जी मिचलाने का क्या कारण हो सकता है? - jee michalaane ka kya kaaran ho sakata hai?

इसके लिए हमने के अग्रवाल होम्यो क्लीनिक दिल्ली के होम्योपैथिक एक्सपर्ट पंकज अग्रवाल से इनपुट्स मांगे हैं। पढ़ते हैं आगे...

जी मिचलाने का क्या कारण हो सकता है? - jee michalaane ka kya kaaran ho sakata hai?

खाली पेट जी मिचलाने के कारण

1 - तनाव के कारण

जब व्यक्ति तनाव में होता है तो खाली पेट उसका जी मिचलाने लगता है। हालांकि ऐसा सबके साथ नहीं होता। लेकिन कुछ परिस्थितियों में व्यक्ति चिंता और तनाव के कारण मतली की समस्या जी मिचलाने की समस्या आदि का सामना करना पड़ा सकता है। वहीं जब व्यक्ति का तनाव बढ़ने लगता है स्थिति और गंभीर हो सकती है।

2 - शरीर में पानी की कमी

अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाने पर व्यक्ति को कई लक्षणों का सामना करना पड़ता है। उन्हीं लक्षणों में से एक है खाली पेट जी मिचलाना। जी हां, जो व्यक्ति शाम के बाद पानी का सेवन नहीं करता तो अगले दिन सुबह उठकर खाली पेट उसे मतली या जी मिचलाने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

3 - माइग्रेन के कारण

कुछ लोगों को सुबह उठकर सिर दर्द या माइग्रेन की समस्या हो सकती है, जिसके लक्षणों में खाली पेट जी मिचलाना भी शामिल है। हालांकि माइग्रेन सिर दर्द का ही एक गंभीर रूप होता है। ऐसे में इस स्थिति के बढ़ने पर व्यक्ति की जी मिचलाने की समस्या भी बढ़ सकती है।

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4 - गैस्ट्रोपैरेसिस की समस्या

जिस व्यक्ति को गैस्ट्रोपैरेसिस की समस्या होती है यानि पाचन से संबंधित समस्या होती है तब भी खाली पेट जी मिचलाने, मतली आने या उल्टी जैसा महसूस करने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इस समस्या में पेट की मांसपेशियां अपना काम ठीक प्रकार से नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण पेट में दर्द की समस्या भी हो सकती है।

5 - थकान के कारण

आमतौर पर जो व्यक्ति पर्याप्त नींद नहीं ले पाता है या जिस व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या होती है। वह खाली पेट जी मचलाने जैसी समस्या का भी सामना कर सकता है। इसके पीछे कारण होता है थकान। पूरी नींद ना हो पाने पर भी व्यक्ति थकान महसूस करता है, जिसके कारण लक्षण नजर आ सकते हैं।

6 - एसिड रिफ्लक्स के कारण

जो लोग रात को खाना खाने के बाद तुरंत सो जाते हैं। उनके शरीर में कभी-कभी पेट का एसिड गले तक पहुंच जाता है, जिसके कारण अगले दिन जब सोकर उठते हैं तो जी मचलाने की समस्या का सामना कर सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों को रात को सोने से तकरीबन 3 से 4 घंटे पहले खाना खाना चाहिए।

जी मिचलाने का क्या कारण हो सकता है? - jee michalaane ka kya kaaran ho sakata hai?

खाली पेट जी मिचलाने की समस्या से बचाव

ऊपर बताए गए कारणों के आधार पर व्यक्ति खाली पेट जी मिचलाने की समस्या से निम्न तरीकों से बचाव कर सकता है-

1 - शरीर को हाइड्रेट रखना यानी व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए, जिससे उसके शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या ना हो।

2 - रात को सोने से पहले व्यक्ति को नाइट वॉक करनी जरूरी है। इससे पाचन क्रिया बेहतर तरीके से अपना काम कर सकती है।

3 - रात को सोने से तकरीबन 3 से 4 घंटे पहले डिनर करना चाहिए।

4 - यदि व्यक्ति को किसी प्रकार का तनाव है तो उसे कम करने के लिए वह किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकता है या अपनी दिनचर्या में ऐसी चीजों को जोड़े, जिससे उसे खुशी मिले।

5 - डाइट को संतुलित रखें।

6 - जंक फूड आदि का सेवन ना करें।

7 - धूम्रपान या शराब का सेवन ना करें। 

8 - खाने के समय का निर्धारित करें। 

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नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि खाली पेट जी मिचलाने या सुबह उठकर जी मिचलाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में उन कारणों के आधार पर बचावो को अपनाना जरूरी हैष इससे अलग यदि व्यक्ति को जि मिचलाने की समस्या का बार-बार सामना करना पड़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है।

Diet Tips in Nausea and Vomiting: कई बार अंदर से जी मिचलाने (nausea) और उल्टी (Vomiting) जैसा महसूस होने लगता है. ऐसा होने पर कुछ भी खाने-पीने की इच्छा नहीं होती है. लगता है, जो भी खाएंगे, वह बाहर आ जाएगा. उल्टी या मतली में मुंह का स्वाद भी तीखा या कड़वा सा लगने लगता है. जी मिचलाने या उल्टी आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे एलर्जी, कोई सर्जरी, प्रेग्नेंसी, कुछ दवाओं का सेवन, हार्मोनल डिसऑर्डर, पेट संबंधित समस्याएं, पेट में कीड़े होना, फूड इन्टॉलरेंस (Food intolerance), कैंसर का इलाज आदि. कई बार अधिक गर्मी के कारण भी उल्टी, मतली की समस्या हो सकती है. जब उल्टी महसूस हो या उल्टी हो जाए, तो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस और हाइड्रेटेड बने रहने के लिए खाना-पीना जरूरी हो जाता है. कुछ फूड्स के सेवन से जी मिचलाने, उल्टी की समस्या को कम किया जा सकता है.

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जी मिचलाने में क्या खाएं

  • स्टाइलक्रेज में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि आपको उबकाई या मतली जैसा महसूस हो तो सेब का सेवन करें. इस फल में फाइबर, आयरन होता है. यह शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है. यह पाचन को भी बढ़ाते है, जिससे आंतों में होने वाली समस्या दूर होती है, मतली से छुटकारा मिलता है. इसे आप काटकर खाएं या जूस पिएं.
  • उल्टी, मतली जैसी समस्याओं में अदरक का एक टुकड़ा मुंह में रहकर चबाएं. अदरक में मौजूद जिंजरोल (Gingerol) जी मिचलाने की समस्या से छुटकारा दिलाता है. जिन लोगों का कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी चल रही हो, उन्हें अदरक जरूर खाना चाहिए. प्रेग्नेंसी में भी मॉर्निंग सिकनेस होने पर इसे खाना फायदेमंद होता है. इसे पानी में उबाल कर पिएं या फिर कच्चा चबाकर खाएं.
  • नारियल पानी पीने से भी उल्टी की समस्या दूर होती है. साथ ही गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस, मतली या उल्टी के कारण हुई डिहाइड्रेशन को दूर करने के लिए नारियल पानी पीने बेस्ट है. आप एक गिलास नारियल पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं, उबकाई, जी मिचलाने की समस्या से राहत मिल जाएगा. नारियल पानी में एलोक्ट्रोलाइट्स होता है.

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  • जब भी आपको उल्टी आए या मतली महसूस हो तो एक केला खा लें. पेट के अंदर होने वाली गैस्ट्रिक से संबंधित समस्याएं, मतली, उल्टी को दूर करने के लिए केला बेस्ट फल है. यह पेट की लाइनिंग में म्युकस के निर्माण को बढ़ाता है, जिससे जी मिचलाना ठीक हो जाता है.

जी मिचलाए तो क्या न खाएं
जी मिचलाने या उल्टी होने पर अधिक तेल-मसालेदार फूड्स, जंक फूड्स, पैक्ड फूड्स, बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा, दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ, रिफाइंड शुगर, सोडा, एल्कोहल आदि के सेवन से बचें, क्योंकि ये सभी चीजें मतली और उल्टी बढ़ाने का कारण बनते हैं. सोडा हार्ट बर्न, अपच का कारण बनता है, साथ ही पेट को नुकसान पहुंचाता है.

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अचानक से जी मिचलाने का क्या कारण है?

जी मिचलाने या उल्टी आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे एलर्जी, कोई सर्जरी, प्रेग्नेंसी, कुछ दवाओं का सेवन, हार्मोनल डिसऑर्डर, पेट संबंधित समस्याएं, पेट में कीड़े होना, फूड इन्टॉलरेंस (Food intolerance), कैंसर का इलाज आदि. कई बार अधिक गर्मी के कारण भी उल्टी, मतली की समस्या हो सकती है.

उल्टी जैसा मन होने का क्या कारण है?

अपच, गैस्ट्रो-इसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी), पेप्टिक अल्सर रोग या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसे विकार भी मतली और उल्टी का कारण हो सकते हैं, लेकिन ये कभी भी प्राथमिक लक्षण नहीं होते हैं. गैस्ट्रोपैरेसिस के लिए कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ एंटी-इमेटिक दवाएं मतली के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकती हैं.

बार बार जी क्यों मचलता है?

यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि कई बीमारियों जैसे मोशन सिकनेस, गर्भावस्था के शुरुआती चरण, फूड पॉइजनिंग, ज्यादा खाना, भावनात्मक तनाव, अल्सर, दिल का दौरा, एपेंडिसाइटिस, ब्रेन ट्यूमर, आंत्र रुकावट आदि के संकेतों या लक्षणों का प्रतिनिधित्व करती है। मतली के लक्षण अक्सर लोगों के लिए वर्णन करना मुश्किल होता है।

जी मिचलाने का मतलब क्या होता है?

जी मिचलाना क्या है? जी मिचलाना, बीमार जैसा या बेचैनी महसूस होने की भावना है जिसमें व्यक्ति को उल्टी करने का मन होता है। जी मिचलाना व्यक्तिपरक है, जिसका अर्थ है कि यह व्यक्ति के अपने अनुभव पर निर्भर करता है। जी मिचलाने में आमतौर पर गले, भोजन-नली या पेट में बुरा अनुभव महसूस होना शामिल है।