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समाज कल्याण प्रशासन के अंतर्गत कमजोर वर्गों के लिए अपेक्षित सेवा है | जो किसी आर्थिक शारीरिक सामाजिक या मानसिक कमजोरी के वजह से उपलब्ध सामाजिक सेवाओं का उपभोग करने में असमर्थ हो या पारंपरिक मत और विश्वासों के वजह से उन लोगों को इन सेवाओं से वंचित रखा गया है। समाज
कल्याण प्रशासन, समाज कार्य की द्वितीयक प्रणाली माना गया है | परन्तु प्रथम तीनों प्राथमिक प्रणालियों, वैयक्तिक समाज कार्य, सामूहिक सामाजिक कार्य, तथा
सामुदायिक संगठन की सेवाओं में सेवार्थी को सेवा देने हेतु समाज कल्याण प्रशासन की आवश्यकता पड़ती है। समाज कल्याण प्रशासन उस प्रविधि को कहते हैं, जिसके माध्यम से सामाजिक संस्था अपनी निर्धारित नीति और उद्देश्यों की पूर्ति के हेतु समाज कल्याण कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए व्यावसायिक कुशलता और सामर्थ्य का प्रयोग करती है। समुदाय को प्रभावशाली और सुदृढ़ सेवाएँ प्रदान करने के लिए सामाजिक संस्था को कुछ प्रशासनिक, वित्तीय और विधि सम्बन्धी नियमों का पालन करना पड़ता है। इन्ही तीनों के
सम्मिश्रण को ‘समाज कल्याण प्रशासन’ कहा गया है। समाज कल्याण प्रशासन को और भी स्पष्ट करने के लिए कुछ प्रमुख विद्वानों की परिभाषाओं का उल्लेख कर सकते हैं – “समाज कल्याण प्रशासन को उन
क्रिया कलापों में सहायता प्रदान करने तथा आगे बढ़ाने में योगदान देने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जो किसी सामाजिक संस्था द्वार प्रत्यक्ष सेवा करने केलिए अनिवार्य है।” “समाज प्रशासन कल्याण व्यवस्था के अध्ययन से संबंधित है और यह मुख्यता सरकार द्वारा आयोजित सामाजिक सेवाओं के अध्ययन से है।” “सामाजिक अभिकरण तथा सरकारी कल्याण कार्यक्रमों से संबंधित प्रशासन को समाज कल्याण प्रशासन कहते हैं। यद्यपि
इसकी विधियाँ, प्रविधियाँ, तौर-तरीके, इत्यादि भी लोक प्रशासनया व्यापार प्रशासन की ही भाँति होते है। किन्तु इसमें एक बुनियादी भेद यह होता है कि इसमें सभी स्तरों पर मान्यताओं और जनतंत्र का अधिक से अधिक ध्यान रखते हुए ऐसे व्यक्तियों या वर्ग से सम्बन्धित प्रशासनकिया जाता है जो बाधित होते हैं।“
समाज कल्याण प्रशासन के उद्देश्य :-सामाजिक विकास –समाज कल्याण प्रशासन लोकशक्ति के अधिकतम विकास हेतु पोषाहार, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशिक्षण, रोजगार, आदि की व्यवस्था करता है। अनेक प्रकार की समाज कल्याण सेवायें सामान्यता – ऐसे व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिन्हे उनकी कमजोर और निम्न स्थिति के कारण समाज में उनके व्यक्तित्व विकास और सामाजिक कार्यात्मकता से वंचित रखा गया है। इन सेवाओं में युवा, वृद्ध, श्रमिक, निर्धन, महिला और बच्चों, ग्रामीण क्षेत्रों के शोषित व्यक्ति, नगरीय मलिन बस्ती के सामाजिक रूप में अक्षम, शोषित व्यक्ति, विकलांग, बीमारियों के कारण कार्य न कर पाने वाले व्यक्ति आदि वर्गो हेतु कल्याणकारी कार्यक्रम शम्लित किये गये है। ये सेवायें शासकीय एवं निजी संस्थानों के माध्यम से लागू की जाती हैं। सामाजिक संस्था –उपचारात्मक और निरोधक समाज कल्याण सेवाओं का व्वस्था करने के लिए सामाजिक संस्थाओं की जरुरत होती है ताकि समुदाय की अपेक्षाओं और साधनों के अनुसार संस्था के उद्देश्यों को पूरा के लिए समाज कार्य की विधियों का प्रयोग किया जा सके। सामाजिक संस्थाएँ दो प्रकार की है – १. सरकारी संस्था, २. स्वैच्छिक संस्था आर्थिक विकास –एक विकासशील देश में राज्य का प्रमुख कार्य आर्थिक विकास करना होता है | इससे राजकीय क्षेत्र में बढ़त होती है, और निजी क्षेत्र में व्यवस्था बनी रहती है। इसके द्वारा उचित प्रोत्साहन एवं नियंत्रण मिलता है | आर्थिक विकास में समाज कल्याण प्रशासन का सहयोग आवश्यक है। कानून और व्यवस्था का संरक्षण –कानून और व्यवस्था की समस्या का लम्बे समय के लिए समाधान निकालने में भी समाज कल्याण प्रशासन संलग्न होता है | जिससे वयस्क युवा और बाल अपराधों में कमी होती है, और इन अपराधियों के लिए मानवतापूर्ण व्यवस्था करते हुए इनका समाज में पुनर्वास करता है। राष्ट्र की सुरक्षा –संकट के वक्त में समाज कल्याण प्रशासन नागरिक सुरक्षा की व्यवस्था करने में लोगों की सहायता करता है, और जनता का उत्साह बढ़ाता है | जिससे समाज में चिन्ताजनक घटनाओं के घटित होने पर भी मानसिक संतुलन बना रहता है। समाज कल्याण प्रशासन शांति के समय एकता के लिए कार्य करता है | जिससे सामाजिक वैरभाव की भावना का हास एवं एकता समन्वय का अधिक से अधिक विकास हो सके। समाज कल्याण प्रशासन की विशेषताएं :-समाज कल्याण प्रशासन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है :-
समाज कल्याण प्रशासन की प्रकृति :-समाज कल्याण प्रशासन विज्ञान और कला दोनों है। एक विज्ञान के रूप में इसका व्यवस्थित ज्ञान है जिसका उपयोग सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाता है। एक विज्ञान के रूप में, इसके निम्नलिखित तत्व नियोजन, संगठन, कर्मियों की भर्ती, निर्देशन, समन्वय, रिपोर्टिंग, बजट और मूल्यांकन हैं। एक कला रूप के रूप में समाज कल्याण प्रशासन में कई कौशल और विधियों का उपयोग किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उपयुक्त सेवाएं प्रदान करना संभव होता है। समाज कल्याण प्रशासन की प्रक्रिया :-समाज कल्याण प्रशासन प्रक्रिया में, प्रक्रिया सामान्य उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए समूह के पारस्परिक प्रयासों की सुविधा प्रदान करती है। प्रशासन प्रक्रिया का उपयोग निम्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जाता है –
समाज कल्याण प्रशासन का वर्गीकरण :-स्वतंत्रता के बाद, भारत ने कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को स्वीकार किया और जनहित को शासन की जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों और लोकतांत्रिक देशों ने सामाजिक कल्याण के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। वर्तमान में, भारत में विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं को उनके प्रशासनिक वर्गीकरण के आधार पर निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
सामाजिक अभिकरणों द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले सिद्धान्तसामाजिक अभिकरणों द्वारा प्रयोग में लाये जाने वाले समाज कल्याण प्रशासन के सिद्धान्त – समाज कल्याण प्रशासन में किसी भी आधिकारिक या आधिकारिक रूप से स्थापित प्रशासनिक मानकों का अभाव है, हालांकि, निम्नलिखित सिद्धांतों को उनके सामाजिक कल्याण प्रथाओं और अनुभव के कारण सामान्य मान्यता दी गई है और अच्छी तरह से शासित सामाजिक एजेंसियों द्वारा प्रयोग में लाये जाते है :-
संक्षिप्त विवरण :-समाज कल्याण प्रशासन, समाज कार्य की द्वितीयक प्रणाली माना गया है | समाज कल्याण प्रशासन एक ऐसी क्रिया है, जिसके द्वारा से, सरकारी एवं निजी समाज कार्य सेवाओं का आयोजन एवं संचालन किया जाता है। इसके अंतर्गत कमजोर वर्गों के लिए अपेक्षित सेवा है, जो किसी आर्थिक शारीरिक सामाजिक या मानसिक कमजोरी के वजह से उपलब्ध सामाजिक सेवाओं का उपभोग करने में असमर्थ हो। FAQसमाज कल्याण प्रशासन का अर्थ क्या है ? समाज कल्याण प्रशासन उस प्रविधि को कहते हैं, जिसके माध्यम से सामाजिक संस्था अपनी निर्धारित नीति और उद्देश्यों की पूर्ति के हेतु समाज कल्याण कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए व्यावसायिक कुशलता और सामर्थ्य का प्रयोग करती है । समाज कल्याण प्रशासन के उद्देश्य लिखिये ? १ सामाजिक विकास, २ सामाजिक संस्था, ३ आर्थिक विकास, ४ राष्ट्र की सुरक्षा,५ कानून और व्यवस्था का संरक्षण समाज कल्याण प्रशासन की प्रकृति क्या है ? समाज कल्याण प्रशासन विज्ञान और कला दोनों है Read more articlesसमाज कल्याण का क्या अर्थ है?नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक सामाजिक समर्थन देना समाज कल्याण कहलाता है।
सामाजिक नीति के उद्देश्य क्या है?सामाजिक नीति, वह नीति है जो समाज की आवश्यकताओं जटिलताओं, संरचना तथा समस्याओं के अनुरूप तैयार की जाती हैं, तथा उसका मुख्य लक्ष्य सामाजिक कल्याण और सामाजिक विकास होता है । यह सरकार द्वारा जानबूझकर किया गया वह कार्य है जो नागरिकों के कल्याण में वृद्धि करने हेतु है ।
सामाजिक कल्याण फलन क्या है इसकी विशेषता बताएं?सामाजिक कल्याण फलन समाज के कल्याण का क्रमवाचक सूचकांक (ordinal index) होता है जो विभिन्न व्यक्तियों की क्रमवाचक उपयोगिताओं पर निर्भर करता है। विभिन्न व्यक्तियों की क्रमवाचक उपयोगिताओं का मूल्य उन सभी चरों (variables) पर निर्भर करता है जो व्यक्तिगत उपयोगिताओं को प्रभावित करते हैं।
समाज का कल्याण कैसे हो सकता है?वित्तीय समावेशन के माध्यम से उपेक्षित और कमजोर समुदायों का सशक्तिकरण भारत सरकार ने एक व्यापक सामाजिक कल्याण प्रणाली की स्थापना की है। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों,अल्पसंख्यकों,महिलाओं और व्यापक स्तर पर अन्य समुदायों की वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता की बेहतरी के लिए कई कार्यक्रमों को मूर्त रुप दिया गया।
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