बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

बच्चे के सिर का माप महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसकी खोपड़ी के आकार से ही उसके मस्तिष्क के विकास का पता चलता है।

यही वजह है कि जब भी आप शिशु को डॉक्टर के क्लीनिक या अस्पताल लेकर जाती हैं तो हर बार उसके सिर की परिधि (सर्कमफ्रेंस) जरूर मापी जाती है। खासतौर पर शुरुआती छह महीने में तो ऐसा जरूर किया जाता है।

शिशु का सिर मापने के लिए डॉक्टर या नर्स मापने वाले एक लचीले फीते का इस्तेमाल करते हैं। वे फीते को ऐसी जगह पर रखते हैं, जहां से बच्चे के सिर की परिधि सबसे ज्यादा होती है। यानी भौंहों और कानों के बिल्कुल ऊपर वाली जगह पर। इसके बाद पीछे की तरफ गर्दन से ऊपर की तरफ जाते हुए जहां सिर का सबसे सबसे ऊंचा हिस्सा होता है, वहां से फीता घुमाया जाता है। शिशु के विकास पर नजर रखने के लिए हर विजिट पर इसे रिकॉर्ड किया जाता है।

अगर शिशु के मस्तिष्क का सामान्य तरीके से विकास नहीं हो रहा है तो संभव है कि उसके सिर की परिधि उतनी न बढ़ रही हो, जितनी बढ़नी चाहिए।

दूसरी तरफ, अगर खोपड़ी बहुत तेजी से विकसित हो रही है तो यह भी हाइड्रोसेफलस (मस्तिष्क में द्रव पदार्थ बनना) जैसी समस्या का संकेत हो सकता है। दोनों ही स्थितियां होने की संभावना बेहद कम है, लेकिन इसकी पुष्टि करना बेहद महत्वपूर्ण है।

इस सबके बावजूद, शिशुओं के सिर वयस्कों के सिर की तुलना में अनुपातिक ढंग से बढ़े होते हैं, इसलिए यदि आपको अपने शिशु का सिर बड़ा लगे तो भी चिंता न करें। अपने सिर के आकार पर भी एक बार गौर करें। अगर आपका और आपके पति का सिर बहुत बड़ा या बहुत छोटा है तो आपके शिशु का भी ऐसा हो सकता है।

अगर फिर भी आप अपने बच्चे के सिर को लेकर किसी तरह चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर से बेझिझक बात करें। वह आपके बच्चे की जांच करके आपको सलाह और आश्वासन दे सकते हैं।

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बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

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शिशु के सिर का साइज महत्‍वपूर्ण होता है क्‍योंकि उसकी खोपड़ी के आकार से मस्तिष्‍क के विकास का पता चलता है। यही वजह है कि खासतौर पर जन्‍म के पहले 6 महीनों में डॉक्‍टर हर बार चेकअप के दौरान बच्‍चे के सिर की चौड़ाई मापते हैं।

बेबी के सिर को मापने के लिए डॉक्‍टर या नर्स बच्‍चे के सिर के चारों ओर फ्लेक्सिबल मेजरिंग टेप को लगाते हैं। यह टेप भौंहों और कानों के ऊपर से होकर गुजरती है और सिर के पीछे तक जाती है। इस तरह डॉक्‍टर हर विजिट पर बच्‍चे के सिर का साइज मापते हैं। अगर बच्‍चे के सिर की चौड़ाई नॉर्मल तरीके से नहीं बढ़ रही है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि बच्‍चे के मस्तिष्‍क का विकास ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर अगर बच्‍चे की खोपड़ी बहुत तेजी से बढ़ रही है तो यह हाइड्रोसिफेलस जैसी समस्‍या का संकेत हो सकता है। दोनों ही स्थितियों में डॉक्‍टर की मदद लेनी चाहिए।

अगर आपके भी अभी बेबी हुआ है या होने वाला है, तो आपको बेबी की ग्रोथ से जुड़ी जरूरी जानकारियां रखनी चाहिए। यहां हम आपको बता रहे हैं कि बेबी के सिर का साइज क्‍या होना चाहिए।

​कितना होना चाहिए साइज

बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार फुल टर्म बेबी की जन्‍म के समय सिर की चौड़ाई 34.9 से.मी होनी चाहिए लेकिन यह माप जन्‍म के कुछ दिनों बाद ही लेना चाहिए।

​एक महीने के बच्‍चे के सिर का साइज

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एक महीने के बच्‍चे के सिर का साइज 38.1 से.मी होना चाहिए। एक ही उम्र के लड़के और लड़कियों के सिर की चौड़ाई में फर्क हो सकता है। बच्‍चे के सिर के साइज पर अनुवांशिक प्रभाव भी होता है। यदि पिता का सिर चौड़ा है, तो बच्‍चे का सिर भी ऐसा हो सकता है।

​हर महीने कितना बढ़ता है सिर

बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

हर बच्‍चा अलग होता है और उनके विकास करने की गति भी अलग होती है। सिर की चौड़ाई को लेकर भी यह बात सही होती है।

आमतौर पर माना जाता है कि 6 महीने तक के बच्‍चे की छाती से सिर लगभग 2 से.मी तक बड़ा होता है।

फोटो साभार : unsplash

​2 साल के होने पर

बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

पहले चार महीनों में ग्रोथ तेजी से होती है और 6 महीने से लेकर दो साल तक छाती और सिर का माप एक जैसा रहेगा। दो साल के होने के बाद शरीर सिर की तुलना में तेजी से बढ़ता है।

​डॉक्‍टर देंगे ध्‍यान

बच्चे का सिर बड़ा क्यों होता है? - bachche ka sir bada kyon hota hai?

जन्‍म के बाद से ही डॉक्‍टर बच्‍चे के सिर का माप रिकॉर्ड करना शुरू कर देते हैं और पैरेंट्स को बता देते हैं कि चिंता की कोई बात है या नहीं। सिर के साइज को लेकर परेशानियां बहुत कम ही देखी गई हैं और यह अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के साथ अक्‍सर होती हैं। यूरीनरी, कार्डियक, स्‍केलेटल और गुदा में असामान्‍यता और सेरेब्रल पाल्‍सी और मिर्गी ऐसी कुछ दिक्‍कतें हैं जो बच्‍चे के सिर के साइज को प्रभावित कर सकती हैं। सही समय पर निदान और इलाज मिलने से इन समस्‍याओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।

नवजात शिशु का सिर गोल कैसे करें

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बच्चे का सिर बड़ा होने का क्या कारण है?

अगर किसी बच्चे का सिर बड़ा हो रहा है तो समझे उसके ब्रेन में पानी जम गया है। उसकी तत्काल चिकित्सा करानी चाहिए। अगर चिकित्सा नहीं कराते हैं तो बच्चे का पूरा ब्रेन डैमेज हो सकता है। यहां तक कि उसकी मौत भी हो सकती है।

बच्चे का सिर लंबा हो तो क्या करें?

सिर गोल करने के उपाय अगर बच्‍चा लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहता है तो दूसरी दिशा में कोई खिलौना रख दें ताकि बच्‍चे का ध्‍यान उस ओर जा सके। बच्‍चे को सिर के समतल वाले हिस्‍से पर ज्‍यादा देर न लिटाएं। दिन के समय जब बच्‍चा सोता है तो उसकी करवट बदलते रहें। इससे सिर के आकार को ठीक करने में मदद मिलती है।

बच्चे के सिर का आकार कब स्थायी हो जाता है?

जन्म के बाद 6-7 माह तक बच्चे के सिर की हड्डी व कोशिकाएं काफी नाजुक होती हैं। ऐसे में प्रसव के समय शिशु के सिर की हड्डी व इन कोशिकाओं पर दबाव पड़ने से आकार थोड़ा बदलकर त्रिकोणाकार हो जाता है। सोते समय या लेटने के दौरान सिर के एक ही भाग पर बार-बार दबाव पडऩे से सिर की नाजुक हड्डियां नरम होने के कारण चपटी हो जाती हैं।

सिर का आकार कब तक बढ़ता है?

शिशु के छह महीने का होने तक उसका सिर अपने आप ही गोल आकार का हो जाएगा। जब शिशु बैठने लगता है, तो दिन में खोपड़ी पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है और आप स्वत: आकार में होने वाला अंतर देख सकेंगी।