जीवन में शांति के लिए क्या करना चाहिए? - jeevan mein shaanti ke lie kya karana chaahie?

वास्‍तु के लिहाज से सिंदूर का विशेष महत्व है। सिंदूर हर सुहागन स्त्री के शृंगार का अहम हिस्सा है। सुहागन स्त्री सिंदूर से अपनी मांग भरती है। शास्त्रों में कहा गया है कि स्त्री के सिंदूर लगाने से...

जीवन में शांति के लिए क्या करना चाहिए? - jeevan mein shaanti ke lie kya karana chaahie?

Arpanलाइव हिन्दुस्तान टीम ,meerutFri, 09 Apr 2021 03:04 AM

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वास्‍तु के लिहाज से सिंदूर का विशेष महत्व है। सिंदूर हर सुहागन स्त्री के शृंगार का अहम हिस्सा है। सुहागन स्त्री सिंदूर से अपनी मांग भरती है। शास्त्रों में कहा गया है कि स्त्री के सिंदूर लगाने से उसके पति की आयु लंबी होती है। रोगों से उसकी रक्षा होती है। 

हर रोज सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय थोड़ा सा सिंदूर जल में मिला लें। अपने घर के दरवाजे पर सिंदूर से स्वास्तिक के निशान बना दें। ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। जिन घर में पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता है, उन्हें इस उपाय को अवश्य आजमाना चाहिए। माना जाता है कि घर के मुख्य दरवाजे पर तेल में सिंदूर मिलाकर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। ऐसा लगातार 40 दिन करने से घर में मौजूद वास्तुदोष दूर हो जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा भी बिना सिंदूर अधूरी होती है। धन की हानि हो रही है तो ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए पांच मंगलवार और शनिवार तक चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाएं। चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को अर्पित करें। ऐसा करने से कारोबार में उन्नति होगी और धन से संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। सिंदूर को मरीज के ऊपर से उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित करने से बीमारी में तेजी से लाभ मिलता है। घर के मुख्‍य द्वार पर सिंदूर चढ़ी हुई भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाने से घर में सुख, शां‍ति और समृद्धि बनी रहती है। सुहागिन महिलाओं को बाल धोने के बाद सुबह गौरी मां को सिंदूर चढ़ाना चाहिए और कुछ सिंदूर अपने भी लगाना चाहिए। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा व्यतीत होता है। 

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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शांति इंसान के लिए सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण है। आज लोगों के पास भौतिक सुविधाएं बहुत हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें मन की शांति नहीं है। धन-दौलत से संसाधन खरीदे जा सकते हैं, लेकिन शांति नहीं खरीदी जा सकती है। शांति बाजार में बिकने वाली वस्तु नहीं है। केवल मुख से चुप रहने से शांति नहीं मिलती, बल्कि सच्ची सुख-शांति तो तभी है जब व्यक्ति का मन चुप रहे। अशांति का कारण ही व्यक्ति का मन है। वे मन से अशांत हैं और जब तक उनका मन शांत नहीं होगा तब तक उनका जीवन सुखी नहीं हो सकता है। मन को नियंत्रित करने पर ही उन्हें शांति मिलेगी।
संत कबीरदास कहते हैं कि हाथ में माला फेरने और जीभ से भजन करने से ईश्वर का सच्चा सुमिरन नहीं होता है, यदि मनुष्य का मन ही एकाग्र न हो। अब सवाल यह है कि मनुष्य का मन एकाग्र कैसे हो? महात्मा गांधी का कहना था कि मैं शांति पुरुष हूं, लेकिन मैं किसी वस्तु की कीमत पर शांति नहीं चाहता। मैं ऐसी शांति चाहता हूं, जो आपको कब्र में नहीं तलाशनी पड़े। शांति के लिए मनुष्य को अपने जीवन को महात्मा गांधी की तरह नियमित और अनुशासित करना पड़ता है। जो व्यक्ति नियम और अनुशासन से चलता है उसका मन कभी अशांत नहीं होगा, बल्कि वह स्वयं प्रफुल्लित रहेगा और अपने आसपास के लोगों को भी सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
एक व्यक्ति की घड़ी खो गई। वह खोजते-खोजते परेशान हो गया, लेकिन उसे कहीं घड़ी नहीं मिली। एक बच्चे ने उन्हें इस तरह परेशान देखा तो उसने बड़े इत्मीनान से कहा, आप चिंता न करें, मैं दो मिनट में आपकी घड़ी खोज दूंगा। बच्चे की इस बात पर उन सच्जन को गुस्सा आया, फिर उन्होंने सोचा कि देखते हैं बच्चा क्या करता है। खैर जिस कमरे में घड़ी खोई थी, बच्चे ने उसे खाली करने का निर्देश जारी कर दिया। इसके बाद बच्चा उस कमरे में गया और कुछ ही मिनट में घड़ी खोज लाया। उस बच्चे ने कहा, मैंने कुछ नहीं किया। बस मैं कमरे में गया और चुपचाप बैठ गया, घड़ी की आवाज पर ध्यान केंद्रित करने लगा, कमरे में शांति होने के कारण मुङो घड़ी की टिक-टिक सुनाई दी, जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और अलमारी के पीछे गिरी घड़ी खोज निकाली।

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कितनी अच्छी बात है कि बनाने वाले ने यह काम सीधे आपको सौंप दिया है- ‘जो मर्जी में आए करो।’ वरना सारा आरोप उसी पर जाता। अनजान लोग तो यही कहते हैं- ‘हे भगवान, मुझसे तेरी क्या दुश्मनी है?’ मगर भगवान की मनुष्य से भला क्या दुश्मनी हो सकती है? कोई दुश्मनी नहीं है, उसकी कृपा है, इसलिए तो सांस आती है-सांस जाती है। इसलिए आपके जीवन में सब कुछ है, परंतु, अगर आप उसको पहचान नहीं पाए, तो फिर कुछ भी नहीं है। क्योंकि जिसको परख ही नहीं है, उसको अगर हीरा भी दे दिया जाए तो उसको वह कांच का टुकड़ा ही समझेगा, और वह उसे उठा कर फेंक देगा। परंतु जिसे उसकी परख है, वह उसे उठाकर देखेगा, और अपने पास रख लेगा, और कहेगा कि मैं कितना भाग्यशाली हूं।

मनुष्य का जीवन तब तक अधूरा है, जब तक कि वह अपने आपको नहीं जान लेता है। जिस दिन तुम्हें समझ आ जाएगा कि तुम्हारा भगवान तुम्हारे अंदर ही है और तुम उनकी भक्ति करने लगोगे, उस दिन तुम्हारा इस धरती पर आना सफल हो जाएगा। अगर मनुष्य ने इसकी कदर नहीं जानी, तो वह आया और चला गया। उसके पास दुनिया की सबसे महंगी चीज यह सांस आई, उसके पास धनों का धन आया, परंतु वह उस चीज को नहीं पहचान सका। यह इस जीवन को पहचानने की बात है। यह इस प्यास को पहचानने की बात है। जिस बात की मैं चर्चा कर रहा हूं- मैं प्यास जगाने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। प्यास तो पहले से ही आपके अंदर है, बस आपका उस प्यास से परिचय होना चाहिए। यह आपकी अपनी चीज है। अगर इस प्यास से आपका परिचय नहीं हुआ, तो समय निकल जाएगा। सांस ही तुम्हारे लिए सब कुछ है। बनाने वाले ने तुम्हारे ऊपर जो कृपा की है, अपने जीवन में इस कृपा को पहचानो। इसको समझने की कोशिश करोगे तो तुम्हारी जिंदगी के अंदर भी परम शांति संभव है।

हजरत निजामुद्दीन ने हर धर्म व मजहब के लिए दिया ये बड़ा संदेश

जो कुछ हमारे पास है, वह यह सांसें ही हैं। अगर हमारे जीवन के अंदर यह सांस आ-जा रही है, हम जीवित हैं, तो यह समझो कि हमारे पास सब कुछ है। कोई तुम्हें यह सलाह दे कि तुम अपना जीवन सफल कर लो, इससे बढ़िया बात क्या कोई तुम्हें सुना सकता है? उस शांति को खोजो, जो तुम्हारे अंदर है। उसको ढूंढ़ो। यह वहीं मिलेगी, क्योंकि शांति का अनुभव भी अपने अंदर ही होता है।

घर में खुशहाली लाने के लिए क्या करना चाहिए?

घर में सुख-समृद्धि के लिए इनमें से करें कोई भी एक उपाय, खुद देखें....
1/6. दिन की होती है अच्छी शुरुआत ... .
2/6. इस ओर मुख करके करें पूजा ... .
3/6. अवश्य लगाएं तुलसी का पौधा ... .
4/6. करें इस मंत्र का जप ... .
ऐसी और तस्वीरें देखेंडाउनलोड ऐप.
5/6. इस दिशा में मुख करके खाएं खाना ... .
6/6. करें हनुमान चालीसा का पाठ.

मन की शांति कैसे प्राप्त करें?

मन की शांति के लिए अपनाएं ये 5 आसान उपाय.
of 6. शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति का मन जीवन में बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। मानव के निर्माण में मन काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ... .
of 6. सूर्य को जल अर्पित करें ... .
of 6. गायत्री मंत्र का जाप ... .
of 6. सादा और सात्विक आहार लें ... .
of 6..

मनुष्य को शांति कब मिलती है?

मनुष्य के मन को शांति कब मिलती है? - Quora. मनुष्य के मन को शांति कब मिलती है? जब हमारे मन की भावनाएं स्थिर हो जाए। 🙏 शांति ,मुक्ति, भक्ति और परमात्मा की अनन्य कृपाओं की 100% गारंटी ।

घर में कैसे शांति बनाए रखें?

घर में शांति के लिए 15 वास्तु उपाय.
आपके घर के प्रवेश द्वार की दीवार.
उत्तर-पूर्व दिशा.
बेडरूम की सही दिशा.
टूटी और जीर्ण-शीर्ण चीजों को त्यागें.
घर में क्रॉस-वेंटिलेशन पर नज़र रखें.
सावधानीपूर्वक तरीके से संग्रहण बनाएं.
दर्पण लगाएं.
अपनी संपत्ति के परिसर में एक फव्वारे के साथ एक बगीचा स्थापित करें.