भारत और बांग्लादेश के बीच कितनी ट्रेनें चलती है? - bhaarat aur baanglaadesh ke beech kitanee trenen chalatee hai?

Indian Railway: एक लंबे समय से अपेक्षित अंतर्राष्ट्रीय रेल मिताली एक्सप्रेस, जो न्यू जलपाईगुड़ी जंक्शन (एनजेपी) से बांग्लादेश की ओर रवाना होगी,उसकी शुरुआत आज, 01 जून यानी बुधवार से हो गई है. 

ट्रेन के सुचारू होने से यात्रियों में काफी ज्यादा उत्सुकता और खुशी देखने को मिली है. बता दें कि एनजेपी से यह ट्रेन प्रति सप्ताह रविवार और बुधवार को और ढाका से सोमवार और गुरुवार को चलेगी.

मिताली एक्सप्रेस को दिखाई गई हरी झंडी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बांग्लादेश सरकार में रेल मंत्री नूरुल इस्लाम सुजान ने गाड़ी संख्या 13132 मिताली एक्सप्रेस को न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका छावनी के लिए हरी झंडी दिखाई. कार्यक्रम के दौरान अश्विनी वैष्णव और नूरुल इस्लाम दिल्ली में मौजूद थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मिताली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई गई. 

पर्यटन में आएगा सुधार 
कार्यक्रम में उपस्थित नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के जनरल मैनेजर अंशुल गुप्ता ने कहा कि इस रेल की शुरुआत से यात्रियों को काफी फायदा पहुंचेगा.सभी का मानना है कि इस यातायात की सुविधा से  उत्तर  बंगाल और बांग्लादेश के रिश्ते और भी बेहतर हो जाएंगे. पर्यटन में भी काफी सुधार आएगा और साथ ही पहले के मुकाबले, अत्याधिक मात्रा में लोग अब इन दोनों जगहों में घूमने या अन्य विषयों के लिए भी यातायात करते नजर आएंगे. पिछले यातायात साधनों की तुलना में अब यात्रियों को और भी ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की जाएगी, जिससे यात्रियों की यात्रा और भी यादगार और सुखद बन जाएगी. 

मैत्री एक्सप्रेस भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली रेलगाडी है। यह 14 अप्रैल, 2008 से आरंभ हुई है। इसकी क्षमता 418 यात्रियों की है और यह सप्ताह मे एक बार चलती है। इसमे छह डिब्बे हैं, जिसमें से एक एसी-फर्स्ट का, एक पैंट्री कार, एक एसी चेयर कार और दो गैर एसी चेयर कार है।

मैत्री एक्सप्रेस या मोइत्री एक्सप्रेस (बंगाली: মৈত্রী এক্সপ্রেস, हिन्दी: मैत्री एक्सप्रेस) एक अंतरराष्ट्रीय यात्री रेलगाड़ी है जो बंगलदेश की राजधानी ढाका- एवं भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से आपस में जोडती है। यह दोनों देशों के शहरों के बीच रेलवे की एकमात्र कड़ी है और 43 साल के लिए बंद रहने के बाद इसको पुन चालू किया गया है। [1] इस ट्रेन का नाम मैत्री एक्सप्रेस हैं जो भारत एवं बांग्लादेश के बीच दोस्ती को दर्शाने के लिया रखा गया हैं। (बंगाली: পয়লা বৈশাখ) इस रेल सेवा का उद्घाटन बंगाली नव वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया था 14 अप्रैल, 2008 [2]

इनॉगरल ऑफ़ मैत्री एक्सप्रेस ट्रैन ऑफ़ थे बांग्लादेश रेलवे (२००८ अप्रैल १४), अत ढक कैंटोनमेंट

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१९४७ में भारत के बिभाजन के बाद बंगाल प्रोविंस में रेल यातायात बाधित हो गया था क्योंकि यह प्रोविंस २ भागों में बट गया था पश्चिम बंगाल जो भारत में पड़ता था एवं ईस्ट बंगाल (१९५६ में इसका नाम ईस्ट पाकिस्तान हो गया अ) जो पाकिस्तान के हिस्से में पड़ता था . जब भारत में ब्रिटिश शाशन था तब यह ट्रेन कोलकाता, गोअलंदा, ढाका एवं नारायणगंज को आपस में जोडती थी. बिभाजन से पूर्व यह ट्रेन बंगाल के लोगों की जीवन रेखा थी. यह ट्रेन १९६५ तक चली लेकिन बाद में भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद इससे बंद कर दिया गया . १९७१ की लड़ाई में बंगलादेश आजाद हुआ और ईस्ट पाकिस्तान से यह बांग्लादेश कहलाने लगा

२००१ में दोनों देशों की सरकारों ने द्विपक्षीय समझौतों के दौरान ट्रेन चलने की योजना पर सहमती दी. २००७ में जब राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी जो उस समय भारत के विदेश मंत्री थे उनकी ढाका यात्रा के दौरान इस योजना को काफी बल मिला. ८जनवरी २००७ इस ट्रेन की पहली टेस्ट रन हुई जो भारतीय अधिकारीयों से भरी हुई जो अपने समक्ष बंगलादेशी अधिकारीयों से मिलने जा रहे थे। भारतीय सुरक्षा की मांग के जवाब में, एक "बॉक्स बाड़ लगाना" प्रणाली दोनों देशों के बीच कोई आदमी की भूमि पर दोनों तरफ खड़ा हो गया था [3]

१४ अप्रैल, २००८ को बंगाली नव वर्ष के दिन इस ट्रेन की शुरुआत काफी भव्य तरीके से हुई इस ट्रेन की फ्लैग ऑफ सेरेमनी में कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराइ जिनमे प्रमुख थे तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव, सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रियरंजन दास मुंशी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल गोपाल कृष्णा गाँधी एवं बंगलादेशी हाई कमिश्नर लियाकत अली चौधरी. इस ट्रेन की आधिकारिक शुरुआत तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुख़र्जी ने झंडा दिखाकर कोलकाता में किया. लेकिन ३६० सीटों वाले कलकत्ता-ढाका फ्रेंडशिप एक्सप्रेस में मात्र ६५ यात्री ही थे जिसमे पत्रकार एवं राजनीतिज्ञ भी शामिल थे। भारतीय रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन में कम भीड़ की वजह ट्रेन सेवा का जल्दीबाजी में शुरू होना बताया एवं कहा जिअसे लोग इस ट्रेन के बारे में जानने लगेंगे ट्रेन में भीड़ बढने लगेगी विरोध प्रदर्शन और बम विस्फोट की साजिश। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से आधिकारिक बयान में कहा, "समझौते के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और यात्री परिवहन का एक वैकल्पिक मोड प्रदान करेगा।" [3]

मैत्री एक्सप्रेस [4], कोलकाता एवं ढाका के बीच चलने वाली एकमात्र ट्रेन हैं. यह दोनों तरफ से हफ्ते में ६ बार चलती हैं इमीग्रेशन जांच के लिए इस ट्रेन के दो स्टॉप हैं जेड़ (भारत में) एवं दोर्शोना (बांग्लादेश में). इस पूरी यात्रा के दौरान १० से ११ घंटे का समय लगता हैं

भारतीय और बांग्लादेशी रेलवे अधिकारियों के एक दल ने बुधवार शाम को घोषणा की कि उत्तर बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) और बांग्लादेश के ढाका के बीच द्वि-साप्ताहिक ट्रेनें 26 मार्च से शुरू होंगी.

बांग्लादेश (Bangladesh) की आजादी के अवसर पर भारत और बांग्लादेश सरकार ने अगले महीने 26 मार्च से दोनों देशों के बीच एक पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) चलाने का फैसला लिया है. यह ट्रेन सिलीगुड़ी के न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका के बीच चलेगी. मैत्री एक्सप्रेस और बंधन एक्सप्रेस के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच चलने वाली यह तीसरी पैसेंजर ट्रेन होगी. जब बांग्लादेश अपनी आजादी का गोल्डेन जुबिली वर्ष मना रहा होगा, तब 56 साल बाद दोनों देशों के बीच कभी छोड़ दिए गए मार्ग पर दोबारा ट्रेन चलेगी.

भारतीय और बांग्लादेशी रेलवे अधिकारियों के एक दल ने बुधवार शाम को घोषणा की कि उत्तर बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) और बांग्लादेश के ढाका के बीच द्वि-साप्ताहिक ट्रेनें 26 मार्च से शुरू होंगी. इससे पहले दो ट्रेनें चल रही हैं, एक पैसेंजर ट्रेन मैत्री एक्सप्रेस है, जो कोलकाता और ढाका के बीच और दूसरा बंधन एक्सप्रेस है, जो कोलकाता और खुलना के बीच चलती है.

भारत के कटिहार डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक रवींद्र कुमार वर्मा ने कहा कि बांग्लादेश के पकसे डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक मोहम्मद शाहिदुल इस्लाम के नेतृत्व में बांग्लादेश के रेलवे अधिकारियों की एक टीम, जो 22 फरवरी को सिलीगुड़ी आई थी, ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ गहन चर्चा की और घटनाक्रम का जायजा लिया.

कितने समय में पहुंचेगी ट्रेन

न्यू जलपाईगुड़ी से चलने वाली ट्रेन अपने गंतव्य स्थल यानी ढाका पहुंचने में करीब 9.15 घंटे का समय लेगी. उधर ढाका से यह ट्रेन शुक्रवार और मंगलवार को खुलेगी. हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी ट्रेन मार्ग- जो न्यू जलपाईगुड़ी और कोलकाता के बीच की दूरी को बहुत कम कर देता है- 1965 में छोड़ दिया गया था. एक बार फिर से इस मार्ग पर ट्रेन सेवा बहाल होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि उत्तर बंगाल और कोलकाता के बीच कई रेलगाड़ियां चक्कर लगाने से बच सकती हैं. उम्मीद की जा रही है कि न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से यह ट्रेन ढाका के लिए दोपहर 2 बजे रवाना होगी.

हालांकि, अब तक ट्रेन के नाम और किराए को लेकर फैसला नहीं लिया गया है. इतना ही नहीं, टूर ऑपरेटरों को उम्मीद है कि नई ट्रेन सेवा उत्तर बंगाल में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगी.

भारत और बांग्लादेश के बीच कितनी ट्रेन है?

भारत और बांग्लादेश के बीच दो ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं। पहली है मैत्री एक्सप्रेस, जो कोलकाता और ढाका के बीच चलती है। वहीं दूसरी ट्रेन है बंधन एक्सप्रेस, जो कोलकाता और खुलना के बीच चल रही है। यह ट्रेन दोनों देशों के बीच संपर्क को बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई है, क्योंकि यहां सैलानी खूब आते हैं।

भारत में ट्रेनों की कुल संख्या कितनी है?

भारतीय रेलवे के स्वामित्व में, भारतीय रेलवे में १२,१४७ लोकोमोटिव, ७४,००३ यात्री कोच और २८९,१८५ वैगन हैं और ८,७०२ यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल १३,५२३ ट्रेनें चलती हैं। भारतीय रेलवे में ३०० रेलवे यार्ड, २,३०० माल ढुलाई और ७०० मरम्मत केंद्र हैं।

बंधन एक्सप्रेस कहाँ से कहाँ तक चलती है?

यह ट्रेन बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित खुलना और कोलकाता मार्ग के बीच चलती है. बंधन एक्सप्रेस एक सप्ताह में दो दिन चलती है.

मिताली एक्सप्रेस कब चली?

इसके अलावा 'मिताली एक्सप्रेस' ट्रेन को 1 जून से शुरू कर दिया जाएगा. इस ट्रेन की शुरुआत दोनों देशों के रेल मंत्री द्वारा वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर की जाएगी. बता दें कि इस ट्रेन के टिकट की बिक्री भी शुरू की जा चुकी है. मीताली एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 13132 बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी से चलकर बांग्लादेश के ढाका जाएगी.