Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्ची Textbook Exercise Questions and Answers. Show RBSE Class 7 Hindi Solutions Vasant Chapter 9 चिड़िया की बच्चीRBSE Class 7 Hindi चिड़िया की बच्ची Textbook Questions and Answersकहानी से - प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. कहानी से आगे - प्रश्न 1. प्रश्न 2. अनुमान और कल्पना - आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँएँ अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अदभुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए। (ii) पर = पंख। (iii) पर = लेकिन। प्रश्न 2. RBSE Class 7 Hindi चिड़िया की बच्ची Important Questions and Answersप्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. रिक्त स्थानों की पूर्ति - प्रश्न 5. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न - प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. लघूत्तरात्मक प्रश्न - प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. निबन्धात्मक प्रश्न - प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. गद्यांश पर आधारित प्रश्न - प्रश्न 19. प्रश्न : 2. "प्यारी चिड़िया, पगली मत बनो। देखो, तुम्हारे चारों तरफ़ कैसी बहार है। देखो, वह पानी खेल रहा है, उधर गुलाब हँस रहा है। भीतर महल में चलो, जाने क्या-क्या न पाओगी! मेरा दिल वीरान है। वहाँ कब हँसी सुनने को मिलती है? मेरे पास बहुत सा सोना-मोती है। सोने का एक बहुत सुंदर घर मैं तुम्हें बना देंगा, मोतियों की झालर उसमें लटकेगी। तुम मुझे खुश रखना। और तुम्हें क्या चाहिए! माँ के पास बताओ क्या है? तुम यहाँ ही सुख से रहो, मेरी भोली गुड़िया।" चिड़िया इन बातों से बहुत डर गई। प्रश्न : 3. ऐसे अनगिनती फूल मेरे बगीचों में हैं। वे भौति-भाँति के रंग के हैं। तरह-तरह की उनकी खुशबू हैं। चिड़िया, तैंने मेरा चित्त प्रसन्न किया है और वे सब फूल तेरे लिए खिला करेंगे। वहाँ घोंसले में तेरी माँ है, पर माँ क्या है? इस बहार के सामने तेरी माँ क्या है? वहाँ तेरे घोंसले में कुछ भी तो नहीं है। तू अपने को नहीं देखती? कैसी संदर तेरी गरदन। कैसी रंगीन देह! तू अपने मूल्य को क्यों नहीं देखती? मैं तुझे सोने से मढ़कर तेरे मूल्य को चमका दूंगा। तैंने मेरे चित्त को प्रसन्न किया है। तू मत जा, यहीं रह।"। प्रश्न : 4. तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, "ओ माँ, ओ माँ!" माँ ने बच्ची को छाती से चिपटाकर पूछा, "क्या है मेरी बच्ची, क्या है?" पर, बच्ची काँप-कौंपकर माँ की छाती से और चिपक गई, बोली कुछ नहीं, बस सुबकती रही, "ओ माँ, ओ माँ!" बड़ी देर में उसे ढाढ़स बँधा और तब वह पलक मीच उस छाती में ही चिपककर सोई। जैसे अब पलक न खोलेगी। प्रश्न : चिड़िया की बच्ची Summary in Hindiपाठ-सार - 'चिड़िया की बच्ची' शीर्षक कहानी में कहानीकार जैनेन्द्र कुमार ने बतलाया है कि एक चिड़िया की बच्ची सोने के महलों में अनेक सुविधाओं के बीच रहने की अपेक्षा आजादी के साथ अपनी माँ के साथ रहना पसन्द करती है। कठिन-शब्दार्थ :
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