हैंडपंप का पानी पीने से क्या होता है? - haindapamp ka paanee peene se kya hota hai?

राजगढ़. जैसे-जैसे पानी का जलस्तर नीचे गिरता जाता है, वैसे-वैसे फ्लोराइड की मात्रा पेयजल में बढऩे लगती है। लगातार गिर रहे जलस्तर के कारण अब गांव में फ्लोराइड की मात्रा बढ़ रही है। इसका नुकसान सीधे-सीधे छोटे बच्चे और बुजुर्गों के शरीर पर नजर आने लगा है। जिले के कई गांव ऐसे हैं जिन में फ्लोराइड का असर सीधा-सीधा नजर आता है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर के आठ क्षेत्रों के हैंडपंपों के पानी में खतरनाक यूरेनियम की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई है। इससे जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। अब शहर के हर क्षेत्र में पानी की जांच कराई जाएगी। वहीं, जिलाधिकारी विशाख जी के आदेश चकेरी, कल्याणपुर और काकादेव में हैंडपंपों को बंद कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में नगर निगम को टैंकर से पानी की आपूर्ति कराने के आदेश भी दिए गए हैं।

हैंडपंप का पानी पीने से क्या होता है? - haindapamp ka paanee peene se kya hota hai?

Kanpur News: कोहरे में यमदूत बनीं जिले की सड़कें, शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा प्रशासन!

यह भी पढ़ें

आइआइटी के अर्थ साइंस विभाग ने लिए थे नमूने

भूगर्भ जल में यूरेनियम की मात्रा मानक से अधिक मिलने पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। गुरुवार को जिलाधिकारी ने अफसरों के साथ बैठकर कर भूगर्भ जल के नमूने लेने के आदेश दिए हैं। इसके लिए जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया और केंद्रीय भूगर्भ जल विभाग से जांच कराने पर सहमति बन गई है। आइआइटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के प्रो. इंद्रशेखर सेन और शोधार्थी डा. सरवर निजाम ने कानपुर नगर और देहात जिले के 192 स्थानों से सरकारी हैंडपंप के पानी के नमूने लिए थे।

हैंडपंप का पानी पीने से क्या होता है? - haindapamp ka paanee peene se kya hota hai?

Kanpur: नहीं खत्म हो रहीं इरफान सोलंकी की मुश्किलें, विधायक समेत पांच पर गैंगस्टर एक्ट के तहत 3 और मामले दर्ज

यह भी पढ़ें

चौंकाने वाली हैं जांच रिपोर्ट

नमूनों की जांच रिपोर्ट चौंकाने वाली आई। इनमें से 29 स्थानों पर पानी में यूरेनियम की मात्रा मानक (30 माइक्रोग्राम प्रति लीटर) मिली। इस रिपोर्ट के आधार पर जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम ने शहर के 13 संवेदनशील क्षेत्रों का दो दिन तक निरीक्षण कर भूगर्भ जल के नमूने लिए थे। इसमें यूरेनियम की मात्रा मानक से कई गुणा अधिक पाई गई।

हैंडपंप का पानी पीने से क्या होता है? - haindapamp ka paanee peene se kya hota hai?

रिमांड के बाद जेल भेजा गया बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद, दस्तावेजों की तरह सुना रहा 'फर्जी' कहानियां

यह भी पढ़ें

दिवाली बाद सभी वार्ड में होगी पानी की जांच

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय ने कानपुर नगर और देहात जिले के क्षेत्रीय अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। जल कल विभाग के प्रभारी महाप्रबंधक केपी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर सभी वार्ड में पानी की जांच कराई जाएगी।

हर वार्ड से दो-दो नमूने लिए जाएंगे। जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया और केंद्रीय भूगर्भ जल विभाग से संपर्क किया है। अब यूरेनियम का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा। यह अभियान दीपावली के बाद शुरू होगा। डीएम के आदेश पर यूरेनियम के स्रोत का पता लगाया जाएगा। उसे कैसे दूर किया जाए। असर कैसे कम हो, इस पर शोध किया जाएगा।

हैंडपंप का पानी पीने से क्या होता है? - haindapamp ka paanee peene se kya hota hai?

Kanpur News: ऑनलाइन पैसे कमाने का झांसा देकर व्यापारी से ठगे 17.65 लाख रुपये, जांच में जुटी पुलिस

यह भी पढ़ें

लिवर और किडनी करता क्षतिग्रस्त, कैंसर का भी कारक

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. विकास मिश्रा के अनुसार, यूरेनियम रेडियोएक्टिव पदार्थ है जो शरीर के अंदर जाने पर पाचन तंत्र और कोशिकाओं में जम जाता है। परमाणु रिएक्टर में इस्तेमाल होने वाले खतरनाक तत्व की पानी में मौजूदगी से लिवर और किडनी क्षतिग्रस्त होती है। लंबे समय तक शरीर में जमने से कैंसर भी हो सकता है।

हैंडपंप का पानी पीने से क्या होता है? - haindapamp ka paanee peene se kya hota hai?

Kanpur Covid Update: जिले में सैंपलिंग का काम जोरों पर, मगर वैक्सीनेशन का पता नहीं

यह भी पढ़ें

यूरेनियम युक्त पानी पीने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगते हैं। यह रेडियोएक्टिव तत्व डीएनए को प्रभावित करता है, जिससे आनुवांशिक जटिलताएं भी होती हैं।

मैनपुरी : नगर पालिका परिषद क्षेत्र के कई मुहल्लों में लगे हैंडपंपों से पीला बदबूदार पानी आने से लोग परेशान हैं। जिससे लोगों को पानी के लिए दूर लगे हैंडपंपों से पानी लेना पड़ता है। लोगों का कहना है कि बोरिंग गहरी करने से पानी साफ आ सकता है। मगर नगर पालिका परिषद इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

मुहल्ला वंशीगौहरा, खरगजीत नगर, पुलंदर बगिया, गुलाब बाग, भरतवाल, महमूद नगर, बागवान आदि क्षेत्रों में दो से तीन हैंडपंप ऐसे में जिनमें निकलने वाला पानी कुछ देर रखने के बाद पीला होकर बदबू देने लगता है। यह पानी पीने योग्य नहीं है। क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए दूर लगे हैंडपंपों से पानी लाना पड़ता है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लोगों का कहना है जो क्षेत्र पुराने तालाबों के किनारे फंसे हैं उन्हीं क्षेत्रों में लगे हैंडपंपों में गंदे पानी की शिकायत आ रही है। इस परेशानी को लेकर नगर पालिका परिषद से कई बार शिकायत की गई। जलकल कर्मियों का कहना है कि कम बोरिंग होने से गंदा पानी आ रहा है।

क्या कहते हैं लोग

मुहल्ला बागवान निवासी किशन कुमार का कहना है कि उनके धर के पास लगे हैंडपंप का रिबोर होने के बाद से उसका पानी रखने पर पीला हो जाता है। जिसकी शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कही गई।

मुहल्ला गुलाब बाग निवासी नौशाद वारसी ने बताया कि मस्जिद वाली गली में लगे हैंडपंप से काफी दिनों से पीला पानी आ रहा है जिससे लोगों को दूसरे क्षेत्र से पानी लाना पड़ता है।

रामदुलारे ने बताया कि हैंडपंप का पानी कुछ देर रखने के बाद हल्के पीले रंग का होने लगता है अधिक देर तक रखा रहने से उसमें बदबू आने लगती है। जो पीने के लायक नहीं है।

नहीं हो सकती अधिक गहरी बोरिंग

नगर पालिका परिषद के जलकल विभाग के निरीक्षक मो. तारिख का कहना है कि जलनिगम द्वारा हैंडपंपों की बोरिंग के मानक के अनुसार नगर क्षेत्र में 45 मीटर से अधिक हैंडपंप की बोरिंग नहीं की जा सकती। जबकि कई क्षेत्रों में इससे अधिक गहराई पर साफ पानी मिलता है। यहीं कारण है कि कई क्षेत्रों में लगे हैंडपंपों से गंदा पानी आ रहा है।

'अभी तक किसी भी क्षेत्र से हैंडपंप से निकले वाले पीले पानी की शिकायत उन्हें नहीं मिली है। यदि किसी हैंडपंप से ऐसे पानी आने की शिकायत है तो पानी की जांच जलनिगम की प्रयोगशाला में कराई जाएगी। कमी पाए जाने पर उस हैंडपंप के स्थान को बदलकर दूसरी जगह हैंडपंप की बोरिंग कर दी जाएगी।'

हैंडपंप का उपयोग क्या है?

चापाकल या हैंडपम्प मानवी शक्ति से चालित एक यांत्रिक युक्ति है जो द्रवों (प्राय: पानी) एवं हवा को एक स्थान से दूसरे स्थान (या कम उँचाई से अधिक उंचाई) तक ले जाने में सहायता करता है। इनकी डिजाइन में यांत्रिक लाभ (mechanical advantage) के सिद्धान्त का उपयोग किया गया होता है।

हैंडपंप का पानी पीला क्यों होता है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हैंडपंप की जांच करने के बाद उसमें से निकलने वाले पानी को पीने के लिए योग्य बताया था। उसी हैंडपंप से अब आयरन युक्त गंदा पानी निकल रहा है। पानी में आयरन की मात्रा इतनी अधिक है कि पानी भरने का बर्तन तक लाल हो जा रहा है।

हैंडपंप से पानी कैसे आता है?

हैंडपंप पानी कैसे देता है आमतौर पर हम हैंडपंप के हत्थे को ताकत तीन-चार बार ऊपर-नीचे करते हैं और पानी नल से गिरने लगता है। लेकिन यह सारी प्रक्रिया इतनी आसान है नहीं कि हत्था चलाया और पानी ऊपर आने लगा। दरअसल यह कमाल सिलिंडर का है। सिलिंडर में एक पिस्टल, एक चैक वाल्व, वाशर आदि होते हैं।