भैंस के पेट में बच्चा है कि नहीं कैसे पता करें? - bhains ke pet mein bachcha hai ki nahin kaise pata karen?

पशुओं में ब्याने के संकेत

डेरी किसानों के लिए यह जरुरी है की वह पशुओं के व्यवहार को समझे ताकि वह आसानी से उनकी समस्याओं को जानकर उनका निदान कर पाए | ब्याने की अवस्था को जानना पशुपालकों के लिए बहुत जरुरी है | सभी पशु यदि वह सामान्य अवस्था में नहीं है तो वह संकेतों के माध्यम से बताता है | विभिन्न अवस्थाओं में से ब्याने से पूर्व भी पशु कुछ संकेत देते हैं |मादा पशुओं ब्याने के संकेतों को समझने से पशुपालक को या जानने में मदद मिलती है कि पशु चिकित्सा सहायता की कब आवश्यकता होगी। ब्याने के संकेतों को मूल रूप से 3 अवस्थाओं से गुजरती है 

  1. ब्याने से पहले के संकेत (ब्याने से 24 घंटे पहले)
  2. ब्याना
  3. गर्भनाल/जेर का निष्कासन करना

ब्याने से पहले पशु क्या संकेत देते हैं

मादा पशुओं में ब्याने से पूर्व निम्न लक्षण दिखने लगते हैं | इन संकेतों को जान आप समझ सकते ही आप समझ सकते हैं की पशु जल्द ही ब्याने वाला है |

  • यदि पशु के योनि द्वारा से स्वच्छ श्लेष्मा का रिसाव हो रहा हो और थनों का दूध से भर जाना प्रारंभ हो जाता है इसे ही पशु के ब्याने की शूरूआत के आसन्न लक्षण हैं।
  • समूह से अलग रहने की कोशिश करता है।
  • ऐसे समय में पशु की भूख खत्म हो जाती है और वह खाने में दिलचस्पी नहीं लेता |
  • पशु बेचैन होता है और पेट पर लातें मारता है या अपने पार्श्व/बगलों को किसी चीज से रगड़ने लगता है।
  • श्रोणि स्नायु/पीठ की मांशपेशियां ढीली पड़ जाती है जिस से पूँछ ऊपर उठ जाती है।
  • योनि का आकार बड़ा एवं मांसल हो जाता है।
  • थनों में दूध का भराव ब्याने के 3 सप्ताह पहले से लेकर ब्याने के कुछ दिन बाद तक हो सकता है।
  • बच्चा जैसे-जैसे प्रसव की स्थिति में आता है, वैसे-वैसे पशु के पेट का आकार बदलता है।

ब्याने के दिन का पता लगाना

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यदि आपको यह पता करना है की पशु (गाय या भैंस ) का ब्याना का सही समय क्या है तो आप इस तरह से निकाल सकते हैं |

  • जब भी पशु का गर्भधान करवाएं हमेशा गर्भाधान की तारीख लिखकर रखें।
  • अगर पशु पुन: मद में नहीं आता है तो गर्भाधान के 3 माह पश्चात् गर्भ की जाँच अवश्य करवाएं।
  • यदि गर्भाधान सही हुआ है तो आप उसके ब्याने का समय निकाल सटे हैं क्योकि गाय का औसत गर्भकाल 280-290 दिन एवं भैंस 305 – 318 दिन।

ब्याने के संकेत (ब्याने के 30 मिनट पहले से लेकर 4 घंटे तक)

  • सामान्य रूप से ब्याते समय बछड़े के आगे के पैर और सिर सबसे पहले दिखाई देते हैं।
  • ब्याने की शुरूआत पानी का थैला दिखाई देने से होती है।
  • यदि बछड़े की स्थिति सामान्य है तो पानी का थैला फटने के 30 मिनट के अंदर पशु बछड़े को जन्म दे देता है।
  • प्रथम बार ब्याने वाली बछड़ियों में यह समय 4 घंटे तक हो सकता है।
  • पशु खड़े खड़े या बैठकर ब्या सकता है।
  • यदि पशु को प्रसव पीड़ा शुरु हुए एक से ज्यादा समय हो जाएँ और पानी का थैला दिखाई न दे तो तुरंत पशु चिकित्सा सहायता बुलानी चाहिए।

गर्भनाल/जेर का निष्कासन (ब्याने के 3-8 घंटे बाद)

  • सामान्यतया गर्भनाल/जेर पशु के ब्याने के 3-8 घंटे बाद निष्कासित हो जाती है।
  • अगर ब्याने के 12 घंटे बाद तक भी गर्भनाल न गिरे तो इसे गर्भनाल का रुकाव कहते हैं।
  • कभी भी रुकी हुई गर्भनाल को ताकत लगाकर नहीं खींचे, इससे तीव्र रक्तस्राव हो सकता है और कभी-कभी पशु की मौत भी हो सकती है।

यह यंत्र बताएगा गाय-भैंस के गाभिन का सही समय

मादा पशुओं के प्रजनन से संबंधित मुख्य बातें

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गाय-भैंस गाभिन है या नहीं, इसका पता लगाना अब आसान हो जाएगा। क्योंकि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के विषय विशेषज्ञ गर्भधारण की पुष्टि करने के लिए एक किट पर शोध कर रहे हैं, शोध का काम अंतिम चरण में हैं। वैज्ञानिकों का मानना है अब गाय-भैंस के गर्भाधान के एक महीने के भीतर ही उनके गाभिन होने का पता चल जाएगा। अब तक पशुपालकों को डॉक्टर्स के पास जाना पड़ता है।

पशुओं में गर्भधारण की पुष्टि को लेकर परेशान रहने वाले किसानों की समस्या अब खत्म होने वाली है। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय अब ऐसी किट तैयार करने में जुटा है जिससे मूत्र से पशुओं में भी गर्भधारण का पता मात्र एक मिनट में ही लगाया जा सकेगा। इस कार्य के लिए अब तक ग्रामीण पशु के लक्षणों पशु चिकित्सकों पर ही आश्रित रहते थे। पशुपालक अपने घर पर ही बिना अस्पताल जाए भैंस के गर्भ की जांच कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक पिछले दो साल से इस प्रोजेक्ट पर लगे हुए थे।

शेड्यूल बिगड़ जाता है पशुपालकों का
पशुओं में गाभिन की जांच के लिए किसी प्रकार की किट नहीं होने से पशुपालकों का शेड्यूल बिगड़ जाता है। सबसे बड़ी समस्या घर में दूध की उपलब्धता की है। यदि समयानुसार पशु का गर्भधारण नहीं होता है तो इससे पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एंटीजन से गर्भ होने या नहीं हाेने का पता चलता है उसकी पहचान कर ली है। गर्भधारण जानने की किट आने के बाद पशुपालकों को सहुलियत हो जाएगी।

कई बार झूठे साबित हो जाते थे अनुमान
अब तक पशुपालकों को गाय-भैंस गाभिन है या नहीं इसके लिए पशु चिकित्सालय या डॉक्टरों की मदद का इंतजार करना पड़ता था। परंतु पशु चिकित्सकों की कमी के चलते ग्रामीणों को चिकित्सक का इंतजार करना पड़ता है और उसके लिए उसे पैसा भी खर्च करना पड़ता है। कुछ पशु के लक्षणों को ही देखकर अनुमान लगाते हैं, लेकिन कई बार उनके अनुमान झूठे साबित हो जाते हैं। यह किट ग्रामीणों को इस पूरे झंझट से छुटकारा दिलाएगी और केवल कुछ मिनटों में उन्हें पता चल जाएगा कि पशु गाभिन है या नहीं।

लंगड़ी बुखार
इस रोग में पाॅलीवेलेंट टीका दिया जाता है। गोवंशीय तथा भैंसवशीय पशुओं में पहला टीका 6 महीने की उम्र में दिया जाता है। इसके बाद हर साल दिया जाता है। टीके की मात्रा 5 मिली प्रति पशु (चमड़ी के नीचे) मानसून के आगमन के पहले देना चाहिए ।

गलघोटू का उपाय
इस रोग में एडजूवेंट टीका देते हैं। गोवंशीय तथा भैंसवंशीय पशुओं मं पहला टीका 6 महीने की उम्र और इसके बाद प्रति वर्ष दिया जाता है। टीके की मात्रा 2 मिली प्रति पशु (चमड़ी के नीचे) मानसून के आगमन के पहले देना चाहिए। भेड़ तथा बकरियों में एक मिली प्रति पशु (चमड़ी के नीचे) दें।

पशुपालकों को डॉक्टर के पास जाने से मिलेगी मुक्ति
गंदा पानी पीने से बीमारी का खतरा
अगले छह-सात महीने में पशुपालकों के पास होगी किट
पशुपालक घर बैठे ही किट के जरिए गाय-भैंस के यूरीन और दूध की जांच कर एक महीने के अंदर यह पता चल जाएगा कि गाय-भैंस प्रेग्नेट है या नहीं। इसके लिए उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी। अगले छह-सात महीने में गाभिन जानने की किट तैयार हो जाएगी। -डाॅ.पीके कपूर, निदेशक (को-ऑर्डिनेटर रिसर्च प्लानिंग एंड मॉनीटरिंग) लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय

भैंस को कैसे चेक करें गाभिन है या नहीं?

अब तक पशुपालकों को डॉक्टर्स के पास जाना पड़ता है। पशुओं में गर्भधारण की पुष्टि को लेकर परेशान रहने वाले किसानों की समस्या अब खत्म होने वाली है। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय अब ऐसी किट तैयार करने में जुटा है जिससे मूत्र से पशुओं में भी गर्भधारण का पता मात्र एक मिनट में ही लगाया जा सकेगा।

भैंस गाभिन होने के कितने दिन बाद बच्चा देती है?

गाय गाभिन होने के 9 माह 9 दिन भैंस गाभिन होने के 10 माह 10 दिन में बच्चा देती है। इसलिए पशु के गाभिन होने की तारीख का पता होना जरुरी होता है

भैंस कितने महीने का गर्भ धारण करती है?

गर्भधारण से भैंस के ब्याने तक के समय को गर्भकाल कहते हैं। भैंस में गर्भकाल 310-315 दिन तक का होताहै।

पशु को हीट में लाने के लिए क्या करना चाहिए?

“अश्वगंधा” (विदेनिया सोमनीफेरा) के राइज़ोम्स 150 ग्राम, जिन्जेली बीज 150 ग्राम को अच्छी तरह से 2 मुर्गी के अण्डों और 2 केले के फलों में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और पशु को 7 दिनों के लिए दें I यदि पशु तब भी गर्मी में नहीं आता तो 7 दिनों के अंतराल पर फिर से इलाज (केवल 1 दिन के लिए) दोहराएं।