर तोड़ो कविता में कवि मनुष्य से कहते हैं कि 'पत्थर' और 'चट्टान' बंधन तथा बाधाओं के प्रतीक हैं।
तोड़ो कविता का मुख्य भाव या प्रतिपाद्य क्या है?Answer: तोड़ो कविता में 'पत्थर' और 'चट्टान' बंधनों तथा बाधाओं के प्रतीक हैं। बंधन और बाधाएँ मनुष्य को आगे बढ़ने से रोकती है इसलिए कवि मनुष्य को इनको हटाने के लिए प्रेरित करता है। उसके अनुसार यदि इनसे पार पाना है, तो इन्हें तोड़कर अपने रास्ते से हटाना पड़ेगा।
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