हेलो स्टूडेंट्स, यहां हमने राजस्थान बोर्ड कक्षा 12वीं की भौतिक विज्ञान सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे | Student RBSE solutions for Class 12 Physics Chapter 4 विद्युत धारिता pdf Download करे| RBSE solutions for Class 12 Physics Chapter 4 विद्युत धारिता notes will help you. Show
राजस्थान बोर्ड कक्षा 12 physics के सभी प्रश्न के उत्तर को विस्तार से समझाया गया है जिससे स्टूडेंट को आसानी से समझ आ जाये | सभी प्रश्न उत्तर Latest Rajasthan board Class 12 physics syllabus के आधार पर बताये गए है | यह सोलूशन्स को हिंदी मेडिअम के स्टूडेंट्स को ध्यान में रख कर बनाये है | Table of Contents
Rajasthan Board RBSE Class 12 Physics Chapter 4 विद्युत धारिताRBSE Class 12 Physics Chapter 4 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर RBSE Class 12 Physics Chapter 4 बहुचयनात्मक प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. (अ) 2μF (ब) 4μF (स) 25μF (द) 3μF उत्तर: (ब) 4μF = 2μF + 2μF = 4μF प्रश्न 3. प्रश्न 4. (अ) 5μF (ब) 2.5μF (स) 10μF (द) 20μF उत्तर: (ब) 2.5μF प्रश्न 5. प्रश्न 6. उत्तर: (अ) प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. (अ) [latex]frac{8}{3}[/latex] V (ब) 4V (स) 6V (द) 8V उत्तर: (द) 8V प्रश्न 13. (अ) 1F (ब) 9F (स) 1.5F (द) 1/3F उत्तर: (अ) 1F RBSE Class 12 Physics Chapter 4 अति लघूत्तरात्मक प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. अर्थात् धारिता दोगुनी हो जायेगी। प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. RBSE Class 12 Physics Chapter 4 लघूत्तरात्मक प्रश्नप्रश्न 1. धातुओं में मौजूद मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electrons) आवेश वाहक का कार्य करते हैं। मुक्त इलेक्ट्रॉन परमाणुओं की सबसे बाहरी कक्षा के इलेक्ट्रॉन होते हैं जो थोड़ी भी ऊर्जा पाकर संगत परमाणु को छोड़कर चालक की परिसीमाओं (boundary) के अन्दर कहीं भी घूम सकते हैं। लेकिन चालक को छोड़कर नहीं जा सकते हैं। इन मुक्त (free) इलेक्ट्रॉनों की तुलना किसी बर्तन में बन्द गैस के अणुओं से की जा सकती है, अतः इनके समूह को इलेक्ट्रॉन गैस भी कह सकते हैं। विद्युतरोधी या अचालक (Insulators)-अचालक वे पदार्थ होते हैं जिनसे होकर विद्युत प्रवाह नहीं हो सकता है। अचालकों के सामान्य उदाहरण काँच, रबर, प्लास्टिक, एबोनाईट, अभ्रक, मोम आदि हैं। इन पदार्थों में नगण्य संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉन होते हैं। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि इन पदार्थों के परमाणुओं में सभी इलेक्ट्रॉन बद्ध इलेक्ट्रॉन (bound electrons) होते हैं और वे मुक्त रूप से गति नहीं कर सकते हैं। चूँकि अचालकों में मुक्त रूप से विचरण (movable) करने वाले आवेश नहीं होते हैं इसलिए इनसे होकर विद्युत का चालन सम्भव नहीं होता है। यह स्मरणीय तथ्य है कि अचालकों को ही परावैद्युत (dielectric) पदार्थ भी कहते हैं। स्वाभाविक है कि परावैद्युत माध्यमों में भी विद्युत प्रवाह सम्भव नहीं है लेकिन बाहरी विद्युत क्षेत्र (external electric field) में रखने पर इनकी सतह पर प्रेरित आवेश एकत्र हो जाता है। इस प्रकार हम परावैद्युत पदार्थ की परिभाषा निम्न प्रकार कर सकते हैं, “वे अचालक पदार्थ जो चालन के बिना विद्युत प्रभाव का प्रदर्शन करते हैं, परावैद्युत पदार्थ कहलाते हैं।” प्रश्न 2. अतः नाभिक में जितने प्रोटॉन होते हैं उतने ही इलेक्ट्रॉन नाभिक के परितः चक्कर लगाते हैं। जो इलेक्ट्रॉन नाभिक के समीप वाली कक्षाओं में होते हैं उन पर नाभिक का नियन्त्रण अधिक होता है, इन्हें सम्बद्ध या बद्ध इलेक्ट्रॉन (bound electron) कहते हैं। इन इलेक्ट्रॉनों को आसानी से नाभिक से अलग नहीं किया जा सकता है। जैसे-जैसे इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर जाते हैं, नाभिक का इलेक्ट्रॉन पर से नियन्त्रण कम होता जाता है। तथा अन्तिम कक्षा वाले इलेक्ट्रॉनों पर नाभिक का नियन्त्रण सबसे कम होता है। इन इलेक्ट्रॉनों को मुक्त इलेक्ट्रॉन (free electron) कहते हैं। क्योंकि थोड़ी-सी ऊर्जा देने पर इन इलेक्ट्रॉनों को संगत परमाणुओं से अलग किया जा सकता है। कुचालक पदार्थ के परमाणु की बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉनों पर नाभिक का आकर्षण बल प्रबल होता है अत: इनके सभी इलेक्ट्रॉन बद्ध अवस्था में होते हैं। इनका स्वतन्त्र रूप से विचरण सम्भव नहीं हो पाता है। अतः इन पदार्थों में धारा का चालन नहीं होता है। प्रश्न 3. अर्थात् किसी गोलाकार चालक की धारिता उसकी त्रिज्या के अनुक्रमानुपाती होती है। यदि गोलीय चालक, किसी परावैद्युत माध्यम में स्थित हो जिसको परावैद्युतॉक ६, हो तो उसकी धारिता Cm = [latex]frac{q}{mathrm{V}}[/latex] = 4πε0εrR Cm = 4πε0Rεr ∴ [latex]frac{C_{m}}{C}[/latex] = εr अत: माध्यम का परावैद्युतॉक माध्यम की विद्युत धारिता एवं वायु (निर्वात्) की विद्युत धारिता के अनुपात के बराबर होती है। प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. स्थानांतरण | संधारित्र को आवेशित करने में किया गया कार्य ही आवेशित संधारित्र की ऊर्जा कहलाता है। यदि आवेशित संधारित्र की एक प्लेट के आवेश को दूसरी प्लेट तक ले जाया जाये तो संधारित्र अनाविष्ट (uncharged) हो जायेगा। इस क्रिया में जितनी ऊर्जा प्राप्त होगी, वही आवेशित संधारित्र की ऊर्जा होगी। माना कि संधारित्र का प्रारम्भिक विभवान्तर V है और अनाविष्ट होने पर इसका अन्तिम विभवान्तर शून्य होगा। उक्त क्रिया में संधारित्र का औसत विभवान्तर [latex]=frac{0+mathrm{V}}{2}=frac{mathrm{V}}{2}[/latex] यदि संधारित्र पर आवेश q हो तो इस आवेश को एक प्लेट से दूसरी प्लेट तक ले जाने में किया गया कार्य अर्थात् संधारित्र की ऊर्जा ∴ U = W = आवेश × औसत विभवान्तर = q × [latex]frac{V}{2}[/latex] U = [latex]frac{1}{2}[/latex] qv ∴ q = CV प्रश्न 8. प्रश्न 9. [latex]frac{C_{p}}{C_{s}}[/latex] = n2 प्रश्न 10. जिस प्रकार किसी बर्तन में डाला गया द्रव उसके गुरुत्वीय तल को बढ़ाता है, ठीक उसी प्रकार किसी चालक को दिया गया आवेश उसके विद्युत तल अर्थात् विद्युत विभव को बढ़ाता है। किसी चालक को जितना अधिक आवेश दिया जाता है, उसका विभव भी उतना ही अधिक बढ़ता है अर्थात् “किसी चालक पर उपस्थित आवेश उसके विभव के अनुक्रमानुपाती होता है।” ∴ q ∝ V या q = CV …………….. (1) जहाँ C एक नियतांक है, जिसे चालक की विद्युत धारिता कहते इस प्रकार चालक की विद्युत धारिता एक नियतांक होती है। इसका मान चालक की आकृति, क्षेत्रफल, चारों ओर के माध्यम तथा पास में रखे अन्य चालकों की उपस्थिति पर निर्भर करता है। ∴ C = [latex]frac{q}{V}[/latex] …………. (2) प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. जोड़ा जाता है (चित्र 4.8(a)) अब यदि बैटरी को हटा लिया जाए तो भी चालकों पर आवेश संग्रहित रहता है। अतः संधारित्र को आवेश संचय की युक्ति भी कहा जाता है। प्रश्न 15. यदि पहले संधारित्र की पहली प्लेट को +q वेश दिया जाये तो प्रेरण द्वारा सभी संधारित्रों की सभी प्लेटों पर एक समान आवेश q होगा, चाहे संधारित्र की धारिता कुछ भी हो। धारिताओं के मान अलग-अलग होने के कारण सभी संधारित्रों की प्लेटों के विभवान्तर अलग-अलग होंगे। यदि पूरे संयोजन का विभवान्तर V हो तो प्रश्न 16. RBSE Class 12 Physics Chapter 4 निबन्धात्मक प्रश्नप्रश्न 1. (iii) अब यदि चालक B को पृथ्वी से सम्बन्धित कर दिया जाये, तो उसका समस्त धनावेश पृथ्वी में चला जायेगा। इस नवीन स्थिति में यदि चालक A का विभव V’ हो, तो A की धारिता परन्तु V’ = चालक A के आवेश के कारण उत्पन्न विभव + चालक B के आवेश के कारण उत्पन्न विभव या। V’ = V – V” इसी समीकरण से स्पष्ट है कि V > V’ ∴ समी. (3) से, C’ > C अर्थात् “जब एक आवेशित चालक के पास दूसरा अनावेशित एवं पृथ्वी से सम्बन्धित चालक लाया जाता है तो पहले चालक की धारिता बढ़ जाती है।” यही संधारित्र का सिद्धान्त है। इस प्रकार उक्त सिद्धान्त से स्पष्ट है कि संधारित्र में दो पृथक्कृत धात्वीय प्लेटें (separated metallic plates) होती हैं जिसमें एक को आवेश दिया जाता है और दूसरी को पृथ्वी से सम्बन्धित कर देते हैं। जब प्लेटों के मध्य किसी परावैद्युत माध्यम की जगह वायु होती है तो उसे वायु संधारित्र कहते हैं। समान्तर प्लेट संधारित्र (Parllel Plate Capacitor) दोनों प्लेटों पर आवेश का पृष्ठ घनत्व (surface charge density) σ = [latex]frac{q}{A}[/latex] जहाँ: A प्लेटों का क्षेत्रफल है। यदि प्लेटों के मध्य दूरी उनके विस्तार (extent) की तुलना में नगण्य (negligible) हो तो उनके मध्य विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E = [latex]frac{sigma}{varepsilon_{0}}[/latex] जहाँ ε0 = निर्वात् की विद्युतशीलता यदि प्लेटों के मध्य विभवान्तर V एवं दूरी d हो तो समी. (1) से स्पष्ट है कि समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता निम्न प्रकार बढ़ायी जा सकती है (i) C ∝ A अर्थात् प्लेटों का क्षेत्रफल बढ़ाकर संधारित्र की धारिता बढ़ायी जा सकती है, लेकिन यह संधारित्र के सिद्धान्त के विरुद्ध है, अतः क्षेत्रफल बढ़ाकर संधारित्र की धारिता नहीं बढ़ायी जाती है। (ii) C ∝ [latex]frac{1}{d}[/latex] अर्थात् प्लेटों के मध्य दूरी घटाकर संधारित्र की धारिता बढ़ायी जा सकती है। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. अर्थात् किसी गोलाकार चालक की धारिता उसकी त्रिज्या के अनुक्रमानुपाती होती है। यदि गोलीय चालक, किसी परावैद्युत माध्यम में स्थित हो जिसको परावैद्युतॉक εr हो तो उसकी धारिता Cm = [latex]frac{q}{mathrm{V}}[/latex] = 4πε0εrR Cm = 4πε0Rεr Cm = Cεr ∴ [latex]frac{C_{m}}{C}[/latex] = εr अत: माध्यम का परावैद्युतॉक माध्यम की विद्युत धारिता एवं वायु (निर्वात्) की विद्युत धारिता के अनुपात के बराबर होती है। प्रश्न 5. (i) उभयनिष्ठ विभव (Common Potential)- यदि संयोजक तार की धारिता नगण्य (negligible) मान लें, तो पूरे संयोजन की धारिता C = (C1 + C2) होगी। (ii) पुनर्वितरण के बाद (after redistribution) प्रत्येक चालक पर आवेश-चालकों को जोड़ने के बाद आवेशों के पुनर्वितरण के पश्चात् चालक A व B पर आवेश क्रमशः ऊर्जा हानि (Energy Loss) (i) यदि V1 = V2 तो (V1 ~ V2) = 0 ∴ ΔU = 0 अर्थात् जब दोनों चालकों के विभव समान होते हैं, तो ऊर्जा में कोई कमी नहीं होती है क्योंकि इस स्थिति में उन्हें जोड़ने पर आवेशों का पुनर्वितरण नहीं होता है। (ii) जब V1 ≠ V2 तो (V1 ~ V2)2 = 0 RBSE Class 12 Physics Chapter 4 आंकिक प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. हल: प्रत्येक भुजा की धारिता प्रश्न 9. हल: A तथा B के मध्य तुल्य धारिता Cतल्य = 5μF 1μF तथा 1μF को समान्तर क्रम में जोड़ने पर C’ = C1 + C2 = 1μF + 1μF = 2μF C’ तथा 2μF को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रश्न 10. हल: प्रथम चित्र (अ) में अनुप्रस्थ काट से दो बराबर भागों में बँटा। इसलिए यह दोनों संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़ेंगे। द्वितीय चित्र (ब) में संधारित्र के बीच की दूरी दो बराबर भागों ? बँटी है इसलिये यह दोनों संधारित्र श्रेणीक्रम में संयोजित होंगे। प्रश्न 11. हुल: 8μF तथा 4μF को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. हुल: महत्वपूर्ण दिशा निर्देश- इस प्रकार के प्रश्नों में एक प्लेट को धनात्मक तथा दूसरी को ऋणात्मक मानने पर, यदि (1) + प्लेट एक स्थान पर तथा – प्लेट दूसरे स्थान पर प्राप्त हो तो क्रम समानान्तर होगा। (2) – प्लेट के आगे दूसरी + प्लेट तथा दूसरी -प्लेट के आगे तीसरी (+) है तो श्रेणीक्रम होता है। प्रश्न 15. प्रश्न 16. All Chapter RBSE Solutions For Class 12 Physics —————————————————————————– All Subject RBSE Solutions For Class 12 ************************************************* ———————————————————— All Chapter RBSE Solutions For Class 12 physics Hindi Medium All Subject RBSE Solutions For Class 12 Hindi Medium Remark: हम उम्मीद रखते है कि यह RBSE Class 12 physics Solutions in Hindi आपकी स्टडी में उपयोगी साबित हुए होंगे | अगर आप लोगो को इससे रिलेटेड कोई भी किसी भी प्रकार का डॉउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूंछ सकते है | यदि इन solutions से आपको हेल्प मिली हो तो आप इन्हे अपने Classmates & Friends के साथ शेयर कर सकते है और HindiLearning.in को सोशल मीडिया में शेयर कर सकते है, जिससे हमारा मोटिवेशन बढ़ेगा और हम आप लोगो के लिए ऐसे ही और मैटेरियल अपलोड कर पाएंगे | किसी आवेशित चालक के चारों ओर कुचालक माध्यम होने पर उसकी धारिता पर क्या प्रभाव पड़ता है?Answer : विभव 1/K गुना रह जाएगा, जहाँ K कुचालक का परावैद्युतांक है। Step by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams.
किसी चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?<br> धारिता को प्रभावित करने वाले कारक एवं उनका वर्णन - किसी चालक की धारिता पर निम्नलिखित कारकों का प्रभाव पडता है। - <br> (i) चालक का आकार - किसी चालक का आकार बढाने पर उसका विभव घटता है फलत धारिता बढती है। <br> (ii) किसी के पास अन्य चालको की उपस्थिति – आवेशित चालक के पास अन्य चालकों की उपस्थिति से उसका विभव घटता है।
किसी चालक की धारिता से क्या तात्पर्य है धारिता की विमीय समीकरण की स्थापना कीजिए?<br> यदि V = 1 हो, तो C = Q होगा, अर्थात किसी चालक की विद्युत धारिता उस आवेश के आंकिक मान के तुल्य होती है, जो उसके विभव में एकांक वृद्धि कर दे। धारिता का मात्रक कॉलम/वोल्ट या फैरड होता है। इसका विमीय सूत्र `[M^(-1) L^(-2)T^(4)A^(2)]` होता है।
चालक की धारिता से आप क्या समझते हैं?इस प्रकार, किसी चालक की वैद्युत धारिता चालक को दिये गये आवेश तथा चालक के विभव में होने वाली व्रिद्धि के अनुपात को कहते हैँ। धारिता का SI मात्रक कूलाम/वोल्ट है। इसे 'फैरड' कहते है तथा इसे F से निरुपित करते हैं।
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