रेशम कमजोर अम्लीय है और नियमित तटस्थ डिटर्जेंट सफाई की आवश्यकता है। धुलाई की मात्रा निर्देशों के अनुसार कड़ाई से होनी चाहिए और मनमाने ढंग से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। Show
2. हाथ की सफाई वॉशिंग मशीन के बजाय हाथ से धोना बेहतर है। धोते समय, हमें सौम्यता और सज्जनता पर ध्यान देना चाहिए, कठोर रगड़ना नहीं, समान रूप से परिश्रम करना बेहतर है। 3.30 डिग्री पानी का तापमान पानी का तापमान लगभग 30 डिग्री होना चाहिए। बहुत गर्म या बहुत ठंडा मत बनो। अन्यथा, कपड़े और कपड़े क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। 4. पेशेवर सूखी क्लीनर यदि रेशम के कपड़े पर अधिक दाग हैं, तो उन्हें मैन्युअल रूप से साफ करना मुश्किल है। बेहतर ड्राई क्लीनिंग प्रभाव और अच्छी प्रतिष्ठा के साथ एक बड़े सूखे क्लीनर में जाना बेहतर है। 5. छाया में सुखाना तैयार रेशम के कपड़ों को सूरज के संपर्क में नहीं लाया जा सकता है और आसानी से फीका हो सकता है, जो रंग को बहुत नुकसान पहुंचाता है। उन्हें ठंडी जगह पर प्राकृतिक रूप से हवा में सुखाया जाना चाहिए। 6. धोने के बाद पेंच मत करो। धोने के बाद मुड़ें नहीं। एक साफ स्नान तौलिया पर कपड़े फैलाकर टिड्डी से। रोल करें और एक स्नान तौलिया के साथ धीरे-धीरे अधिकांश पानी को एक छोर से हटा दें। रेशम के रखरखाव के तरीके 1. रेशम की स्कर्ट और पतलून पहनते समय, साइकिल चलाने की अनुपयुक्तता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 2. एकत्रित करते समय desiccants, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र और कपूर की गेंदों को एक साथ रखने से बचें। 3. रेशम के कपड़ों को सूखा रखने के लिए लटका दिया जाना चाहिए। 4. जब आप बहुत पसीना बहाते हैं तो रेशमी कपड़े न पहनें। 5. लोहे के हैंगर का उपयोग भंडारण में नहीं किया जाना चाहिए, और फ़ेडेबल या रंगे जाने योग्य लेखों से बचा जाना चाहिए। 6. सिल्क के कपड़े बेहद हाईग्रोस्कोपिक होते हैं। बेहतर होगा कि हैंगर पर कपड़े टांगें और उन्हें न पहनने पर हवादार रखें। Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 7 गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल Textbook Exercise Questions and Answers. PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 7 गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भालPSEB 8th Class Home Science Guide गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल Textbook Questions and Answersप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. लघूत्तर प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. चित्र 7.1 गर्म कपड़ा धोने की तैयारी 7. सभी प्रकाकर के वस्त्रों को एक साथ मिलाकर नहीं धोना चाहिए। वस्त्रों को किस्म, रचना, रंग आदि के अनुसार छाँटकर अलग-अलग धोना चाहिए। 8. कम गन्दे वस्त्रों को अधिक गन्दे वस्त्रों के साथ नहीं धोना चाहिए। 9. वस्त्रों को धोने से पूर्व उनका निरीक्षण कर लेना चाहिए। यदि कहीं से सिलाई खुल गई हो या छेद आदि हो गया हो तो पहले उनकी मुरम्मत करनी चाहिए। 10. वस्त्र पर यदि कोई दाग या धब्बा लग गया है तो पहले उसे दूर करना चाहिए। 11. धोने से पूर्व वस्त्रों की जेबें देख लेनी चाहिएँ और यदि उनमें कुछ भी है तो उसे निकाल देना चाहिए। 12. धुलाई से पूर्व धुलाई में आवश्यक सहायक उपकरणों का पूर्व प्रबन्ध कर लेना चाहिए। इसमें समय की बचत होती है। 13. धुलाई में प्रयोग आने वाली रासायनिक प्रतिकर्मकों को बच्चों से दूर रखना चाहिए। __ (14) धुले वस्त्रों को सुखाने की उचित विधि का प्रयोग तथा उचित प्रबन्ध करना चाहिए। 14. धुलाई के लिए मृदु जल का प्रयोग करना चाहिए। (16) धोकर सुखाए वस्त्रों को तुरन्त प्रेस (इस्तरी) कर देना चाहिए। प्रश्न 3. चित्र 7.2 गर्म वस्त्र का खाका बनाना प्रैस करना-सूखने के बाद वस्त्र को उल्टा करके उसके ऊपर गीला कपड़ा रखकर इस्तरी करनी चाहिए। प्रश्न 4.
ऊनी कपड़ों की संभाल-
Home Science Guide for Class 8 PSEB गर्म कपड़ों की धुलाई और कपड़ों की सम्भाल Important Questions and AnswersI. बहुविकल्पी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. II. ठीक/गलत बताएं
उत्तर-
III. रिक्त स्थान भरें
उत्तर-
IV. एक शब्द में उत्तर दें प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. रेशमी कपड़ों को कैसे कागज़ में लपेट कर रखा जाता है ? अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. चित्र 7.3 धीरे-धीरे मलने की विधि लगाकर दूसरे हाथ से धीरे-धीरे रगड़ें यदि मैल साफ़ न हो तो उस भाग पर ब्रश का प्रयोग करें। जब वस्त्र साफ़ हो जाएँ तो फिर उसे समतल, छायादार स्थान पर सुखाएँ। प्रश्न 8. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. 5. धोने के लिए गर्म पानी का प्रयोग अच्छा रहता है। कपड़े धोने का साबुन, रगड़ने का तख्ता या ब्रुश तथा कलफ आदि सभी चीजें तैयार रखनी चाहिएँ। 6. वस्त्र के प्रकार के अनुसार धुलाई करनी चाहिए। मज़बूत वस्त्र जैसे चादर, पतलून, सलवार आदि गर्म पानी में भिगोकर साबुन की टिक्की मिलानी चाहिए। रसोईघर के झाड़न 7. आदि गर्म पानी में साबुन डालकर भिगो देने चाहिएं, फिर हाथ से रगड़कर मलना चाहिए। कालर, कफ व कोर के नीचे के मैल को मुलायम ब्रुश से रगड़कर धोना चाहिए। 8. रंगीन कपड़ों को हमेशा ठण्डे पानी में भिगोना व धोना चाहिए। यदि कपड़े बहुत अधिक गन्दे हों तो उन्हें गुनगुने पानी में भिगोना चाहिए। 9. कोमल वस्त्रों को अधिक नहीं रगड़ना चाहिए, उन्हें थोड़ा-सा रगड़कर और निचोड़कर धोना चाहिए। 10. कपड़ों में से साबुन निकालने के लिए उसे स्वच्छ पानी में से बार-बार निकालना चाहिए। जब कपड़ों में से साबुन का पूरा झाग निकल जाए और कपड़ा साफ़ हो जाए तो निचोड़ लेना चाहिए। 11. सफेद कपड़ों पर कलफ लगाते समय कलफ के घोल में थोड़ी सी नील डाल देनी चाहिए ताकि कपड़ों में चमक आ जाए, फिर भली-भाँति निचोड़कर कपड़े सुखाने चाहिएं। हमें रेशमी वस्त्रों को छाये में सुखाना चाहिए क्यों?अब इन्हें हैंगर पर लटकाकर सुखाना चाहिए। इस प्रकार सुखाने से इनमें सलवटें नहीं पड़ती हैं, जिससे इन पर इस्त्री करने की आवश्यकता नहीं रहती है।
रेशमी कपड़ों को धोते समय क्यों नहीं रगड़ना चाहिए?जिससे धुलाई करते समय रगड़ने से वस्त्र जल्दी साफ हो जाते है. रेशमी व ऊनी वस्त्रों को भिगोना नही चाहिए. रेशमी व ऊनी वस्त्रों को धोने के लिए साबुन के स्थान पर लिक्विड सोप जैसे इजी, जेन्टिल आदि में थोड़ी देर भिगोकर पानी में ही बार बार दबाकर निचोड़ना चाहिए, ताकि उनकी गंदगी बाहर निकल आए, उन्हें घुमाकर निचोड़ना नही चाहिए.
रेशमी वस्त्रों में सिरके व गोंद का प्रयोग क्यों किया जाता है?उत्तर- रेशमी वस्त्रों में सिरके व गोंद का प्रयोग चमक व कड़ापन लाने के लिए किया जाता है।
रेशमी वस्त्रों की धुलाई कैसे करेंगे?रेशमी व ऊनी कपड़ों को अधिक गर्म पानी में नहीं धोना चाहिए और इन्हें अधिक कसकर नहीं निचोड़ना चाहिए। सूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद सूती वस्त्रों को धोते समय रानीपाल व नील का भी प्रयोग करते हैं। सूती वस्त्रों में इच्छानुसार कलफ भी लगाया जा सकता है।
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