दाब बढ़ाने पर द्रव का क्वथनांक क्यों बढ़ता है? - daab badhaane par drav ka kvathanaank kyon badhata hai?

इसे सुनेंरोकेंदाब परिवर्तन का प्रभाव-जब एक सिलेण्डर में भरी गैस पर दाब लगाते हैं, तो गैस के कणों के बीच की दूरी कम हो जाती है। अतः दाब बढ़ाने पर पदार्थ के कणों को समीप लाया जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, ठोस CO2 को उच्च दाब पर ही संग्रहित किया जाता है।

दाब बढ़ाने पर किसी पदार्थ के गलनांक एवं क्वथनांक पर क्या प्रभाव होता है?

इसे सुनेंरोकेंगलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (effect of pressure on melting point and boiling point): गलनांक पर प्रभाव: (i) गर्म करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है: जैसे- मोम, घी आदि.

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सबसे ज्यादा क्वथनांक किसका होता है?

इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर n-पेंटेन है। n-पेंटेन अन्य की तुलना में अधिक पिघलाता है क्योंकि यह एक छड़ जैसा आकार ग्रहण कर सकता है जिसमें आसन्न अणु एक साथ मिलकर पैक हो सकते हैं। लंबे n-पेंटेन अणु लगभग एक साथ फिट होते हैं, वे सबसे अधिक अंतर-अणु आकर्षण प्रदर्शित करते हैं। n-पेंटेन का क्वथनांक 36° C होता है।

दाब का विमीय सूत्र कैसे निकालते हैं?

इसे सुनेंरोकेंIf arg(z1/2)=12arg(z2+ˉzz1/3), find the value of |z|.

दाब बढ़ाने पर ताप में क्या परिवर्तन होता है?

इसे सुनेंरोकेंक्रांतिक ताप पर किसी गैस या वाष्प के ऊपर दाब बढ़ाने से एक विशेष दाब पर, जो प्रत्येक गैस या वाष्प के लिए भिन्न होती है, वह गैस या वाष्प द्रव में परिवर्तित हो जाता है।

गहराई बढ़ने पर दाब पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसे सुनेंरोकेंअर्थात् गहराई बढ़ने से द्रव का दाब बढ़ता है, क्योंकि गहराई के बढ़ने से ऊपर के द्रव का भार बढ़ता जाता है। 2. स्थिर द्रव के भीतर किसी बिन्दु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है। अर्थात् एक ही गहराई पर, सभी दिशाओं में समान दाब लगता है।

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धातु का क्वथनांक क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी द्रव का क्वथनांक वह ताप है जिसपर द्रव के भीतर वाष्प दाब, द्रव की सतह पर आरोपित वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। यह वायुदाब के साथ परिवर्तित होता है और वायुदाब के बढ़ने पर द्रव के क्वथन हेतु अधिक उच्च ताप की आवश्यकता होती है।

किसी द्रव का क्वथनांक वह ताप है जिसपर द्रव के भीतर वाष्प दाब, द्रव की सतह पर आरोपित वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। यह वायुदाब के साथ परिवर्तित होता है और वायुदाब के बढ़ने पर द्रव के [क्वथन] हेतु अधिक उच्च ताप की आवश्यकता होती है।

दाब क्या है? द्रवों में दाब का क्या नियम है? गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का क्या प्रभाव पड़ता है. जानने के लिए पढ़ते हैं दाब.

दाब (pessure): किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं यानी कि
दाब(P) = F/A = पृष्ठ के लंबवत बल/पृष्ठ का क्षेत्रफल
दाब का S.I. मात्रक N / m^2 होता है, जिसे पास्कल (Pa) भी कहते हैं. दाब एक अदिश राशि है.

वायुमंडलीय दाब (atmospheric pressure): सामान्यता वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है, जो पारे के 76 सेमी. लंबे कॉलम के भार के बराबर होता है. वायुमंडलीय दाब का S.I. मात्रक बार (bar) होता है.
1 बार = 10^5 N/m^2
वायुमंडलीय दाब 10^5 न्यूटन / मीटर^2 यानी कि एक बार के बराबर होता है.
पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण
(i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है.
(ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउंटेन पेन से स्याही रिस जाती है.

वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर से मापा जाता है. इसकी सहायता से मौसम संबंधी पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है.
बैरोमीटर का पाठ्यांक जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आंधी आने की संभावना होती है.
बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा होने की संभावना होती है.
बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे नीचे-ऊपर चढ़ता है, तो दिन साफ होने की संभावना होती है.

द्रव में दाब (pressure in liquid): द्रव के अणुओं के द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं. द्रव के अंदर किसी बिंदु पर द्रव के कारण दाब द्रव की सतह से उस बिंदु की गहराई (h) द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल के बराबर होती है.
यानी कि p(दाब) = h x d x g

द्रव्यों में दाब के नियम:
(i) स्थिर द्रव में एक ही क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है.
(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिंदु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है.
(iii) द्रव के भीतर किसी बिंदु पर दाब स्वतंत्र तल से बिंदु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है.
(iv) किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है. घनत्व अधिक होने पर दाब भी अधिक होता है.

द्रवों में दाब के नियम:
पास्कल के नियम का प्रथम कथन:- यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाए तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिंदु पर दबाव समान होता है.
पास्कल के नियम का द्वितीय कथन:- किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता है.

पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यंत्र हैं: हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि.
द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृती पर निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है.

गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (effect of pressure on melting point and boiling point):
गलनांक पर प्रभाव: (i) गर्म करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है: जैसे- मोम, घी आदि.
(ii) गर्म करने पर जिन पदार्थों का आयतन घट जाता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी कम हो जाता है: जैसे- बर्फ

क्वथनांक पर प्रभाव: सभी द्रवों का क्वथनांक बढ़ाने पर दाब बढ़ जाता है.

दाब बढ़ाने पर द्रव का क्वथनांक बढ़ जाता है क्या?

Solution : द्रव क्वथनांक वह ताप है जिस पर वाष्प दाब बाह्य दाब के बराबर हो जाएं। जब दाब बढ़ाया जाता है तो द्रव का वाष्प दाब भी बाह्य दाब के बराबर करने के लिए बढ़ाना होगा। अतः द्रव को और गर्म करना पड़ता है या उसका क्वथनांक बढ़ जाता है।

दाब बढ़ाने पर किसी पदार्थ के गलनांक एवं क्वथनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है?

गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (effect of pressure on melting point and boiling point): गलनांक पर प्रभाव: (i) गर्म करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है: जैसे- मोम, घी आदि.

तापमान बढ़ाने पर द्रव के वाष्प दाब पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Solution : वाष्पदाब बढ़ जाता है।

किसी द्रव के क्वथनांक पर दाब का क्या प्रभाव होता है?

Solution : द्रव का क्वथनांक वायुमण्डल के दाब पर निर्भर करता है। वायुमण्डल का दाब अधिक रहने पर द्रव का क्वथनांक भी बढ़ जाता है। इसके विपरीत वायुमण्डल दाब कम रहने पर द्रव का क्वथनांक भी कम हो जाता है। जब हम वायु में ऊपर जाते हैं तो वायुमण्डल का दाब कम होने लगता है जिससे द्रव का क्वथनांक भी कम होते जाता है।