पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने जोन में चल रहे दोहरीकरण और निर्माणकार्य का निरीक्षण (GM Inspected Many Stations Of Chapra Route) किया. इस दौरान जीएम ने इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों को कई निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर.. Show छपरा (सारण): पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर ( North Eastern Railway Gorakhpur) के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने छपरा रूट के कई स्टेशनों और यार्ड का निरीक्षण (NER GM Ashok Kumar Mishra Inspected Many Stations) किया. उन्होंने जीएम स्पेशल ट्रेन से गोरखपुर-छपरा रेल खण्ड का विण्डो निरीक्षण किया. इस दौरान जीएम छपरा ग्रमीण, गौतम स्थान, छपरा जंक्शन कई स्टेशन पर निरीक्षण के लिए उतरे. छपरा ग्रामीण और गौतम स्थान स्टेशनों पर अपग्रेड हो रहे गुड्स शेड, साइडिंग का जीएम अशोक कुमार मिश्र ने काम जल्द पूर करने का आदेश अधिकारियों को दिया. पढ़ें-छपरा कचहरी स्टेशन पर स्टॉपेज खत्म किए जाने का विरोध, इन एक्सप्रेस ट्रेनों को रोकने की मांग "छपरा-बलिया के बीच रेल ट्रैक का दोहरीकरण जारी है. वहीं छपरा ग्रमीण और गौतम स्थान गुड्स यार्ड का काम चल रहा है. ये काम जल्द पूरा हो जायेंगी. इससे आम लोगों और व्यापारियों को काफी फायदा मिलेगा. इसके अलावा अन्य जगहों का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान कई दिशा-निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया." -अशोक कुमार मिश्रा, महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर स्टेशनों पर साफ-सफाई को और बेदतर करने का आदेशःजीएम ने अपने निरीक्षण के छपरा ग्रामीण, छपरा जंक्शन और गौतम स्थान स्टेशनों की परिचलनिक व्यवस्था, साफ-सफाई, यात्री सुख सुविधाएं, प्रतीक्षालय, यात्री आरक्षण केंद्र, अनारक्षित टिकट काउंटर, सामान्य यात्री हाल, गार्ड/लोको पायलट रनिंग रूम, स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया, पार्किंग स्थलों का व्यापक निरीक्षण. इस दौरान जीएम ने स्टेशनों के रख-रखाव और सफाई को और बेहतर बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. टाइल्स से फिसलन होता है, दूसरे विकल्प का उपयोग करेंः महाप्रबंधक ने छपरा जंक्शन के दूसरे एंट्री प्वाइंट और 3 नए प्लेटफार्म का भी निरीक्षण किया.
प्लेटफार्म पर बनाए जाने वाले पुल पर सीढ़ियों की जगह रैंप बनाने का आदेश दिया. इसके साथ ही उन्होंने प्लेटफार्म पर टाइल्स नहीं लगाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया. जीएम ने कहा की टाइल्स से फिसलन होती है और रेल यात्रियों को गिरने का खतरा होता है. 3 नए प्लेटफार्म के बनाए जाने पर पानी की खपत को लेकर उन्होंने एक और नई टंकी बनाने का आदेश भी अधिकारियों को दिया. कई वरीय अधिकारी थे मौके पर मौजूद थेः जीएम के साथ वाराणसी के मंडल रेल प्रबंधक रामाश्रय पाण्डेय, अपर मंडल रेल प्रबंधक (प्रशासन) राहुल श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (प्रथम) ऋषि श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय सत्यम सिंह, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (C&W) सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. पढ़ें-अग्निपथ योजना के विरोध में पाटलीपुत्र एक्सप्रेस फूंकने वाला मुख्य आरोपी सिवान से गिरफ्तार
By: Inextlive | Updated Date: Fri, 16 Jul 2021 09:12:14 (IST) - रेलवे स्टेशन के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर नहीं है समुचित सिक्योरिटी - एक्सरे बैगेज स्कैनिंग मशीन खराब, पैसेंजर्स के लगेज की नहीं हो रही जांच GORAKHPUR: लखनऊ में अलकायदा टेरेरिस्ट की धरपकड़ के बाद गोरखपुर एडीजी जोन अखिल कुमार ने भी पुलिस फोर्स और अन्य सिक्योरिटी एजेंसीज को अलर्ट मोड पर रखा था, लेकिन इसके विपरीत गोरखपुर रेलवे स्टेशन और यहां से गुजरने वाले पैसेंजर्स की सिक्योरिटी खस्ताहाल है। रेलवे स्टेशन के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर समुचित सिक्योरिटी नहीं है। स्टेशन पर लगी बैग स्कैनर मशीन खराब है। वहीं, सुरक्षाकर्मी भी न तो बैग को चेक कर रहे हैं और न ही पैसेंजर्स की जांच करते हैं। कुछेक को छोड़ दिया जाए तो मेटल डिटेक्टर भी काम नहीं कर रहे। हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर से भी जांच नहीं की जा रही। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर जाने वाले पैसेंजर्स की सुरक्षा भगवान भरोसे है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर की ओर से की गई रेलवे स्टेशन की पड़ताल में फर्स्ट एंट्री गेट और एसी लाउंज वाले एंट्री प्वाइंट पर बैग स्कैनर मशीन खराब मिली। वहां तैनात आरपीएफ कर्मी ने बताया, लॉकडाउन के पहले से ही स्कैनर मशीन खराब है। बीच में मशीन ठीक कराई गई थी, लेकिन दोबारा खराब हो गई। स्टेशन के 5 नंबर एंट्री गेट और एक नंबर एंट्री गेट पर सुरक्षाकर्मी कुर्सी पर बैठे नजर आए। उनके सामने से पैसेंजर्स गुजर रहे थे लेकिन कोई भी सुरक्षाकर्मी उनकी जांच नहीं कर रहा था। यानि कोई कुछ भी साथ लेकर प्लेटफार्म एरिया में चला जाए, कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। ऐसे में सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जनरल काउंटर के पास भी सिक्योरिटी वीक जनरल काउंटर के पास थर्ड एंट्री प्वाइंट पर भी यही हाल मिला। बैग स्कैनर मशीन के साथ ही दो मेटल डिटेक्टर भी खराब नजर आए। सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आरपीएफ को हैंड मेटल डिटेक्टर दिए गए हैं। बावजूद इसके पड़ताल के समय एक भी आरपीएफ कर्मी पैसेंजर्स की जांच करते नहीं नजर आया। स्टैटिस्टिक - 24 ट्रेनों में गोरखपुर से स्कॉर्ट चलती है। 100 अधिक ट्रेनों में गोरखपुर-लखनऊ में स्कॉर्ट लगे हैं। 180 आरपीएफ सुरक्षाकर्मी हैं। 25 आरपीएफ महिला सुरक्षाकर्मी हैं डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) लगा है। संदिग्धों की जांच होती है। डॉग स्क्वॉयड से भी चेकिंग हो रही है। पार्सल पर भी चेकिंग कराए रहे हैं। स्कैनर ठीक कराने के लिए रेलवे प्रशासन गंभीर है। मेंटेनेंस करने वाली मुंबई की एजेंसी से बात हो चुकी हैं। जल्द ही स्कैनर ठीक हो जाएगा। राजेश कुमार सिन्हा, इंस्पेक्टर आरपीएफ एनई रेलवे फोटो के साथ रेलवे स्टेशन की लाइव रिपोर्ट लगाएं गोरखपुर कौन से रेलवे जोन में आता है?पूर्वोत्तर रेलवे का जोनल मुख्यालय गोरखपुर में स्थित है।
18 रेलवे जोन का नाम क्या है?यह दक्षिणी तटीय रेलवे जोन देश का 18वां रेलवे जोन होगा।
सबसे बड़ा रेलवे जोन कौन सा है?उत्तर रेलवे उत्तर रेलवे, भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा रेलवे जोन है. इसका मुख्यालय देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है. उत्तर रेलवे के अधीन सबसे ज्यादा 1142 रेलवे स्टेशन आते हैं.
रेलवे जोन की संख्या कितनी है?भारतीय रेलवे में कुल 17 जोन और 73 डिवीजन हैं.
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