न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: आसिम खान Updated Tue, 19 Nov 2019 10:36 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Census India केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जनगणना 2021 को लेकर लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि इस बार
जनगणना 16 भाषाओं में कराई जाएगी। मोबाइल से जनगणना के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2021 जनगणना के डेटा संग्रह के लिए दैरान मिक्स मोड एप्रोच का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के सुझावों पर प्रश्नावली में कुछ बदलाव किए गए हैं के सवाल पर नित्यानंद राय ने कहा कि व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने 16 भाषाओं में जनगणना 2021 के संचालन के लिए 8754.23 करोड़ रुपये की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि लोग सीधे अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके मोबाइल ऐप के माध्यम से डेटा एकत्र कर सकते हैं या वे डेटा एकत्र करने के लिए पेपर शेड्यूल का उपयोग कर सकते हैं और मोबाइल ऐप के माध्यम से उसे जमा कर सकते हैं। फॉलो करें और पाएं ताजा अपडेट्सलेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS
Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे| केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक बयान में कहा कि इस बार की जनगणना 2021, 16 भाषाओं में कराई जाएगी। जनगणना 2021 के डेटा संग्रह के दौरान मिक्स मोड एप्रोच का इस्तेमाल किया जाएगा। जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी – अप्रैल से सितंबर 2020 तक हाउस-लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना और 09से 28 फरवरी, 2021 के दौरान जनसंख्या गणना। व्यय वित्त समिति (ईएफसी) ने 16 भाषाओं में जनगणना 2021 के संचालन के लिए 8754.23 करोड़ रुपये की सिफारिश की है। उपरोक्त समाचार से IBPS SO 2019 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
स्रोत: एनडीटीवी
भारत की 2021 की जनगणना, जो देश की 16 वीं जनगणना है, वर्ष 2021 में संपन्न होनी थी। परंतु, कोविड-19 की वजह से 2021 में भारत की जनगणना नही हुई| 2011 में हुई 15 वीं भारतीय जनगणना ने 1931 के बाद पहली बार सामाजिक-आर्थिक और जाति की स्थिति के आधार पर जनसंख्या का अनुमान लगाने का प्रयास किया। चूँकि यह उत्तरदाताओं के जवाब दर्ज करने पर आधारित थी, इसके चलते लाखों जाति / उपजाति श्रेणियाँ बनीं। 16 वीं भारतीय जनगणना के लिए, सरकार इसके बजाय प्रत्येक राज्य द्वारा अधिसूचित ओबीसी की सूची पर आधारित गणना पर विचार कर रही है।[1] हालांकि, फरवरी 2020 में, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 2021 की जनगणना के एक हिस्से के रूप में ओबीसी डेटा की मांग को खारिज कर दिया।[2][3] ऐसा माना जाता है कि भारत में COVID-19 महामारी का 2021 की जनगणना के आंकड़ों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।[4] अप्रैल 2019 में, एक डेटा उपयोगकर्ता सम्मेलन आयोजित की गई थी, जिसमें यह घोषणा की गई थी कि जनगणना हेतु ३,३०,००० प्रगणकों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्हें अपने स्वयं के स्मार्ट फोन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, हालांकि एक पेपर का विकल्प (ऑफ़लाइन) भी उपलब्ध होगा, जिससे प्रगणकों को बाद में इलेक्ट्रॉनिक रूप में डेटा दर्ज करना होगा।[5] आगे यह घोषणा की गई कि घर की लिस्टिंग अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच आयोजित की जाएगी, और फरवरी 2021 में वास्तविक गणना और मार्च में एक संशोधन दौर प्रायोजित किए जाएँगे। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों और जम्मू और कश्मीर के लिए संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2020 होगी और देश के अन्य हिस्सों के लिए यह तिथि 1 मार्च 2021 होगी।[6] सितंबर 2019 में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2021 की राष्ट्रीय जनगणना पूरी तरह से मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से आयोजित की जाएगी।[7] 2021 की जनगणना 16 भाषाओं में की जाएगी। फरवरी 2021 में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन् ने अपने बजट भाषण में पुष्टि की कि 2021 की जनगणना भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी।[8] वित्त मंत्री ने भारत के 2022 के केंद्रीय बजट में जनगणना करने के लिए ₹ 3676 करोड़ आवंटित किए।[9] भारत में COVID-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई है।[10] संदर्भ[संपादित करें]
|