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शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज दो शुभ योगों में हो रहा है.Shardiya Navratri October 2022: मां आदिशक्ति दुर्गा की आराधना को समर्पित शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज दो शुभ योगों में हो रहा है. जानते हैं कि कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं और घटस्थापना की विधि क्या है
हाइलाइट्सआज 09 दिवसीय नवरात्रि का प्रारंभ द्विपुष्कर योग और यायीजय योग में हुआ है.कलश स्थापना का उत्तम मुहूर्त अभिजित योग में माना जाता है.आज प्रातः स्नान ध्यान के बाद बालू युक्त मिट्टी से वेदी का निर्माण करें.Shardiya Navratri October 2022: मां आदिशक्ति दुर्गा की आराधना को समर्पित शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज दो शुभ योगों में हो रहा है. कैलाश से हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने मायके धरती पर पधार रही हैं. आज पूरे देश में लोग अपने घरों में कलश स्थापना करके मां दुर्गा का आह्वान और स्वागत करेंगे. व्रत के निमयों के तहत पूजन-वंदन, आरती, भक्ति भजन एवं कीर्तन करेंगे. आज आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से लेकर दशमी तक नवरात्रि का उत्सव मनाया जाएगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं कि कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त (Kalash Sthapana Muhurat) कौन-कौन से हैं और घटस्थापना की विधि क्या है, ताकि आप स्वयं घर पर कलश स्थापना और पूजन कर सकें. नवरात्रि 2022 कलश स्थापना मुहूर्त शास्त्रों के अनुसार, मूलतः कलश स्थापना का उत्तम मुहूर्त अभिजित योग में माना जाता है. काशी विश्वनाथ ऋषिकेष पंचांग के अनुसार, आज कलश स्थापना का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 28 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक है. इस योग में कलश स्थापना से धन, धान्य, समृद्धि के साथ सुख, शांति और स्थिरता की प्राप्ति होती है. ये भी पढ़ेंः नवरात्रि में 9 रंगों से करें नवदुर्गा और नौ ग्रहों को प्रसन्न, जानिए तरीका द्विपुष्कर योग में नवरात्रि शुभारंभ हाथी पर माता का
आगमन इस साल सप्तमी रविवार के दिन और दशमी बुधवार के दिन है. रविवार के दिन सप्तमी होने से मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. हाथी की सवारी उत्तम वर्षा का संकेत देता है, जो सुख और समृद्धि को बढ़ाने वाला होगा. ये भी पढ़ेंः मां दुर्गा के 9 अवतार कौन से हैं? जानें उनके नाम और महत्व घटस्थापना पूजन विधि पूजन का संकल्प मम इह जन्मनि जन्मान्तरेवा सकल सुख समृद्धि प्राप्त्र्यथम् श्री नवदुर्गा देवी प्रसन्नार्थ सकलापच्छ शांतिपूर्वकं दीर्घायु विपुल धन पुत्र पौत्रादि अविच्छिन्न संतति सहित वंश वृद्धि स्थिर लक्ष्मी यश लाभ शत्रु पराजय आदि अभिष्ट सिद्धर्थं शारदीय नवरात्र पूजन निमित्तार्थ कलश स्थापन पूजन सहित नवग्रहादि पूजन, कुमारिका पूजनं च अहम् करिष्ये. बिना संकल्प किए फल की प्राप्ति नहीं होती है, ऐसा धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Dharma Aastha, Durga Pooja, Navaratri, Navratri FIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 06:15 IST Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि आज यानी 26 सितंबर 2022, सोमवार से शुरू हो चुकी हैं. शारदीय नवरात्रि का बहुत महत्व है. बताया जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा पृथ्वी पर निवास करती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि का त्योहार घटस्थापना से शुरू होता है और नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ समाप्त होता है. नवरात्रि में मुहूर्त के मुताबिक ही घटस्थापना करना सही माना जाता है. आज घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 01 मिनट तक कुल 1 घंटे 33 मिनट के लिए था. कुछ लोग इस मुहूर्त के मुताबिक अगर घटस्थापना नहीं कर पाए हों तो उनके लिए एक और मुहूर्त है जिसमें वे घटस्थापना कर सकते हैं. सुबह के अलावा घटस्थापना का शुभमुहूर्त अगर कुछ लोग मुहूर्त के मुताबिक घटस्थापना नहीं कर पाए हों तो वे अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं. आश्विन नवरात्रि सोमवार, सितम्बर 26, 2022 को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक कुल 48 मिनट का रहेगा. इस मुहूर्त में घटस्थापना की जा सकती है. सम्बंधित ख़बरेंमान्यताओं के मुताबिक, हर दिन के मध्य का भाग अभिजीत मुहूर्त कहलाता है जो 48 मिनट का होता है. इस समय में कोई भी काम करना शुभ माना जाता है. बताया जाता है कि इस मुहूर्त में किए जाने वाले सभी कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सुख प्राप्त होता है. इसलिए इस मुहूर्त में कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. क्या है अभिजीत मुहूर्त सूर्योदय से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक कुल 30 मुहूर्त होते हैं. इन 30 मुहूर्त में से 15 सूर्यास्त तक और अगले 15 मुहूर्त सूर्योदय तक होते हैं. अभिजीत मुहूर्त भी इन्हीं में से एक है. बताया जाता है कि अभिजीत मुहूर्त दिन के मध्याह्न से 24 मिनट पहले शुरू होता है और 24 मिनट बाद तक चलता है. दिन का मध्याह्न दोपहर 12 बजे को माना जाता है. इस प्रकार अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 से 24 मिनट पहले शुरू होता है और 24 मिनट बाद तक चलता है. यानी कि कुल 48 मिनट. बताया जाता है कि अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए और बुधवार के अभिजीत मुहूर्त में शुभ कामों को करने से बचना चाहिए. कलश स्थापना के नियम - कलश का मुंह खुला ना रखें, उसके ऊपर नारियल रखें. कलश स्थापना विधि अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करने के लिए सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर कलावा बांधे. उसमें जल भरने के बाद उसमें सुपारी, फूल, इत्र, अक्षत्र, पंचरत्न, शतावरी जड़ी, हलकुंड, कमल गट्टे और सिक्का डालें. इसके बाद पूजा स्थल के पास अलग से एक चौकी पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं. उस पर अक्षत से अष्टदल बनाएं और जल से भरे कलश को उसके ऊपर स्थापित करें. दीप प्रज्वलित कर इष्ट देवताओं का ध्यान करें और देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें. कलश स्थापना के साथ ही मिट्टी के एक बर्तन में ज्वार बोने की परंपरा होती है. दुर्गा पूजा कलश स्थापना कब है 2022 October?26 सितंबर 2022 को कलश स्थापना के दिन बहुत ही शुभ मुहूर्त का संयोग बन रहा है। इस दिन शुक्ल और ब्रह्रा योग का शुभ संयोग होगा। ज्योतिषशास्त्र में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के लिए इन योग को बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा अष्टमी तिथि 03 अक्तूबर को मनाई जाएगी उस दिन का भी मुहूर्त बहुत ही शुभ रहेगा।
कलश उठाने का शुभ मुहूर्त कब है?सुबह के अलावा घटस्थापना का शुभमुहूर्त
आश्विन नवरात्रि सोमवार, सितम्बर 26, 2022 को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक कुल 48 मिनट का रहेगा. इस मुहूर्त में घटस्थापना की जा सकती है.
कलश स्थापना कितने तारीख को है 2022 में?शुक्ल प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर की रात 3:23 बजे शुरू होगी और 27 सितंबर की तड़के 3:08 बजे तक रहेगी। इसलिए नवरात्र का आरंभ और कलश स्थापना 26 सितंबर को ही होगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 51 मिनट तक है।
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