फ्लेवर वाला हुक्का - phlevar vaala hukka

एक सामान्य सिगरेट में 7 से 22 मिलीग्राम निकोटीन होता है, जिसमें से करीब एक मिलीग्राम व्यक्ति अपने अंदर सोख लेता है। एक औसतन हुक्का की बाउल में करीब 20 सिगरेट के जितना निकोटीन होता है। निकोटीन की आदत बहुत बुरी होती है, इसलिए सिगरेट की तरह हुक्के की भी आदत लगती है। एक सिगरेट पीने में 20 कश लगते हैं, जिसमें 500 से 600 मिलीग्राम स्मोक लिया जाता है। लेकिन, अगर आप हुक्का स्मोक कर रहे हैं, तो यह करीब 45 मिनट तक चलता है, जिस दौरान आप करीब 90,000 मिलीग्राम स्मोक अंदर लेते हैं, जो कि वाटर पाइप के 200 कश जितना है। तुलना करने पर पाते हैं कि, हुक्का पीने पर सिगरेट के मुकाबले कार्बन मोनॉक्साइड 6 गुना और टार 46 गुना ज्यादा होता है।

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फ्लेवर्ड हुक्का (Flavoured hookah) हो या स्मोकिंग, दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। हालांकि अगर आपको इसकी लत लग चुकी है, तो ऊपर बताये गए टिप्स को फॉलो करें और जल्द से जल्द इसकी लत से बाहर निकलें। स्मोकिंग की वजह से अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी या मानसिक परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); If you are looking for the best hookah flavours to add a twist to your hookah sessions, then you have come to the right place. You can choose from a huge variety of flavours for hookah smokers. There are tobacco-free, herbal and nicotine-less flavours. Whether you are a beginner or a regular hookah smoker, these smoky tangs can give you an all-new experience. The variety of flavours includes double apple, pan kiwi mint, chocolate, orange, paan ras, strawberry, brain in freezer, Belgium chocolate, Dubai special, Kesar paan and many more. While the mint, orange and strawberry hookahs can give you a refreshing feel in summer, the chocolate and pan kiwi mint can be an all-time favourite to uplift your mood. These flavoured hookahs are made up of fruit pulp and flower essence. Many brands offer a nicotine-free range of good quality hookah flavours online. Some of the brands are Puff Smart, SCORIA, WEARKNOTS, Lovme, Cocosmok, Habibis Hukkaups and others. These herbal hookahs provide a long-lasting aroma and smoky clouds. You can choose to buy combo packs of different hookah flavours and hookah charcoal. Combine these hookahs with a cup of coffee to add a smoky flavoured twist to your leisure hours. E-cigarettes myth: ईलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जिसे आमतौर पर हम ई-सिगरेट के रूप में जानते हैं। कहा जाता है कि इसे पीने से नुकसान नहीं होता है। भारत ने 2019 में ई-सिगरेट के प्रोडक्शन, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, विज्ञापन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पर बैन लगा दिया था। लेकिन उसके बावजूद अवैध रूप से इसका इंपोर्ट भारत में होता रहा है। ई-सिगरेट खासतौर पर कॉलेज और स्कूल के स्टूडेंट्स के बीच स्टाइल स्टेटमेंट की चीज है। आज हम आपको ई-सिगरेट से जुड़े मिथ के बारे में जानकारी देंगे साथ ही इसके नुकसान के बारे में बताएंगे।ई-सिगरेट या वेप पेन एक ईलेक्ट्रानिक गैजेट है जिसे गर्म किया जाता है। इसे बैटरी के जरिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक स्वीच लगा होता है जिसे जलाने पर ये गर्म होने के बाद एक तरीके का भाप बनाता है जिसे लोग शरीर के अंदर निकोटिन की मात्रा को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस ई सिगरेट में एक बल्ब लगा होता है जो कश लगाने पर जलता है और नॉर्मल सिगरेट में तंबाकू जलने जैसा फील देता है। ई-सिगरेट के अंदर पाए जाने वाले केमिकल के बारे में मौलाना आजाद मेडिकल हॉस्पिटल के साइकोलॉजी एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रवि कौशिक ने बताया, "इसके अंदर तरल पदार्थ और केमिकल के अलावा ग्लिसरिन भी पाया जाता है जो इसे गर्म करने में मदद करता है। ई सिगरेट के जलने पर धुंआ नहीं निकलता इसलिए इसे कहीं भी पीया जा सकता है।" (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); E-Cigarette और नॉर्मल सिगरेट में अंतरइसके बारे में डॉक्टर कौशिक बताते हैं, "कि नॉर्मल सिगरेट में निकोटिन के साथ-साथ तंबाकू होता है लेकिन ई सिगरेट में सिर्फ निकोटिन होता है। इसके अलावा ई सिगरेट में निकोटिन की मात्रा कम पाई जाती है।" नॉर्मल सिगरेट पीते वक्त धुंआ निकलता है जो कि सिगरेट पीने के साथ ही आसपास खड़े दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है। "ई सिगरेट में कई तरह के फेलवेर भी आते हैं जिसे पीने के बाद अगर आप किसी के पास बैठेंगे तो उसे एहसास भी नहीं होगा की आपने सिगरेट पी हुई है। यही वजह है कि युवाओं में ई सिगरेट बेहद मशहूर माना जाता है।" (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); कितना नुकसानदायक है ई सिगरेट?"ई सिगरेट नॉर्मल सिगरेट से तीन गुना कम नुकसानदायक है। जैसे अगर नॉर्मल सिगरेट 1 महीनें में जितना नुकसान पहुंचाता है ई सिगरेट पीने से वो नुकसान आपको 3 महीनें में होने की संभावना होती है। सिगरेट की तरह ई सिगरेट में भी निकोटिन की मात्रा पाई जाती है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); ई सिगरेट से बिमारियों को लेकर डॉक्टर कौशिक बताते हैं," ई सिगरेट आम सिगरेट से बेशक कम नुकसानदायक हो लेकिन इससे भी कई तरह की खतरनाक बिमारियां होती हैं। जैसे कैंसर, हाई बीपी, सांस लेने में परेशानी, लंग इंजरी, किडनी फेलियर, ब्रेन डैमेज जैसी गंभीर बिमारियों इसे पीने से होती हैं। साथ ही ई सिगरेट के कारण अस्थमा जैसी बिमारियों का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। " ई सिगरेट में कार्सिनोजोनिक एलिमेंट्स भी पाए जाते है जो किसी भी इंसान के लिए लेना एक जहर पीने से कम नहीं होता है।कैसे और क्यों बनना शुरू हुआ सिगरेट?ई सिगरेट 2003 में एक चीन के फार्मसिस्ट ने बनाई थी। डॉक्टर कौशिक बताते हैं कि, "दरअसल ई सिगरेट की मार्केटिंग सिगरेट को छुड़ाने के लिए की गई थी। क्योंकि ई सिगरेट आम सिगरेट से कम नुकसानदाय होती है तो इसे जो लोग सिगरेट छोड़ना चाहते हैं उनके लिए बनाई गई ताकि वो आम सिगरेट की जगह इसका इस्तेमाल कर धीरे-धीरे सिगरेट छोड़ सकें।"लेकिन ई सिगरेट सिगरेट न पीने वालों को ज्यादा प्रेरित करने लगा। क्योंकि माना जाता है कि ई सिगरेट कम नुकसान देता है और इसमें फ्लेवर होने की वजह से इसे कहीं भी और कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है तो लोगों ने पहले इसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बच्चों में ये एक फैशन स्टेटमेंट बन गया है। ई सिगरेट में निकोटिन होने की वजह से धीरे-धीरे इसकी लत लगती है जिसके बाद ये निकोटिन की ज्यादा मात्रा लेने के लिए प्रेरित करता है। बता दें कि भारत में ई सिगरेट पर 2019 में बैन लगा दिया गया था। जिसे इस्तेमाल करने पर 1 साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। फ्लेवर का हुक्का पीने से क्या होता है?

फ्लेवर्ड हुक्का (Flavoured hookah) के सेवन होने वाली शारीरिक समस्याएं फ्लेवर्ड हुक्का का सेवन करने से भी आपको सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पाद के सेवन जितने ही शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। आइए, जानते हैं.. हुक्के में मौजूद तम्बाकू के धुएं से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे स्किन एजिंग (Skin aging) बढ़ जाती है।

फ्लेवर हुक्का कैसे बनाया जाता है?

फ्लेवर हुक्का गुलाब, शहद, आम, स्ट्राबेरी, तरबूज, पुदीना, चेरी, नारंगी, सेब, चाकलेट, कॉफी और अंगूर वाले फ्लेवर सबसे ज्यादा पसंद किये जाते हैं. लेकिन इन फ्लेवरों की भी एक अलग कहानी है. इनमें कोई भी फ्लेवर फलों का नहीं होता है. इसमें भी रसायनों का ही प्रयोग किया जाता है.

हुक्का कितने प्रकार के होते हैं?

कुछ प्रकार के हुक्के ऐसे होते हैं, जिनमें सिर्फ एक ही पाइप लगी होती है और ग्रुप में पीने के दौरान एक ही पाइप से सब पिया करते हैं। इतना ही नहीं आजकल हुक्के को कई अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, जैसे नारघाइल, शीशा, हब्बल-बब्बल और गोजा आदि।

हुक्का पीना सही है क्या?

हुक्का पीना सिगरेट पीने जितना ही हानिकारक है। यह टार, कार्बन मोनोऑक्साइड और भारी धातुओं जैसे कई जहरीले यौगिकों को अंदर ले जाता है, जिससे यह कैंसर का एक बड़ा खतरा बन जाता है। यह युवाओं में फेफड़े या मुंह की बीमारी, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।