भाषा विकास में बैयक्तिक भिन्नता पाई जाती है | भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं - 1.परिपक्वता - Show 2.बुद्धि- 3. स्वास्थ्य - 4. यौन - 5.सामाजिक अधिगम के अवसर 6.निर्देशन 7. प्रेरणा - 8.सामाजिक आर्थिक स्थिति -
10.बैयक्तिक विभिन्नताये - 11.कई भाषाओं का प्रयोग- 12. पारिवारिक संबंध - ******************** भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं - 1.परिपक्वता - बालकों की भाषा के विकास के लिए माता-पिता और अध्यापको आदि का निर्देशन भी आवश्यक है ! बालक की भाषा उतनी ही अधिक विकसित होती है जितने अच्छे उसके सामने मॉडल प्रस्तुत किए जाते हैं ! 7. प्रेरणा - अभिभावकों को चाहिए कि बालकों को हमेशा सीखने के लिए प्रेरित करते रहे ! अभिभावक को बालकों के रोने पर वह चीज उपलब्ध नहीं कराना चाहिए जिसके लिए वह रो रहा है तथा बालक यदि संकेत और हाव-भाव से में कोई चीज मांगे तो भी उपलब्ध ना कराएं, क्योकि इस प्रकार बालक शब्दों को सीखने के लिए प्रेरित होंगे ! 8.सामाजिक आर्थिक स्थिति - ऐसे बालक जिसका सामाजिक आर्थिक स्तर उच्च रहता है,निम्न सामाजिक आर्थिक स्तर वाले बालकों की अपेक्षा भाषा ज्ञान में आगे होता है ! उच्च सामाजिक स्तर वाले बालक पहले बोलना अधिक बोलना व अच्छा बोलना, अपेक्षाकृत शीघ्र सीखते हैं ! 9. शारीरिक स्वास्थ्य व शरीर रचना - जो बच्चे स्वास्थ्य, निरोगी होते हैं उनका भावात्मक विकास शीघ्र होता है ! शारीरिक रचना भी भाषा विकास को प्रभावित करती हैं ! शारीर रचना या शारीरिक रचना से अभिप्राय सवरयंत्र, तालु, जीभ, दांतो आदि की बनावट से है, क्योकि ये अंश बोलने की क्रिया में भाग लेता है ! 10.बैयक्तिक विभिन्नताये - जो बच्चे उत्साही होते हैं उनमे शांत प्रकृति के बच्चों की अपेक्षा भाषा शीघ्र विकसित होती है ! 11.कई भाषाओं का प्रयोग- छोटे बच्चों के माता-पिता की भाषा यदि अलग-अलग हो, तो बच्चों में भाषा का विकास अवरुद्ध होकर मंद गति से होता है! 12. पारिवारिक संबंध - जिन बच्चों के परिवारिक संबंध अच्छे नहीं होते हैं उनमे अनेक भाषा संबंधी दोष उत्पन्न हो जाते हैं ! परिवार का आकार भी भाषा विकार को प्रभावित करता है ! जब परिवार का आकार छोटा होता है तब माता पिता बालकों की ओर अधिक ध्यान देते हैं ! फलसवरूप उनमे भाषा का विकास शीघ्र होता है ! परन्तु यदि माता-पिता ध्यान नहीं देते तो बच्चो में भाषा का विकास देर से होता है ! भाषा विकास को प्रभावित करने वाले कारक BHASHA VIKASH KO PRBHAVIT KRNE WALE KARK ************************** ************************* NOTE-1 डी.एल.एड , बी.एड ,CTET , STET , सरकारी नौकरी ,नोट्स का PDF , TEACHER NEWS , शिक्षा समाचार प्राप्त करने के लिए निचे दिए गये लिंक से जुड़े _ भाषा विकास क्या है भाषा विकास के कारकों का वर्णन करें?बालक को भाषा सीखने के लिए सामाजिक अवसर जीतने ही अधिक प्राप्त होते हैं या जिन परिवार में बच्चे अधिक होते हैं, उन परिवार के बच्चे भाषा बोलना जल्दी सीख जाते हैं, क्योकि दूसरे बच्चों को सुनकर उनका अनुकरण करने के अवसर अधिक प्राप्त होते हैं ! बालकों की भाषा के विकास के लिए माता-पिता और अध्यापको आदि का निर्देशन भी आवश्यक है !
भाषा से आप क्या समझते हैं?भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में- जिसके द्वारा हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरों के भावो को समझ सके उसे भाषा कहते है। सार्थक शब्दों के समूह या संकेत को भाषा कहते है।
भाषा का विकास कैसे होता है?भाषा का विकास भी विकास के अन्य पहलुओं के लाक्षणिक सिद्धान्तों के अनुसार होता है। यह विकास परिपक्वता तथा अधिगम दोनों के फलस्वरूप होता है और इसमें नयी अनुक्रियाएं सीखनी होती है और पहले की सीखी हुई अनुक्रियाओं का परिष्कार भी करना होता है।
भाषा विकास के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?भाषा के द्वारा मानव अपने पूर्वजों के भाव विचार एवं अनुभव को सुरक्षित रखने में सफल हो सकता है भाषा के द्वारा किसी भी समाज का ज्ञान सुरक्षित रहता है भाषा सामाजिक एकता में सहायता पहुंच आती है भाषा के द्वारा शारीरिक विकास बौद्धिक विकास एवं व्यक्तित्व का विकास होता है भाषा ही भावनात्मक एकता राष्ट्रीय एकता एवं अंतरराष्ट्रीय ...
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