बार बार पेशाब आना एक गंभीर समस्या है। दिन में 8 बार से अधिक पेशाब आना एक बिगड़ते स्वास्थ्य की निशानी है। बार बार पेशाब आने की समस्या आपको दिन और रात दोनों समय हो सकती है। इस समस्या को अर्जेंट यूरिनेशन (Urgent Urination) या फिर ओवरएक्टिव ब्लैडर (Overactive Bladder) कहते हैं। Show
यह बेहद जटिल समस्या है और छुटकारा पाने के लिए इसके कारणों को जानना आवश्यक है। रात के समय बार बार पेशाब आने की समस्या को निशामेह कहते हैं। ज्यादातर मामलों में यह रोग संक्रमण की वजह से होता है। यह एक तकलीफदेह स्थिति है जो महिला व पुरुष दोनों को हो सकती है। गर्भवती महिला को दिन में 8 बार से अधिक पेशाब आ सकती है। ऐसे में उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेकिन पुरुषों में यह एक समस्या से कम नहीं है। Table of Contents
एक नजर
बार बार पेशाब आने के लक्षण — Symptoms of Frequent Urination in Hindiएक स्वस्थ व्यक्ति दिन में अधिक से अधिक 6 से 7 बार पेशाब करता है। अगर आप दिन में 8 बार से अधिक पेशाब करते हैं तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। ज्यादातर यह समस्या यूटीआई (UTI) की वजह से होती है। इसलिए इसके लक्षण को जानना बहुत आवश्यक है। यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) के लक्षण — Symptoms of UTI (Urinary Tract Infection) in Hindiयह समस्या हमारे किसी भी यूरिनरी एरिया (Urinary Area) में हो सकती है लेकिन ज्यादातर मूत्र मार्ग में ही होती है। यह समस्या महिलाओं में पुरुष के मुकाबले ज्यादा होती है क्योंकि महिलाओं में मूत्र पथ काफी छोटा होता है जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक रहता है। मूत्र पथ छोटा होने के कारण बैक्टीरिया सरलता के साथ पूरे मूत्राशय को संक्रमित कर सकते हैं। यूटीआई के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:-
बार बार पेशाब आने के 9 कारण — 9 Causes of Frequent Urination in Hindi
बार बार पेशाब आने पर डॉक्टर को कब दिखाए — When To See Doctor For Frequent Urination in Hindiयह आपके खान पान पर भी निर्भर करता है। इसलिए अगर आप अधिक शराब, कैफीन या फिर चाय का सेवन करते हैं तो आपको अपने आदत में बदलाव लाने की जरूरत है। लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं जिनके बाद आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बार बार पेशाब आने का टेस्ट — Diagnosis of Frequent Urination in Hindiयूरोडायनामिक टेस्ट — Urodynamic Test in Hindiइस प्रक्रिया में ब्लैडर का टेस्ट किया जाता है। जिसमें ब्लैडर के यूरिन कलेक्शन की स्थिति का पता लगाया जाता है। डॉक्टर इलाज के लिए आपसे छोटी छोटी बातें पूछ सकते हैं जैसे की:-
ऊपर बताए गए टेस्ट करने से पहले आपको तरल पदार्थों के सेवन में बदलाव या फिर दवाइयों के सेवन में बदलाव करने की सलाह दी जा सकती है। अन्य जरूरी टेस्ट्स जो किए जा सकते हैं:-
डॉक्टर पूछ सकते हैं ये सवालबार बार पेशाब आने की समस्या को लेकर डॉक्टर आपसे कई तरह के सवाल जवाब कर सकते हैं। आपसे इस तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं:-
बार बार पेशाब आने का इलाज — Treatment of Frequent Urination in Hindi
अगर बार बार पेशाब आने की वजह डायबिटीज है तो इसका इलाज इंसुलिन थेरेपी, कुछ खास दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव करके किया जा सकता है|
डाइयुरेटिक्स का इस्तेमाल आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकता है। डाइयुरेटिक्स एक तरह की वाटर पिल (Water Pill) है जो शरीर से पानी निकालने का कार्य करती है। यह इलाज स्थाई नहीं है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डाइयुरेटिक्स का इस्तेमाल करने के बाद निशामेह की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
मूत्राशय में कैंसर भी बार बार पेशाब आने का कारण हो सकता है। यह बिल्कुल भी सामान्य नहीं है और इसका इलाज यूरोलॉजिस्ट (Urologist) करते हैं। कीमोथेरेपी (Chemotherapy) सर्जरी और रेडियो थेरेपी (Radio Therapy) की मदद से मूत्राशय के कैंसर का इलाज किया जा सकता है। जिससे बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है|
बार बार पेशाब आने की समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर कई तरह की दवाइयां या थैरेपीज (Therapies) का इस्तेमाल कर सकते हैं। बार बार पेशाब आने के घरेलू इलाज — Home Remedies For Frequent Urination in Hindi
आंवले के रस में शहद मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
सफेद मूसली और जायफल की एक एक चुटकी मात्रा लेकर पानी के साथ सेवन करें। इससे फ्रिक्वेंट यूरिनेशन में लाभ मिलता है।
केले खाने से बार बार पेशाब आने से छुटकारा मिलता है। रोजाना भोजन करने के 1 से 2 घंटे बाद दो केले अवश्य खाएं।
मेथी की पत्तियों का सेवन करने पर इस रोग से छुटकारा मिलता है। हफ्ते में दो दिन मेथी की पत्तियों की सब्जी जरूर खाएं। मेथी के पराठे भी खा सकते हैं।
गुड़ के साथ तिल का सेवन करने से पेशाब ज्यादा आने की समस्या से लाभ मिलता है। गुड़ से बने तिल के लड्डू भी खा सकते हैं।
रोजाना शाम के समय भुने हुए चने का सेवन गुड़ के साथ करें। इससे अधिक पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिलता है। एक हफ्ते तक इस उपाय को प्रयोग में लाएं।
पेशाब अधिक आने पर अंगूर का सेवन या फिर अंगूर का रस पीना बहुत लाभदायक होता है।
पालक का ज्यूस पीने से या फिर पालक की सब्जी खाने से बार बार पेशाब आने की समस्या से राहत मिलती है।
केले का सेवन करने के बाद एक कप आंवले के ज्यूस में मिश्री मिलाकर पीएं। ऐसा करने से बार बार पेशाब आने की समस्या के अलावा पेशाब से जुड़े अन्य रोग भी दूर हो जाते हैं। अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो इस नुस्खे को नहीं आजमाना चाहिए।
अनार के छिलके को सुखाकर पीस लें। अब इस चूर्ण को पानी में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं और रोजाना सेवन करें।
मूत्र मार्ग में संक्रमण के कारण अधिक पेशाब आने की समस्या होती है तो दही का इस्तेमाल किया जा सकता है। दही में प्रोबायोटिक (Probiotic) बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। रोजाना दही का सेवन करने से इस स्थिति में बहुत लाभ नजर आता है।
रोजाना सुबह खाली पेट तीन से चार तुलसी की पत्तियों को एक चम्मच शहद में मिलाकर खाएं। इससे अधिक पेशाब आने की समस्या दूर होती है।
खाने में मसूर की दाल को शामिल करें। इससे पेशाब सही मात्रा में आएगी।
अगर रात में बार बार पेशाब आने की समस्या होती है तो सेब का सेवन कर सकते हैं।
गाजर खाने से या फिर इसका ज्यूस पीने से फ्रिक्वेंट यूरिटेशन में लाभ मिलता है।
कई दफा बार बार पेशाब आने का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी होती है। ऐसे में अनार के ज्यूस का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि यह शरीर से पोषक तत्वों की कमी को दूर कर बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। बार बार पेशाब आने की समस्या से बचाव — Prevention From Frequent Urination in Hindi
बार बार पेशाब आने से रोकने के लिए व्यायाम — Exercise To Stop Frequent Urination in Hindiकीगल एक्सरसाइज की मदद से आप मूत्राशय की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं। बच्चों को जन्म देने के बाद महिलाओं की पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति बनने पर महिलाओं को यह एक्सरसाइज अवश्य करनी चाहिए। इसके करने के तरीके को लेकर आप डॉक्टर से सवाल कर सकते हैं तथा आप उनसे अन्य व्यायाम की जानकारी भी ले सकते हैं जो पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाते हैं। निष्कर्ष – Conclusionअगर आपको बहुत दिनों से फ्रिक्वेंट यूरिनेशन की समस्या है तो इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें। लगातार किडनी में इंफेक्शन होने पर ऐसा देखने को मिलता है। इसलिए इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से किडनी डैमेज हो सकती है। इसके अलावा, खतरनाक बैक्टीरिया खून के जरिए शरीर के अन्य आंतरिक अंगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। बार बार पेशाब आने की समस्या होने पर बिना देरी किए डॉक्टर से मिलकर इसकी जांच और इलाज करवानी चाहिए। बच्चे बार बार पेशाब करे तो क्या करना चाहिए?मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक, वैसे पोलाकीरिया की वजह से कोई खास परेशानी नहीं होती है, लेकिन अगर आपके बच्चे को पेशाब करने के दौरान अचानक दर्द होता है या जलन होती है और उसे हर समय बहुत ज्यादा प्यास लगती है, तो आपको बच्चे को तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि संक्रमण की वजह से भी बच्चे को ऐसा हो रहा है।
बच्चों को पेशाब क्यों ज्यादा आता है?बार बार पेशाब आने का कारण
कुछ मामलों में स्कूल, घर या परिवार में किसी तनाव या समस्या के कारण बच्चों में ये परेशानी हो सकती है। अधिक दूध या कैफीन लेने, कब्ज, मूत्राशय में सूजन, मूत्रनली में सूजन, मूत्राशय के अधिक सक्रिय रहने, पेशाब में कैल्शियम अधिक आने या टॉरेट सिंड्रोम की वजह से बच्चों में ऐसा हो सकता है।
बच्चे को दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?नवजात शिशु से लेकर एक महीने की उम्र
एक महीने से छोटे शिशु को एक दिन में कम से कम 6 से 10 डायपर की जरूरत होती है। इस उम्र में बच्चे लगभग तीन से चार बार पॉटी और लगभग हर घंटे में पेशाब करते हैं, इसलिए शुरुआती महीने में आपको डायपर की बहुत जरूरत पड़ती है।
बार बार पेशाब आना कौन सी बीमारी का लक्षण है?बार-बार पेशाब आना किस बात का संकेत है? Frequent Urination Risk Factors in Hindi. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI): यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) बार-बार पेशाब आने के सबसे सामान्य कारणों में से एक है। यह स्थिति तब होती है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग(यूरेथ्रा) के माध्यम से मूत्राशय(ब्लैडर) पर आक्रमण करते हैं।
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