भैंस के मुंह में झाग क्यों आते हैं? - bhains ke munh mein jhaag kyon aate hain?

भैंस के मुंह से झाग क्यों निकलता है?

इसे सुनेंरोकेंउमस भरी गर्मी का यह मौसम मवेशियों को भी बीमार बना सकता है। इस मौसम में जुगाली करने वाले पशुओं में मुंहपका और खुरहा रोग का प्रकोप बढ़ जाता है। बीमारी का लक्षण प्रकट होते ही तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

पशुधन क्या वार है?

इसे सुनेंरोकेंकृषि (एग्रीकल्चर) तथा पशुधन (livestock in hindi) आपस में एम – दूसरे के लिये सहायक उद्यम हैं, कृषि से पशुओं के लिये चारा – दाना प्राप्त होता है । पशुओं के गोबर से खेती के लिये जैविक खाद प्राप्त होती है, जिससे भूमि की उर्वरा शाक्ति बढ़ती है । अत: दोनों कृषि तथा पशुपालन (Animal husbandry in hindi) परिपूरक उद्यम है ।

पशुपालन से मानव को क्या क्या लाभ हुआ?

खाद्य संसाधनों में सुधार

  • अच्छी गुणवत्ता और मात्रा में दूध का उत्पादन किया जा सकता है।
  • भारा ढोने वाले पशुओं से कृषि कार्य करवाया जा सकता है जैसे सिंचाई, हल चलाना।
  • मुर्गी पालन से उनके अंडों का उत्पादन किया जा सकता है।

मुंह में झाग क्यों आते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमिर्गी के दौरे के समय जब रोगी के मुंह से झाग निकलता हैं और शरीर में अकड़न आने लगती है। बेहोशी की अवधि चंद सेकेंड से लेकर पांच मिनट तक हो सकती है। मिर्गी का दौरा समाप्त होते ही व्यक्ति सामान्य हो जाता है। मिर्गी दो तरह का हो सकता है।

मुंह में झाग क्यों आता है?

इसे सुनेंरोकेंगलत पोजिशन में सोने के कारण भी ये समस्या होती है। करवट लेकर सोने से भी मुंह से लार बहने की शिकायत हो सकती है। पीठ के बल सोने पर गले के रास्ते लार शरीर में अपने आप चली जाती है। लार बनने के कई कारण होते हैं जैसे खाने-पीने की चीजों से या कुछ दवाओं की वजह से एलर्जी होना।

भारत में अंतिम पशु गणना कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंअंतिम(19वीं) पशुगणना 2012 में हुई थी। 19 वीं पशुगणना के मुताबिक भारत में कुल 51.2 करोड़ पशु हैं।

20 वी पशु जनगणना कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंभारत में पहली बार 1919-20 में पशुगणना हुई थी. इसके बाद दूसरी पशुगणना 1924-25 में. नई दिल्ली : देशभर में गायों की संख्या में 2012 के बाद तकरीबन 18 फीसदी की वृद्धि हुई है.

पेट में कीड़ा होने के क्या लक्षण है?

इसे सुनेंरोकेंपेट में कीड़े होने के बहुत सारे लक्षण हो सकते हैं. खाना खाने के तुरन्त बाद मल का आ जाना या मल में बलगम तथा खून आना खतरनाक स्थिति है. पेट में दर्द तथा जलन और गैस और सूजन का अनुभव या बवासीर का हो जाना. बार बार थकान होना और अत्यधिक कमजोरी में भी कीडे हो सकते हैं. कीड़े त्वचा में प्रवेश करते हैं और खुजली को जन्म देते हैं.

मुंह में झाग, लार पडऩा, धूजणी लगकर भैंसों की मौत का कारण संक्रमण, चिकित्सकों ने ये बताए बचाव के उपाय

बस्सीPublished: Feb 11, 2020 11:50:12 pm

विराटनगर और चंदवाजी क्षेत्र में डेढ़ दर्जन पशु बने काल ग्रास

भैंस के मुंह में झाग क्यों आते हैं? - bhains ke munh mein jhaag kyon aate hain?

मुंह में झाग, लार पडऩा, धूजणी लगकर भैंसों की मौत का कारण संक्रमण, चिकित्सकों ने ये बताए बचाव के उपाय

शाहपुरा. विराटनगर और चंदवाजी इलाके में बीते एक सप्ताह में पशुओं के बीच ब्लड़ में बैक्टीरिया का संक्रमण फैल रहा है। संक्रमण पशु के लीवर व फैफड़ों के कमजोर होने से डेढ़ दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। वहीं एक दर्जन पशु बीमारी की चपेट में हैं। पशुपालकों के मुताबकि यहां विराटनगर क्षेत्र के दूदी आमलोदा के सुंदरपुरा गांव में 10 भैंस बीमारी के चलते काल का ग्रास बन गई है। वहीं चंदवाजी के चिताणु कला ग्राम पंचायत के जुगलपुरा गांव में 7 भैंस दम तोड़ चुकी है। इनके अलावा कई पशु बीमारी की चपेट में है। दुधारू पशुओं की मौत से पशुपालक आजीविका चलाने को लेकर चिंतित है। क्षेत्र में पिछले सात दिन से पशुओं के मरने का सिलसिला जारी है। वहीं पशु चिकित्सा विभाग की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। चिकित्सकों को भी रिपोर्ट का इंतजार है।

गाय भैस के मुंह से झाग आना और खाना छोडना, क्या बिमारी है उसका क्या उपचार है?...


चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

गाय भैंस के मुंह से झाग आना और खाना छोड़ ना क्या बीमारी कैसे क्या होता है और खाना छोड़ रहे कि तुम के पेट में कुछ बीमारी हो सकती है डॉक्टर की भाषा में पशु चिकित्सक होता है वही बता सकता

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भैंस के मुंह में झाग क्यों आते हैं? - bhains ke munh mein jhaag kyon aate hain?

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भैंस के मुंह से झाग क्यों निकलता है?

उमस भरी गर्मी का यह मौसम मवेशियों को भी बीमार बना सकता है। इस मौसम में जुगाली करने वाले पशुओं में मुंहपका और खुरहा रोग का प्रकोप बढ़ जाता है। बीमारी का लक्षण प्रकट होते ही तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

भैंस के मुंह में छाले हो जाए तो क्या करना चाहिए?

पशु के मुंह में छाले पड़ने पर सुहागा के चूर्ण को पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए या फिर पोटाश को ठंडे पानी में मिलाकर मुंह की सफाई करनी चाहिए। या फिर ग्लिसरीन और बोरिक ऐसिड का पेस्ट बनाकर जीभ के उपर छालों पर लगानी चाहिए। इन उपचारों को दिन में तीन से चार बार दोहराते रहते चाहिए

भैंस में गर्मी की पहचान कैसे करें?

ऐसी भैंसों की मदावस्था, की जांच के लिए एक नपुंसक भैंसा अर्थात टीजर बुल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए गर्मी की रातों में समस्त ऐसी भैंसों को खुले बाड़े में रखकर भैंसा या सांड जिसकी अगली दोनों टांगों और गर्दन के नीचे तेल में घुला हुआ गेरू लगा हो छोड़ देना चाहिए।

मुंह से झाग क्यों आता है?

मिर्गी के दौरे के समय जब रोगी के मुंह से झाग निकलता हैं और शरीर में अकड़न आने लगती है। बेहोशी की अवधि चंद सेकेंड से लेकर पांच मिनट तक हो सकती है। मिर्गी का दौरा समाप्त होते ही व्यक्ति सामान्य हो जाता है।