बच्चों में बार बार पेशाब आने का क्या कारण है? - bachchon mein baar baar peshaab aane ka kya kaaran hai?

बार बार पेशाब आना एक गंभीर समस्या है। दिन में 8 बार से अधिक पेशाब आना एक बिगड़ते स्वास्थ्य की निशानी है। बार बार पेशाब आने की समस्या आपको दिन और रात दोनों समय हो सकती है। इस समस्या को अर्जेंट यूरिनेशन (Urgent Urination) या फिर ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive Bladder) कहते हैं।  

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यह बेहद जटिल समस्या है और छुटकारा पाने के लिए इसके कारणों को जानना आवश्यक है। रात के समय बार बार पेशाब आने की समस्या को निशामेह कहते हैं। ज्यादातर मामलों में यह रोग संक्रमण की वजह से होता है। यह एक तकलीफदेह स्थिति है जो महिला व पुरुष दोनों को हो सकती है। गर्भवती महिला को दिन में 8 बार से अधिक पेशाब आ सकती है। ऐसे में उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेकिन पुरुषों में यह एक समस्या से कम नहीं है।

Table of Contents

  • एक नजर
  • बार बार पेशाब आने के लक्षण — Symptoms of Frequent Urination in Hindi
    • यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) के लक्षण — Symptoms of UTI (Urinary Tract Infection) in Hindi
  • बार बार पेशाब आने के 9 कारण — 9 Causes of Frequent Urination in Hindi
  • बार बार पेशाब आने पर डॉक्टर को कब दिखाए — When To See Doctor For Frequent Urination in Hindi
  • बार बार पेशाब आने का टेस्ट — Diagnosis of Frequent Urination in Hindi
    • यूरोडायनामिक टेस्ट — Urodynamic Test in Hindi
    • अन्य जरूरी टेस्ट्स जो किए जा सकते हैं:-
  • डॉक्टर पूछ सकते हैं ये सवाल
  • बार बार पेशाब आने का इलाज — Treatment of Frequent Urination in Hindi
    • इंसुलिन थेरेपी — Insulin Therapy For Frequent Urination in Hindi
    • डाइयुरेटिक्स — Diuretics For Frequent Urination in Hindi
    • कीमोथेरेपी — Chemotherapy For Frequent Urination in Hindi
    • अन्य दवाइयां 
  • बार बार पेशाब आने के घरेलू इलाज — Home Remedies For Frequent Urination in Hindi
    • आंवला और शहद
    • जायफल
    • केले का सेवन
    • मेथी की पत्तियां
    • तिल का सेवन
    • चने का सेवन
    • अंगूर का सेवन
    • पालक का सेवन
    • केला और आंवला का रस
    • अनार के छिलके
    • दही का सेवन
    • तुलसी की पत्तियां
    • मसूर की दाल
    • सेब का सेवन
    • गाजर
    • अनार का रस
  • बार बार पेशाब आने की समस्या से बचाव — Prevention From Frequent Urination in Hindi
  • बार बार पेशाब आने से रोकने के लिए व्यायाम — Exercise To Stop Frequent Urination in Hindi
  • निष्कर्ष – Conclusion

एक नजर

  • ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या होने पर हमें रात के समय अधिक पेशाब आती है। इस समस्या को निशामेह कहते हैं।
  • बार बार पेशाब आना किडनी रोग से जुड़ा हो सकता है। इसलिए जांच में देरी नहीं करनी चाहिए।
  • ब्लैडर ज्यादा एक्टिव होने पर भी बार बार पेशाब लग सकती है।

बार बार पेशाब आने के लक्षण — Symptoms of Frequent Urination in Hindi

एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में अधिक से अधिक 6 से 7 बार पेशाब करता है। अगर आप दिन में 8 बार से अधिक पेशाब करते हैं तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। ज्यादातर यह समस्या यूटीआई (UTI) की वजह से होती है। इसलिए इसके लक्षण को जानना बहुत आवश्यक है।

यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) के लक्षण — Symptoms of UTI (Urinary Tract Infection) in Hindi

यह समस्या हमारे किसी भी यूरिनरी एरिया (Urinary Area) में हो सकती है लेकिन ज्यादातर मूत्र मार्ग में ही होती है। यह समस्या महिलाओं में पुरुष के मुकाबले ज्यादा होती है क्योंकि महिलाओं में मूत्र पथ काफी छोटा होता है जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक रहता है। मूत्र पथ छोटा होने के कारण बैक्टीरिया सरलता के साथ पूरे मूत्राशय को संक्रमित कर सकते हैं। यूटीआई के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:-

  • मूत्र से दुर्गन्ध निकलना
  • पेशाब करते वक्त दर्द और जलन की समस्या होना
  • पेशाब में खून आने की समस्या
  • ठंड देकर बुखार आना
  • यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) की स्थिति मुद्रा पर हमारा कंट्रोल नहीं रहता है 
  • उल्टी और चक्कर की समस्या भी हो सकती है

बार बार पेशाब आने के 9 कारण — 9 Causes of Frequent Urination in Hindi

  • मूत्राशय में संक्रमण अर्थात यूटीआई (UTI)
  • प्रोस्टेट ग्लैंड (Prostate Gland) का बढ़ना
  • मूत्र मार्ग से अपने आप मूत्र का लीक होना
  • महिलाओं की योनि में सूजन होना
  • मूत्राशय में कैंसर या पथरी होना
  • शराब और कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन
  • तनाव के कारण भी बार बार पेशाब निकलने की समस्या होती है
  • डायबिटीज और गर्भवस्था 
  • पेल्विस में कैंसर होना या फिर पेल्विस की रेडिएशन थेरेपी कराने के बाद ऐसी समस्याएं देखी जाती हैं

बार बार पेशाब आने पर डॉक्टर को कब दिखाए — When To See Doctor For Frequent Urination in Hindi

यह आपके खान पान पर भी निर्भर करता है। इसलिए अगर आप अधिक शराब, कैफीन या फिर चाय का सेवन करते हैं तो आपको अपने आदत में बदलाव लाने की जरूरत है। लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं जिनके बाद आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

  • अगर पेशाब करते वक़्त खून निकलता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि यह किसी बड़ी बीमारी ओर इशारा भी हो सकता है। 
  • बार बार पेशाब आने और पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। 

बार बार पेशाब आने का टेस्ट — Diagnosis of Frequent Urination in Hindi

यूरोडायनामिक टेस्ट — Urodynamic Test in Hindi

इस प्रक्रिया में ब्लैडर का टेस्ट किया जाता है। जिसमें ब्लैडर के यूरिन कलेक्शन की स्थिति का पता लगाया जाता है। डॉक्टर इलाज के लिए आपसे छोटी छोटी बातें पूछ सकते हैं जैसे की:- 

  • आपको पेशाब करने में कितना समय लगता है?
  • आप कितनी मात्रा में पेशाब करते हैं?
  • आप पेशाब को बीच में रोक पाने में सक्षम हैं या नहीं?
  • मूत्राशय के दबाव का पता लगाने के लिए टेस्ट
  • ब्लैडर किस प्रकार खाली हो रहा है या भर रहा है?

ऊपर बताए गए टेस्ट करने से पहले आपको तरल पदार्थों के सेवन में बदलाव या फिर दवाइयों के सेवन में बदलाव करने की सलाह दी जा सकती है।

अन्य जरूरी टेस्ट्स जो किए जा सकते हैं:-

  • आपके मूत्र की जांच
  • पेल्विक का अल्ट्रासाउंड 
  • यह एक न्यूरोलॉजिकल विकार के कारण भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर न्यूरोलॉजिकल टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं
  • यौन संचारित रोगों का टेस्ट

डॉक्टर पूछ सकते हैं ये सवाल

बार बार पेशाब आने की समस्या को लेकर डॉक्टर आपसे कई तरह के सवाल जवाब कर सकते हैं। आपसे इस तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं:-

  • पेशाब के रंग में किसी तरह का बदलाव हुआ है या नहीं?
  • मौजूदा समय में आप किन दवाओं का सेवन कर रहे हैं?
  • आप किस तरह के पदार्थों का सेवन करते हैं? 
  • आप दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं और उसकी गंध कैसी है?

बार बार पेशाब आने का इलाज — Treatment of Frequent Urination in Hindi

  • इंसुलिन थेरेपी — Insulin Therapy For Frequent Urination in Hindi

अगर बार बार पेशाब आने की वजह डायबिटीज है तो इसका इलाज इंसुलिन थेरेपी, कुछ खास दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव करके किया जा सकता है|

  • डाइयुरेटिक्स — Diuretics For Frequent Urination in Hindi

डाइयुरेटिक्स का इस्तेमाल आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है। डाइयुरेटिक्स एक तरह की वाटर पिल (Water Pill) है जो शरीर से पानी निकालने का कार्य करती है। यह इलाज स्थाई नहीं है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डाइयुरेटिक्स का इस्तेमाल करने के बाद निशामेह की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

  • कीमोथेरेपी — Chemotherapy For Frequent Urination in Hindi

मूत्राशय में कैंसर भी बार बार पेशाब आने का कारण हो सकता है। यह बिल्कुल भी सामान्य नहीं है और इसका इलाज यूरोलॉजिस्ट (Urologist) करते हैं। कीमोथेरेपी (Chemotherapy) सर्जरी और रेडियो थेरेपी (Radio Therapy) की मदद से मूत्राशय के कैंसर का इलाज किया जा सकता है। जिससे बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है|

  • अन्य दवाइयां 

बार बार पेशाब आने की समस्या का इलाज करने के लिए  डॉक्टर कई तरह की दवाइयां या थैरेपीज (Therapies) का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बार बार पेशाब आने के घरेलू इलाज — Home Remedies For Frequent Urination in Hindi

  • आंवला और शहद

आंवले के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

  • जायफल

सफेद मूसली और जायफल की एक एक चुटकी मात्रा लेकर पानी के साथ सेवन करें। इससे फ्रिक्वेंट यूरिनेशन में लाभ मिलता है। 

  • केले का सेवन

केले खाने से बार बार पेशाब आने से छुटकारा मिलता है। रोजाना भोजन करने के 1 से 2 घंटे बाद दो केले अवश्य खाएं।

  • मेथी की पत्तियां

मेथी की पत्तियों का सेवन करने पर इस रोग से छुटकारा मिलता है। हफ्ते में दो दिन मेथी की पत्तियों की सब्जी जरूर खाएं। मेथी के पराठे भी खा सकते हैं।

  • तिल का सेवन

गुड़ के साथ तिल का सेवन करने से पेशाब ज्यादा आने की समस्या से लाभ मिलता है। गुड़ से बने तिल के लड्डू भी खा सकते हैं। 

  • चने का सेवन

रोजाना शाम के समय भुने हुए चने का सेवन गुड़ के साथ करें। इससे अधिक पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिलता है। एक हफ्ते तक इस उपाय को प्रयोग में लाएं।

  • अंगूर का सेवन

पेशाब अधिक आने पर अंगूर का सेवन या फिर अंगूर का रस पीना बहुत लाभदायक होता है।

  • पालक का सेवन

पालक का ज्यूस पीने से या फिर पालक की सब्जी खाने से बार बार पेशाब आने की समस्या से राहत मिलती है।

  • केला और आंवला का रस

केले का सेवन करने के बाद एक कप आंवले के ज्यूस में मिश्री मिलाकर पीएं। ऐसा करने से बार बार पेशाब आने की समस्या के अलावा पेशाब से जुड़े अन्य रोग भी दूर हो जाते हैं। अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो इस नुस्खे को नहीं आजमाना चाहिए।

  • अनार के छिलके

अनार के छिलके को सुखाकर पीस लें। अब इस चूर्ण को पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं और रोजाना सेवन करें। 

  • दही का सेवन

मूत्र मार्ग में संक्रमण के कारण अधिक पेशाब आने की समस्या होती है तो दही का इस्तेमाल किया जा सकता है। दही में प्रोबायोटिक (Probiotic) बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। रोजाना दही का सेवन करने से इस स्थिति में बहुत लाभ नजर आता है।

  • तुलसी की पत्तियां

रोजाना सुबह खाली पेट तीन से चार तुलसी की पत्तियों को एक चम्मच शहद में मिलाकर खाएं। इससे अधिक पेशाब आने की समस्या दूर होती है।

  • मसूर की दाल

खाने में मसूर की दाल को शामिल करें। इससे पेशाब सही मात्रा में आएगी।

  • सेब का सेवन

अगर रात में बार बार पेशाब आने की समस्या होती है तो सेब का सेवन कर सकते हैं। 

  • गाजर

गाजर खाने से या फिर इसका ज्यूस पीने से फ्रिक्वेंट यूरिटेशन में लाभ मिलता है।

  • अनार का रस

कई दफा बार बार पेशाब आने का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी होती है। ऐसे में अनार के ज्यूस का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि यह शरीर से पोषक तत्वों की कमी को दूर कर बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

बार बार पेशाब आने की समस्या से बचाव — Prevention From Frequent Urination in Hindi

  • सोने से पहले लिक्विड (Liquid) पदार्थों का सेवन ना के बराबर करें।
  • कब्ज की समस्या होने पर मूत्राशय में भारी दबाव उत्पन्न होता है। इसलिए कोशिश करें कि कब्ज ना बने। तैलीय और कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन त्याग देंछोड़ें और फाइबर वाली चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
  • ब्लैडर की मांसपेशियों के कमजोर होने पर भी यह समस्या हो सकती है।
  • बच्चों में बार बार पेशाब आने का कारण उनके पेट में मौजूद कीड़े भी हो सकते हैं। पेट में कीड़े होने पर मल का बाहर निकलना बंद हो जाता है या फिर अधिक पेशाब आने की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसे में बच्चे के पेट की जांच अवश्य कराएं।
  • टमाटर, चॉकलेट, मसालेदार और मीठे पदार्थों का सेवन करना बंद कर दें। 

बार बार पेशाब आने से रोकने के लिए व्यायाम — Exercise To Stop Frequent Urination in Hindi

कीगल एक्सरसाइज की मदद से आप मूत्राशय की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं। बच्चों को जन्म देने के बाद महिलाओं की पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति बनने पर महिलाओं को यह एक्सरसाइज अवश्य करनी चाहिए। इसके करने के तरीके को लेकर आप डॉक्टर से सवाल कर सकते हैं तथा आप उनसे अन्य व्यायाम की जानकारी भी ले सकते हैं जो पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

अगर आपको बहुत दिनों से फ्रिक्वेंट यूरिनेशन की समस्या है तो इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें। लगातार किडनी में इंफेक्शन होने पर ऐसा देखने को मिलता है। इसलिए इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से किडनी डैमेज हो सकती है। इसके अलावा, खतरनाक बैक्टीरिया खून के जरिए शरीर के अन्य आंतरिक अंगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। बार बार पेशाब आने की समस्या होने पर बिना देरी किए डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच और इलाज करवानी चाहिए।

बच्चे बार बार पेशाब करे तो क्या करना चाहिए?

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, वैसे पोलाकीरिया की वजह से कोई खास परेशानी नहीं होती है, लेकिन अगर आपके बच्चे को पेशाब करने के दौरान अचानक दर्द होता है या जलन होती है और उसे हर समय बहुत ज्यादा प्यास लगती है, तो आपको बच्चे को तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि संक्रमण की वजह से भी बच्चे को ऐसा हो रहा है।

बच्चों को पेशाब क्यों ज्यादा आता है?

बार बार पेशाब आने का कारण कुछ मामलों में स्‍कूल, घर या परिवार में किसी तनाव या समस्‍या के कारण बच्‍चों में ये परेशानी हो सकती है। अधिक दूध या कैफीन लेने, कब्‍ज, मूत्राशय में सूजन, मूत्रनली में सूजन, मूत्राशय के अधिक सक्रिय रहने, पेशाब में कैल्शियम अधिक आने या टॉरेट सिंड्रोम की वजह से बच्‍चों में ऐसा हो सकता है।

बच्चे को दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?

नवजात शिशु से लेकर एक महीने की उम्र एक महीने से छोटे शिशु को एक दिन में कम से कम 6 से 10 डायपर की जरूरत होती है। इस उम्र में बच्‍चे लगभग तीन से चार बार पॉटी और लगभग हर घंटे में पेशाब करते हैं, इसलिए शुरुआती महीने में आपको डायपर की बहुत जरूरत पड़ती है।

बार बार पेशाब आना कौन सी बीमारी का लक्षण है?

बार-बार पेशाब आना किस बात का संकेत है? Frequent Urination Risk Factors in Hindi. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI): यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) बार-बार पेशाब आने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। यह स्थिति तब होती है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग(यूरेथ्रा) के माध्यम से मूत्राशय(ब्लैडर) पर आक्रमण करते हैं।