कैसे बनता है घर कैसे बनता है? - kaise banata hai ghar kaise banata hai?

आज हम जानेंगे घर कैसे बनाएं की पूरी जानकारी (Ghar Kaise Banta Hai) के बारे में क्योंकिरोटी, कपड़ा और मकान आपने यह पिक्चर कभी ना कभी अवश्य देखी होगी अथवा इस पिक्चर का नाम तो सुना ही होगा। इस पिक्चर के टाइटल का हिंदी में मतलब यह होता है कि इंसानों की जिंदगी में तीन चीजें सबसे महत्वपूर्ण होती हैं, जिसमें रोटी, कपड़ा और मकान शामिल है। बात करें अगर मकान की तो हमें रहने के लिए किसी ना किसी मकान की आवश्यकता पड़ती है।

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हम खुले में नहीं रह सकते हैं, क्योंकि खुले में रहने पर हमें कई खतरे होते हैं। यहां तक कि खुले में रहने पर हमारी प्राइवेसी को भी खतरा होता है। इसीलिए हर कोई यह चाहता है कि जल्द से जल्द उसका अपना घर बन जाए और वह अपने खुद के घर में रहे। हालांकि जब तक व्यक्ति के पास अपना खुद का घर नहीं होता है तब तक वह भाड़े के घर में रह सकता है जिसके बदले में उसे भाड़ा देना पड़ता है। आज के इस लेख में जानेंगे कि घर कैसे बनता है, Ghar Kaise Banta Hai, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।

घर कैसे बनता है?

कैसे बनता है घर कैसे बनता है? - kaise banata hai ghar kaise banata hai?
Ghar Kaise Banta Hai

आज के दौर में अन्य सभी चीजें महंगी हो गई है। इसके साथ ही साथ घर बनाने में जो मटेरियल लगता है वह भी महंगा हो गया है। इसीलिए कई लोग घर बनाने के बारे में तो सोचते हैं परंतु जैसे ही वह घर बनाने के अंदर जो मटेरियल इस्तेमाल होता है उसके दाम के बारे में सोचते हैं वैसे ही वह अपने पैर पीछे हटा लेते हैं। परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि आप जिंदगी भर बिना घर के रहें और घर बनाने की योजना पर काम ना करें।

घर कैसे बनाया जाता है?

आप अगर अपनी कमाई में से थोड़े थोड़े पैसे बचाते हैं तो निश्चित है कि आप 1 या 2 रूम खड़ा करने लायक घर तो बना ही लेंगे। इसके अलावा आप धीरे-धीरे घर बना सकते हैं। खैर फिलहाल आज का मुद्दा यह है कि घर कैसे बनता है अथवा घर कैसे बनाया जाता है। इसलिए हमने काफी मेहनत करके आपके लिए घर कैसे बनता है, इसकी डिटेल इकट्ठा की है, जिसे नीचे आपके साथ हम शेयर कर रहे हैं।

1. पैसे इकट्ठा करें

चाहे आप कुछ भी क्यो ना कर ले। अगर आपके पास पैसे नहीं है तो आप घर तो क्या आप किसी भी काम को अंजाम देने के लिए अपने कदम आगे नहीं बढा सकते हैं। घर बनाने में जो भी मटेरियल लगता है उसके दाम ज्यादा ही होते हैं।इसीलिए आपको पहले से ही घर बनाने के सामान को खरीदने के लिए पैसे का प्रबंध कर लेना चाहिए।

यहां पर हम आपको बता दें कि, एकाएक घर नहीं बनता है बल्कि कई लोगों सालों साल परिश्रम करते हैं और एक घर बनाने के लिए फंड इकट्ठा करते हैं, तब जाकर के वह कभी घर में काम लगवाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो घर में काम लगवाने के बाद धीरे-धीरे उसे बनवाते हैं। कहने का मतलब है कि जैसे-जैसे उनके पास पैसे आते हैं, वैसे-वैसे वह घर को पूरा रुप देना चालू करते हैं और इस प्रकार से 1 से 2 साल में उनका घर बन करके तैयार हो जाता है।

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इसलिए घर बनाने की शुरुआत करने के लिए आपको पहले पैसे का प्रबंध अवश्य कर लेना चाहिए। पैसे का प्रबंध इस बात पर भी डिपेंड करता है कि आप घर बड़ा बनाना चाहते हैं या फिर छोटा बनाना चाहते हैं। अगर घर का साइज बड़ा है, तो उसमें ज्यादा पैसे लगेंगे और घर का साइज छोटा है तो उसमें कम पैसे लगेंगे।

2. जमीन खोजें

घर का निर्माण करने के लिए पैसे का प्रबंध कर लेने के बाद आपको उस जमीन को खोजना चाहिए, जहां पर आप घर बनाने के इच्छुक हैं। अगर आपके पास खुद की जमीन है तो फिर तो आपको जमीन खोजने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप अपनी खुद की जमीन पर ही घर का निर्माण करना चालू कर सकते हैं, परंतु अगर आपके पास खुद की जमीन नहीं है या फिर आप रोड के किनारे घर बनाना चाहते हैं, तो आपको जमीन खरीदनी पड़ेगी‌ इसके लिए आपको घर बनाने के अलावा भी फंड इकट्ठा करना पड़ेगा।

हालांकि एक बात है कि जमीन खरीदने के लिए आपको बैंक से आसानी से लोन भी मिल सकता है। इसीलिए आप बैंक से लोन ले सकते हैं और जमीन खरीद सकते हैं और अगर जमीन नहीं खरीदना चाहते हैं, तो आप जो भी जमीन आपके पास मोजूद है, उस पर ही अपने घर का निर्माण करना चालू कर सकते हैं।

3. आवश्यक डॉक्यूमेंट तैयार करें

बता दें कि जमीन खरीदने के लिए आपको अपने आवश्यक डॉक्यूमेंट भी जमा करने होते हैं और जमीन रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर के जमीन खरीदना पड़ता है और अगर आपके पास खुद की जमीन है तब भी आपको कुछ आवश्यक कार्यवाही पूरी करनी पड़ती है। जैसे कि आपको अपने एरिया के नगरपालिका से एनओसी का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है।

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इसके अलावा आपको लाइट बिल भी लेना पड़ता है, क्योंकि जब आप घर का निर्माण करना चालू करते हैं तब उसमें पानी का काम पड़ता है जिसे पाने के लिए आपको लाइट का कनेक्शन लेना पड़ता है। इस प्रकार सभी डॉक्यूमेंट घर से संबंधित तैयार कर ले, ताकि घर पर आपकी दावेदारी मजबूत हो जाए।

4. घर का नक्शा तैयार करें

पहले के समय में लोग बिना घर का नक्शा तैयार करवाए हुए घर बनाना चालू कर देते थे। इससे होता क्या था कि उनका घर तो बन जाता था परंतु वह सिस्टमैटिक तरीके से नहीं होता था, साथ ही इस प्रकार से जो घर तैयार होते थे, उसमें खर्चा भी अधिक आता था। इसलिए अगर आप अधिक खर्चे से बचना चाहते हैं और अपने घर को एक बढ़िया सा डिजाइन देना चाहते हैं, तो आपको अपने घर का नक्शा अवश्य तैयार करवा लेना चाहिए‌।

बता दे कि आर्किटेक्चर इंजीनियर के पास घर के कई नक्शे होते हैं। ऐसे में आप उनसे संपर्क कर सकते हैं और अपने घर के लिए एक बढ़िया सा नक्शा तैयार करवा सकते हैं। इसके अलावा इंटरनेट पर भी ऐसी कई वेबसाइट है, जो आपको घर बैठे खुद से ही घर का नक्शा अथवा घर का डिजाइन तैयार करने का मौका देती है।

आप उनका इस्तेमाल करें और खुद से ही जिस प्रकार का घर आपको चाहिए उस प्रकार के घर का नक्शा तैयार करें। घर के नक्शे में आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको कितने कमरे घर में रखने हैं, कितने किचन, लैट्रिन, बाथरूम घर में रखने हैं, कहां कहां पर खिड़की रखनी है, छत की सीढ़ी कहां पर होगी, बैकग्राउंड में कितना एरिया रखना है इन सभी बातों का ध्यान रखना है।

5. सामान थोक में मंगाए

क्या आप जानते हैं कि अगर आप घर बनाने में जो सामान इस्तेमाल होता है, उसे अगर छूट्टा मंगाते हैं तो इससे आपके घर बनने की लागत ज्यादा हो जाती है। इससे आपके ऊपर आर्थिक बोझ भी आ सकता है। ऐसी सिचुएशन से बचने के लिए आपको एक साथ ही रेती, गिट्टी और सरिए जैसे सामान थोक में मंगा लेना चाहिए।

इससे होता क्या है कि आपको एक बार पेमेंट तो ज्यादा करनी पड़ती है परंतु आपको छुट्टा सामान से यह सामान सस्ता ही पड़ता है। इस प्रकार अगर आप अंत में अपना बजट जोड़ते हैं तो आप यह खुद ही देखेंगे कि थोक में सामान मंगाने के कारण आप फायदे में ही है। इसलिए रेती,सरिया, सीमेंट, गिट्टी इन सभी सामान को थोक में मंगाने का प्रयास करें।

6. नींव डालें

घर बनाने के लिए जब सारा सामान इकट्ठा हो जाए तब आपको मजदूरों को लगवा करके उस जगह पर नीव के आकार की खुदाई चालू करवानी है, जहां पर आप घर बनाना चाहते हैं। याद रखें कि यह नींव मजबूत होनी चाहिए, क्योंकि घर की नींव जितनी ज्यादा मजबूत होगी, घर उतनी ही मजबूती के साथ बनेगा। नीव के अंदर आपको अच्छी क्वालिटी की सीमेंट, सरिया और ईंट का इस्तेमाल करना है।

7. दिवाल खड़ी करें

नीव की खुदाई हो जाने के बाद आपको मजदूरों की सहायता से दिवाल खड़ी करना चालू कर देना है। याद रखें कि जब दिवाल खड़ी हो तब आपको जहां जहां पर खिड़की रखनी है, वहां वहां पर खिड़की भी अवश्य फिट कर देनी है, ताकि बाद में आपको खिड़की लगाने में दिक्कत ना हो।

8. लेंटर डालें

याद रखें कि दीवारों को सूखने में 2 से 3 दिन का समय लगता है। इसलिए दीवाल खड़ी हो जाने के बाद जब 3 दिन बीत जाए तब आपको लेंटर डालने की व्यवस्था करनी है। इसके लिए आपको किसी अनुभवी लेंटर डालने वाले ठेकेदार से संपर्क करना है, क्योंकि उनके पास लेंटर डालने वाली मशीन और लेंटर डालने वाले मजदूर होते हैं।

यह आपके घर की छत पर ठीक ढंग से लेंटर डाल देते हैं। जब घर की छत पड़ जाए तब आपको इसे 8 से 9 दिन ऐसे ही रहने देना है। अगर गर्मी का मौसम है तो लेंटर जल्दी सूख जाएगा और अगर ठंडी का मौसम है तो इसे सूखने में 15 से 20 दिन लग सकते हैं। इसके अलावा रोजाना घर के लेंटर पर पानी अवश्य डालें।

9. प्लास्टर और पेंट करें

जब घर की छत सूख जाए तब बारी आती है घर के अंदर की दीवारों पर प्लास्टर करने की क्योंकि ईट इस्तेमाल किया हुआ होने के कारण अंदर की दीवारों की सतह उबड़ खाबड़ होती है, उन्हें एक समान करने के लिए अनुभवी मिस्त्री के द्वारा उन पर प्लास्टर लगाया जाता है। जब प्लास्टर सूख जाए तब आप मनचाहे पेंट से घर की दीवारों को कलर कर सकते हैं और अपने घर को एक आकर्षक लुक दे सकते हैं।

10. घर की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करें

घर को फाइनल लुक देने के लिए आपको अपने घर में मौजूद सभी कमरों में अपनी पसंद का दरवाजा भी फिट करवा देना है। इसके अलावा जहां जहां पर पेंट नहीं हुआ है, वहां वहां पर पेंट करवा देना है, साथ ही अपने घर में लाइटिंग की व्यवस्था भी करवा देनी है। इसके अलावा आपको घर की फर्श को भी पक्का करवा देना है। आप चाहे तो उस पर मार्बल या फिर टाइल्स भी लगा सकते हैं। इस प्रकार आपका घर बन करके तैयार हो जाता है।

घर कैसे बनता है से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मकान बनाने का खर्चा कम कैसे करें?

मकान बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान को थोक में मंगा कर

मकान बनाना कब फायदेमंद होता है?

बरसात चालू होने के पहले। इससे आप सिंचाई से बच सकते हैं।

मकान की नीव मजदूरों से खुदवानी चाहिए या फिर जेसीबी से

जेसीबी से

क्या हर राज्य में मकान में इस्तेमाल होने वाले सामान का रेट एक जैसा होता है?

नहीं यह अलग अलग होता है।

मकान का नक्शा बनाने से क्या फायदा होता है?

मकान में लगने वाली लागत कम हो जाती है।

मध्यम वर्गीय परिवार के लिए कितने कमरों का मकान अच्छा माना जाता है?

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निष्कर्ष

आशा है आपको घर कैसे बनता है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर अभी भी आपके मन में ghar kaise banta hai (How to Build a House Full Process in Hindi) और घर कैसे बनता है को लेकर आपका कोई सवाल है तो आप बेझिझक कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें ताकि सभी को घर कैसे बनाएं के बारे में जानकारी मिल सके।

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