भारत में योजना अवकाश कितनी बार हुआ? - bhaarat mein yojana avakaash kitanee baar hua?

Yojana Awkash Kya Hai

GkExams on 12-11-2018

वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध और 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध से पैदा हुई स्थिति, दो साल लगातार भीषण सूखा पड़ने, मुद्रा का अवमूल्यन होने, कीमतों में हुई वृद्धि तथा योजना उद्देश्यों के लिए संसाधनों में कमी होने के कारण 'चौथी योजना' को अंतिम रूप देने में देरी हुई। इसलिए इसके स्थान पर चौथी योजना के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए 1966 से 1969 तक तीन वार्षिक योजनाएँ बनायी गयीं। इस अवधि को 'योजना अवकाश' (Plan Holiday) कहा गया है।

  • भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) तक लागू की गयी।
  • प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि को प्राथमिकता दी गयी।
  • द्वितीय पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य 'तीव्र औद्योगिकीकरण' था।
  • तृतीय पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 1961 से 1966 तक रहा।

सम्बन्धित प्रश्न



Comments 1955 me on 08-10-2021

Kon Kon bank bana

Sandeep Yadav on 08-10-2021

1955me Kon Kon bank bana

Aman on 10-03-2021

What is the Model of fifth year plan

Yojna avkash on 25-02-2021

Yojna avkash kya he

Sonu kumar on 30-10-2020

योजना अवकाश क्या है

Asika on 22-10-2020

योजना अवकाश क्या है?

As on 08-06-2020

2 yojana awkash

Pushpanjali kumari on 03-01-2020

Yojana awakash kya hai

kamraj palan kya tha on 24-12-2019

kamraj palan kya tha

Ankit on 07-12-2019

Naukarshahi ka Arth kya hai

Shreya singh on 01-11-2019

Yojna bekash ka arth batye

Ritik on 26-02-2019

Yojna avkash kise kahte hai


भारत में योजना अवकाश कितनी बार हुआ? - bhaarat mein yojana avakaash kitanee baar hua?

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ :- भारत की पंचवर्षीय योजना केंद्र सरकार द्वारा 5 वर्षों के लिए राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास की एक योजनाएं थी। इन पंचवर्षीय योजनाओं को वर्ष 1950 से 2014 तक  योजना आयोग द्वारा बनाया जाता रहा है। वर्ष 2014 से पंचवर्षीय योजनाओं तथा योजना आयोग की जगह नीति आयोग ने ले ली है। five year plans of india upsc notes in Hindi.

योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 में हुआ। भारत का प्रधानमंत्री ही योजना आयोग का अध्यक्ष होता था। संविधान में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। NDC(राष्ट्रीय विकास परिषद) का गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया। NDC को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता था। NDC का उद्देश्य योजना आयोग द्वारा बनायी गयी पंचवर्षीय योजना को ठीक से क्रियानवित कराना था। पंचवर्षीय योजना अंतिम रूप से इसी के द्वारा स्वीकृत की जाती थी।

  • भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ
    • प्रथम पंचवर्षीय योजना
    • द्वितीय पंचवर्षीय योजना
    • तृतीय पंचवर्षीय योजना
    • योजना अवकाश (प्रथम) (1966-1969)
    • चौथी पंचवर्षीय योजना
    • पांचवी पंचवर्षीय योजना
    • योजना अवकाश (द्वितीय)-1979-1980
    • छठी पंचवर्षीय योजना
    • सातवी पंचवर्षीय योजना
    • योजना अवकाश (तृतीय) (1990-1992)
    • आठवीं पंचवर्षीय योजना
    • नौवीं पंचवर्षीय योजना
    • दसवीं पंचवर्षीय योजना
    • ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना
    •  बारहवीं पंचवर्षीय योजना

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ

प्रथम पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक चली। 
  • योजना आयोग के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।
  • हेरॉड-डोमर मॉडल पर आधारित थी। 
  • प्राथमिकता – कृषि विकास पर थी। 
  • विकास दर – 
    • लक्ष्य 2.1% 
    • प्राप्ति 3.6%
  • प्रमुख कार्य –
    • भाखड़ा नागल, हीराकुंड, दामोदर घाटी जैसी बहुउद्देशीय परियोजना चालू की गई। 
    • कृषि विकास इसकी प्रथम प्राथमिकता थी जिसे प्राप्त भी किया गया। 

द्वितीय पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 तक चली। 
  • पी0सी0 महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी। 
  • योजना आयोग के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे। 
  • प्राथमिकता – औद्योगिक विकास एवं उद्योग जगत पर केंद्रित थी। 
  • विकास दर-
    • लक्ष्य 4.5% 
    • प्राप्ति 4.2%
  • प्रमुख कार्य –
    • राऊरकेला, भिलाई, दुर्गापुर इस्पात संयंत्रों की स्थापना। 
    • भारत सहायता क्लब की स्थापना इसी के अन्तर्गत हुयी थी।

तृतीय पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 तक चली। 
  • योजना आयोग के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे। 
  • प्राथमिकता – आत्मनिर्भरता एवं कृषि एवं उद्योग पर बल दिया गया। सबसे अधिक बल कृषि पर दिया गया था। 
  • विकास दर-
    • लक्ष्य 5.6% 
    • प्राप्ति 2.8%
  • विकास दर का लक्ष्य पूरा न होने के कारण- 
    • 1962 का भारत चीन युद्ध।
    • 1965 भारत पाक युद्ध। 
    • 1966 का सूखा। 
  • हरित क्रांति शुरू हुयी थी।

योजना अवकाश (प्रथम) (1966-1969)

तृतीय पंचवर्षीय योजना के विफल होने के कारण पंचवर्षीय योजनाओं को रोक दिया गया, इसी काल को प्रथम योजना अवकाश के नाम से जाना जाता है। अगले तीन वर्षों तक वर्षिक योजना चलाई गयी।

चौथी पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1969 से 31 मार्च 1974 तक चली। 
  • योजना आयोग की अध्यक्ष इंदिरा गाँधी। 
  • प्राथमिकता – स्थिरता के साथ आत्मनिर्भरता पर बल दिया गया। कृषि तथा सिंचाई को भी महत्व दिया गया। 
  • इस योजना का प्रारूप योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी0पी0 गाडगिल ने तैयार किया था। 
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 5.7% 
    • प्राप्ति 3.4% 
  • प्रमुख कार्य-
    • इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान 14 बैंको का राष्ट्रीय करण किया गया था।  
    • ISRO की स्थापना एक अन्य मुख्य कार्य था।
  • विकास दर की लक्ष्य प्राप्ति न होने के बाद भी इस पंचवर्षीय योजना ने अब तक सर्वाधिक कृषि वृद्धि दर्ज की गयी।

पांचवी पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1974 से 31 मार्च 1978 तक चली। 
  • सामाजिक वानिकी(Forestry) शुरू की गयी।
  • प्राथमिकता – गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भरता। 
  • गरीबी हटाओ का नारा इसी योजना में दिया गया। 
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 4.4% 
    • प्राप्ति 4.5% 
  • यह योजना समय से पहले ही समाप्त हो गयी थी। Re-election के कारण इंदिरा गाँधी की सरकार 4 वर्ष में ही गिर गयी। बाद में जनता पार्टी की मोरारजी देसाई की सरकार आयी। मिर्डल ने पिछड़े देशों के लिए एक प्लान दिया था जिसे रोलिंग प्लान के नाम से जाना जाता है। 1978 में जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में इसे स्वीकार किया था। 
  • 1975 में TPP(Twenty Point Program) गरीबी हटाओं अभियान लाया गया था। 
  • ये पंचवर्षीय योजना केवल 4 वर्ष की थी। 

योजना अवकाश (द्वितीय)-1979-1980

  • मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 1978 से पंचवर्षीय योजनाओं को पुनः बंद कर दिया तथा उसके स्थान पर वार्षिक योजनाऐं बनायीं, इस काल को द्वितीय योजना अवकाश के नाम से भी जाना जाता है। 

छठी पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1980 से 31 मार्च 1985 तक चली। 
  • प्राथमिकता – गरीबी निवारण, आर्थिक विकास, आधुनिकरण एवं आत्मनिर्भरता मुख्य उद्देश्य रहें। 
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 5.2% 
    • प्राप्ति 5.7%
  • ग्रामीण बेरोजगारी, गरीबी निवारण से सम्बन्धित कई योजनाएँ चलाई गयी। 
  • ग्रामीण विकास बैंक NABARD की स्थापना की गयी।

सातवी पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1985 से 31 मार्च 1990 तक चली। 
  • प्राथमिकता – रोजगार, शिक्षा और जन स्वास्थ्य पर बल दिया गया। 
  • “भोजन, काम और उत्पादन” का नारा इसी योजना में दिया गया।
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 5% 
    • प्राप्ति 6% 
  • “गरीबी की माप” सबसे पहले इसी योजना में लकड़वाल समिति द्वारा हुयी थी। 
  • जवाहर रोजगार योजना भी इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू करी गयी।

योजना अवकाश (तृतीय) (1990-1992)

वर्ष 1990 से 1992 तक भारत गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस समय अवधि के दौरान पंचवर्षीय योजनाओं को नहीं बनाया गया था। इस समय काल को तृतीय योजना अवकाश के नाम से जाना जाता है। 

आठवीं पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1992 से 31 मार्च 1997 तक चली थी। 
  • योजना आयोग के अध्यक्ष पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव थे। 
  • जॉन डब्ल्यू मिलर मॉडल पर आधारित थी। 
  • प्राथमिकता – रोजगार वृद्धि आधुनिकरण एवं आत्मनिर्भरता। 
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 5.6%
    • प्राप्ति 6.8% 
  • प्रधानमंत्री रोजगार योजना की शुरुआत इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान हुयी। 
  • आठवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत ही LPG Reforms (Liberalisation, Privatisation and Globalisation) आये गये थे।

नौवीं पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2002 तक चली। 
  • प्राथमिकता – मानव विकास के साथ न्यायपूर्ण वितरण एवं समानता पर बल दिया गया। 
  • विकास दर-
    • लक्ष्य 6.5%
    • प्राप्ति 5.5% 
  • यह योजना अंतर्राष्ट्रीय मंदी के कारण असफल रही।

दसवीं पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 2002 से 31 मार्च 2007 तक चली। 
  • प्राथमिकता – गरीबी को समाप्त करना एवं अगले 2 वर्ष में प्रति व्यक्ति आय को दुगना करना। 
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 8%
    • प्राप्ति 7.7%

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2012 तक चली। 
  • प्राथमिकता – तीव्रतम एवं समावेशी विकास। 
  • विकास दर- 
    • लक्ष्य 9%
    • प्राप्ति 7.9% 
  • सबसे उच्चतम विकास दर इसी पंचवर्षीय योजना में प्राप्त की गयी। 
  • प्रमुख कार्य –
    • आम आदमी बीमा योजना। 
    • राजीव आवासीय योजना। 
    • प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना।

 बारहवीं पंचवर्षीय योजना

  • 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक चलनी थी। परन्तु  2014 में योजना आयोग को बंद करके 2015 से नीति आयोग शुरू किया गया।
  • प्राथमिकता – तीव्रतम एवं समावेशी विकास। 

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योजना अवकाश कितनी बार हुआ है?

"योजना अवकाश" 1966 से 1969 तक हुआयोजना अवकाश का मुख्य कारण 1962 का चीन-भारतीय युद्ध, 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध, संसाधनों की कमी और बढ़ती महंगाई थी। इस अवधि के दौरान तीन वार्षिक योजनाएँ तैयार की गईं।

योजना अवकाश कब कब हुआ?

योजनावकाश (1966-1969) तीसरी योजना की दयनीय विफलता के कारण सरकार को "योजना अवकाश" (1966 से 1967, 1967-68 और 1968-69 तक) घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस बीच की अवधि के दौरान तीन वार्षिक योजनाएं तैयार की गईं।

भारत में अब तक कितनी पंचवर्षीय योजना लागू की जा चुकी है?

अब तक हमारे देश में 13 पंचवर्षीय योजना चलाई जा चुकी हैं। जिसके माध्यम से सरकार द्वारा कोई ना कोई उद्देश्य तय किया गया है और फिर उस उद्देश्य पर काम किया गया है। इन 5 वर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश की आर्थिक स्थिति में भी बहुत सुधार आया है।

कौन सी पंचवर्षीय योजना केवल 4 वर्ष का था?

Solution : पांचवीं पंचवर्षीय योजना का सामान्य कार्यकाल 1974 से 1979 तक फिर भी नवनिर्वाचित मोरारजी देसाई सरकार ने इस पंचवर्षीय योजना को 10 में अस्वीकार कर दिया और छठी पंचवर्षीय योजना (1978-1993) शुरुआत की।