इंसान की सोच कैसे होना चाहिए? - insaan kee soch kaise hona chaahie?

स्वामी अवधेशानंद गिरि

प्रकृति में हर पल सौंदर्य, माधुर्य और ऐश्वर्य विद्यमान है। परमात्मा और प्रकृति हर प्राणी के उद्धार और कल्याण के लिए नित्य तत्पर हैं। अत: सकारात्मक दृष्टिकोण की निरंतरता रहे। अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं एवं दूसरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। प्रकृति को गहराई से देखें, फिर आप सब कुछ बेहतर समझेंगे। जिस दिन को आप जी रहे हैं, क्यों न उसे वर्ष का सर्वश्रेष्ठ दिन जानकर जिया जाए।

मनुष्य वह प्राणी है जो अपने विचारों से बना है। वह जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है। अपनी सोच के दायरे को बड़ा करें। जो व्यक्ति अपनी सोच को सीमित रखता है वह अपने सपनों को कभी पूरा नहीं कर पाता है। हमेशा आपको अपनी सोच का दायरा बड़ा रखना चाहिए। आप जिस चीज के बारे में सोचेंगे, वही आपको मिलेगी। यदि आप किसी चीज के बारे में सोचते ही नहीं हैं तो आप उसे पा ही नहीं सकते। सफलता और हमारे बीच की दूरी बस कुछ कदम की है। हमें सफलता तभी मिल सकती है जब हम अपनी नकारात्मक सोच को त्यागकर स्वयं को इसके योग्य समझेंगे। फिर आप देखेंगे कि एक सोच के बदलने मात्र से ही आपके जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन आता है।

जीवन सतत प्रवाहशील है, जहां ढेर सारी खुशियों के बीच में दु:ख भी आते हैं। इसलिए किसी भी परिस्थिति से बच पाना संभव नहीं है, लेकिन स्वयं को इस परिस्थिति से भावनात्मक एवं आध्यात्मिकता के सहारे बचाया जा सकता है।

मात्र सकारात्मक सोच ही हमें इस संसार में खुशियां दे सकती है। नकारात्मक सोच सिर्फ दु:ख ही नहीं देती, वह हमारी भविष्य की सोच और परिस्थितियों के बीज भी बोती है। तो क्यों ना हम सकारात्मक सोच रखें। यदि हम सकारात्मक रहें तो दु:खदायी परिस्थिति भी सुखदायी बन जाती है। मन सकारात्मक होने पर हमें दिव्यता का अनुभव होगा क्योंकि सकारात्मकता निर्मलता की निशानी है और मन की निर्मलता में ही परम सुख परम शांति व परमानंद है। अत: जो सकारात्मक रहेगा, वही परम की ओर आगे बढ़ सकता है। इसलिए हम मानव के लिए नकारात्मकता से बाहर निकलना अत्यंत आवश्यक है। जीवन में सफलता पाने के लिए तथा सकारात्मक सोच के लिए व्यक्ति को व्यर्थ के तर्क वितर्क एवं झगड़ों से बचना चाहिए। बेकार की बातों पर बहस करने से आपका तनाव बढ़ता है।

जरूरी है कि हमारे जीवन की स्वाभाविकता बनी रहे। उच्चता के अविनत शिखर पर पहुंचने के लिए मनुष्य को अपने जीवन को एक सुगढ़ सांचे में ढालना होता है। जो अपने जीवन को सुघड़ सुंदर और सानंद नहीं बना सकता वह कितना ही प्रतिभावान, धनवान और ज्ञानवान क्यों न हो महानता के शिखर तक नहीं पहुंच सकता। अगर आपको अपने जीवन में सफल बनना है तो आपको आज से ही अपनी सोच सकारात्मक बनानी होगी। यह सत्य है कि हम जैसा सोचते हैं वैसा ही प्राप्त करते हैं। नकारात्मक सोच जहां हमें निराशावादिता और असफलता की ओर ले जाती है वहीं सकारात्मक विचार हमें सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। यदि हम ये ठानकर चलें कि आज दिनभर हम जो भी सोचेंगे अच्छा ही सोचेंगे तो निश्चित ही हमारा दिन अच्छा जाएगा। यही प्रयोग हम सप्ताह भर के लिए भी कर सकते हैं, उसके बाद देखिए आपके जीवन में क्या अद्भुत परिवर्तन आता है।

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सकारात्मक सोच स्वयं को नियमित रूप से कराया जाने वाला सुखद और प्रसन्नता देने वाली भावनाओं का अनुभव है।इसके अलावा प्रसन्नता ,खुशी, आशा, आभार, कृतज्ञता ,अनुराग, शांत मन ,शुद्धता, गर्व, आनंद, प्यार, आस्था ,और आदर यह सब भी विभिन्न सकारात्मक भावनाएं हैं।

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कैसे यह मानव को सबसे अलग करती है। | how to create positive thinking?

मनुष्य की सकारात्मक सोच ही मनुष्य को बाकी प्राणियों से अलग करती है, और यही सोच उसके जीवन में बदलाव लाती है, खुशियां लाती है। अपने रंग रूप के बजाय यदि हम अपना अधिक ध्यान ,अपनी सोच पर दें,तो मुझे लगता है ,सब कुछ बदल जाएगा ,क्योंकि हमारी सोच से ही, हमारे कर्म बनते हैं ,और हमारे कर्म से ही हमारा जीवन बनता है।

इंसान की सोच कैसे होना चाहिए? - insaan kee soch kaise hona chaahie?

सकारात्मक सोच वाले हर हाल में खुश रहते हैं।

आशावादी और सकारात्मक सोच वाला इंसान ,हर चुनौती में भी अवसर ढूंढ लेता है, और खुश रहता है। सकारात्मक विचारों को अपनाने के लिए हमें कोई कीमत नहीं चुकानी पड़ती, बल्कि सकारात्मकता को खोने पर हमें जरूर इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए सदैव हमें सकारात्मक विचारों से घिरा रहना चाहिए ताकि हमें जीवन में खुशियां ही खुशियां मिले।

हमारी सोच से ही हमारा स्वास्थ्य|

सकारात्मक विचारों का गहरा संबंध हमारे स्वास्थ्य से भी होता है ,और हमारे स्वास्थ्य से अनमोल इस जीवन में कुछ नहीं होता जो लोग सदैव सकारात्मक सोचते हैं उनमें किसी तरह का रोग या शरीर का हास् होते हुए नहीं देखा जाता। वे इस अनमोल जीवन की कीमत को जानते हैं, और हर हाल में खुश रहते हैं, सकारात्मक विचार से अपने मन मस्तिस्क को भर कर रखते हैं।

जो बाटेंगे वही बढ़ेगा|

प्रकृति का यह नियम है हम जो चीज बांटते हैं ,वही चीज हमें कई गुना होकर लौटकर मिलती है, इसलिए सकारात्मक विचारों को ही हमें सोचना चाहिए और ब्रह्मांड को भेजना चाहिए ,ताकि वह हमारे जीवन में लौटकर खुशियों की सौगात लेकर आए।

सकारात्मक सोच वाला मस्तिष्क या व्यक्ति, किसी भी परिस्थिति में अच्छे अंत की प्रतीक्षा करता रहता है ,और सदैव हर परिस्थिति में खुश रहने का महत्व जानता है

दूसरे का मूल्यांकन न करें|

सकारात्मक सोच के निर्माण के लिए हमें सदैव दूसरे की योग्यता को विशाल रूप में स्वीकार करना चाहिए। कभी किसी को छोटा और अज्ञानी नहीं समझना चाहिए।

आभार की भावना को जन्म दें|

सकारात्मक सोच ,आभार की भावना लेकर आती है, जिससे सामने वाला व्यक्ति भी बहुत प्रभावित होता है। वह अपने पास उपलब्ध वस्तु को कई गुना अधिक मात्रा में हमें देने की कोशिश करता है। सदैव उन लोगों के आभारी रहें जिसने जीवन में कभी,कहीं हमारी मदद की हो। उस वस्तु को सदैव धन्यवाद दें जिसने इस जीवन यात्रा को सरल बनाया हो।

अनमोल शब्दों का प्रयोग |

सकारात्मक सोचने के लिए हमें सकारात्मक शब्दों का ही इस्तेमाल जीवन में करना चाहिए, क्योंकि हमारे शब्द ही हमारे अवचेतन मन में जाकर हमारी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं ,इसलिए ये शब्द अनमोल है ,अपने भाषा के दौरान अपने शब्दों का इस्तेमाल हम बहुत ही सूझबूझ से करें।

बीती बातों को भूल कर अपना काम करते रहें|

सकारात्मक सोचने के लिए हमें गुजरे हुए कल को भूल जाना चाहिए और सारा ध्यान वर्तमान की नई शुरुआत पर ही रखना चाहिए।वर्तमान को ही सुंदर करने का प्रयास करना चाहिए। हम अपने वर्तमान के समय और आज के दिन को भाग्यशाली मानकर काम करें ।वर्तमान निर्मित परिस्थिति में अपना काम करते रहे,और इस बात का दृढ़ विश्वास, अदृश्य शक्तियां के प्रति रखें ,की सभी परिस्थितियों का निर्माण हमारे कल्याण के लिए ही होता है।

जीवन की छोटी छोटी खुशी मे खुश होने की आदत बनाएं।

रोजाना अपने जीवन के छोटे-छोटे पलों को ऐसे जिए, जैसे हमारा जीवन उन्हीं पर निर्भर हो।

हम खुश रहना चाहे तो हमें कोई नाखुश नहीं कर सकता, इसलिए हम उसी सोच को चुने, स्वयं को प्रसन्न रखने का प्रयास करते रहे। सकारात्मक लोगों से जुड़े रहे, हंसते रहने का प्रयास करें ।छोटी-छोटी खुशियों को जीवन में अपनाएं ।दूसरे के दोषों को ना देखें। उसकी अच्छाई को ही खोजने का प्रयास करें ,और जीवन में छोटी-छोटी चीजों में खुशियों को ढूंढने की आदत बनाएं। सकारात्मकता ,स्वयं ही हमको चुन ,हमारे पास रहने लगेगी, और हम भी प्रसन्न रहने लगेंगे।

इंसान की सोच कैसे होना चाहिए? - insaan kee soch kaise hona chaahie?

ब्रह्मांड से मांगें|

इस ब्रह्मांड के पास देने के लिए किसी चीज की कमी नहीं है ।इसलिए हम अपनी सोच का दायरा बढ़ाए और इस ब्रह्मांड से बड़ा से बड़ा, बड़ी से बड़ी वस्तु मांगे यह हमारी सोच में रहना चाहिए कि हम हर चीज को प्राप्त कर सकते हैं।

इंसान की सोच कैसे होना चाहिए? - insaan kee soch kaise hona chaahie?

अपने ऊपर पूरा भरोसा रखें,ये विश्वास रखें की आप उसकी सृष्टि के अंश हैं।

ईश्वर को अपना सच्चा साथी माने, सदैव इस बात को याद रखें, वो चुनौती के समय आपके साथ खड़ा होता है। पूरे आत्मविश्वास से डटे रहें।

सकारात्मक सुझाव अपने मस्तिष्क को रोज दें।

यह दुनिया बहुत सुंदर है। यहां बहुत ही भले लोग रहते हैं। मेरी जिंदगी सरल है , मुझे सफलता मिल रही है। मुझे जिंदगी में मजा आ रहा है। मेरा पार्टनर मुझे बहुत प्यार करता है। मैं दिल से खुशियां पहुंचाना जानता हूं। मैं अपने मन को ऊंचा उठाता हूं। मैं अपने मन के उत्साह को बनाना जानता हूं। मैं जानता हूं मुझे हर दिल को कैसे जीतना है। मैं खुशियों के भाव पैदा करने के मंत्र जानता हूं। यह दुनिया बहुत ही सुंदर है ।दुनिया में भले लोग रहते हैं ।चारों तरफ पुण्य बढ़ गया है ।मैं सबकी परवाह करता हूं ।और सभी मेरी परवाह भी करते हैं ।चारों और खुशियों का माहौल है ।मैं अमीरों की श्रेणी में आता हूं ।मेरे दोस्त सदैव मेरे साथ रहते हैं। मैं अमीर हूं ।मैं धनी हूं ।सारी दुनिया मेरा परिवार है ।मैं अपने जीवन से खुश हूं। चारों तरफ लोग मुझे मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।चारों तरफ लोग दयालु है, लोग मुझे सामने से चला कर मिलने आते हैं। मेरे विचार मेरे पूर्ण काबू में रहते हैं। मैं अपनी भावनाओं का मालिक हूं। मैं विचारों को बदल सकता हूं। मैं विचारों का जादू जानता हूं। मैं खुशियों का सौदागर हूं ।मुझे खुशियों का रहस्य मालूम है। मैं खुश रहना जानता हूं।

चुनौती के समय

कई बार असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और हम निर्णय नहीं ले पाते इस दौरान हमारी सकारात्मकता भी हमारा साथ छोड़ने लगती है। उस परिस्थिति में हमें यह ज्ञान बनाए रखना चाहिए कि जो चीज हमारे हाथ में हो उसे हम परिवर्तित करने का प्रयास करें ,और जो हमारे हाथ में ना हो उसे भूलने का प्रयास करें, या अदृश्य शक्तियों को सौंपने का प्रयास करें। आने वाले समाधान के रास्ते पर काम करें। यह उसूल बनाए रखने से हमारे जीवन में सकारात्मकता हर परिस्थिति में बनी रह सकती है। इस समय हम अपने जीवन में संतोष रूपी छड़ी को धारण करें। सही कदम उठाने का प्रयास करें ,विकल्पों पर चिंतन मनन करें। प्रस्तुत हुई परिस्थिति पर पांव रखकर आगे बढ़े ,तो हमारी सोच हमारी खुशियां हमारे साथ होंगी।

चुनौती के समय सकारात्मकता बनाए रखने के लिए, हम अपने विचारों पर, अपनी पिछली गलतियों पर शर्मिंदा ना होकर उससे सीखें।

कुछ भी सदैव नहीं रहता|

चुनौती के समय अपनी सकारात्मक सोच बनाए रखने के लिए हमेशा याद रखें, कि जो चुनौती आई है, वह जाएगी भी।हर चुनौती हमारे जीवन में कोई न कोई परिवर्तन या विकास ही लेकर आती है इस बात को भी हम जाने ,और अपनी सोच को सकारात्मक रखें ।उस समय हम यह सोचें ,कि प्रत्येक परिस्थिति का निर्माण, यह सृष्टि हमारे कल्याण के लिए ही करती है और ऐसा सोच कर सदैव प्रसन्न रहें।

क्या होता है, सकरामक सोच का जादू|

यह दुनिया सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को ही पसंद करती है और वह उसे ही अपने टीम का हिस्सा बनाने का प्रयास करती है ।सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति छोटी मोटी बातों पर तुरंत समझौता कर लेते हैं।

सकारात्मक सोच से बहुत लाभ होता है, जैसे हमारी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।मिलजुल कर काम करने की उत्सुकता जगती है ,रिश्तो में मिठास आती है, हम तनाव से बच पाते हैं, और हमारी खुशियां बरकरार रहती है। सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति सदैव समाधान का हिस्सा बनते हैं, और खुश रहना जानते हैं।

मन की बात|

दिमाग को शांत रखें, ये याद रखें शांत दिमाग वाला व्यक्ति ही सकरामक सोच पाता है। दिमाग को खाली करें, अपने मन की बातों की सलाह कर। अपने विश्वास पात्र मित्र को अपने मन की सब बातें बता कर मन और दिमाग को खाली करे

कुल मिलाकर सकारात्मक सोच हमारे विचारों को, हमारी वाणी को, हमारे व्यवहार को, और हमारे व्यक्तित्व को प्रेरित ,और प्रभावित कर और हमारे जीवन में खुशियां लाती है। सोच को सुंदर बनाने से हमारे संबंध सुदृढ बनते हैं, हमारी आभामंडल बढ़ती है।

इंसान की सोच कैसे होना चाहिए? - insaan kee soch kaise hona chaahie?

याद रखे,जो हो रहा है उसे हम अपनी और आकर्षित कर चुके हैं ,हम आज जो भी हैं पिछले विचारों के परिणाम हैं, हम जो सोचते हैं ,हम वैसे ही विचारों के लोगों को आकर्षित करते हैं ।ब्रह्मांड में हम जो भी विचार भेजते हैं,ब्रह्मांड हमें वही लौटाता है,सृष्टि हमें वही लौटाती है। हम जो बोलते हैं ,जो सोचते हैं ,उसे ही हम आकर्षित करते हैं। जिस पर हमारा ध्यान जाता है, वही हमारे सामने आता है ,उसी से जुड़े लोग हमारे सामने आने लगते हैं, उन्हीं परिस्थितियों का निर्माण होने लगता है। इसलिए जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच बनाएं और खुशियाँ ही खुशियाँ पाएँ।

सोच कर सोचो

धन्यवाद

जय श्री कृष्ण ………..

Nirmal Tantia

मैं निर्मल टांटिया जन्म से ही मुझे कुछ न कुछ सीखते रहने का शौक रहा। रोज ही मुझे कुछ नया सीखने का अवसर मिलता रहा। एक दिन मुझे ऐसा विचार आया क्यों ना मैं इस ज्ञान को लोगों को बताऊं ,तब मैंने निश्चय किया इंटरनेट के जरिए, ब्लॉग के माध्यम से मैं लोगों को बताऊं किस तरह वे आधुनिक जीवन शैली में भी जीवन में खुश रह सकते हैं

इंसान की सोच क्या है?

व्यक्तिकी सोच में परमाणु बम जैसी ताकत होती है। यदि सोच सकारात्मक होगी तो व्यक्ति में ऊर्जा भर देगी। नकारात्मक सोच व्यक्ति को लाचार बना देती है और वह तनाव का शिकार हो जाता है। सकारात्मक सोच व्यक्ति को आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से भी मजबूत बनाती है।

इंसान का अपना क्या है?

बस, सही मायनों में, वह ही उसका अपना है।