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Lata Kasturi ke Fayde: आयुर्वेद में किसी भी रोग का इलाज जड़ी-बूटियों, पेड़-पौधों से किया जाता है। लता कस्तूरी भी एक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। लता कस्तूरी का वैज्ञानिक नाम Syn-Hibiscus abelmoschus Linn है। इसे अंग्रेजी में Musk-mallow कहा जाता है। लता कस्तूरी में ज्वरनाशक, रोगनिरोधी, ऐंठन रोधी और विषनाशक जैसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग शरीर को मजबूत बनाने के लिए टॉनिक के रूप में भी किया जाता है। लता कस्तूरी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं लता कस्तूरी के उपयोग से कौन-कौन से फायदे मिलते हैं। 1. खांसी में फायदेमंद लता कस्तूरीलता कस्तूरी का उपयोग खांसी, जुखाम या कफ को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप लता कस्तूरी के बीजों का काढ़ा बना लें। इसे पीने से खांसी को ठीक किया जा सकता है। लता कस्तूरी गले में खराश और हिस्टीरिया के इलाज में भी कारगर साबित हो सकता है। अगर आपको खांसी है, तो आप लता कस्तूरी का पेस्ट छाती पर लगा सकते हैं। इससे आपको काफी आराम मिल सकता है। 2. बुखार का इलाज करे लता कस्तूरीबुखार के इलाज में भी लता कस्तूरी का उपयोग किया जा सकता है। लता कस्तूरी में ज्वरनाशक गुण होते हैं, जो बुखार में लाभकारी होता है। लता कस्तूरी के ताजे पत्र-स्वरस को पिलाने से बुखार ठीक हो सकता है। लेकिन अगर बुखार किसी बीमारी की वजह से है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें। 3. आंखों के लिए उपयोगीलता कस्तूरी का उपयोग आंखों की समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। अगर आपको आंखों से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर इसका उपयोग किया जा सकता है। इसे भी पढ़ें - वजन घटाने से लेकर एजिंग के लक्षण रोकने तक, काले गन्ने का जूस पीने से मिलेंगे ये 6 फायदे 4. सूजन कम करे लता कस्तूरीलता कस्तूरी का उपयोग शरीर की सूजन को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। अगर आपके शरीर में सूजन है, तो आप लता कस्तूरी की पत्तियों, जड़ों का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन अगर गठिया, लिवर में खराबी की वजह से सूजन आई है तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका उपयोग करें। 5. मुंह की समस्याएं ठीक करे लता कस्तूरीलता कस्तूरी का उपयोग मुंह की समस्याओं को ठीक करने में उपयोगी हो सकता है। इसके इस्तेमाल से मुंह के छालों, मुंह की दुर्गंध को ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा लता कस्तूरी का उपयोग मसूढ़ों से खून आने, ढीले दांतों की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके लिए इसके फूलों को चबाया जा सकता है। 6. शरीर को मजबूत बनाए लता कस्तूरीलता कस्तूरी का उपयोग शरीर को मजबूत बनाने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप लता कस्तूरी के फलों का उपयोग कर सकते हैं। लता कस्तूरी का टॉनिक के रूप में सेवन किया जा सकता है। इसके अलाव लता कस्तूरी का फल कफ को कम करने में मदद करता है। इसे भी पढ़ें - ब्रेस्ट साइज बढ़ाने में मदद करेंगी ये 5 जड़ी-बूटियां, स्तन बनेंगे सुडौल और टाइट 7. पेशाब से जुड़ी समस्याएं ठीक करें लता कस्तूरीअगर आपको पेशाब से जुड़ी कोई समस्या है, तो इसके लिए आप लता कस्तूरी का उपयोग कर सकते हैं। लता कस्तूरी के बीजों के चूर्ण को पानी में मिलाकर पीने से मूत्र संबंधी समस्याएं ठीक होने में मदद मिल सकती है। यह पेशाब में खून, कम पेशाब आने की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में इसका उपयोग कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन यह किसी भी बीमारी का संपूर्ण इलाज नहीं है। इसलिए कोई भी समस्या होने पर इसका उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की राय जरूर लें। कस्तूरी क्या काम आती है ? कस्तूरी क्या है ? ( kasturi kya kaam aati hai, kasturi kya hai ) : कस्तूरी, कस्तूरी मृग जो एक विशेष प्रकार का हिरण होता है उसके निस्त्राव वाही कोष यानि अंडकोषों का सूखा हुआ रस होता है। कस्तूरी मृग उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में, चीन, आसाम, नेपाल, दार्जिलिंग तथा हिमालय के अन्य क्षेत्रों में पाए जाते है। कस्तूरी एक बहुत ही सुगन्धित पदार्थ होता है जो वयस्क नर हिरण में तब इकठ्ठा होने लगता है जब वह धीरे-धीरे जवान हो जाता है। कस्तूरी मृग से प्राप्त कस्तूरी का उपयोग पूजा करने और कई प्रकार की औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। कस्तूरी बेहद सुगन्धित होती है और इसलिए कहा जाता है कि कस्तूरी मृग को भी यह खुशबू बहुत आकर्षित करती है जिस कारण वह हमेशा इस खुशबू वाले पदार्थ की तलाश में रहता है लेकिन कस्तूरी मृग इस बात से अनजान होता की जिस खुशबू की तलाश वह कर रहा वह उसके शरीर में ही मौजूद है। Contents
कस्तूरी में पाए जाने वाले पोषक तत्वकस्तूरी में पोटैशियम, कैल्शियम, सोडियम, क्लोराइड, अमोनिया, फैट, एलेइन जैसे पोषक तत्व पाए जाते है। इसके अलावा कस्तूरी में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण भी मौजूद होते है। कस्तूरी के अन्य भाषाओं मेंकस्तूरी को हिंदी में कस्तूरी और अंग्रेजी में मस्क कहा जाता है। इसके अलावा कस्तूरी को संस्कृत में मृगनाम व कस्तूरी, बंगाली में मृगनाभि, गुजराती में कस्तूरी, मराठी में कस्तूरी, फ़ारसी में मुश्क और अरबी में मिस्क कहा जाता है। कस्तूरी के प्रकार (Types of Kasturi in hindi)कस्तूरी को उसकी उत्पत्ति के क्षेत्रों को देखते हुए मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है –
कस्तूरी के सेवन का सही तरीका ( kasturi ke sevan ka sahi tarika )किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या को ठीक करने के लिए कस्तूरी का आधी रत्ती से एक रत्ती तक सेवन करना चाहिए। कस्तूरी से बनाई जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि का नाम मृगनाभ्यादि वटी (Mrignabhyadi vati) होता है इसका इस्तेमाल भी कस्तूरी के स्थान पर किया जा सकता है। कस्तूरी की औषधि का सेवन दूध या मलाई के साथ करने की सलाह दी जा सकती है। कस्तूरी की तासीर बहुत गर्म होती है इसलिए इसका अधिक इस्तेमाल करने से बचें। कस्तूरी के फायदे (Benefits of Kasturi in hindi)
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कस्तूरी खाने से क्या फायदा होता है?कस्तूरी के फायदे. आयुर्वेद में कस्तूरी को खास महत्व दिया गया है. ... . जिन लोगों को स्तंभन दोष या कामेच्छा की कमी होती है, उनके लिए इसका सेवन काफी लाभदायक होता है.. आयुर्वेद में वात, पित्त और कफ से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए कस्तूरी का इस्तेमाल किया गया है.. हृदय संबंधी बीमारियों में कस्तूरी को खास उपयोग किया जाता है.. कस्तूरी का उपयोग कैसे किया जाता है?कस्तूरी नाम मूलतः एक ऐसे पदार्थ को दिया जाता है जिसमें एक तीक्ष्ण गंध होती है और जो नर कस्तूरी मृग के पीछे/गुदा क्षेत्र में स्थित एक ग्रंथि से प्राप्त होती है। इस पदार्थ को प्राचीन काल से इत्र के लिए एक लोकप्रिय रासायनिक पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है और दुनिया भर के सबसे महंगे पशु उत्पादों में से एक है।
1 ग्राम कस्तूरी की कीमत क्या है?कामरूपी कस्तूरी सबसे श्रेष्ठ होती है। इसकी कीमत 25 से 30 हजार रुपये प्रति ग्राम होती है।
ओरिजिनल कस्तूरी की पहचान कैसे करें?शुद्ध कस्तूरी को पानी में घोलकर सूंघने से सुगंध आती है और अगर नकली है तो पानी में डालने के बाद सूंघने पर कीचड़ की तरह या विकृत गंद आती है। शुद्ध कस्तूरी पानी में अविलेय होती है पानी का रंग भी मैला नही होता। अगर आप कस्तूरी को जलाएंगे तो यह चमड़े की तरह चिट – चिट की आवाज के साथ जलती है एवं गंद भी चमड़े के सामान आती है ।
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