दूर्वा के ये चमत्कारी उपाय दूर करेंगे सारे विध्न, गणेशजी की होगी कृपाAuthored by Show
| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Aug 23, 2022, 12:59 PM बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है और इस दिन गणेशजी को दूर्वा घास अर्पित करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि बिना दूर्वा घास के भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों में दूर्वा के कुछ चमत्कारिक उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...दूर्वा के ये चमत्कारी उपाय दूर करेंगे सारे विध्न, गणेशजी की होगी कृपाअपना यह राशिफल हर दिन ईमेल पर पाने के लिए क्लिक करें - सब्सक्राइब करेंक्लिक करे
अगर आपके बने बनाए कार्य अटक जाते हैं तो सफेद गाय के दूध से सफेद दूर्वा घास का लेप बनाएं और फिर उसका हर रोज तिलक लगाएं। ऐसा करने से आपके सभी कार्य सफल हो जाते हैं और भाग्य भी साथ देता है। कुंडली में बुध की स्थिति होती है मजबूतकुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए बुधवार के दिन गणेश मंदिर में जाकर दूर्वा की 11 गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से गणेशजी प्रसन्न होते हैं और बुध दोष भी समाप्त हो जाता है। गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने के लिए साफ जगह से ही दूर्वा घास तोड़ें। लड़ाई-झगड़ा होता है दूरपरिवार में लड़ाई-झगड़ा होता रहता है या पारिवारिक सदस्यों के बीच प्रेम भाव खत्म हो गया है तो बुधवार के दिन गाय को हरी दूर्वा घास खिलाएं। ऐसा करने से गृह क्लेश दूर होता है और लोगों के बीच आपसी प्रेम की भावना बढ़ने लगती है। आर्थिक समस्याएं होती हैं दूरजीवन में आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं या कर्ज से परेशान हैं तो बुधवार या गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा-अर्चना करें और पांच दूर्वा में 11 गांठ लगाकर अर्पित करें। साथ ही हर रोज ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से धन से संबंधित समस्या का अंत होता है और कर्ज में कमी आती है। भगवान गणेश का मिलता है आशीर्वादनौकरी व व्यापार में उन्नति के लिए बुधवार के दिन 11 या 21 गांठ दूर्वा की अर्पित करें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि हर दूर्वा जोड़े में ही हो। ऐसा करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और कार्यक्षेत्र में प्रभाव व प्रताप बढ़ता है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें गणेश जी को पूजा में दूर्वा चढ़ाने की कथा, महत्व और नियमGanesh Ji Ko Durva Chadhane Ke Niyam: भगवान गणेश खाने पीने के बेहद शौकीन हैं. कई सारी चीज़े जैसे लड्डू, मोदक भगवान गणेश को बेहद पसंद हैं, लेकिन इसके अलावा एक चीज़ और है जिसके बिना भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है और वो है दूर्वा. भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा अर्पित करना जरुरी माना गया है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों?अधिक पढ़ें ...
Ganesh Ji Ko Durva Chadhane Ke Niyam: हिन्दू धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा (Worship) करने की कोई न कोई खास विधि (Method) होती है, और कुछ ऐसी चीज़े भी होती हैं जो उन देवी देवताओं को बेहद पसंद होती है. उनके बिना पूजा पाठ अधूरा माना जाता है. उन्हीं में से एक है प्रथम पूज्य श्री गणेश जी (Lord Ganesha), वैसे तो भगवान गणेश खाने पीने के बेहद शौकीन हैं. कई सारी चीज़े जैसे लड्डू, मोदक भगवान गणेश को बेहद पसंद हैं, लेकिन इसके अलावा एक चीज़ और है जिसके बिना भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है और वो है दूर्वा. भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा अर्पित करना जरुरी माना गया है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों? पौराणिक कथा के अनुसार यह भी पढ़ें- भगवान शिव के त्रिशूल, डमरू, नाग, नंदी, त्रिपुंड किसके प्रतीक हैं और उन्हें कैसे प्राप्त हुए? एक अन्य कथा इस बात की जानकारी महाराज जनक तक पहुंची और उन्होंने ब्राम्हण गणेश से इस बात के लिए क्षमा मांगी. तब गणेश जी वहां से उठे और एक गरीब ब्राम्हण के घर जाकर भोजन करने की बात कही. तब गरीब ब्राम्हण की पत्नी ने भगवान गणेश को भोजन में दूर्वा घांस दी जिसे खाते ही भगवान गणेश की भूख शांत हो गई. वे पूरी तरह से तृप्त हो गए, इसके बाद भगवान गणेश ने उन दोनों पति-पत्नी को मुक्ति का आशीर्वाद दिया तब से ही भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. यह भी पढ़ें – भगवान कार्तिकेय क्यों होते हैं मयूर पर सवार, जानें देवी-देवता पशु पक्षी की सवारी क्यों करते हैं? दूर्वा का महत्व दूर्वा चढ़ाने के नियम ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Lord ganapati, Religion FIRST PUBLISHED : January 03, 2022, 18:02 IST गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से क्या फल मिलता है?मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक इस दिन गणेशजी के निमित्त व्रत और पूजा करने से भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं एवं गणेश जी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। श्री गणेशजी को दूर्वा अत्यंत प्रिय है। बुधवार के दिन भगवान गणेशजी को दूर्वा अर्पित करने से वे बहुत ही शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
गणेश जी को दूर्वा कैसे चढ़ाने चाहिए?गणेश जी को दूर्वा की पत्तियां विषम संख्या में (जैसे 3, 5, 7) अर्पित करनी चाहिए. गणेश जी को सबसे ज्यादा गुड़हल लाल फूल विशेष रूप से प्रिय है. दूर्वा को ज्यादा समय ताजा रखने के लिए पानी में भिगोकर चढ़ाते हैं. इन दोनों कारणों से गणपति के पवित्रक बहुत समय तक मूर्ति में रहते हैं.
गणेश जी को कितनी दूर्वा चढ़ाई जाती है?इसे गणेशजी की प्रतिष्ठित प्रतिमा पर करें। 21 दूर्वा लेकर इन नाम मंत्र द्वारा गणेशजी को गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पण करके एक-एक नाम पर दो-दो दूर्वा चढ़ाना चाहिए।
गणपति को दूर्वा क्यों चढ़ाया जाता है?इस परेशानी से निपटने के लिए कई प्रकार के उपाय करने के बाद भी जब गणेशजी के पेट की जलन शांत नहीं हुई, तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठें बनाकर श्री गणेश को खाने को दीं. यह दूर्वा श्री गणेशजी ने ग्रहण की, तब कहीं जाकर उनके पेट की जलन शांत हुई. ऐसा माना जाता है कि श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा तभी से आरंभ हुई.
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