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Published in JournalYear: Jan, 2019 Article Details
मुख्यपृष्ठनोट्सकबीर एक समाज सुधारक इन हिन्दी( kabir ek samaj sudharak in hindi) कबीर महान समाज सुधारक थे। उनके समकालीन समाज में अनेक अंधविश्वासों, आडम्बरों, कुरीतियों एवं विभिन्न धर्मों का बोलबाला था। कबीर ने इन सब का विरोध करते हुए समाज को एक नवीन दिशा देने का पूर्ण प्रयास किया। उन्होंने जाती-पांति के भेदभाव को दूर करते हुए शोषित जनों के उद्धार का प्रयत्न किया तथा हिंदू मुस्लिम एकता पर बल दिया उनका मत था। कबीर ने विभिन्न क्षेत्रों में समाज सुधार का प्रयास किया। उनके द्वारा किए गए इस प्रयास को निम्न शिर्षकों में समझाया जा सकता है: कबीर नहीं समाज में मूर्ति पूजा का डटकर विरोध किया वह सामान्य जनता को समझाते हुए कहते हैं की मूर्ति पूजा से भगवान नहीं मिलते हैं इससे तो अच्छा
है कि आप घर की चक्की को ही पूजा करें क्योंकि चक्की हमें खाने भर के लिए अनाज पीस कर दे देती है। कबीर ने धर्म के नाम पर व्यक्त हिंसा का विरोध किया। हिंदुओं में शाक्तो और मुसलमानों में कुर्बानी देने वालों को उन्होंने निर्भीकता से फटकारा और कहा कि दिन में रोजा
रखने वाले रात को गाय काटते हैं।इस कार्य से भला खुदा कैसे प्रसन्न हो सकता है। दिन भर रोजा रखत है रात हनन है गाय। |