Category: बच्चों का पोषण Show
By: Salan Khalkho | ☺28 min read बच्चों में आहार शुरू करने की सबसे उपयुक्त उम्र होती है जब बच्चा 6 month का होता है। इस उम्र में बच्चे को दूध के साथ साथ पौष्टिक आहार की भी आवश्यकता पड़ती है। लेकिन पहली बार बच्चों के ठोस आहार शुरू करते वक्त (weaning) यह दुविधा होती है की क्या खिलाएं और क्या नहीं। इसीलिए पढ़िए baby food chart for 6 month baby. अक्सर माता-पिता के लिए यह चिंता का विषय रहता है की 6 महीने के बच्चे को क्या खिलाएं। अब 6 months baby food chart for Indian की मदद से आप अपने 6 माह के बच्चे को पौष्टिक आहार दे सकेंगे। 6 month के बच्चे को ऐसा आहार देना चाहिए जिससे उसके शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्त्व मिल सके। सिर्फ बच्चे का पेट भरने से काम नहीं चलेगा। अगर बच्चे को उसके आहार से उसके शरीर की जरूरत के अनुसार पोषक तत्त्व नहीं मिलते तो बच्चा कुपोषण का शिकार तक हो सकता है। Weekly sample food chart - 6 महीने के बच्चे के लिएबच्चों में आहार शुरू करने की सबसे उपयुक्त उम्र होती है जब वो 6 month का होता हैं। हो सकता है की कुछ लोग आपको 3-से-4 महीने मैं ही ठोस आहार की शुरुआत करने की सलाह दें। मगर आप ऐसा न करें। 6 माह से पहले ठोस आहार शुरू करने से बच्चे में पाचन तथा food allergy से सम्बंधित समस्या हो सकती है। 6 month से पहले बच्चे को पानी तक नहीं देना चाहिए। बाल रोग विशेषज्ञों की राय माने तो 6 महीने से पहले बच्चे को पानी पिलाना खतरनाक (जानलेवा) तक हो सकता है। बच्चों में भोजन पचाने वाले enzyme का बनना 4-से-6 महीने के बाद ही शुरू होता है जो की पाचन के लिए आवश्यक है। ठोस आहार की शुरुआत करने से पहले 6 माह तक इंतज़ार करें जब तक की बच्चे का पाचन तंत्र भोजन पचाने वाले enzyme को बनाना शुरू न कर दे। इसके आधार पे आप खुद का '6 month baby food chart in hindi' बना सकेंगी - संतुलित आहार चार्ट। अगर आप का बच्चा 6 माह से ज्यादा मगर 3 साल से कम उम्र का है तो आप इस लेख को जरूर पढ़ें - 3 years baby food chart in हिंदी। पहला सप्ताह - [Week 1] Sample Baby Food ChartDownload Week 1 - Baby Food Chart in Hindi [PDF] दूध छुड़ाने के तीन दिवसीय नियम का जिक्र हम ने इसी अध्याय (लेख) में आगे किये है। उसे पढ़ें और उसका पालन पहली सप्ताह में जरूर करें। चूँकि यह पहला सप्ताह है, बच्चे को बहुत थोड़ा सा ही खाने को दें। बच्चा मुख्या तौर पे आप के दूध पे या फिर formula milk पे निर्भर रहेगा। बस यूं समझ लीजिये की आप का बच्चा सिर्फ नाम के लिए ठोस आहार ले रहा है। ऊपर चार्ट में जो baby food recipes in hindi दिया गया है उसे बनाने की विधि आपको इस लेख के अंत में मिलेगी। विदेशी अंग्रेज़ी वेब-साइट पे आपको बच्चों को खिलने के लिए भारतिया आहारों का जिक्र नहीं मिलेगा। इसीलिए इस विशेष लेख में 6 month baby food chart Indian का जिक्र हम ने किया है ताकि baby food Chart में दी गई सारी सामग्री आपको आसानी से मिल जाये और recipes भी ऐसे हों जो हम भारतीयोँ के लिए आम हों। यह भी पढ़ें - 7 month baby food recipes Indian और 8 month baby food recipes Indian. आज के दौर की तेज़ भाग दौड़ वाली जिंदगी मैं हर माँ के लिए यह संभव नहीं की अपने शिशु के लिए घर पे खाना त्यार कर सके। ऐसे में अगर आप बाजार का ब्रांडेड बेबी फ़ूड अपने 6 month baby के लिए खरीदतीं हैं तो आप को कुछ महत्वपूर्ण बात्तों का ध्यान रखना पड़ेगा। 6 माह के बच्चे के लिए उपलब्ध ready made baby food ने कई माताओं का जीवन सरल कर दिया है। लेकिन फिर भी घर पे त्यार बच्चों के आहार (संतुलित आहार चार्ट) का कोई मुकाबला नहीं है। दूसरा सप्ताह - [Week 2] Sample Baby Food ChartDownload Week 2 - Baby Food Chart in Hindi [PDF] पहले सप्ताह में बच्चे को सिर्फ दो ही प्रकार के ठोस/तरल आहार दिया गया है। दूसरे सप्ताह में आप का बच्चा दो और नए आहार को चखेगा। दूसरे सप्ताह के अंत तक आपका बच्चा कुल मिलके चार नए आहार का स्वाद चख चूका होगा। दूसरे सप्ताह से आप को अपने बच्चे की दिनचर्या को निर्धारित करना शुरू कर देना चाहिए। उद्धरण के तौर पे बच्चे के सोने का समय, उठने का समय, खेलने का समय और खाने का समय। ऐसा करने पे आप बच्चे से सम्बंधित बहुत सी चीज़ों को व्यस्थित कर सकेंगी और आपका काफी काम भी आसान हो जायेगा। अगर आप का बच्चा दूसरे बच्चों से शारीरिक तौर पे कमजोर है तो उसका वजन बढ़ाने के लिए आप को उसे विशेष आहार देने पड़ेंगे जो उसका वजन बढ़ाने में उसकी मदद करेगा। बच्चों की अच्छी सेहत के लिए आप उनके आहार में ड्राई-फ्रूट्स मिला कर भी उन्हें दे सकते है। अगर आप अपने बच्चे को semi-solid food दे रहे हैं तो आप बच्चे के भोजन में dry-fruits को पीस कर भी मिला के दे सकते हैं। यह भी पढ़ें - 3 month baby care tips in Hindi और 5 month baby care tips in Hindi. तीसरा सप्ताह - [Week 3] Sample Baby Food ChartDownload Week 3 - Baby Food Chart in Hindi [PDF] तीसरा सप्ताह का अंत होते-होते आपका बच्चा 6 नए आहार का स्वाद चख चूका होगा। इस दौरान आप को भी यह पता लग चूका होगा की आपके बच्चे को कौन सा आहार (सब्जियों का puree, मुंग की दाल की खिचड़ी, सब्जी वाली खिचड़ी, पांच दालों वाली खिचड़ी इतियादी) पसंद आया। अपने बच्चे को जबरदस्ती कुछ भी खिलने का कोशिश न करें। धैर्य रखें, कुछ समय पश्च्यात आप को अनेक ऐसे आहार के बारे में पता लग चूका होगा जो आपका बच्चा बड़े चाव से खाता है। जो आहार आपके बच्चे को पसंद है वही उसे दें खाने को। चौथे सप्ताह - Week 4 Sample Baby Food ChartDownload Week 4 - Baby Food Chart in Hindi [PDF] बच्चे को mashed/pureed आहार देना जारी रखें। इस सप्ताह के अंत तक आप का बच्चा आठ नए आहार के बारे में जान चूका होगा। आपके बच्चे के दिनचर्या के आधार पे आप उसे दिन के किसी भी समय ठोस आहार दे सकते हैं। बच्चे में ठोस आहार की शुरुआत करते वक्त आपको कुछ चीज़ों की आवशकता पड़ेगी। इन चीज़ों की मैंने एक लिस्ट बनायीं है। ये ऐसी चीज़ें हैं जिनकी आवश्यकता आप को आहार बनाते वक्त पड़ेगा या फिर बच्चे को आहार खिलाते वक्त। ऊपर दिए गए baby food chart को सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए निचे दिए गए दिशा निर्देश ध्यान से पढ़ें। दूध छुड़ाने के तीन दिवसीय नियम 6 माह के बच्चे मेंदिन मात्रा
समय 6 माह के बच्चे में जब आप पहली बार ठोस आहार की शुरुआत कर रहें हैं तो इसकी शुरुआत या तो सुबह के नाश्ते से करीये या फिर दोपहर के भोजन से। रात्रि भोजन में या सोने से पहले शरुआती दिनों में ठोस आहार न दें। इसी नियम का पालन उस वक्त भी करें जब आप कोई नई भोजन भी बच्चे को पहली बार दे रहीं हों तो। यह भी पढ़ें:
6 महीने के बच्चे का आहार - 6 month baby Food Chart/ Meal Planआहार जो आप अपने 6 माह के बच्चे को दे सकते हैं। सुबह उठने के बाद - Wake up जितने बजे भी सुबह आपका बच्चा उठे, सबसे पहले आप उसे या तो अपना दूध पिलायें या formula milk पीने को दें। सुबह का नाश्ता 6 माह के बच्चे के लिए - Breakfast for 6 month baby सुबह उठते ही दूध पिलाने के बाद डेढ़ से दो घंटे के बाद आप अपने बच्चे को नाश्ते (breakfast) मैं ठोस आहार दे सकते हैं। यहां निचे दिए 6 recipes में से आप अपने बच्चे को हर दिन एक नया रेसिपी दे सकते हैं। पहले एक सप्ताह बच्चे को नाश्ते में सिर्फ फल खाने को दें।
दोपहर का खाना - Lunch
बाकी का दिन - Rest of the day बाकी का आधा दिन आप अपने बच्चे को अपना दूध पिलायें या formula milk पीने को दें। दोपहर का खाना खिलने के दो घंटे के बाद ही बच्चे को दूध पिलायें। 6 महीने के बच्चे का baby food recipe - ठोस आहार की शुरुआत करने के लिए recipeIngredients - सामग्री
विधि: 6 महीने के बच्चे के बच्चे के लिए नाश्ता बनाने की विधि हर दिन अलग-अलग फल देने से बच्चे में अनेक प्रकार के nutrients की कमी को पूरा किया जा सकता है। बच्चों को आप सप्ताह में इस तरह से फल दे सकतें हैं।
कितनी मात्रा आहार की उचित है 6 माह के बच्चे के लिए6 माह के बच्चे से ये उम्मीद न करें की वो बहुत भोजन कर लेगा। इतने छोटे बच्चे का पेट भी बहुत छोटा होता है। बच्चे को अधिकांश (nutrition) पोषण दूध से ही मिल जायेगा। इस उम्र में बच्चे को उतना दूध पिलाते रहें जितना की उसे जरुरत है। जितनी बार आवश्यकता पड़े उतनी बार बच्चे को दूध पिलायें। पहले कुछ सप्ताह बहुत थोड़ा खाना ही बच्चे को खिलाएं। इस दौरान बच्चा मुख्यता स्तनपान और formula milk पे ही निर्भर रहेगा। 6 माह के बच्चे को कम से कम हर दिन 500ml - से - 600ml के बीच दूध पीना चाहिए। 6 month बच्चे को भोजन कराते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखें
लक्षण: कैसे जाने की आप का बच्चा ठोस आहार के लिए तैयार है?तीन से चार महीना का होते-होते आप का बच्चा अपने सर को स्थिर रखना सीख लेगा। जब तक वो 6 महीना का होगा, तब तक उसके सर और गर्दन की मासपेशियां मजबूत हो चुकी होंगी। ठोस आहार ग्रहण करते वक्त आप के बच्चे को मजबूत सर और गर्दन की आवश्यकता पड़ेगी ताकि वो आसानी से आहार को घोंट सके। जब तक आपका बच्चा 6 माह का होगा तब तक उसका पाचन तंत्र भी पूरी तरह विकसित हो चूका होगा। 6 महीने के बच्चे का ठोस आहार शुरू करने सम्बन्धी सवालजब आपका बच्चा 6 महीने का होगा तो वो अलग अलग आहार की तरफ आकर्षित होने लगेगा। वो अपने सर को भी खुद ही स्थिर रखना सीख लेगा। ये कुछ निशानियां हैं की आपका बच्चा अब त्यार है ठोस आहार ग्रहण करने के लिए। क्या आप का बच्चा निचे दी गयीं चीज़ीं कर पता है।
ऊपर दिए गए सवालों के लिए अगर आप के जवाब हाँ में है तो समझिये की आप का बच्चा त्यार है ठोस आहार के लिए। जब तक आप का बच्चा एक साल का नहीं हो जाता, ठोस आहार शुरू करने के बाद भी उसे दूध पिलाना जारी रखें। कम से कम 6 महीने की आयु तक अपने बच्चे को अपना ही दूध पिलायें। बच्चे के लिए माँ का दूध सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आप व्यावसायिक, निजी या चिकित्सीय कारणों से अपने बच्चे को अपना दूध नहीं पीला सकती तो कम-से-कम उसे एक साल तक formula milk तो पिलाइये ही। माँ का दूध सिर्फ बच्चे के लिए फायदेमंद ही नहीं है वरन शिशु को दूध पिलाने पर माँ को भी होते हैं अनेक फायदे। क्या है 6 माह के बच्चों को ठोस आहारआप के बच्चे ने गर्दन को स्थिर रखना सीख लिए है और तरह-तरह के भोजन की तरफ भी आकर्षित होता है इसका मतलब यह नहीं की वो table पे बैठ के आपके साथ भोजन करने के लिए शारीरिक तौर पे तैयार हो गया है। 6 माह के बच्चे का ठोस आहार किसी भी तरह से ठोस नहीं होता। इस दौरान बच्चे को भोजन पीस के दिया जाता है। भोजन ग्रहण करना एक कौशल है और आप के बच्चे को अभी थोड़ा समय लगेगा इस कौशल को सिखने में। सावधानियां: बच्चों में ठोस आहार शुरू करने सम्बन्धी
एलेर्जी वाले भोजन से बच्चों का बचावअगर आप भोजन से सम्बंधित तीन दिवसीय नियमो का पालन कर रहे हैं तो आप बहुत हद तक अपने बच्चों को भोजन से होने वाले एलेर्जी से बचा सकते हैं। छोटे बच्चों को आहार शुरू करते वक्त सिर्फ एक से दो बडा चम्मच भोजन देने की आवश्यकता पड़ती है इसी लिए भोजन की मात्रा कम रखें। कोई भोजन जब पहली बार करा रहें हों तो सतर्कता बरतें की कहीं नए भोजन से बच्चे को कोई एलेर्जी तो नहीं हो रही है। कुछ भोजन ऐसे हैं जिनसे एलेर्जी होने की सम्भावना रहती है। इस प्रकार के भोजन कराते वक्त विशेष सतर्कता की जरुरत रहती है। भोजन जिन से एलेर्जी होने की संभावना रहती हैअगर एलेर्जी है आपके बच्चे को किसी विशेष आहार से तो क्या करेंअगर आपके बच्चे को किसी विशेष आहार से एलेर्जी है तो आप अपने बच्चे में निम्न प्रकार के लक्षण देखेंगे:
यह करें अगर आप के बच्चे को एलेर्जी है किसी विशेष आहार से तो
गैस - आहार जिनसे आपके बच्चे को गैस हो सकता हैउन आहार के प्रति सावधान रहें जिन से आपके बच्चे को गैस हो सकता है। हम यहां कुछ गिने चुने आहार के नाम बता रहें हैं जिन्हे खाने से आप के बच्चे को थोड़ी तकलीफ हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो इंतज़ार करे की जब तक की आप का बच्चा 8 से 10 महीने का ना हो जाये।
इस लेख में मैंने कोशिश की है की आप को 6 महीने के बच्चे को क्या खिलाना है उससे सम्बंधित जानकारी दे सकूँ। इन जानकारियोँ के साथ-साथ मैंने आहारों से सम्बंधित कुछ उदहारण भी दिए हैं। इन सबका इस्तिमाल कर के आप अपने 6 माह के बच्चे का diet plan तैयार कर सकते हैं। हमने उदहारण सिर्फ इस लिए दिए हैं ताकि आप को एक अंदाजा मिल सके। इस जानकारी के आधार पे आप खुद ही अपने बच्चे का Indian diet plan तैयार कर सकती हैं उन आहारों के द्वारा जिसे आप आम तौर पे अपने परिवार के लिए बनती हैं। इस लेख का उद्देश्य यही है की आप भोजन के समय सारणी और उस की मात्रा को समझ सकें। Important Note: यहाँ दी गयी जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है । यहाँ सभी सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि यहाँ दिए गए किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है। अगर यहाँ दिए गए किसी उपाय के इस्तेमाल से आपको कोई स्वास्थ्य हानि या किसी भी प्रकार का नुकसान होता है तो kidhealthcenter.com की कोई भी नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती है। 6 महीने के बच्चे को क्या क्या खिलाया जा सकता है?6 महीने के शिशु के लिए आहार का प्रमुख स्रोत मां का दूध ही होता है इसलिए आप बच्चे को सुबह सबसे पहले अपना दूध ही पिलाएं। आप उसे फॉर्मूला मिल्क भी पिला सकती हैं। इसके कुछ देर बार नाश्ते में बच्चे को मैश कर के सेब खिलाएं। फिर थोड़ी देर के बाद बच्चे को दूध पिलाएं।
5 से 6 महीने के बच्चों को क्या खिलाना चाहिए?6 महीने पूरे होने से पहले पांच माह के बेबी को खिलाएं ये 5 फूड,.... सीरियल्स जब आपका बच्चा पांच महीने का हो जाता है, तो उसे ओट्स और चावल से बने सीरियल देना शुरू करें। ... . फल फलों में कई तरह के विटामिन होते हैं और 5 महीने के लिए बच्चे के लिए ये विटामिन आवश्यक हैं। ... . सब्जियां ... . लीन प्रोटीन ... . 6 महीने के बच्चे का वजन कितना होता है?6 महीने की लड़की का वजन 7.3 किलोग्राम और बेबी बॉय का वजन 7.9 किलोग्राम हेल्दी माना जाता है. इसके बाद 10 महीने की बेबी गर्ल का वेट 8.5 किलोग्रोम तो लड़के का वेट 9.2 होना हेल्दी माना जाता है.
6 महीने के बच्चे को कितना पानी पिलाना चाहिए?छह से 12 महीने के बच्चे के लिए पानी
छह महीने के बच्चे को जब मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क के साथ बच्चे को रोज 118.294 मिली से ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा एक्टिव रहता है तो आप उसे कभी-कभी ज्यादा पानी पिला सकते हैं।
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